<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Assembly Elections Result 2025:</strong> उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में अहम भूमिका निभाई. उनके नेतृत्व और आक्रामक प्रचार शैली का असर ऐसा रहा कि जिन 23 सीटों पर उन्होंने प्रचार किया, उनमें से 18 पर भाजपा को जीत मिली. इस तरह सीएम धामी के प्रचार वाली सीटों पर पार्टी को 78% सफलता मिली, जिससे उनका राष्ट्रीय राजनीति में कद और मजबूत हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक नियुक्त किया था. धामी ने पूरे चुनाव अभियान के दौरान 52 चुनावी सभाएं और रोड शो किए. उन्होंने उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए दिल्ली के मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी के अभियान को मजबूती दी</strong><br />राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि धामी ने प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और केंद्रीय गृहमंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> के भरोसे पर खरा उतरते हुए दिल्ली में भाजपा के अभियान को मजबूती दी. खासकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने केजरीवाल सरकार की विफलताओं को उजागर किया. इसका सबसे बड़ा उदाहरण नई दिल्ली सीट है, जहां भाजपा प्रत्याशी प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पराजित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली चुनाव में धामी का प्रभाव साफ तौर पर नजर आया. उन्होंने अपने भाषणों में विकास, सुशासन और भाजपा की विचारधारा को केंद्र में रखा. उत्तराखंड में लिए गए उनके कठोर फैसले, जैसे धर्मांतरण विरोधी कानून, नकलरोधी कानून, दंगारोधी कानून और सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने के प्रयासों को उन्होंने चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेष रूप से समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर उनकी स्पष्ट और सशक्त बातों ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़े नेता के रूप में उभारा. उन्होंने मतदाताओं को बताया कि भाजपा देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और उत्तराखंड इसका पहला उदाहरण बनेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन सीटों पर जीती बीजेपी</strong><br />मुख्यमंत्री धामी ने जिन उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, उनमें से 18 ने जीत दर्ज की. इनमें शामिल हैं, कस्तूरबा नगर से नीरज बसोया, मोती नगर से हरीश खुराना, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, आरके पुरम से अनिल शर्मा, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय, पटपड़गंज से रविंद्र सिंह नेगी, करावल नगर से कपिल मिश्रा और रिठाला से कुलवंत राणा ने जीत दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जबकि द्वारका से प्रद्युम्न राजपूत, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, मटियाला से संदीप सहरावत, लक्ष्मी नगर से अभय वर्मा, संगम विहार से चंदन कुमार चौधरी, उत्तम नगर से पवन शर्मा, पालम से कुलदीप सोलंकी, वजीरपुर से पूनम शर्मा और बवाना से रविंद्र इंद्राज सिंह ने जीत दर्ज की. इन सभी सीटों पर सीएम धामी ने जनसभाएं और रोड शो किए थे, जिनका सीधा लाभ भाजपा प्रत्याशियों को मिला.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-government-is-considering-including-cow-and-cow-husbandry-in-up-school-curriculum-2880430″>‘गाय और गोपालन’ को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही योगी सरकार</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ी जिम्मेदारियों के लिए तैयार</strong><br />उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में धामी ने कई सख्त और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिससे वे सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चित हो गए हैं. दिल्ली चुनाव में उनके प्रभावी प्रचार अभियान के बाद अब यह चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर और बड़ी जिम्मेदारियों के लिए तैयार कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनकी सधी हुई रणनीति और आक्रामक प्रचार शैली ने भाजपा नेतृत्व को यह संकेत दिया है कि वे भविष्य में पार्टी के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय नेता बन सकते हैं. विशेष रूप से युवा नेतृत्व के रूप में उनका उभरना भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकता है. चुनाव नतीजों के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच ‘धामी मैजिक’ की खूब चर्चा हो रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने दिल्ली चुनाव में भाजपा की सफलता की नींव रखी, उसने साबित कर दिया कि वे सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनकी रणनीति राष्ट्रीय स्तर पर भी कारगर साबित हो सकती है. कुल मिलाकर, दिल्ली चुनाव में पुष्कर सिंह धामी का प्रदर्शन भाजपा के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ. 23 सीटों में से 18 पर जीत ने न सिर्फ भाजपा के लिए सफलता सुनिश्चित की, बल्कि धामी की नेतृत्व क्षमता और प्रभावशाली प्रचार शैली को भी राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Assembly Elections Result 2025:</strong> उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में अहम भूमिका निभाई. उनके नेतृत्व और आक्रामक प्रचार शैली का असर ऐसा रहा कि जिन 23 सीटों पर उन्होंने प्रचार किया, उनमें से 18 पर भाजपा को जीत मिली. इस तरह सीएम धामी के प्रचार वाली सीटों पर पार्टी को 78% सफलता मिली, जिससे उनका राष्ट्रीय राजनीति में कद और मजबूत हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक नियुक्त किया था. धामी ने पूरे चुनाव अभियान के दौरान 52 चुनावी सभाएं और रोड शो किए. उन्होंने उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए दिल्ली के मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी के अभियान को मजबूती दी</strong><br />राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि धामी ने प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और केंद्रीय गृहमंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> के भरोसे पर खरा उतरते हुए दिल्ली में भाजपा के अभियान को मजबूती दी. खासकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने केजरीवाल सरकार की विफलताओं को उजागर किया. इसका सबसे बड़ा उदाहरण नई दिल्ली सीट है, जहां भाजपा प्रत्याशी प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पराजित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली चुनाव में धामी का प्रभाव साफ तौर पर नजर आया. उन्होंने अपने भाषणों में विकास, सुशासन और भाजपा की विचारधारा को केंद्र में रखा. उत्तराखंड में लिए गए उनके कठोर फैसले, जैसे धर्मांतरण विरोधी कानून, नकलरोधी कानून, दंगारोधी कानून और सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने के प्रयासों को उन्होंने चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विशेष रूप से समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर उनकी स्पष्ट और सशक्त बातों ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़े नेता के रूप में उभारा. उन्होंने मतदाताओं को बताया कि भाजपा देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और उत्तराखंड इसका पहला उदाहरण बनेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन सीटों पर जीती बीजेपी</strong><br />मुख्यमंत्री धामी ने जिन उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, उनमें से 18 ने जीत दर्ज की. इनमें शामिल हैं, कस्तूरबा नगर से नीरज बसोया, मोती नगर से हरीश खुराना, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, आरके पुरम से अनिल शर्मा, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय, पटपड़गंज से रविंद्र सिंह नेगी, करावल नगर से कपिल मिश्रा और रिठाला से कुलवंत राणा ने जीत दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जबकि द्वारका से प्रद्युम्न राजपूत, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, मटियाला से संदीप सहरावत, लक्ष्मी नगर से अभय वर्मा, संगम विहार से चंदन कुमार चौधरी, उत्तम नगर से पवन शर्मा, पालम से कुलदीप सोलंकी, वजीरपुर से पूनम शर्मा और बवाना से रविंद्र इंद्राज सिंह ने जीत दर्ज की. इन सभी सीटों पर सीएम धामी ने जनसभाएं और रोड शो किए थे, जिनका सीधा लाभ भाजपा प्रत्याशियों को मिला.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-government-is-considering-including-cow-and-cow-husbandry-in-up-school-curriculum-2880430″>‘गाय और गोपालन’ को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही योगी सरकार</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ी जिम्मेदारियों के लिए तैयार</strong><br />उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में धामी ने कई सख्त और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिससे वे सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चित हो गए हैं. दिल्ली चुनाव में उनके प्रभावी प्रचार अभियान के बाद अब यह चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर और बड़ी जिम्मेदारियों के लिए तैयार कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनकी सधी हुई रणनीति और आक्रामक प्रचार शैली ने भाजपा नेतृत्व को यह संकेत दिया है कि वे भविष्य में पार्टी के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय नेता बन सकते हैं. विशेष रूप से युवा नेतृत्व के रूप में उनका उभरना भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकता है. चुनाव नतीजों के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच ‘धामी मैजिक’ की खूब चर्चा हो रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने दिल्ली चुनाव में भाजपा की सफलता की नींव रखी, उसने साबित कर दिया कि वे सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनकी रणनीति राष्ट्रीय स्तर पर भी कारगर साबित हो सकती है. कुल मिलाकर, दिल्ली चुनाव में पुष्कर सिंह धामी का प्रदर्शन भाजपा के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ. 23 सीटों में से 18 पर जीत ने न सिर्फ भाजपा के लिए सफलता सुनिश्चित की, बल्कि धामी की नेतृत्व क्षमता और प्रभावशाली प्रचार शैली को भी राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड नहीं रुकेगी अखिलेश यादव की दौड़ती हुई साइकिल, हार के बाद फिर स्पष्ट कर दिया अपना रुख
दिल्ली विधानसभा चुनाव में चला ‘धामी मैजिक’, दिखी धाक, 23 में से 18 सीटों पर जीती BJP
