<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक महिला के निजी आभूषण जब्त करने के मामले में कस्टम विभाग पर सख्त रुख अपनाते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है. कोर्ट ने इस कार्रवाई को अनुचित, अवैध और असंवेदनशील करार देते हुए कस्टम विभाग को दो कार्यदिवसों के भीतर बिना किसी भंडारण शुल्क के आभूषण लौटाने का कड़ा निर्देश दिया.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>यात्रा से लौटते ही परिवार को किया गया परेशान</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता पूजा सेठ ने याचिका दायर कर अपने निजी आभूषणों की वापसी की मांग की थी. उन्होंने बताया कि वह 16 जनवरी को अपने पति और बच्चों के साथ बैंकॉक में एक विवाह समारोह में शामिल होने गई थीं और 20 जनवरी को भारत लौटीं.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>इसी दौरान IGI एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने न केवल उन्हें रोका बल्कि उनके सोने के आभूषण जब्त कर लिए, जिससे उनका पूरा परिवार मानसिक प्रताड़ना से गुजरा. जब्त किए गए आभूषणों में चार पत्थर जड़े सोने के कंगन (78 ग्राम), एक सोने का कंगन (45 ग्राम), और एक सोने की चेन व पेंडेंट (67 ग्राम) शामिल थे. </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>कस्टम विभाग की गैर-कानूनी हरकत पर कोर्ट की फटकार</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>जस्टिस प्रतिभा सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने इस मामले में कस्टम विभाग को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा याचिकाकर्ता के सोने की ज्वैलरी की जब्ती पूरी तरह से गैर-कानूनी और अनुचित थी. यह उनकी व्यक्तिगत संपत्ति थी और इसे जब्त करने का कोई औचित्य नहीं था.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता पूजा सेठ द्वारा पेश सबूतों को मानते हुए कहा कि जब्त किए गए आभूषण उनके पारिवारिक विरासत का हिस्सा थे, जो उनकी दादी से उन्हें मिले थे. उन्होंने इसका प्रमाण देने के लिए पुरानी तस्वीरें और वसीयत की कॉपी भी कोर्ट में पेश की. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कस्टम विभाग की यह मनमानी आम नागरिकों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>जबरन दबाव में लिया गया बयान- याचिकाकर्ता</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने कस्टम अधिकारियों के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ता से जबरन एक बयान पर हस्ताक्षर करवाए जिसमें उनसे यह स्वीकार करने को कहा गया कि वह जुर्माना और दंड भरने के लिए तैयार हैं तथा कारण बताओ नोटिस या व्यक्तिगत सुनवाई का अधिकार छोड़ रही हैं.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने इसे गंभीर बताते हुए कहा यह साफ-साफ दबाव में लिया गया बयान प्रतीत होता है. संबंधित कस्टम अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अनिवार्य है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता को हलफनामा दायर करने की अनुमति</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>अदालत ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता चाहें तो वह हवाई अड्डे पर अपने और अपने परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर हलफनामा दायर कर सकती हैं. कोर्ट ने संकेत दिया कि यदि कस्टम अधिकारियों की मनमानी पर लगाम नहीं लगाई गई तो भविष्य में और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी.</div> <div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक महिला के निजी आभूषण जब्त करने के मामले में कस्टम विभाग पर सख्त रुख अपनाते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है. कोर्ट ने इस कार्रवाई को अनुचित, अवैध और असंवेदनशील करार देते हुए कस्टम विभाग को दो कार्यदिवसों के भीतर बिना किसी भंडारण शुल्क के आभूषण लौटाने का कड़ा निर्देश दिया.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>यात्रा से लौटते ही परिवार को किया गया परेशान</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता पूजा सेठ ने याचिका दायर कर अपने निजी आभूषणों की वापसी की मांग की थी. उन्होंने बताया कि वह 16 जनवरी को अपने पति और बच्चों के साथ बैंकॉक में एक विवाह समारोह में शामिल होने गई थीं और 20 जनवरी को भारत लौटीं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>इसी दौरान IGI एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने न केवल उन्हें रोका बल्कि उनके सोने के आभूषण जब्त कर लिए, जिससे उनका पूरा परिवार मानसिक प्रताड़ना से गुजरा. जब्त किए गए आभूषणों में चार पत्थर जड़े सोने के कंगन (78 ग्राम), एक सोने का कंगन (45 ग्राम), और एक सोने की चेन व पेंडेंट (67 ग्राम) शामिल थे. </div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>कस्टम विभाग की गैर-कानूनी हरकत पर कोर्ट की फटकार</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>जस्टिस प्रतिभा सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने इस मामले में कस्टम विभाग को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा याचिकाकर्ता के सोने की ज्वैलरी की जब्ती पूरी तरह से गैर-कानूनी और अनुचित थी. यह उनकी व्यक्तिगत संपत्ति थी और इसे जब्त करने का कोई औचित्य नहीं था.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता पूजा सेठ द्वारा पेश सबूतों को मानते हुए कहा कि जब्त किए गए आभूषण उनके पारिवारिक विरासत का हिस्सा थे, जो उनकी दादी से उन्हें मिले थे. उन्होंने इसका प्रमाण देने के लिए पुरानी तस्वीरें और वसीयत की कॉपी भी कोर्ट में पेश की. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कस्टम विभाग की यह मनमानी आम नागरिकों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>जबरन दबाव में लिया गया बयान- याचिकाकर्ता</strong></div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाई कोर्ट ने कस्टम अधिकारियों के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ता से जबरन एक बयान पर हस्ताक्षर करवाए जिसमें उनसे यह स्वीकार करने को कहा गया कि वह जुर्माना और दंड भरने के लिए तैयार हैं तथा कारण बताओ नोटिस या व्यक्तिगत सुनवाई का अधिकार छोड़ रही हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने इसे गंभीर बताते हुए कहा यह साफ-साफ दबाव में लिया गया बयान प्रतीत होता है. संबंधित कस्टम अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अनिवार्य है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता को हलफनामा दायर करने की अनुमति</strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>अदालत ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता चाहें तो वह हवाई अड्डे पर अपने और अपने परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर हलफनामा दायर कर सकती हैं. कोर्ट ने संकेत दिया कि यदि कस्टम अधिकारियों की मनमानी पर लगाम नहीं लगाई गई तो भविष्य में और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी.</div> दिल्ली NCR भोपालवासियों को झटका, नगर निगम ने पानी और प्रॉपर्टी टैक्स में की इतनी बढ़ोतरी
दिल्ली हाई कोर्ट ने कस्टम विभाग पर लगाया 25 हजार का जुर्माना, जब्त आभूषण लौटाने के आदेश
