देवबंदी उलेमा बोले- विग लगाकर पढ़ी गई नमाज अधूरी:सहारनपुर में कहा- बनावटी बाल मुसलमान न लगाएं, वजू और गुसल करना हो जाता है नाजायज

देवबंदी उलेमा बोले- विग लगाकर पढ़ी गई नमाज अधूरी:सहारनपुर में कहा- बनावटी बाल मुसलमान न लगाएं, वजू और गुसल करना हो जाता है नाजायज

सहारनपुर में देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने विग लगाने को हराम बताया है। उन्होंने कहा- सिर, दाढ़ी या मूंछों पर बनावटी बाल (विग) लगे होने पर वजू और गुसल करना नाजायज है। यदि कोई व्यक्ति विग या नकली दाढ़ी लगाकर नमाज अदा करता है तो ऐसी नमाज अधूरी मानी जाएगी। मुसलमानों को दिखावे और बनावट के बजाय सादगी, पाकीजगी और ईमानदारी को अपनाना चाहिए। मुसलमान विग न लगाएं। विग या नकली दाढ़ी पहनकर अदा की गई नमाज अधूरी
जमीयत दवातुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने शनिवार को एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- समाज में विग और स्टाइलिश हेयर ट्रेंड्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। विग या नकली दाढ़ी पहनकर अदा की गई नमाज अधूरी है। क्योंकि इससे वुज़ू और गुसल की बुनियादी शर्तें पूरी नहीं होतीं। विग पहनने से सिर की त्वचा तक पानी नहीं पहुंचता, जिससे वुज़ू और गुसल का उद्देश्य ही विफल हो जाता है। कहा- साल 2016 में दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा जारी किया था। फतवे में स्पष्ट किया गया था, कि अगर आदमी के अपने ही बाल शरीर के किसी हिस्से से दूसरे हिस्से पर इस तरह जड़ दिए जाएं कि वे उतर न सकें। ऐसी स्थिति में गुसल व वजू जायज है। अगर दूसरे आदमी या अन्य प्रकार के बनावटी बाल अपने शरीर के किसी हिस्से पर विशेष तौर पर सिर, मूंछों, दाढ़ी पर लगाए तो यह जायज नहीं होगा। हेयर ट्रांसप्लांट है जायज, लेकिन विग नहीं
मौलाना गोरा ने विग और हेयर ट्रांसप्लांट में फर्क को लेकर कहा- हेयर ट्रांसप्लांट को शरीयत के खिलाफ नहीं माना गया, बशर्ते वह किसी धोखे या गैर-इस्लामी तरीके से न किया गया हो। लेकिन विग को एक तरह का छल और बनावट बताते हुए उन्होंने इसे शरीयत के खिलाफ करार दिया। उन्होंने युवाओं की बदलती जीवनशैली और बनावटी आदतों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवाओं को दिखावे और तामझाम के बजाय सादगी, पाकीजगी और ईमानदारी को अपनाना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया के तौर-तरीके बदल रहे हैं, दीन और शरीयत के उसूलों को समझना और उन पर अमल करना और भी जरूरी हो गया है। हेयर फ्लिपिंग डांस इस्लाम में हराम है 21 मई को देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने हेयर फ्लिपिंग डांस को इस्लाम में हराम बताया था। वीडियो जारी कर उन्होंने कहा- औरतों को नाचने के लिए नहीं बनाया गया है। पर्दे के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा था कि नौजवान लड़कियों से हेयर फ्लिपिंग डांस करवाना और उसे इस्लामी संस्कृति से जोड़ना काबिले अफसोस है। ये इस्लामी तहजीब और शरीयत के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दौरे को लेकर दिया था। इसमें डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में मुस्लिम लड़कियां “हेयर फ्लिपिंग डांस” करती दिख रही थीं। कहा- इस्लाम ने औरत को मां, बहन, बेटी और पत्नी के रूप में सबसे ज्यादा इज्जत दी है। औरत एक कीमती मोती है। जिसे पर्दे और तहजीब से ढका जाता है, न कि कैमरे के सामने नचाया जाता है। पर्दा कोई बेड़ियां नहीं, बल्कि इज्जत की चादर है। उन्होंने कहा- शो बिजनेस नहीं है इस्लाम, यह रूहानी तहजीब है। मौलाना इसहाक गोरा ने कहा- इस्लामी संस्कृति किसी प्रदर्शन की चीज नहीं, बल्कि एक पाक और रूहानी राह है। मौलाना ने कहा- टैटू गुदवाने वाले अल्लाह से माफी मांगे
17 मई को देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मुस्लिम युवाओं के टैटू गुदवाने पर चिंता जताई थी। उन्होंने मुसलमान युवाओं से कहा है कि यह ये ट्रेंड इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। कहा, ये अल्लाह की बनाई सूरत में तब्दीली’ है। उन्होंने युवाओं से इससे तौबा करने की अपील की थी। कहा- आज के दौर में न सिर्फ नौजवान लड़के बल्कि लड़कियां भी टैटू को फैशन और तहजीब का हिस्सा समझ रही हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि समाज में इसे न कोई गुनाह मानता है, न ही बुरा समझा जा रहा है। बल्कि इसे ‘स्टेटस सिंबल’ मानकर बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस्लामी शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा-इस्लाम में जिस्म पर टैटू गुदवाना हराम है। यह अल्लाह की बनाई हुई फितरी सूरत को बदलने के बराबर है। जिसे कुरआन और हदीस में सख्ती से मना किया गया है। हजरत नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ऐसे लोगों पर लानत फरमाई है जो अपने जिस्म में नक्श व निगार बनवाते हैं। जो लोग पहले से टैटू गुदवा चुके हैं, उन्हें फौरन अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए और जहां तक मुमकिन हो, उन टैटू को हटवा लेना चाहिए। अब जानिए मौलाना के चार वह बयान जो चर्चा में रहे 1- वेलेंटाइन डे पर कहा था कि गैर इस्लामी रस्मों से दूर रहें मुस्लिम देवबंदी उलमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मुसलमानों को यह हिदायत दी थी कि वे गैर-इस्लामी रस्मों और त्योहारों से दूर रहें। खासतौर पर उन्होंने वैलेंटाइन डे जैसी रस्मों का जिक्र करते हुए कहा था कि यह इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इनका इस्लामी संस्कृति से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने समझाया कि इस्लाम ने हर इंसान को साफ-सुथरी और नैतिक जिंदगी गुजारने का हुक्म दिया है। ऐसी रस्में और त्योहार जिनमें फिजूलखर्ची, नैतिक गिरावट या गैर-जरूरी मेल-जोल को बढ़ावा दिया जाता है, उन्हें अपनाना मुसलमानों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने कहा- यह पश्चिमी सभ्यता की देन है, जिसमें अक्सर ऐसी हरकतें होती हैं जो इस्लाम के आदर्शों के खिलाफ हैं। 2- गैर मर्द औरत को छुए, इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं मौलाना ने कहा था कि शादी समारोह में मुस्लिम महिलाएं गैर महरम (पुरुषों) से मेहंदी लगवा रही हैं। ये प्रथा इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। मुस्लिमों को इस तरह के चलन से बचना चाहिए। गैर महरम (पुरुषों) से मेहंदी लगवा रही हैं। ये प्रथा इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। मुस्लिमों को इस तरह के चलन से बचना चाहिए। मुस्लिम महिलाओं का गैर पुरुषों से चूड़ी पहनना और मेंहदी लगवाना हराम है। ये फतवा इस्लामी शरीयत में मौजूद हिदायतों पर आधारित है। 3- रोजा रखना या नहीं रखना शमी और अल्लाह के बीच का मामला देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मोहम्मद शमी के रोजा नहीं रखने का बचाव किया। उन्होंने कहा था कि किसी के रोजा रखने या न रखने का मामला पूरी तरह से उनके और अल्लाह के बीच का है। शमी ने अगर किसी मजबूरी या शरीयत के तहत दी गई रियायत की वजह से रोजा नहीं रखा, तो वह गुनहगार नहीं माने जाएंगे। मौलाना इसहाक गोरा ने ट्रोलर्स को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि दूसरों की धार्मिक आस्थाओं और व्यक्तिगत फैसलों को लेकर अनावश्यक बहस न करें। हर व्यक्ति को अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए। 4- बाबा रामदेव का बयान निंदनीय, वह बुद्धिजीवी नहीं हो सकते मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- था कि हमदर्द कंपनी की रूहअफजा पर रामदेव का बयान निदंनीय है। मौलाना ने कहा था कि- हमदर्द जैसी प्रतिष्ठित कंपनी आजादी से पहले से ही देश में सेवा कर रही है। उसकी पहचान, उसकी गुणवत्तापूर्ण यूनानी व आयुर्वेदिक दवाओं व शरबतों से है। रूहअफजा भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। जिसे सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लोग पसंद करते हैं। भारत में व्यापार धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता, भरोसे और इंसाफ पर होता है। जो व्यक्ति अपने उत्पाद बेचने के लिए दूसरे धर्म या समुदाय को बदनाम करे, वो समाज का दुश्मन है। न कि योग का प्रचारक। ……………………. ये खबर भी पढ़िए- यूपी के मौलाना हेयर फ्लिपिंग डांस पर भड़के:UAE में ट्रंप के स्वागत में हुआ था, कहा-औरतें नाचने के लिए नहीं बनीं सहारनपुर के देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- औरतों को नाचने के लिए नहीं बनाया गया है। पर्दे के लिए बनाया गया है। मौलाना ने बुधवार को वीडियो जारी कर हेयर फ्लिपिंग डांस को इस्लाम में हराम बताया। उन्होंने कहा कि नौजवान लड़कियों से हेयर फ्लिपिंग डांस करवाना और उसे इस्लामी संस्कृति से जोड़ना काबिले अफसोस है। ये इस्लामी तहजीब और शरीयत के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं। पढ़ें पूरी खबर सहारनपुर में देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने विग लगाने को हराम बताया है। उन्होंने कहा- सिर, दाढ़ी या मूंछों पर बनावटी बाल (विग) लगे होने पर वजू और गुसल करना नाजायज है। यदि कोई व्यक्ति विग या नकली दाढ़ी लगाकर नमाज अदा करता है तो ऐसी नमाज अधूरी मानी जाएगी। मुसलमानों को दिखावे और बनावट के बजाय सादगी, पाकीजगी और ईमानदारी को अपनाना चाहिए। मुसलमान विग न लगाएं। विग या नकली दाढ़ी पहनकर अदा की गई नमाज अधूरी
जमीयत दवातुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने शनिवार को एक वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा- समाज में विग और स्टाइलिश हेयर ट्रेंड्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। विग या नकली दाढ़ी पहनकर अदा की गई नमाज अधूरी है। क्योंकि इससे वुज़ू और गुसल की बुनियादी शर्तें पूरी नहीं होतीं। विग पहनने से सिर की त्वचा तक पानी नहीं पहुंचता, जिससे वुज़ू और गुसल का उद्देश्य ही विफल हो जाता है। कहा- साल 2016 में दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा जारी किया था। फतवे में स्पष्ट किया गया था, कि अगर आदमी के अपने ही बाल शरीर के किसी हिस्से से दूसरे हिस्से पर इस तरह जड़ दिए जाएं कि वे उतर न सकें। ऐसी स्थिति में गुसल व वजू जायज है। अगर दूसरे आदमी या अन्य प्रकार के बनावटी बाल अपने शरीर के किसी हिस्से पर विशेष तौर पर सिर, मूंछों, दाढ़ी पर लगाए तो यह जायज नहीं होगा। हेयर ट्रांसप्लांट है जायज, लेकिन विग नहीं
मौलाना गोरा ने विग और हेयर ट्रांसप्लांट में फर्क को लेकर कहा- हेयर ट्रांसप्लांट को शरीयत के खिलाफ नहीं माना गया, बशर्ते वह किसी धोखे या गैर-इस्लामी तरीके से न किया गया हो। लेकिन विग को एक तरह का छल और बनावट बताते हुए उन्होंने इसे शरीयत के खिलाफ करार दिया। उन्होंने युवाओं की बदलती जीवनशैली और बनावटी आदतों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मुस्लिम युवाओं को दिखावे और तामझाम के बजाय सादगी, पाकीजगी और ईमानदारी को अपनाना चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया के तौर-तरीके बदल रहे हैं, दीन और शरीयत के उसूलों को समझना और उन पर अमल करना और भी जरूरी हो गया है। हेयर फ्लिपिंग डांस इस्लाम में हराम है 21 मई को देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने हेयर फ्लिपिंग डांस को इस्लाम में हराम बताया था। वीडियो जारी कर उन्होंने कहा- औरतों को नाचने के लिए नहीं बनाया गया है। पर्दे के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा था कि नौजवान लड़कियों से हेयर फ्लिपिंग डांस करवाना और उसे इस्लामी संस्कृति से जोड़ना काबिले अफसोस है। ये इस्लामी तहजीब और शरीयत के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दौरे को लेकर दिया था। इसमें डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में मुस्लिम लड़कियां “हेयर फ्लिपिंग डांस” करती दिख रही थीं। कहा- इस्लाम ने औरत को मां, बहन, बेटी और पत्नी के रूप में सबसे ज्यादा इज्जत दी है। औरत एक कीमती मोती है। जिसे पर्दे और तहजीब से ढका जाता है, न कि कैमरे के सामने नचाया जाता है। पर्दा कोई बेड़ियां नहीं, बल्कि इज्जत की चादर है। उन्होंने कहा- शो बिजनेस नहीं है इस्लाम, यह रूहानी तहजीब है। मौलाना इसहाक गोरा ने कहा- इस्लामी संस्कृति किसी प्रदर्शन की चीज नहीं, बल्कि एक पाक और रूहानी राह है। मौलाना ने कहा- टैटू गुदवाने वाले अल्लाह से माफी मांगे
17 मई को देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मुस्लिम युवाओं के टैटू गुदवाने पर चिंता जताई थी। उन्होंने मुसलमान युवाओं से कहा है कि यह ये ट्रेंड इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। कहा, ये अल्लाह की बनाई सूरत में तब्दीली’ है। उन्होंने युवाओं से इससे तौबा करने की अपील की थी। कहा- आज के दौर में न सिर्फ नौजवान लड़के बल्कि लड़कियां भी टैटू को फैशन और तहजीब का हिस्सा समझ रही हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि समाज में इसे न कोई गुनाह मानता है, न ही बुरा समझा जा रहा है। बल्कि इसे ‘स्टेटस सिंबल’ मानकर बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस्लामी शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा-इस्लाम में जिस्म पर टैटू गुदवाना हराम है। यह अल्लाह की बनाई हुई फितरी सूरत को बदलने के बराबर है। जिसे कुरआन और हदीस में सख्ती से मना किया गया है। हजरत नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ऐसे लोगों पर लानत फरमाई है जो अपने जिस्म में नक्श व निगार बनवाते हैं। जो लोग पहले से टैटू गुदवा चुके हैं, उन्हें फौरन अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए और जहां तक मुमकिन हो, उन टैटू को हटवा लेना चाहिए। अब जानिए मौलाना के चार वह बयान जो चर्चा में रहे 1- वेलेंटाइन डे पर कहा था कि गैर इस्लामी रस्मों से दूर रहें मुस्लिम देवबंदी उलमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मुसलमानों को यह हिदायत दी थी कि वे गैर-इस्लामी रस्मों और त्योहारों से दूर रहें। खासतौर पर उन्होंने वैलेंटाइन डे जैसी रस्मों का जिक्र करते हुए कहा था कि यह इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इनका इस्लामी संस्कृति से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने समझाया कि इस्लाम ने हर इंसान को साफ-सुथरी और नैतिक जिंदगी गुजारने का हुक्म दिया है। ऐसी रस्में और त्योहार जिनमें फिजूलखर्ची, नैतिक गिरावट या गैर-जरूरी मेल-जोल को बढ़ावा दिया जाता है, उन्हें अपनाना मुसलमानों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। उन्होंने कहा- यह पश्चिमी सभ्यता की देन है, जिसमें अक्सर ऐसी हरकतें होती हैं जो इस्लाम के आदर्शों के खिलाफ हैं। 2- गैर मर्द औरत को छुए, इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं मौलाना ने कहा था कि शादी समारोह में मुस्लिम महिलाएं गैर महरम (पुरुषों) से मेहंदी लगवा रही हैं। ये प्रथा इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। मुस्लिमों को इस तरह के चलन से बचना चाहिए। गैर महरम (पुरुषों) से मेहंदी लगवा रही हैं। ये प्रथा इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। मुस्लिमों को इस तरह के चलन से बचना चाहिए। मुस्लिम महिलाओं का गैर पुरुषों से चूड़ी पहनना और मेंहदी लगवाना हराम है। ये फतवा इस्लामी शरीयत में मौजूद हिदायतों पर आधारित है। 3- रोजा रखना या नहीं रखना शमी और अल्लाह के बीच का मामला देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने मोहम्मद शमी के रोजा नहीं रखने का बचाव किया। उन्होंने कहा था कि किसी के रोजा रखने या न रखने का मामला पूरी तरह से उनके और अल्लाह के बीच का है। शमी ने अगर किसी मजबूरी या शरीयत के तहत दी गई रियायत की वजह से रोजा नहीं रखा, तो वह गुनहगार नहीं माने जाएंगे। मौलाना इसहाक गोरा ने ट्रोलर्स को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि दूसरों की धार्मिक आस्थाओं और व्यक्तिगत फैसलों को लेकर अनावश्यक बहस न करें। हर व्यक्ति को अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए। 4- बाबा रामदेव का बयान निंदनीय, वह बुद्धिजीवी नहीं हो सकते मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- था कि हमदर्द कंपनी की रूहअफजा पर रामदेव का बयान निदंनीय है। मौलाना ने कहा था कि- हमदर्द जैसी प्रतिष्ठित कंपनी आजादी से पहले से ही देश में सेवा कर रही है। उसकी पहचान, उसकी गुणवत्तापूर्ण यूनानी व आयुर्वेदिक दवाओं व शरबतों से है। रूहअफजा भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। जिसे सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लोग पसंद करते हैं। भारत में व्यापार धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता, भरोसे और इंसाफ पर होता है। जो व्यक्ति अपने उत्पाद बेचने के लिए दूसरे धर्म या समुदाय को बदनाम करे, वो समाज का दुश्मन है। न कि योग का प्रचारक। ……………………. ये खबर भी पढ़िए- यूपी के मौलाना हेयर फ्लिपिंग डांस पर भड़के:UAE में ट्रंप के स्वागत में हुआ था, कहा-औरतें नाचने के लिए नहीं बनीं सहारनपुर के देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- औरतों को नाचने के लिए नहीं बनाया गया है। पर्दे के लिए बनाया गया है। मौलाना ने बुधवार को वीडियो जारी कर हेयर फ्लिपिंग डांस को इस्लाम में हराम बताया। उन्होंने कहा कि नौजवान लड़कियों से हेयर फ्लिपिंग डांस करवाना और उसे इस्लामी संस्कृति से जोड़ना काबिले अफसोस है। ये इस्लामी तहजीब और शरीयत के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर