मानसा जिले के एक किसान द्वारा 2 महीने पहले अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर बेटी को कनाडा भेजा था।बेटी की कनाडा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। बेटी की मौत की खबर से0 परिवार सदमे में है और पंजाब सरकार से अपील कर रहा है कि उनकी बेटी की लाश को भारत लाकर उन्हें सौंपा जाए ताकि वह अपनी बेटी का आखिरी बार मुंह देख सके। मानसा जिले के गांव बरे के किसान मिट्ठू सिंह द्वारा अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर अपनी बेटी बेअंत कौर (25) को 31 मार्च 2024 को कनाडा भेजा था, जहां उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। मिट्ठू सिंह ने बताया कि वह दो एकड़ जमीन का मालिक है और 1 एकड़ जमीन बेचकर 26 लाख लगाकर अपनी बेटी को कनाडा भेजा था। वहां से अब उन्हें फोन आया है कि उनकी बेटी की हार्ट अटैक से कुछ दिन पहले मौत हो गई। लाश को भारत लाने की गुहार उन्होंने कहा कि बेटी की लाश को भारत लाने के लिए 35 लख रुपए खर्च आएंगे, लेकिन अब उनके पास पैसे नहीं है। उन्होंने कहा कि सोचा था कि बेटी कनाडा जाकर घर की गरीबी दूर करेगी और अपनी दो बहनों और भाई का अच्छा भविष्य बनाएगी, लेकिन हमारे सपने चकनाचूर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब चिंता सता रही है कि अब बेटी की लाश को भारत कैसे लाएं। उन्होंने कहा कि कई सियासी नेताओं से बातचीत की, लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी। वहीं उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल से गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी बेटी की लाश को भारत लाने का प्रबंध किया जाए, ताकि वह अपनी बेटी का आखिरी बार मुंह देख सके। मानसा जिले के एक किसान द्वारा 2 महीने पहले अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर बेटी को कनाडा भेजा था।बेटी की कनाडा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। बेटी की मौत की खबर से0 परिवार सदमे में है और पंजाब सरकार से अपील कर रहा है कि उनकी बेटी की लाश को भारत लाकर उन्हें सौंपा जाए ताकि वह अपनी बेटी का आखिरी बार मुंह देख सके। मानसा जिले के गांव बरे के किसान मिट्ठू सिंह द्वारा अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर अपनी बेटी बेअंत कौर (25) को 31 मार्च 2024 को कनाडा भेजा था, जहां उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। मिट्ठू सिंह ने बताया कि वह दो एकड़ जमीन का मालिक है और 1 एकड़ जमीन बेचकर 26 लाख लगाकर अपनी बेटी को कनाडा भेजा था। वहां से अब उन्हें फोन आया है कि उनकी बेटी की हार्ट अटैक से कुछ दिन पहले मौत हो गई। लाश को भारत लाने की गुहार उन्होंने कहा कि बेटी की लाश को भारत लाने के लिए 35 लख रुपए खर्च आएंगे, लेकिन अब उनके पास पैसे नहीं है। उन्होंने कहा कि सोचा था कि बेटी कनाडा जाकर घर की गरीबी दूर करेगी और अपनी दो बहनों और भाई का अच्छा भविष्य बनाएगी, लेकिन हमारे सपने चकनाचूर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब चिंता सता रही है कि अब बेटी की लाश को भारत कैसे लाएं। उन्होंने कहा कि कई सियासी नेताओं से बातचीत की, लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी। वहीं उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल से गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी बेटी की लाश को भारत लाने का प्रबंध किया जाए, ताकि वह अपनी बेटी का आखिरी बार मुंह देख सके। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अकाली दल की एक मात्र सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ भाजपा भी सिखों के खिलाफ अमानवीय अपराध करने के लिए समान रूप से दोषी हैं। हालांकि यह सच है कि सिखों, उनकी संस्थाओं और उनके सबसे पवित्र तीर्थस्थलों पर अब लगातार हमले हो रहे हैं और उन्हें सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ दल के खुले हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। राहुल गांधी की अपनी पार्टी के हाथ 1984 में दिल्ली, कानपुर आदि में हुए नरसंहारों में हजारों निर्दोष सिखों के खून से रंगे हुए हैं। क्या उन्होंने अपनी दादी के लिए माफी मांगी है। इंदिरा गांधी द्वारा सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थल श्री हरमंदर साहिब में टैंक और मोर्टार घुमाने और श्री अकाल तख्त साहिब को ध्वस्त करने का कृत्य किया? ऐसी माफी के अभाव में, क्या राहुल को हमारे बहादुर और देशभक्त समुदाय के खिलाफ भेदभाव पर बोलने का नैतिक अधिकार भी है। भाजपा भी सिखों के खिलाफ भेदभाव और सिख तीर्थस्थलों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की दोषी है। इनमें से किसी एक पक्ष के अपराध दूसरे को समान पापों से मुक्त नहीं करते हैं। सिख मुद्दों पर बोलने से पहले 1984 में उनकी दादी की सरकार और पार्टी ने जो किया था, उसके लिए कम से कम राहुल सिखों से माफी मांग सकते हैं।