डेढ़ गुना कलेक्टर रेट देकर शामलात भूमि पर मिलेगा कब्जा:हरियाणा सरकार ने किया बदलाव; जमीन तालाब- रास्ते की नहीं होनी चाहिए

डेढ़ गुना कलेक्टर रेट देकर शामलात भूमि पर मिलेगा कब्जा:हरियाणा सरकार ने किया बदलाव; जमीन तालाब- रास्ते की नहीं होनी चाहिए

हरियाणा सरकार ने शामलात देह की भूमि पर बनाए गए मकानों के कुछ मामलों से संबंधित निपटान के लिए नियमों में बदलाव किया है। अगर किसी ग्रामीण ने 31 मार्च, 2004 से पूर्व 500 वर्ग गज तक की भूमि पर मकान बनाया हुआ है तो वह उस समय के कलेक्टर रेट की डेढ़ गुना कीमत देकर उसका मालिक बन सकता है। बशर्ते वह भूमि किसी तालाब, रास्ता या अन्य किसी महत्वपूर्ण उपयोग के लिए आरक्षित न हो। इस संबंध में सरकार हरियाणा द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। यहां पढ़िए क्या किए गए हैं बदलाव प्रदेश सरकार ने “हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961” तथा इसके तहत बनाए गए नियमों में प्रावधान किया गया है कि यदि किसी गांववासी द्वारा शामलात देह की भूमि पर 31 मार्च, 2004 से पूर्व 500 वर्ग गज तक भूमि पर मकान बना लिया गया है और वह व्यक्ति ऐसी शामलात भूमि जो किसी तालाब, रास्ता या अन्य किसी महत्वपूर्ण उपयोग के लिए आरक्षित नहीं है, को उस समय (वर्ष 2004) के कलेक्टर रेट के डेढ़ गुना कीमत पर खरीदने के लिए ग्राम पंचायत को अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। यह कब्जा 500 वर्ग गज से अधिक भूमि पर नहीं होना चाहिए और खुला क्षेत्र निर्मित क्षेत्र के 25% से अधिक नहीं होना चाहिए। पंचायत में प्रस्ताव पास कराना भी जरूरी ऐसे आवेदन पत्र पर ग्राम पंचायत तथा ग्राम सभा द्वारा विचारों के बाद प्रस्ताव पारित करके ऐसी भूमि को बेचने की स्वीकृति प्राप्त करने के लिये खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा उपायुक्त के माध्यम से पंचायत विभाग के महानिदेशक को प्रस्ताव भेजा जाएगा। स्वीकृति उपरांत ग्राम पंचायत द्वारा आवेदक के पक्ष में भूमि का बिक्रीनामा तहसील में रजिस्टर्ड करवाया जा सकता है। SOP जारी कर चुका पंचायत विभाग हरियाणा सरकार के प्रवक्ता के अनुसार इस प्रकार प्राप्त होने वाले ऐसे आवेदन पत्रों पर कार्यवाही में शीघ्रता सुनिश्चित करने तथा एकरूपता बनाए रखने के लिए विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (SOP) भी जारी गया है। इसके अतिरिक्त इस उद्देश्य हेतु एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने शामलात देह की भूमि पर बनाए गए मकानों के कुछ मामलों से संबंधित निपटान के लिए नियमों में बदलाव किया है। अगर किसी ग्रामीण ने 31 मार्च, 2004 से पूर्व 500 वर्ग गज तक की भूमि पर मकान बनाया हुआ है तो वह उस समय के कलेक्टर रेट की डेढ़ गुना कीमत देकर उसका मालिक बन सकता है। बशर्ते वह भूमि किसी तालाब, रास्ता या अन्य किसी महत्वपूर्ण उपयोग के लिए आरक्षित न हो। इस संबंध में सरकार हरियाणा द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। यहां पढ़िए क्या किए गए हैं बदलाव प्रदेश सरकार ने “हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम, 1961” तथा इसके तहत बनाए गए नियमों में प्रावधान किया गया है कि यदि किसी गांववासी द्वारा शामलात देह की भूमि पर 31 मार्च, 2004 से पूर्व 500 वर्ग गज तक भूमि पर मकान बना लिया गया है और वह व्यक्ति ऐसी शामलात भूमि जो किसी तालाब, रास्ता या अन्य किसी महत्वपूर्ण उपयोग के लिए आरक्षित नहीं है, को उस समय (वर्ष 2004) के कलेक्टर रेट के डेढ़ गुना कीमत पर खरीदने के लिए ग्राम पंचायत को अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। यह कब्जा 500 वर्ग गज से अधिक भूमि पर नहीं होना चाहिए और खुला क्षेत्र निर्मित क्षेत्र के 25% से अधिक नहीं होना चाहिए। पंचायत में प्रस्ताव पास कराना भी जरूरी ऐसे आवेदन पत्र पर ग्राम पंचायत तथा ग्राम सभा द्वारा विचारों के बाद प्रस्ताव पारित करके ऐसी भूमि को बेचने की स्वीकृति प्राप्त करने के लिये खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा उपायुक्त के माध्यम से पंचायत विभाग के महानिदेशक को प्रस्ताव भेजा जाएगा। स्वीकृति उपरांत ग्राम पंचायत द्वारा आवेदक के पक्ष में भूमि का बिक्रीनामा तहसील में रजिस्टर्ड करवाया जा सकता है। SOP जारी कर चुका पंचायत विभाग हरियाणा सरकार के प्रवक्ता के अनुसार इस प्रकार प्राप्त होने वाले ऐसे आवेदन पत्रों पर कार्यवाही में शीघ्रता सुनिश्चित करने तथा एकरूपता बनाए रखने के लिए विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (SOP) भी जारी गया है। इसके अतिरिक्त इस उद्देश्य हेतु एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर