हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा गुट को एक और झटका दिया है। नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा न करने के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का नाम हटा दिया गया है। हुड्डा गुट के नेताओं में सिर्फ उनके बेटे रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को जगह मिली है। वहीं, विरोधी गुट की नेता सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को स्टार प्रचारकों में जगह दी गई है। यहां देखिए लिस्ट… हरियाणा हार से नाराज है हाईकमान हरियाणा विधानसभा चुनाव की हार से कांग्रेस हाईकमान हुड्डा गुट से नाराज है। यही वजह है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को फ्री हैंड बंद कर दिया है। केंद्रीय नेतृत्व ने प्रभारी दीपक बाबरिया को पावरफुल कर दिया है। इसके बाद बाबरिया ने भी इस पर अमल करना शुरू कर दिया है।जिला स्तर पर नियुक्तियों पर रोक लगाने के बाद अब सचिवों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव कर दिया है। इसको लेकर प्रदेश के नेताओं से कोई चर्चा नहीं की गई।केंद्रीय नेतृत्व ऐसा करके नेताओं और कार्यकर्ताओं को ये संदेश देना चाहता है कि कोई भी फेस दिल्ली से ऊपर नहीं है, जो भी पार्टी लाइन से हटकर काम करेगा उसके खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व सख्त फैसले भी लेगा। दो झटके पहले दे चुका केंद्रीय नेतृत्व 1. जिला प्रभारियों की लिस्ट पर रोक प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने 18 दिसंबर को प्रभारियों की लिस्ट जारी की थी, जिसे पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने अगले ही दिन यानी 19 दिसंबर को एक पेज का प्रेस नोट जारी कर रोक दिया था। चूंकि प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कहने पर लगाया था, इसलिए यह हुड्डा गुट के लिए पहला झटका था। 2. सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया प्रदेश में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। सचिव विनोदराव गुडाधे और जितेंद्र बघेल अब तक साउथ हरियाणा और नॉर्थ हरियाणा का काम देख रहे थे, लेकिन गुडाधे को उत्तर हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार व करनाल की जिम्मेदारी दी है।वहीं बघेल अब दक्षिण हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, भिवानी, गुरुग्राम और फरीदाबाद का काम देखेंगे। ये आदेश भी बाबरिया की ओर से ही जारी किए गए हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा गुट को एक और झटका दिया है। नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा न करने के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का नाम हटा दिया गया है। हुड्डा गुट के नेताओं में सिर्फ उनके बेटे रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को जगह मिली है। वहीं, विरोधी गुट की नेता सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को स्टार प्रचारकों में जगह दी गई है। यहां देखिए लिस्ट… हरियाणा हार से नाराज है हाईकमान हरियाणा विधानसभा चुनाव की हार से कांग्रेस हाईकमान हुड्डा गुट से नाराज है। यही वजह है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को फ्री हैंड बंद कर दिया है। केंद्रीय नेतृत्व ने प्रभारी दीपक बाबरिया को पावरफुल कर दिया है। इसके बाद बाबरिया ने भी इस पर अमल करना शुरू कर दिया है।जिला स्तर पर नियुक्तियों पर रोक लगाने के बाद अब सचिवों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव कर दिया है। इसको लेकर प्रदेश के नेताओं से कोई चर्चा नहीं की गई।केंद्रीय नेतृत्व ऐसा करके नेताओं और कार्यकर्ताओं को ये संदेश देना चाहता है कि कोई भी फेस दिल्ली से ऊपर नहीं है, जो भी पार्टी लाइन से हटकर काम करेगा उसके खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व सख्त फैसले भी लेगा। दो झटके पहले दे चुका केंद्रीय नेतृत्व 1. जिला प्रभारियों की लिस्ट पर रोक प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने 18 दिसंबर को प्रभारियों की लिस्ट जारी की थी, जिसे पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने अगले ही दिन यानी 19 दिसंबर को एक पेज का प्रेस नोट जारी कर रोक दिया था। चूंकि प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कहने पर लगाया था, इसलिए यह हुड्डा गुट के लिए पहला झटका था। 2. सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया प्रदेश में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। सचिव विनोदराव गुडाधे और जितेंद्र बघेल अब तक साउथ हरियाणा और नॉर्थ हरियाणा का काम देख रहे थे, लेकिन गुडाधे को उत्तर हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार व करनाल की जिम्मेदारी दी है।वहीं बघेल अब दक्षिण हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, भिवानी, गुरुग्राम और फरीदाबाद का काम देखेंगे। ये आदेश भी बाबरिया की ओर से ही जारी किए गए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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टिकट बंटवारे के बीच हरियाणा कांग्रेस प्रभारी की तबीयत बिगड़ी:एम्स से घर लौटे, वर्कर-नेताओं की मीटिंग से दूरी बनाएंगे, आप-कांग्रेस गठबंधन जिम्मा इन्हीं पर
टिकट बंटवारे के बीच हरियाणा कांग्रेस प्रभारी की तबीयत बिगड़ी:एम्स से घर लौटे, वर्कर-नेताओं की मीटिंग से दूरी बनाएंगे, आप-कांग्रेस गठबंधन जिम्मा इन्हीं पर हरियाणा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया की सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। ब्लड प्रेशर (BP) बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें इन्फेक्शन हुआ है। ट्रीटमेंट के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टरों ने बाबरिया को आराम करने की सलाह दी है। वह आज किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे। उधर, आज कांग्रेस की तरफ से हरियाणा चुनाव के लिए AAP से गठबंधन की घोषणा होनी है। 2 दिन पहले ही बाबरिया के वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें वह कांग्रेस के टिकट दावेदारों के आगे निराशा जाहिर कर रहे थे। प्रदेश में कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारों की 2 लिस्ट जारी कर चुकी है। जिसमें 41 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए 2,556 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। टिकट बंटवारे में बाबरिया की सबसे बड़ी भूमिका था। इसके अलावा राहुल गांधी ने प्रदेश में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की जिम्मेदारी भी बाबरिया को सौंपी थी। टिकट दावेदारों ने बाबिरया का किया था घेराव 6 सितंबर को कांग्रेस की पहली लिस्ट आई थी। इसके बाद टिकट के दावेदारों ने दिल्ली में दीपक बाबरिया का घेराव किया। नेताओं ने उनसे सवाल पूछने शुरू करते हुए हंगामा किया। इसके बाद कुछ लोग दीपक बाबरिया को वहां से निकालकर ऑफिस ले गए। इसके बाद दीपक बाबरिया ने ऑफिस में टिकट दावेदारों से बातचीत की। यहां उनकी आंखों से आंसू निकल आए। इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उनसे कहा कि आप हमारे हनुमान हो सर। इसके 2 वीडियो भी सामने आए थे। बाबरिया की खड़गे के करीबियों में गिनती OBC वर्ग से आने वाले दीपक बाबरिया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेहद करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस ने जब कर्नाटक में जीत हासिल की तो पार्टी ने विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए उन्हें ही कर्नाटक भेजा था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें दिल्ली और हरियाणा का प्रभारी बनाया। कार्यभार संभालते ही बाबरिया ने साफ संदेश दे दिया था कि जो पार्टी के लिए निष्ठा से काम करेगा, उसे तवज्जो मिलेगी। बाबरिया पूर्व में सांसद कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं। उनकी पहचान राहुल गांधी के भरोसेमंद साथी के रूप में भी है। 78 नामों पर सहमति, फिर भी लिस्टें छोटी पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की 90 विधानसभा सीटों पर 78 उम्मीदवारों पर सहमति बन चुकी है। इसके बाद भी पार्टी ने सिर्फ 2 लिस्ट जारी की हैं, जिसमें 41 उम्मीदवारों के नाम हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि कांग्रेस BJP की तरह बगावत से डरी हुई है। कांग्रेस नेतृत्व नहीं चाहता कि जैसे भाजपा की 67 उम्मीदवारों की जंबो लिस्ट आने के बाद नेताओं में भगदड़ मची थी, ऐसी स्थिति कांग्रेस में भी बने। इसलिए पहली लिस्ट में सभी 28 विधायकों को टिकट दी गई। इसके अलावा कुछ नाम ऐसे थे, जिन्हें लेकर विवाद होने के चांस काफी कम थे। इनमें सबसे बड़ा नाम रेसलर विनेश फोगाट का है। वह जुलाना सीट से चुनाव लड़ रही हैं। हरियाणा के नेता बने जिम्मेदार कांग्रेस की लिस्ट छोटी करने की वजह सिर्फ हरियाणा के नेता रहे। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को भाजपा की लिस्ट को लेकर हो रहे विवाद की जानकारी दी। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और दीपक बाबरिया ने केंद्रीय नेतृत्व को फीडबैक दिया। नेताओं ने हाईकमान को कहा कि ज्यादा नाम एक साथ जारी करने से विरोध ज्यादा होगा। बावजूद इसके 6 विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां करीब 9 दावेदार विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणा चुनाव, कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में 9 उम्मीदवार घोषित:पार्टी ने अब तक 28 विधायकों समेत 41 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया कांग्रेस की दूसरी लिस्ट के 9 प्रत्याशियों की डिटेल प्रोफाइल:तोशाम में भाई-बहन का मुकाबला; 3 हारे चेहरों पर दांव, परमवीर सबसे उम्रदराज हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट का एनालिसिस:युवा-अनुभवी चेहरों का गुडमिक्स; हाईकमान ने सर छोटूराम और बंसीलाल की विरासत नहीं छोड़ी
हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल
हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल हरियाणा में कांग्रेस हार के मंथन के साथ-साथ हार के सबूत भी तलाश रही है। इसके लिए आज (9 नवंबर) को दिल्ली में कांग्रेस की हार के कारण जानने के लिए बनाई गई 8 मेंबरी कमेटी की मीटिंग होगी। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और हरियाणा कांग्रेस सह प्रभारी जितेंद्र बघेल करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा हेराफेरी, धन-बल के इस्तेमाल और सरकारी तंत्र की मदद के कारण चुनाव जीती है। पार्टी ने नतीजे सामने आने के बाद चुनाव आयोग से भी गुहार लगाई थी मगर आयोग ने उलटा कांग्रेस को ही आइना दिखा दिया, जिससे खफा होकर कांग्रेस कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है। इसी केस को दायर करने के लिए वह सबूत एकत्रित कर रही है। कांग्रेस ने इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव में हारे हुए सभी 53 नेताओं को दोपहर 12 बजे बुलाया है। इन नेताओं के पास मैसेज पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने हार के बाद पहले फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट हाईकमान के पास पेंडिंग है। इसके बाद हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सहप्रभारी से मुलाकात के बाद 8 मेंबर कमेटी बनाई। घोड़ेला बोले- मेरे पास लंबी लिस्ट, खुलासे करूंगा
वहीं मीटिंग में जाने को लेकर पूछे गए सवाल में नलवा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अनिल मान ने कहा कि वह दिल्ली में बैठक में नहीं जाएंगे। उनको कोई निजी काम है हालांकि मीटिंग के लिए उनके पास मैसेज व कॉल आई थी। वहीं बरवाला से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने बताया कि मीटिंग में वह जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पास एक लंबी सूची है। मीटिंग में अगर पूछा जाएगा तो मैं इन नामों का खुलासा भी करूंगा जिनके कारण हम हारे। घोड़ेला ने बताया कि सांसद के चुनाव में 53 हजार वोट सांसद को मिलते हैं मगर 3 महीने बाद चुनाव में मुझे 40 हजार वोट मिलते हैं। ऐसे में सवाल तो उठते हैं। मीटिंग में कमेटी के 8 मेंबर के अलावा प्रदेशाध्यक्ष भी रहेंगे… राठौर बोले- भाजपा की कैबिनेट ही चुनाव हार गई
कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौर ने भाजपा के पक्ष में आए चुनावी नतीजों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा कैबिनेट ने अच्छा काम किया होता तो अनिल विज को छोड़कर सभी कैबिनेट मंत्री क्यों चुनाव हारते? अगर विधायकों ने काम अच्छा काम किया होता तो 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त न होती। भाजपा 89 सीटों पर चुनाव लड़ी और 89 में से 10 कैबिनेट मंत्री चुनाव हारे और 11 लोगों की जमानत जब्त हो गई। फिर बचीं 69 सीटें। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसी कौन सी आंधी भाजपा की चल रही थी कि 69 में से 48 सीटें भाजपा जीत गई? आज भी लोग इस नतीजे को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी सौंप चुकी हाईकमान को रिपोर्ट बता दें कि राहुल गांधी की समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की दो सदस्यीय फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टू वन बात की। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है। हालांकि कमेटी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।
विधानसभा अध्यक्ष चुनने के बाद आज करनाल पहुंच रहे क्लयाण:कुरुक्षेत्र के बाद करनाल में रखा गया 7 जगह भव्य स्वागत कार्यक्रम, 28 को अधिकारियों के साथ करेंगे मीटिंग
विधानसभा अध्यक्ष चुनने के बाद आज करनाल पहुंच रहे क्लयाण:कुरुक्षेत्र के बाद करनाल में रखा गया 7 जगह भव्य स्वागत कार्यक्रम, 28 को अधिकारियों के साथ करेंगे मीटिंग हरियाणा विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण का स्वागत उनके गृह क्षेत्र घरौंडा सहित करनाल और कुरुक्षेत्र में भव्य तरीके से किया जाएगा। रविवार 27 अक्टूबर को हरविंद्र कल्याण सबसे पहले कुरुक्षेत्र के पेराकीट टूरिस्ट कंपलेक्स पर रुकेंगे, जहां स्थानीय लोग उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद वह सुबह 10:30 बजे नीलोखेड़ी के काली माता मंदिर रोड पर लोगों से मुलाकात करेंगे। फिर करनाल पहुंचेंगे, जहां उनका स्वागत कई स्थानों पर किया जाएगा और वे अपने मधुबन स्थित कल्याण फार्म हाउस पर पहुंचेंगे। क्षेत्र के लोगों और कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है, क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद हरविंद्र कल्याण पहली बार अपने क्षेत्र का दौरा करेंगे। कुरुक्षेत्र से करनाल तक स्वागत आज विधानसभा अध्यक्ष सुबह सबसे पहले कुरुक्षेत्र के पेराकीट टूरिस्ट कंपलेक्स पहुंचेंगे। वहां से वे नीलोखेड़ी के काली माता मंदिर रोड पर सुबह 10:30 बजे जनता से मिलेंगे और इसके बाद करनाल के विभिन्न स्थानों पर पहुंचेंगे। करनाल में विभिन्न स्थानों पर रुकने के दौरान उनके स्वागत का विस्तृत कार्यक्रम रखा गया है। करनाल में मुख्य कार्यक्रमों की डिटेल- आईटीआई चौक – सुबह 9:45 बजे नवनियुक्त विधानसभा अध्यक्ष का यहां आगमन होगा और जनता द्वारा स्वागत किया जाएगा। – कर्ण कमल, करनाल – यहां सुबह 10:30 बजे उनसे मिलने का अवसर होगा, जहां पर स्थानीय लोगों का स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया है। – सेक्टर 6 चौक – सुबह 11:00 बजे विधानसभा अध्यक्ष यहां पहुंचेंगे, जहां से वे आगे बढ़ेंगे। – ताऊ देवीलाल चौक – सुबह 11:15 बजे हरविंद्र कल्याण का यहां रुकने का कार्यक्रम तय किया गया है। – कम्बोपुरा, निकट सरकारी स्कूल – सुबह 11:30 बजे यहां लोगों से मुलाकात होगी। – पक्का पुल ऊंचा समाना – सुबह 11:40 बजे विधानसभा अध्यक्ष यहां पहुंचेंगे। – कल्याण फार्म हाउस, मधुबन – स्वागत का अंतिम कार्यक्रम यहां दोपहर 12:00 बजे होगा। 28 अक्तूबर को लेंगे अधिकारियों के साथ बैठक विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण 28 अक्टूबर को करनाल के लघु सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सोमवार सुबह 11:00 बजे होने वाली इस बैठक में जिले के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।