पंजाब का सबसे महंगा टोल प्लाजा लाडोवाल पिछले 26 दिनों से किसानों ने बंद करवाया हुआ है। किसानों ने टोल प्लाजा से धरना हटा लिया है, लेकिन पल्लियां लगाकर टोल प्लाजा के केबिन बंद कर दिए हैं। किसानों ने टोल प्लाजा पर अपना झंडा फहरा दिया है। फिलहाल टोल प्लाजा फ्री है। इस मामले में NHAI ने हाईकोर्ट में केस दायर किया है। जिसकी सुनवाई आज होनी है। उधर, किसानों ने भी शाम 4 बजे समस्त जत्थेबंदियों के साथ अगली रणनीति बनाने के लिए मीटिंग रखी है। दिलबाग बोले-किसान रखेंगे कोर्ट में अपना पक्ष भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लाडोवाल टोल प्लाजा बंद करने के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई है। आज वह अपने वकील को हाईकोर्ट भेजेंगे। किसान भी टोल प्लाजा बंद करने के कारण का पक्ष अदालत में रखेंगे। दिलबाग सिंह ने कहा कि टोल प्लाजा पर लगातार बढ़ रहे दामों से लोग परेशान हैं। लोगों से खुलेआम लूट हो रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी की लगातार लापरवाही दिख रही है। लाडोवाल टोल प्लाजा के अंतर्गत आने वाले इलाकों की लाइटें भी निजी कंपनियों ने अपने कब्जे में ले ली हैं। सड़के टूटी हुई है। 26 करोड़ का टेक्स लोगों का बचा
16 जून से किसानों ने इस टोल को बंद करवाया हुआ है। अभी तक 26 करोड़ रुपए का टेक्स लोगों का बचा है। 10 लाख से अधिक वाहन चालक बिना टेक्स दिए इस टोल से जा चुके है। मुफ्त टोल होने के कारण वाहन चालक किसानों का धन्यवाद करते हुए भी टोल प्लाजा पर दिख जाते है। जिला प्रशासन से हो चुकी 3 बैठकें
अभी तक किसानों की जिला प्रशासन से 3 बैठकें हो चुकी है। पहली बैठक टोल प्लाजा पर धरने के दौरान हुई थी। जिसमें किसानों ने जिला प्रशासन को टोल प्लाजा बंद करने संबंधी मांग पत्र दिया था। इसके बाद दूसरी बैठक धरना उठाने के बाद अधिकारियों से हुई थी लेकिन इस बैठक में NHAI का कोई अधिकारी मौजूद नहीं है। इसी तरह बीते दिन मंगलवार को किसानों के साथ जिला प्रशासन डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बैठक की। किसानों ने उन्हें टोल प्लाजा की कमियां गिनवाई।
पढ़े पहली सुनवाई में क्या हुआ
एनएचएआई ने पहली सुनाई में हाईकोर्ट में कहा कि उनके 4 टोल बंद कर दिए गए हैं। एनएचएआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था।
बता दें कि एनएचएआई ने लुधियाना के लाडोवाल टोल प्लाजा समेत चार टोल प्लाजा को बंद करने के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है। NHAI ने अपनी याचिका में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि बार बार टोल प्लाजा पर अतिक्रमण कर उन्हे बंद किया जा रहा है। इतना ही नहीं राज्य सरकार के मंत्री भी इस प्रदर्शन में शामिल होकर इस अवैध कदम का समर्थन कर रहे हैं। याचिका के अनुसार इस तरह टोल बंद कर न सिर्फ कानून व्यवस्था आहत किया जा रहा बल्कि इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। कोर्ट को बताया गया कि NHAI तरफ से इन टोल पर ट्रेक्टर ट्रॉली तो पहले ही मुफ्त है इसके बावजूद इसे मुद्दा बनाया गया है। याचिका के अनुसार जो टोल बंद किए गए हैं उनमें लाडोवाल सहित अमृतसर का उसमा, जालंधर का चक्क बहनिया और अंबाला का घग्गर टोल है शामिल है। याचिका में किसानों के विरोध के कारण वित्तीय नुकसान का दावा करते हुए पंजाब क्षेत्र में लाडोवाल टोल प्लाजा समेत अन्य पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और नुकसान की भरपाई करने के निर्देश देने की मांग की है। किसानों के विरोध के कारण टोल प्लाजा में टोल का काम और संग्रह बाधित हो गया और अपेक्षित टोल एकत्र नहीं किया जा सका। टोल के एकत्र न करने से राजमार्ग के रखरखाव में व्यवधान आया है और याचिकाकर्ता कंपनी पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ रहा है। हाई कोर्ट से टोल शुल्क का संग्रह सुनिश्चित करने व लाडोवाल टोल प्लाजा में पर कानून-व्यवस्था का रखरखाव और याचिकाकर्ता कंपनी के कर्मचारियों की पूरी सुरक्षा देने की मांग की है। पंजाब का सबसे महंगा टोल प्लाजा लाडोवाल पिछले 26 दिनों से किसानों ने बंद करवाया हुआ है। किसानों ने टोल प्लाजा से धरना हटा लिया है, लेकिन पल्लियां लगाकर टोल प्लाजा के केबिन बंद कर दिए हैं। किसानों ने टोल प्लाजा पर अपना झंडा फहरा दिया है। फिलहाल टोल प्लाजा फ्री है। इस मामले में NHAI ने हाईकोर्ट में केस दायर किया है। जिसकी सुनवाई आज होनी है। उधर, किसानों ने भी शाम 4 बजे समस्त जत्थेबंदियों के साथ अगली रणनीति बनाने के लिए मीटिंग रखी है। दिलबाग बोले-किसान रखेंगे कोर्ट में अपना पक्ष भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लाडोवाल टोल प्लाजा बंद करने के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई है। आज वह अपने वकील को हाईकोर्ट भेजेंगे। किसान भी टोल प्लाजा बंद करने के कारण का पक्ष अदालत में रखेंगे। दिलबाग सिंह ने कहा कि टोल प्लाजा पर लगातार बढ़ रहे दामों से लोग परेशान हैं। लोगों से खुलेआम लूट हो रही है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी की लगातार लापरवाही दिख रही है। लाडोवाल टोल प्लाजा के अंतर्गत आने वाले इलाकों की लाइटें भी निजी कंपनियों ने अपने कब्जे में ले ली हैं। सड़के टूटी हुई है। 26 करोड़ का टेक्स लोगों का बचा
16 जून से किसानों ने इस टोल को बंद करवाया हुआ है। अभी तक 26 करोड़ रुपए का टेक्स लोगों का बचा है। 10 लाख से अधिक वाहन चालक बिना टेक्स दिए इस टोल से जा चुके है। मुफ्त टोल होने के कारण वाहन चालक किसानों का धन्यवाद करते हुए भी टोल प्लाजा पर दिख जाते है। जिला प्रशासन से हो चुकी 3 बैठकें
अभी तक किसानों की जिला प्रशासन से 3 बैठकें हो चुकी है। पहली बैठक टोल प्लाजा पर धरने के दौरान हुई थी। जिसमें किसानों ने जिला प्रशासन को टोल प्लाजा बंद करने संबंधी मांग पत्र दिया था। इसके बाद दूसरी बैठक धरना उठाने के बाद अधिकारियों से हुई थी लेकिन इस बैठक में NHAI का कोई अधिकारी मौजूद नहीं है। इसी तरह बीते दिन मंगलवार को किसानों के साथ जिला प्रशासन डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बैठक की। किसानों ने उन्हें टोल प्लाजा की कमियां गिनवाई।
पढ़े पहली सुनवाई में क्या हुआ
एनएचएआई ने पहली सुनाई में हाईकोर्ट में कहा कि उनके 4 टोल बंद कर दिए गए हैं। एनएचएआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था।
बता दें कि एनएचएआई ने लुधियाना के लाडोवाल टोल प्लाजा समेत चार टोल प्लाजा को बंद करने के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है। NHAI ने अपनी याचिका में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि बार बार टोल प्लाजा पर अतिक्रमण कर उन्हे बंद किया जा रहा है। इतना ही नहीं राज्य सरकार के मंत्री भी इस प्रदर्शन में शामिल होकर इस अवैध कदम का समर्थन कर रहे हैं। याचिका के अनुसार इस तरह टोल बंद कर न सिर्फ कानून व्यवस्था आहत किया जा रहा बल्कि इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। कोर्ट को बताया गया कि NHAI तरफ से इन टोल पर ट्रेक्टर ट्रॉली तो पहले ही मुफ्त है इसके बावजूद इसे मुद्दा बनाया गया है। याचिका के अनुसार जो टोल बंद किए गए हैं उनमें लाडोवाल सहित अमृतसर का उसमा, जालंधर का चक्क बहनिया और अंबाला का घग्गर टोल है शामिल है। याचिका में किसानों के विरोध के कारण वित्तीय नुकसान का दावा करते हुए पंजाब क्षेत्र में लाडोवाल टोल प्लाजा समेत अन्य पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और नुकसान की भरपाई करने के निर्देश देने की मांग की है। किसानों के विरोध के कारण टोल प्लाजा में टोल का काम और संग्रह बाधित हो गया और अपेक्षित टोल एकत्र नहीं किया जा सका। टोल के एकत्र न करने से राजमार्ग के रखरखाव में व्यवधान आया है और याचिकाकर्ता कंपनी पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ रहा है। हाई कोर्ट से टोल शुल्क का संग्रह सुनिश्चित करने व लाडोवाल टोल प्लाजा में पर कानून-व्यवस्था का रखरखाव और याचिकाकर्ता कंपनी के कर्मचारियों की पूरी सुरक्षा देने की मांग की है। पंजाब | दैनिक भास्कर