ये दो बयान बता रहे हैं कि दिल्ली में पानी की सियासत चरम पर है। आम आदमी पार्टी की जल मंत्री आतिशी दिल्ली में पानी की किल्लत के पीछे हरियाणा सरकार जिम्मेदार ठहरा रही हैं। वहीं हरियाणा के अफसर दोगुना पानी सप्लाई करने का दावा कर रहे हैं। इसकी हकीकत को समझने के लिए दैनिक भास्कर उस बैराज पर पहुंचा। जहां से दिल्ली को पानी की सप्लाई पहुंचती है। पढ़िए यूपी-हरियाणा बॉर्डर से हथिनी कुंड बैराज से रिपोर्ट… ये बैराज हथिनीकुंड हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर स्थित है। सामने आया कि पहाड़ों पर कम बारिश की वजह बैराज में जलस्तर घटा है। मगर पानी बराबर-बराबर डिवाइड हो रहा है। हमें वहां 1-2 कर्मचारी मिले। मगर उन्होंने इस मुद्दे पर बड़े अफसरों से बात करने के लिए कहा। हमने फोन पर हरियाणा के यमुनानगर के अधिशासी अभियंता विजय गर्ग से सवाल किए। उन्होंने बताया- दिल्ली को नॉर्मल दिनों में यानी जुलाई से अक्टूबर तक 751 क्यूसेक पानी दिया जाता है। नवंबर से फरवरी और मार्च से जून तक 381-381 क्यूसेक पानी भेजा जाता है।लेकिन इस सीजन गर्मी ज्यादा होने की वजह से हथिनीकुंड बैराज से मार्च से जून के बीच दिल्ली को 761 क्यूसेक पानी दिया गया। गर्मी में डिमांड बढ़ी, उधर कटौती हुई
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जल मंत्री आतिशी ने भाजपा शासित हरियाणा सरकार पर पानी की कटौती का आरोप लगाया है। आतिशी ने पानी के लिए सत्याग्रह भी कर रही है। दिल्ली का रोजाना 1005 MGD (मिलियन गैलन प्रतिदिन) पानी की जरूरत बताया है। उन्होंने कहा कि 60% (309.59 क्यूसेक) पानी मुनक नहर और वजीराबाद बैराज से 25% (129.79 क्यूसेक) पानी यूपी से और 15% (68.18 क्यूसेक) भूजल से मिल रहा है। आरोप लगाया कि गर्मी के कारण पानी की डिमांड बढ़ी है। यमुना नदी से दिल्ली को मिलने वाले पानी के हिस्से में भारी कटौती की है। अफसरों का दावा सही माने तो हरियाणा सरकार ने इस बार दोगुना पानी हर रोज करीब 761 क्यूसेक दिल्ली को भेजा है। तो मनक नहर और दिल्ली के बीच में कहां पर 248 क्यूसेक पानी गायब हो गया। कहीं दिल्ली के टैंकर माफियाओं का मनक नहर पर कब्जा तो नहीं? बता दें कि हथिनीकुंड बैराज से पानी हरियाणा की मनक नहर को भेजा जाता है। यहां से पानी हैदरपुर, बवाना, नांगलोई और द्वारका वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को जाता है। दिल्ली की जलापूर्ति यमुना, अपर गंगा कैनाल, भाखड़ा स्टोरेज और ग्राउंड वाटर से होती है। यमुना से 41%, अपर गंगा कैनाल से 27%, भाखड़ा स्टोरेज से 24% और ग्राउंड वाटर से 9% पानी की जरूरत पूरी होती है। हथिनीकुंड की स्थिति क्या है, इसको समझे दरअसल, हथिनीकुंड बैराज की नींव 12 मई 1994 में रखी गई। उस वक्त 5 राज्यों के सीएम हथिनीकुंड बैराज पर आए थे। हरियाणा से भजनलाल, यूपी से मुलायम सिंह, राजस्थान से भैरो सिंह शेखावत, दिल्ली से मदन लाल खुराना और हिमाचल प्रदेश से वीरभद्र सिंह। पांचों राज्यों के सीएम ने बंटवारा तय हुआ। हथिनीकुंड बैराज से हरियाणा स्थित मनक नहर में पानी भेजा जाता है। करार हुआ था कि हथिनीकुंड बैराज से हरियाणा को 66% और यूपी को 33% पानी डिवाइड होगा। हरियाणा से दिल्ली और राजस्थान के लिए पानी भेजा जाएगा। हथिनीकुंड बैराज में 10 फ्लड गेट बनाए गए है। हथिनी कुंड के बीच से यमुना नदी और पश्चिमी यमुना नहर से हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी भेजा जाता है। जबकि पूर्वी नहर से यूपी को पानी जाता है। जबकि एनजीटी के आदेशानुसार यमुना नदी में 352 क्यूसेक पानी 12 महीने चलता है। जीव-जंतुओं के लिए। यमुना के हिस्से आता है 352 क्यूसेक पानी यूपी के अधिशासी अभियंता अभिमन्यु सिंह राय ने बताया, सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के मुताबिक, यमुना नदी को जीवित रखने और पशु पक्षियों के लिए में 352 क्यूसेक पानी हमेशा छोड़ा जाता है, चाहे स्थिति जैसी भी हो। बचा हुआ पानी पूर्वी और पश्चिमी यमुना नहर को मिलता है। समझौते के अनुसार, हरियाणा को 66% और यूपी की नहरों में 33% पानी छोड़ा जाता है। यदि पूर्वी यमुना नहर की बात करें तो यह नहर हथिनीकुंड बैराज से सहारनपुर, शामली, बागपत, लोनी, गाजियाबाद होते हुए ओखला बैराज तक जाती है। यमुना नदी बागपत, शामली से दिल्ली के वजीराबाद बैराज और उसके बाद ओखला बैराज पर पहुंचती है। यहां से मथुरा और आगरा को पानी का डायवर्जन किया जाता है। वहीं, यमुना यहां से आगरा होते हुए प्रयागराज तक पहुंचती है। वहां गंगा नदी में मिल जाती है। मुनक नहर पर बढ़ी सुरक्षा मुनक नहर पर टैंकर माफियाओं का कब्जा है। लेकिन दिल्ली सरकार इस बात पर अड़ी हुई है कि दिल्ली के जल संकट की वजह पानी की कम सप्लाई है। दिल्ली की जलमंत्री आतिशी के मुताबिक दिल्ली को रोजाना 50 मिलियन गैलन पानी कम मिल रहा है। वहीं मुनक कैनाल के 15 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन की सुरक्षा पुलिस कर रही है, उप राज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर। आउटर नॉर्थ जिले की पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। मुनक नहर के चारों ओर पेट्रोलिंग की जा रही है। बवाना से हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक निगरानी है। दिल्ली सरकार का मानना है कि पिछले कुछ समय से मुनक नहर के जरिए आने वाले पानी में 200 क्यूसेक की कमी आई है। टैंकर माफियाओं का दिल्ली के पानी पर कब्जा सूत्रों के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से जो पानी मनक नहर में भेजा जाता है, उस पानी पर कहीं न कहीं टैंकर माफियाओं का कब्जा है। मनक नहर से जो पाइप लाइन दिल्ली के ट्रीटमेंट प्लांट में जा रही है, उस पाइप में कहीं न कहीं चोरी हो रही है। हालांकि जब ये बात सामने आई तो पाइप लाइन पर पुलिस सिक्योरिटी बढ़ाई गई। ये दो बयान बता रहे हैं कि दिल्ली में पानी की सियासत चरम पर है। आम आदमी पार्टी की जल मंत्री आतिशी दिल्ली में पानी की किल्लत के पीछे हरियाणा सरकार जिम्मेदार ठहरा रही हैं। वहीं हरियाणा के अफसर दोगुना पानी सप्लाई करने का दावा कर रहे हैं। इसकी हकीकत को समझने के लिए दैनिक भास्कर उस बैराज पर पहुंचा। जहां से दिल्ली को पानी की सप्लाई पहुंचती है। पढ़िए यूपी-हरियाणा बॉर्डर से हथिनी कुंड बैराज से रिपोर्ट… ये बैराज हथिनीकुंड हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर स्थित है। सामने आया कि पहाड़ों पर कम बारिश की वजह बैराज में जलस्तर घटा है। मगर पानी बराबर-बराबर डिवाइड हो रहा है। हमें वहां 1-2 कर्मचारी मिले। मगर उन्होंने इस मुद्दे पर बड़े अफसरों से बात करने के लिए कहा। हमने फोन पर हरियाणा के यमुनानगर के अधिशासी अभियंता विजय गर्ग से सवाल किए। उन्होंने बताया- दिल्ली को नॉर्मल दिनों में यानी जुलाई से अक्टूबर तक 751 क्यूसेक पानी दिया जाता है। नवंबर से फरवरी और मार्च से जून तक 381-381 क्यूसेक पानी भेजा जाता है।लेकिन इस सीजन गर्मी ज्यादा होने की वजह से हथिनीकुंड बैराज से मार्च से जून के बीच दिल्ली को 761 क्यूसेक पानी दिया गया। गर्मी में डिमांड बढ़ी, उधर कटौती हुई
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जल मंत्री आतिशी ने भाजपा शासित हरियाणा सरकार पर पानी की कटौती का आरोप लगाया है। आतिशी ने पानी के लिए सत्याग्रह भी कर रही है। दिल्ली का रोजाना 1005 MGD (मिलियन गैलन प्रतिदिन) पानी की जरूरत बताया है। उन्होंने कहा कि 60% (309.59 क्यूसेक) पानी मुनक नहर और वजीराबाद बैराज से 25% (129.79 क्यूसेक) पानी यूपी से और 15% (68.18 क्यूसेक) भूजल से मिल रहा है। आरोप लगाया कि गर्मी के कारण पानी की डिमांड बढ़ी है। यमुना नदी से दिल्ली को मिलने वाले पानी के हिस्से में भारी कटौती की है। अफसरों का दावा सही माने तो हरियाणा सरकार ने इस बार दोगुना पानी हर रोज करीब 761 क्यूसेक दिल्ली को भेजा है। तो मनक नहर और दिल्ली के बीच में कहां पर 248 क्यूसेक पानी गायब हो गया। कहीं दिल्ली के टैंकर माफियाओं का मनक नहर पर कब्जा तो नहीं? बता दें कि हथिनीकुंड बैराज से पानी हरियाणा की मनक नहर को भेजा जाता है। यहां से पानी हैदरपुर, बवाना, नांगलोई और द्वारका वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को जाता है। दिल्ली की जलापूर्ति यमुना, अपर गंगा कैनाल, भाखड़ा स्टोरेज और ग्राउंड वाटर से होती है। यमुना से 41%, अपर गंगा कैनाल से 27%, भाखड़ा स्टोरेज से 24% और ग्राउंड वाटर से 9% पानी की जरूरत पूरी होती है। हथिनीकुंड की स्थिति क्या है, इसको समझे दरअसल, हथिनीकुंड बैराज की नींव 12 मई 1994 में रखी गई। उस वक्त 5 राज्यों के सीएम हथिनीकुंड बैराज पर आए थे। हरियाणा से भजनलाल, यूपी से मुलायम सिंह, राजस्थान से भैरो सिंह शेखावत, दिल्ली से मदन लाल खुराना और हिमाचल प्रदेश से वीरभद्र सिंह। पांचों राज्यों के सीएम ने बंटवारा तय हुआ। हथिनीकुंड बैराज से हरियाणा स्थित मनक नहर में पानी भेजा जाता है। करार हुआ था कि हथिनीकुंड बैराज से हरियाणा को 66% और यूपी को 33% पानी डिवाइड होगा। हरियाणा से दिल्ली और राजस्थान के लिए पानी भेजा जाएगा। हथिनीकुंड बैराज में 10 फ्लड गेट बनाए गए है। हथिनी कुंड के बीच से यमुना नदी और पश्चिमी यमुना नहर से हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी भेजा जाता है। जबकि पूर्वी नहर से यूपी को पानी जाता है। जबकि एनजीटी के आदेशानुसार यमुना नदी में 352 क्यूसेक पानी 12 महीने चलता है। जीव-जंतुओं के लिए। यमुना के हिस्से आता है 352 क्यूसेक पानी यूपी के अधिशासी अभियंता अभिमन्यु सिंह राय ने बताया, सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के मुताबिक, यमुना नदी को जीवित रखने और पशु पक्षियों के लिए में 352 क्यूसेक पानी हमेशा छोड़ा जाता है, चाहे स्थिति जैसी भी हो। बचा हुआ पानी पूर्वी और पश्चिमी यमुना नहर को मिलता है। समझौते के अनुसार, हरियाणा को 66% और यूपी की नहरों में 33% पानी छोड़ा जाता है। यदि पूर्वी यमुना नहर की बात करें तो यह नहर हथिनीकुंड बैराज से सहारनपुर, शामली, बागपत, लोनी, गाजियाबाद होते हुए ओखला बैराज तक जाती है। यमुना नदी बागपत, शामली से दिल्ली के वजीराबाद बैराज और उसके बाद ओखला बैराज पर पहुंचती है। यहां से मथुरा और आगरा को पानी का डायवर्जन किया जाता है। वहीं, यमुना यहां से आगरा होते हुए प्रयागराज तक पहुंचती है। वहां गंगा नदी में मिल जाती है। मुनक नहर पर बढ़ी सुरक्षा मुनक नहर पर टैंकर माफियाओं का कब्जा है। लेकिन दिल्ली सरकार इस बात पर अड़ी हुई है कि दिल्ली के जल संकट की वजह पानी की कम सप्लाई है। दिल्ली की जलमंत्री आतिशी के मुताबिक दिल्ली को रोजाना 50 मिलियन गैलन पानी कम मिल रहा है। वहीं मुनक कैनाल के 15 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन की सुरक्षा पुलिस कर रही है, उप राज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर। आउटर नॉर्थ जिले की पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। मुनक नहर के चारों ओर पेट्रोलिंग की जा रही है। बवाना से हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक निगरानी है। दिल्ली सरकार का मानना है कि पिछले कुछ समय से मुनक नहर के जरिए आने वाले पानी में 200 क्यूसेक की कमी आई है। टैंकर माफियाओं का दिल्ली के पानी पर कब्जा सूत्रों के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से जो पानी मनक नहर में भेजा जाता है, उस पानी पर कहीं न कहीं टैंकर माफियाओं का कब्जा है। मनक नहर से जो पाइप लाइन दिल्ली के ट्रीटमेंट प्लांट में जा रही है, उस पाइप में कहीं न कहीं चोरी हो रही है। हालांकि जब ये बात सामने आई तो पाइप लाइन पर पुलिस सिक्योरिटी बढ़ाई गई। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर