‘मेरे चाचा का थाने में दरोगा मनोज जानने वाला है। उसने इन लोगों से कहा था, चाहे सबको खत्म कर दो। हमको 5 लाख दे दो, हम सब संभाल लेंगे। पूरा केस देख लेंगे। चाचा के पास अच्छा पैसा है, कई पुलिस वाले उनके जानने वाले हैं। तभी उनको किसी का डर नहीं है। तभी उन्होंने ऐसे मेरे पापा-दीदी को खत्म कर दिया।’ ये कहना है श्रीपाल राठौर के बेटे हर्षित का। बता दें, शाहजहांपुर के आदर्शनगर में श्रीपाल राठौर (50) की उसके छोटे भाई गुड्डू राठौर (47) ने गोली मारकर हत्या कर दी। भतीजी सरस्वती की भी हत्या कर दी थी। दोनों ही भाई घर के बाहर कोल्हू लगाते थे। सोमवार को दोनों परिवारों में दुकान को लेकर विवाद हुआ। तब श्रीपाल घर पर नहीं थे। मंगलवार सुबह वह घर लौटे थे। उसके बाद गुड्डू अपने परिवार के साथ श्रीपाल के घर के अंदर घुसा। फिर तमंचे से फायर करने लगा। जिसमें एक गोली श्रीपाल को लगी। वहीं दो गोलियां सरस्वती को लगीं। पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोपी गुड्डू, उसके बेटे सत्यवीर और विशाल, बेटी गायत्री और आरोपी गुड्डू की पत्नी प्रेमा समेत 6 हिरासत में हैं। पीड़ित परिवार के घर पहुंची दैनिक भास्कर की टीम- गांव के लोग बोले- गुड्डू दबंग है
दैनिक भास्कर की टीम पीड़ित परिवार के गांव आदर्शनगर पहुंची। गांव में जगह-जगह पुलिस टीम तैनात है। लोगों से पूछताछ की जा रही है। गांव के लोग गुड्डू को दबंग बता रहे थे। लोग कह रहे थे कि गुड्डू 2-नंबर का काम करता था, इतना पैसा कमा लेता था। उसके बाद भी अपने भाई की दुकान बंद करवाना चाहता था। पता नहीं उसको क्या समस्या थी? वो अपने परिवार को अच्छे से गुजारा करते नहीं देख पा रहा था। गांव के लोगों की बातें सुनने के बाद टीम श्रीपाल के घर पहुंची। घर में शवों को अंतिम संस्कार के लिए बांधा जा रहा था। शव के पास श्रीपाल की पत्नी और 2 बेटियां बैठी थीं। पास में सरस्वती का भी शव रखा था। घर के और रिश्तेदार भी बैठे हुए थे। पत्नी और 2 बेटियों की हालत देखकर हर कोई रो रहा था। वहीं भाई हर्षित दूर बैठकर सब देख रहा था। पापा के शव को पकड़ कर रोती रही बेटी
छोटी बेटी कह रही थी- पापा तुम कहां चले गए, इतनी जल्दी क्यों चले गए। अभी तो बहुत काम करना था। अब हमारा क्या होगा? एक बार उठ जाओ पापा…एक बार उठ जाओ। परिवार के लोग श्रीपाल की हत्या के बाद बहुत दुखी हैं। बेटी बार-बार पिता के शव से लिपटकर रोती है। कहती है, इससे अच्छा तो पापा आप सत्संग से वापस न आए होते। कम से कम आज हमारे साथ तो होते। बेटा हर्षित बोला- दीदी की शादी होने वाली थी, पापा ने काम बढ़ा लिया था
बेटे हर्षित ने बताया- बड़ी दीदी सरस्वती की शादी तय हो गई थी। घर में रस्म होने वाली थी। हम लोग उसी की तैयारी में लगे थे। शादी में वैसे भी खर्च बहुत होता है। इसलिए पापा ने दुकान पर काम और बढ़ा लिया था। यहां मेरा और चाचा दोनों का काम बढ़िया चलता था, लेकिन फिर भी वो हम लोगों से चिढ़ते हैं। वो तो 2-नंबर का भी काम करते हैं। वो गांव के लोगों का अल्ट्रासाउंड कराते थे। एक आदमी का 350 रुपए लेते थे। इसके अलावा भी 2-3 काम फर्जी वाले करते थे। साथ ही कोल्हू तो चलाते ही थे। ये कुल मिलाकर हमें बर्बाद करना चाहते थे…
उनका कहना था कि तुम्हारे यहां ग्राहक ज्यादा आते हैं, मेरे यहां नहीं आते। अब लोग हमारा व्यवहार देखकर आ रहे हैं, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? उनको लगता था कि हम उनके ग्राहक काट देते हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। हमने कभी किसी को नहीं रोका। 3 महीने पहले ये हमसे पुश्तैनी जमीन को लेकर लड़े थे। हिस्से की जमीन मिलने के बाद भी हमारी जमीन पर नजर रखे थे। ये कुल मिलाकर हमें बर्बाद करना चाहते थे और वही कर दिया…हमसे बाप का साया छीन लिया। ये नहीं मालूम था कि ये अपने ही भाई की जान ले लेंगे चाचा
सोमवार को ये हम लोगों से बहुत लड़े थे। इनके बेटों ने हमसे बहुत गाली-गलौज की थी। हमने पुलिस से शिकायत की थी। लेकिन पुलिस इनसे पैसा लेकर शांत रहती है। थाने पर बैठाती है, फिर छोड़ देती है। एक दरोगा मनोज इनका अच्छा जानने वाला है। उसने इनसे कहा था, तुम चाहे सबको मार दो, हम तुमको बचा लेंगे। बस हमको 5 लाख रुपए दे दो, फिर हम सब देख लेंगे। सोमवार को हुई लड़ाई के बाद पुलिस वाले हमको थाने पर बैठाए रहे। चाचा लोगों को छोड़ दिए। हमें क्या पता था ये लोग इतना बड़ा कांड कर देंगे? ये नहीं मालूम था कि ये अपने ही भाई की जान ले लेंगे। बेटा बोला- हमें थाने में बंद करवा कर ये लोग मेरे घर पहुंच गए
थाने से छूटने के बाद ये लोग घर पर नजर रखे थे। हमें थाने में बंद करवाकर ये लोग मंगलवार सुबह हथियार लेकर मेरे घर पहुंच गए। छोटी बहन ने मुझे बताया था, मंगलवार को पापा सत्संग से लौटे तो काफी थके थे। वो बिस्तर पर लेटे थे। हम लोग दुकान पर बैठे थे। अचानक से ये लोग गाली देते हुए घर के अंदर घुस आए। इन सबके हाथ में तमंचा था। ये लोग तो वैसे भी अवैध तमंचे का भी काम करते हैं। पापा के साथ हम लोग दीदी की शादी के कपड़े लेने जाने वाले थे…
इन लोगों ने घर में घुसते ही पहले पापा को गोली मारी। दीदी बचाने के लिए आगे बढ़ी, तो उसको दो गोली मारी। ये हम सबको खत्म कर देते, लेकिन गांव वालों के आने पर ये सब भाग गए। हमारे सामने पापा मर गए। दीदी को अस्पताल लेकर गए, लेकिन वो भी खत्म हो चुकी थी। हम लोग दीदी की शादी के सपने देख रहे थे। पापा के आने के बाद हम लोग शादी के कपड़े लेने जाने वाले थे। लेकिन, सारी खुशी छिन गई। मेरी बहन हमसे हमेशा के लिए दूर चली गई। जिस घर से बहन की विदाई होनी थी, उस घर से उसकी अर्थी उठ रही है। मेरे घर में इतना सब कुछ हो गया था और मुझे थाने से छोड़ा नहीं गया। काफी देर बाद जब मैं घर पहुंचा तो देखा सब खत्म हो चुका था। दीदी-पापा के शव सामने रखे हुए थे। मैं बस इतना चाहता हूं, मेरी दीदी-पापा के आरोपियों को फांसी हो हम बस यही चाहते हैं, उनके घर पर बुलडोजर चले। पुलिस को इन लोगों का एनकाउंटर कर देना चाहिए- ग्रामीण गांव के लोगों ने बताया, इनके घर में शादी की तैयारी चल रही थी। लेकिन अपने ही भाई ने सब खत्म कर दिया। इन लोगों का काफी समय से आना-जाना नहीं था। बल्कि घर बिल्कुल पास में है। ये लोग आपस में बात भी नहीं करते थे। गुड्डु बहुत दबंग है। उसकी पहुंच भी बहुत है, तभी इतनी आसानी से 2 लोगों को मारकर भाग गया। पुलिस को इन लोगों का एनकाउंटर कर देना चाहिए। मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया- एसपी इस मामले में एसपी अशोक कुमार मीणा का कहना है, 4 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। उन लोगों से पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। जमीन और बिजनेस को लेकर घटना को अंजाम देने की बात सामने आ रही है। जांच कर सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह खबर भी पढ़ें- शाहजहांपुर में बाप-बेटी की गोली मारकर हत्या:भाई ने घर में घुसकर की वारदात, नाराज ग्रामीणों ने शव रखकर किया प्रदर्शन शाहजहांपुर में भाई ने बड़े भाई और भतीजी की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों के बीच पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद था। सोमवार को दोनों के बीच मारपीट हुई थी। मामला थाने तक गया था। मंगलवार सुबह मामला बढ़ा तो छोटे भाई ने घर में घुसकर गोली मार दी और फरार हो गया। घटना निगोही थाना क्षेत्र के आदर्शनगर की है। यहां पढ़ें पूरी खबर ‘मेरे चाचा का थाने में दरोगा मनोज जानने वाला है। उसने इन लोगों से कहा था, चाहे सबको खत्म कर दो। हमको 5 लाख दे दो, हम सब संभाल लेंगे। पूरा केस देख लेंगे। चाचा के पास अच्छा पैसा है, कई पुलिस वाले उनके जानने वाले हैं। तभी उनको किसी का डर नहीं है। तभी उन्होंने ऐसे मेरे पापा-दीदी को खत्म कर दिया।’ ये कहना है श्रीपाल राठौर के बेटे हर्षित का। बता दें, शाहजहांपुर के आदर्शनगर में श्रीपाल राठौर (50) की उसके छोटे भाई गुड्डू राठौर (47) ने गोली मारकर हत्या कर दी। भतीजी सरस्वती की भी हत्या कर दी थी। दोनों ही भाई घर के बाहर कोल्हू लगाते थे। सोमवार को दोनों परिवारों में दुकान को लेकर विवाद हुआ। तब श्रीपाल घर पर नहीं थे। मंगलवार सुबह वह घर लौटे थे। उसके बाद गुड्डू अपने परिवार के साथ श्रीपाल के घर के अंदर घुसा। फिर तमंचे से फायर करने लगा। जिसमें एक गोली श्रीपाल को लगी। वहीं दो गोलियां सरस्वती को लगीं। पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोपी गुड्डू, उसके बेटे सत्यवीर और विशाल, बेटी गायत्री और आरोपी गुड्डू की पत्नी प्रेमा समेत 6 हिरासत में हैं। पीड़ित परिवार के घर पहुंची दैनिक भास्कर की टीम- गांव के लोग बोले- गुड्डू दबंग है
दैनिक भास्कर की टीम पीड़ित परिवार के गांव आदर्शनगर पहुंची। गांव में जगह-जगह पुलिस टीम तैनात है। लोगों से पूछताछ की जा रही है। गांव के लोग गुड्डू को दबंग बता रहे थे। लोग कह रहे थे कि गुड्डू 2-नंबर का काम करता था, इतना पैसा कमा लेता था। उसके बाद भी अपने भाई की दुकान बंद करवाना चाहता था। पता नहीं उसको क्या समस्या थी? वो अपने परिवार को अच्छे से गुजारा करते नहीं देख पा रहा था। गांव के लोगों की बातें सुनने के बाद टीम श्रीपाल के घर पहुंची। घर में शवों को अंतिम संस्कार के लिए बांधा जा रहा था। शव के पास श्रीपाल की पत्नी और 2 बेटियां बैठी थीं। पास में सरस्वती का भी शव रखा था। घर के और रिश्तेदार भी बैठे हुए थे। पत्नी और 2 बेटियों की हालत देखकर हर कोई रो रहा था। वहीं भाई हर्षित दूर बैठकर सब देख रहा था। पापा के शव को पकड़ कर रोती रही बेटी
छोटी बेटी कह रही थी- पापा तुम कहां चले गए, इतनी जल्दी क्यों चले गए। अभी तो बहुत काम करना था। अब हमारा क्या होगा? एक बार उठ जाओ पापा…एक बार उठ जाओ। परिवार के लोग श्रीपाल की हत्या के बाद बहुत दुखी हैं। बेटी बार-बार पिता के शव से लिपटकर रोती है। कहती है, इससे अच्छा तो पापा आप सत्संग से वापस न आए होते। कम से कम आज हमारे साथ तो होते। बेटा हर्षित बोला- दीदी की शादी होने वाली थी, पापा ने काम बढ़ा लिया था
बेटे हर्षित ने बताया- बड़ी दीदी सरस्वती की शादी तय हो गई थी। घर में रस्म होने वाली थी। हम लोग उसी की तैयारी में लगे थे। शादी में वैसे भी खर्च बहुत होता है। इसलिए पापा ने दुकान पर काम और बढ़ा लिया था। यहां मेरा और चाचा दोनों का काम बढ़िया चलता था, लेकिन फिर भी वो हम लोगों से चिढ़ते हैं। वो तो 2-नंबर का भी काम करते हैं। वो गांव के लोगों का अल्ट्रासाउंड कराते थे। एक आदमी का 350 रुपए लेते थे। इसके अलावा भी 2-3 काम फर्जी वाले करते थे। साथ ही कोल्हू तो चलाते ही थे। ये कुल मिलाकर हमें बर्बाद करना चाहते थे…
उनका कहना था कि तुम्हारे यहां ग्राहक ज्यादा आते हैं, मेरे यहां नहीं आते। अब लोग हमारा व्यवहार देखकर आ रहे हैं, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? उनको लगता था कि हम उनके ग्राहक काट देते हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। हमने कभी किसी को नहीं रोका। 3 महीने पहले ये हमसे पुश्तैनी जमीन को लेकर लड़े थे। हिस्से की जमीन मिलने के बाद भी हमारी जमीन पर नजर रखे थे। ये कुल मिलाकर हमें बर्बाद करना चाहते थे और वही कर दिया…हमसे बाप का साया छीन लिया। ये नहीं मालूम था कि ये अपने ही भाई की जान ले लेंगे चाचा
सोमवार को ये हम लोगों से बहुत लड़े थे। इनके बेटों ने हमसे बहुत गाली-गलौज की थी। हमने पुलिस से शिकायत की थी। लेकिन पुलिस इनसे पैसा लेकर शांत रहती है। थाने पर बैठाती है, फिर छोड़ देती है। एक दरोगा मनोज इनका अच्छा जानने वाला है। उसने इनसे कहा था, तुम चाहे सबको मार दो, हम तुमको बचा लेंगे। बस हमको 5 लाख रुपए दे दो, फिर हम सब देख लेंगे। सोमवार को हुई लड़ाई के बाद पुलिस वाले हमको थाने पर बैठाए रहे। चाचा लोगों को छोड़ दिए। हमें क्या पता था ये लोग इतना बड़ा कांड कर देंगे? ये नहीं मालूम था कि ये अपने ही भाई की जान ले लेंगे। बेटा बोला- हमें थाने में बंद करवा कर ये लोग मेरे घर पहुंच गए
थाने से छूटने के बाद ये लोग घर पर नजर रखे थे। हमें थाने में बंद करवाकर ये लोग मंगलवार सुबह हथियार लेकर मेरे घर पहुंच गए। छोटी बहन ने मुझे बताया था, मंगलवार को पापा सत्संग से लौटे तो काफी थके थे। वो बिस्तर पर लेटे थे। हम लोग दुकान पर बैठे थे। अचानक से ये लोग गाली देते हुए घर के अंदर घुस आए। इन सबके हाथ में तमंचा था। ये लोग तो वैसे भी अवैध तमंचे का भी काम करते हैं। पापा के साथ हम लोग दीदी की शादी के कपड़े लेने जाने वाले थे…
इन लोगों ने घर में घुसते ही पहले पापा को गोली मारी। दीदी बचाने के लिए आगे बढ़ी, तो उसको दो गोली मारी। ये हम सबको खत्म कर देते, लेकिन गांव वालों के आने पर ये सब भाग गए। हमारे सामने पापा मर गए। दीदी को अस्पताल लेकर गए, लेकिन वो भी खत्म हो चुकी थी। हम लोग दीदी की शादी के सपने देख रहे थे। पापा के आने के बाद हम लोग शादी के कपड़े लेने जाने वाले थे। लेकिन, सारी खुशी छिन गई। मेरी बहन हमसे हमेशा के लिए दूर चली गई। जिस घर से बहन की विदाई होनी थी, उस घर से उसकी अर्थी उठ रही है। मेरे घर में इतना सब कुछ हो गया था और मुझे थाने से छोड़ा नहीं गया। काफी देर बाद जब मैं घर पहुंचा तो देखा सब खत्म हो चुका था। दीदी-पापा के शव सामने रखे हुए थे। मैं बस इतना चाहता हूं, मेरी दीदी-पापा के आरोपियों को फांसी हो हम बस यही चाहते हैं, उनके घर पर बुलडोजर चले। पुलिस को इन लोगों का एनकाउंटर कर देना चाहिए- ग्रामीण गांव के लोगों ने बताया, इनके घर में शादी की तैयारी चल रही थी। लेकिन अपने ही भाई ने सब खत्म कर दिया। इन लोगों का काफी समय से आना-जाना नहीं था। बल्कि घर बिल्कुल पास में है। ये लोग आपस में बात भी नहीं करते थे। गुड्डु बहुत दबंग है। उसकी पहुंच भी बहुत है, तभी इतनी आसानी से 2 लोगों को मारकर भाग गया। पुलिस को इन लोगों का एनकाउंटर कर देना चाहिए। मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया- एसपी इस मामले में एसपी अशोक कुमार मीणा का कहना है, 4 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। उन लोगों से पूछताछ की जा रही है। मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। जमीन और बिजनेस को लेकर घटना को अंजाम देने की बात सामने आ रही है। जांच कर सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह खबर भी पढ़ें- शाहजहांपुर में बाप-बेटी की गोली मारकर हत्या:भाई ने घर में घुसकर की वारदात, नाराज ग्रामीणों ने शव रखकर किया प्रदर्शन शाहजहांपुर में भाई ने बड़े भाई और भतीजी की लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों के बीच पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद था। सोमवार को दोनों के बीच मारपीट हुई थी। मामला थाने तक गया था। मंगलवार सुबह मामला बढ़ा तो छोटे भाई ने घर में घुसकर गोली मार दी और फरार हो गया। घटना निगोही थाना क्षेत्र के आदर्शनगर की है। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर