चरखी दादरी | भाजपा प्रत्याशी सुनील सांगवान ने कहा कि दादरी हलके के विकास के लिए पिता पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने अपनी पूरी उम्र लगाई है। उनसे प्रेरणा लेकर दादरी के विकास का संकल्प लिया है। दादरी की जनता का जिस तरह से भरोसा मिल रहा है, साबित हो गया कि इस बार भाजपा दादरी में कमल का फूल खिलाते हुए बड़े मार्जन से जीत दर्ज करेगी। सुनील सांगवान ने सोमवार को जहां बौंद मंडल के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की वहीं गांव बौंदकलां में ग्रामीणों से चर्चा की। सांसद धर्मबीर सिंह व पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने भाजपा के जिला महामंत्री व वरिष्ठ नेता राजेश शर्मा बंटी के निवास पर प्रत्याशी सुनील सांगवान के पक्ष में आयोजित कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। राजेश शर्मा बंटी ने कहा कि वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और इस बार दादरी से सुनील सांगवान को जिताने के लिए वह कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। वहीं सुनील सांगवान को नगर परिषद के चेयरमैन बक्शी सैनी, वाइस चेयरमैन संदीप फोगाट, पार्षद विनोद वाल्मीकि, कुलदीप सैनी, नितिन बंसल, विनोद सिंहमार, नवीन प्रजापत, नवीन बिंदल, विरेन्द्र जोगी, पार्षद प्रतिनिधि कुलदीप गांधी, राजू डेयरी वाला व सुंदर बिडलान ने समर्थन दिया। चरखी दादरी | भाजपा प्रत्याशी सुनील सांगवान ने कहा कि दादरी हलके के विकास के लिए पिता पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने अपनी पूरी उम्र लगाई है। उनसे प्रेरणा लेकर दादरी के विकास का संकल्प लिया है। दादरी की जनता का जिस तरह से भरोसा मिल रहा है, साबित हो गया कि इस बार भाजपा दादरी में कमल का फूल खिलाते हुए बड़े मार्जन से जीत दर्ज करेगी। सुनील सांगवान ने सोमवार को जहां बौंद मंडल के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की वहीं गांव बौंदकलां में ग्रामीणों से चर्चा की। सांसद धर्मबीर सिंह व पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने भाजपा के जिला महामंत्री व वरिष्ठ नेता राजेश शर्मा बंटी के निवास पर प्रत्याशी सुनील सांगवान के पक्ष में आयोजित कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। राजेश शर्मा बंटी ने कहा कि वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और इस बार दादरी से सुनील सांगवान को जिताने के लिए वह कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। वहीं सुनील सांगवान को नगर परिषद के चेयरमैन बक्शी सैनी, वाइस चेयरमैन संदीप फोगाट, पार्षद विनोद वाल्मीकि, कुलदीप सैनी, नितिन बंसल, विनोद सिंहमार, नवीन प्रजापत, नवीन बिंदल, विरेन्द्र जोगी, पार्षद प्रतिनिधि कुलदीप गांधी, राजू डेयरी वाला व सुंदर बिडलान ने समर्थन दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में प्रशासन ने नहीं दी पटाखे बेचने की परमिशन:फिर भी शहर के पॉस इलाकों में स्टॉल लगाकर बिक रहे पटाखे, पहले फैक्ट्री धमाके जा चुकी 3 लोगों की जान
करनाल में प्रशासन ने नहीं दी पटाखे बेचने की परमिशन:फिर भी शहर के पॉस इलाकों में स्टॉल लगाकर बिक रहे पटाखे, पहले फैक्ट्री धमाके जा चुकी 3 लोगों की जान हरियाणा में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कृषि विभाग किसानों पर धड़ाधड़ मुकद्मे करवा रहा है, दूसरी ओर बिना किसी लाइसेंस करनाल में गोगड़ीपुर रोड पर स्थित फैक्ट्री, दशहरा ग्राउंड सेक्टर 4, सेक्टर 12, सेक्टर 16 सहित शहर के मुख्य बाजारों में पटाखे बेचे जा रहे है, हालांकि अबकी बार प्रशासन की तरफ से स्टॉल लगाने के लिए भी कोई लाइसेंस इशू नहीं किया गया है और न ही कोई आधिकारिक अनुमति दी गई है। बता दें कि इससे पहले यानी 2021 में घोघड़ीपुर फाटक के पास स्थित इस पटाखा फैक्ट्री हादसा हो चुका है। जिसमें तीन कर्मचारियों की मौके पर मौत हो गई थी और कई कर्मचारी आग में झुलस गए थे। उसके बाद भी प्रशासन आंखे मूंद करके बैठा है। आज भी इस फैक्ट्री संचालक द्वारा यहीं पर पटाखे बेचे जा रहे है। दोनों तरह से पटाखों से फैलता है प्रदूषण पटाखे चाहे रेड हो या फिर ग्रीन, उनके जलाने से प्रदूषण फिर भी होता है। करनाल जिले की अगर हम बात करे तो शहर में सभी जगह पर पटाखों के स्टॉल लगे हुए है और जहां पर स्टॉल लगे हुए है वहां पर किसी तरह के सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि अगर अब प्रशासन की प्रशासन की इस लापरवाही के कारण कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेवार कौन होगा? प्रशासन ने चलाया था चेकिंग अभियान आश फाउंडेशन के अध्यक्ष अनुज सैनी ने कहा कि प्रशासन की तरफ से पिछले सप्ताह कुछ गोदामों और दुकानों पर चेकिंग अभियान चलाया गया था। जहां पर चेकिंग की गई थी कि क्या कोई दुकानदार रेड पटाखे रख रहा है या फिर ग्रीन पटाखे रख रहा है। हालांकि इस दौरान किसी तरह के पटाखे तो पकड़ में नहीं आए, लेकिन एक सवाल यहां पर खड़ा जरूर हो गया कि दीवाली से तीन-चार दिन पहले ही प्रशासन को पटाखों के गोदामों की चेकिंग की याद आती है। लोग बोले-पटाखे ग्रीन हो या फिर रेड, प्रदूषण तो करते ही है सेक्टर 12, सेक्टर 4, सेक्टर 16 व घोघड़ीपुर रोड पर स्थित पटाखा फैक्ट्री में पटाखे खरीदने के लिए आए लोगों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के बैगर ना तो ग्रीन पटाखे बिक सकते है और न ही दूसरे पटाखे। अधिकारियों की शह के कारण ही शहर में धड़ले से ये पटाखे बिक रहे है। उन्होंने कहा कि पटाखे चाहे ग्रीन हो या फिर रेड, इनके चलाने से प्रदूषण होता ही है। आंखों में जलन होती है, सांस लेने में दिक्कत होती है, ध्वनि प्रदूषण होता है, लेकिन दूसरी बात यह भी है कि पटाखों के बिना दीवाली अधूरी होती है। ऐसा नहीं है कि सभी पटाखे फोड़कर ही दीवाली मनाते हो, समाज में ऐसे भी लोग है जो किसी तरह का शोर किए बिना दीवाली मनाते है। प्रशासन भी कहता है कि ग्रीन पटाखे जलाने चाहिए, लेकिन ग्रीन पटाखे मिलते ही कहां है? यह तो सिर्फ बोलने में आता है कि ग्रीन पटाखे है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। सुरक्षा के लिए रखे है रेत और पानी से भरे टब स्टॉल लगाने वाले दुकानदारों की माने तो उन्होंने यहां पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। यहां पर रेत और पानी के टब रखे हुए है, अगर कोई आगजनी होती है तो उस पर काबू पाया जा सके। पानी और रेत के टब तो नजर आ रहे है लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर नजर नहीं आ रही। ऐसे में आगजनी की घटना होती है तो कितनी देर में गाड़ियां पहुंचेगी, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ये कहा SDM ने इस बारे में जब करनाल के SDM अनुभव महता से दैनिक भास्कर द्वारा बात की गई तो उनका जवाब था कि प्रशासन की तरफ से किसी को भी पटाखे बेचने की न तो लाइसेंस दिया गया है और न ही स्टॉल लगाने के लिए कोई प्रमीशन दी गई। अगर स्टॉल लगाए गए है तो संबधित थाना के SHO को जानकारी देकर कार्रवाई की जाएगी। फैक्ट्री मालिक के खिलाफ आज तक नहीं तीन लोगों की जा चुकी जान बात दें कि इससे पहले साल 2021 में घोघड़ीपुर फाटक के पास स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त धमाके के बाद आग लग गई थी। जिसके बाद पूरी फैक्ट्री में तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी और कई कर्मचारी आग में झुलस गए थे। उसके बाद भी प्रशासन नहीं जागा, आज इसी फैक्ट्री में फिर से बिना सुरक्षा के इंतजाम के धडले से पटाखे बेचे जा रहे है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर जरूर सवाल उठ रहे है।
फरीदाबाद बॉर्डर पर लगे इंटर स्टेट नाके:पुलिस व अर्ध सैनिक बल तैनात, विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन अलर्ट
फरीदाबाद बॉर्डर पर लगे इंटर स्टेट नाके:पुलिस व अर्ध सैनिक बल तैनात, विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशासन अलर्ट हरियाणा के फरीदाबाद जिला में पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश नरवाल के दिशा निर्देश पर इंटर स्टेट नाके लगाए गए हैं। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने फरीदाबाद बॉर्डर पर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की निगरानी रखने के लिए नाके लगाए हैं। इसके साथ ही अर्धसैनिक बल के साथ मिलकर एनआईटी, बल्लभगढ़ व सेन्ट्रल जोन में फ्लैग मार्च निकालकर आमजन को चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। संदिग्ध वाहनों पर रखी जा रही नजर पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा चुनाव में कानून व शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए फरीदाबाद पुलिस द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। चुनाव के दौरान नशा व शराब तस्करी रोकने तथा आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए फरीदाबाद बॉर्डर पर इंटर स्टेट नाके लगाकर संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों पर निगरानी रखी जा रही है।फरीदाबाद पुलिस द्वारा बदरपुर बॉर्डर, जैतपुर दिल्ली बॉर्डर, शूटिंग रेंज सूरजकुंड, मांगर भाटी माइंस, मोहना तथा मंझावली यमुना पुल सहित 7 नाके लगाए गए हैं। जहां पर पुलिस बल के साथ अर्धसैनिक बल भी पर्याप्त संख्या में तैनात किए गए हैं। शराब तस्करी पर लगेगा अंकुश शराब तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की दो टीम गठित की गई है जिसमें एक टीम एनआईटी जोन तथा दूसरी टीम बल्लभगढ़ व सेंट्रल जोन में शराब तस्करी में संलिप्त अपराधियों की धर-पकड़ कर शराब तस्करी पर अंकुश लगाने का काम करेगी। इसके साथ ही शराब के L1 गोदाम के आस पास चुनाव के मद्देनजर नाके लगाए गए हैं, जिससे पुलिस टीम शराब के आवागमन पर निगरानी रखेगी। मतदान के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक इसके साथ ही फरीदाबाद पुलिस द्वारा तीनों जोन में फ्लैग मार्च निकालकर आमजन को निर्भीक होकर मतदान करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। फ्लैग मार्च के दौरान नागरिकों को चुनाव में अपने मताधिकार का स्वतंत्र, निष्पक्ष एव शांतिपूर्ण तरीके से प्रयोग करने तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करने बारे जानकारी प्रदान की जा रही है। लाइसेंसी हथियार जमा कराने की पुलिस ने की अपील शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए शस्त्र लाइसेंस धारकों को अपना शस्त्र जमा करवाने के लिए सूचित किया गया है। अभी तक 3119 शस्त्र धारकों ने अपने शस्त्र जमा करवाएं हैं। शस्त्र धारकों से अनुरोध है कि वह अपना असलहा जमा करवाएं ताकि चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था कायम रह सके। इसके साथ ही आमजन से अपील है कि चुनाव के दौरान नशा तस्करों व अन्य किसी भी प्रकार के अपराध की जानकारी तुरंत पुलिस को देकर पुलिस प्रशासन के कार्यों में मदद करें।
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का लोकसभा चुनाव पर मंथन:8 उम्मीदवार ही पहुंचे, सैलजा ने बनाई दूरी, 3 जगह से भीतरघात की रिपोर्ट
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का लोकसभा चुनाव पर मंथन:8 उम्मीदवार ही पहुंचे, सैलजा ने बनाई दूरी, 3 जगह से भीतरघात की रिपोर्ट हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने आज लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के साथ मंथन किया। इस बैठक में हरियाणा से 9 प्रत्याशियों को बुलाया गया था और एक सीट गठबंधन की होने के कारण उस पर फीडबैक नहीं मिल पाया। कुल 9 प्रत्याशियों को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया था। बाबरिया ने बैठक तो नहीं की, लेकिन प्रत्याशियों और जीते हुए सांसदों से एक-एक कर बात की। खास बात यह रही कि सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा दीपक बाबरिया के साथ विचार-विमर्श में शामिल नहीं हुईं। प्रदेश प्रभारी ने सिरसा को छोड़कर सभी जगहों से रिपोर्ट ली। सबसे खराब रिपोर्ट भिवानी और करनाल से मिली है, यहां के उम्मीदवारों ने भीतरघात की रिपोर्ट दी। वहीं हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी ने भी भीतरघात की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि हिसार के बड़े नेताओं ने साथ नहीं दिया अगर साथ दिया होता तो जीत का मार्जन और बड़ा होता। इतना ही नहीं कुछ नेताओं के भाजपा प्रत्याशी की मदद करने की बात रिपोर्ट में कही गई है। इसी तरह गुरुग्राम में भी स्थानीय नेताओं के अहीरवाल क्षेत्र में साथ नहीं देने की बात सामने आई है। हाईकमान को सौंपी जाएगी रिपोर्ट कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की ओर से बनाई गई रिपोर्ट कल कांग्रेस हाई कमान को सौंपी जाएगी। बाबरिया ने उम्मीदवारों से आगामी विधानसभा के संभावित नामों पर चर्चा भी की ओर उनकी तरफ से हर विधानसभा में कौन बेहतर उम्मीदवार हो सकता है। इसके नाम भी पूछे। वहीं चुनाव में बढ़चढ़ कर काम करने वाले नेताओं और काम न करने वाले नेताओं व भीतरघात करने वालों के नाम भी उम्मीदवारों ने बताए। अब इसकी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी कल हाईकमान से होनी वाली बैठक में रखेंगे। हाई कमान आज करेगा बैठक, 30 नेताओं को बुलाया कांग्रेस हाई कमान आज दिल्ली में हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन करेगा। इसमें खास तौर पर हारने वाली सीटों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़, करनाल और कुरूक्षेत्र सीट पर विस्तृत चर्चा होगी। इस बैठक में 10 लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी, सांसद, 3 बार के विधायक, 3 बार के पूर्व विधायक, कांग्रेस के प्रदेश सचिव सहित कुल 30 नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे शामिल होंगे। खास बात यह है कि इस बैठक में बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया है। कांग्रेस इन कारणों से 5 सीटों पर हार गई… 1. करनाल में कमजोर कैंडिडेट
कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट पर अपने यूथ विंग के नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा को टिकट दिया। दिव्यांशु के नाम का ऐलान होते ही क्लियर हो गया था कि कांग्रेस ने इस सीट पर BJP के मनोहर लाल खट्टर को एक तरह से वॉकओवर दे दिया है। करनाल के कांग्रेसी नेताओं के तमाम तरह के असहयोग के बावजूद दिव्यांशु 4 लाख 79 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे। अगर कांग्रेस इस सीट पर किसी बड़े चेहरे को उतारती और करनाल के नेता उसका साथ देते तो भाजपा को यहां परेशानी हो सकती थी। 2. गुटबाजी भारी पड़ी
हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान कम से कम 2 सीटें गवांकर चुकाया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। किरण चौधरी ने तो हुड्डा कैंप पर उनकी सियासी हत्या की साजिश रचने जैसे आरोप तक लगा डाले। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राव दान सिंह की हार का अंतर 41 हजार 510 वोट रहा। भिवानी जिले की 3 में से 2 सीटों पर भाजपा को लीड मिली। इनमें किरण चौधरी की तोशाम सीट शामिल रही। अगर पार्टी के नेता एकजुटता दिखाते तो यहां रिजल्ट कांग्रेस के पक्ष में भी आ सकता था। गुरुग्राम सीट पर भी यही कहानी रही। यहां कांग्रेस कैंडिडेट राज बब्बर 75 हजार वोट से हारे। लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव इस सीट पर लंबे अर्से से एक्टिव थे लेकिन पार्टी ने ऐन मौके पर उनकी जगह राज बब्बर को टिकट थमा दिया। इससे कैप्टन नाराज हो गए। राज बब्बर की इलेक्शन कैंपेनिंग के दौरान अजय यादव बहुत कम मौकों पर नजर आए। फरीदाबाद सीट पर भी टिकट न मिलने के कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण दलाल की नाराजगी देखने को मिली। 3. पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को नीचा दिखाने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में जेपी को सबसे बड़ी लीड बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला की तिकड़ी ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे। 4. चुनाव चिन्ह गायब होने से गठबंधन की कीमत चुकाई कांग्रेस ने I.N.D.I.A. अलायंस के तहत कुरूक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दी। इसलिए यहां कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गायब रहा। आम आदमी पार्टी से उसकी हरियाणा इकाई के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता कुरूक्षेत्र के रण में उतरे तो पार्टी की पूरी लीडरशिप यहां डट गई। कांग्रेस से भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला ने सुशील गुप्ता के लिए प्रचार किया लेकिन राज्य की दूसरी किसी सीट पर AAP नेताओं ने कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए ऐसा जोर नहीं लगाया। ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि AAP ने बाकी 9 सीटों पर अपना कितना वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में शिफ्ट कराया? हां, कुरूक्षेत्र में सुशील गुप्ता को कांग्रेसी कैडर के वोट जरूर मिले।