अमृतसर| थाना सी-डिवीजन की पुलिस ने नाबालिगा को शादी का झांसा देकर भगाने के आरोप में युवक के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपी की पहचान गुज्जरपुरा के रहने वाले अर्जन उर्फ टिंडी के रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित महिला ने बताया कि उसकी बेटी साढ़े 12 वर्ष की है। 13 जनवरी की शाम को उसकी बेटी बाजार से कुछ सामान लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं आई। आरोपी युवक उसकी बेटी को भगाकर ले गया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आरोपी की तालाश शुरू कर दी है। अमृतसर| थाना सी-डिवीजन की पुलिस ने नाबालिगा को शादी का झांसा देकर भगाने के आरोप में युवक के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपी की पहचान गुज्जरपुरा के रहने वाले अर्जन उर्फ टिंडी के रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित महिला ने बताया कि उसकी बेटी साढ़े 12 वर्ष की है। 13 जनवरी की शाम को उसकी बेटी बाजार से कुछ सामान लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं आई। आरोपी युवक उसकी बेटी को भगाकर ले गया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में आरोपी की तालाश शुरू कर दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव को लेकर बेअदबी का इंसाफ नहीं कर रही सरकार
हरियाणा चुनाव को लेकर बेअदबी का इंसाफ नहीं कर रही सरकार भास्कर न्यूज | जालंधर शिरोमणि अकाली दल बचाओ लहर के कन्वीनर जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला और एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर ने आम आदमी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में विधानसभा चुनाव में बेअदबी का इंसाफ एक महीने में देने का वादा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार अब हरियाणा के चुनाव को लेकर गुरु साहिब की बेअदबी का इंसाफ नहीं दे रही है। आईजी रणबीर सिंह खटड़ा की सिट द्वारा दावे पेश करते हुए जो रिपोर्ट सबमिट की गई थी, उस पर अब तक मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से अप्रूवल नहीं दी जा रही, जिसके चलते एफआईआर की प्रॉसीक्यूशन का चालान पेश नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डेरा सच्चा सौदा का हरियाणा चुनाव में कई सीटों पर गहरा प्रभाव है, इसलिए आप सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है, जबकि साल 2015 से लेकर अकाली दल की सरकार के बाद कांग्रेस और अब आप की सरकार सत्ता में है लेकिन किसी ने भी गुरु साहिब की बेअदबी का इंसाफ नहीं किया। बीबी जगीर कौर ने कहा कि आईजी खटड़ा को गलत केस में फंसाने का काम भी सरकार कर रही है, जबकि साल 2022 से अब 2024 हो चुका है, मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से अब तक केस को लेकर मंजूरी नहीं दी गई है। उन्होंने अकाली दल की सरकार में 90 लाख के विज्ञापन देने के मामले में अकाली-भाजपा सरकार को घेरा और कहा कि कई बड़ी गलतियों की बदौलत आज लोग अकाली दल से दूर हो चुके हैं। अकाली दल बचाओ लहर अब लोगों में दोबारा पुरानी विचारधारा को जीवित करने के लिए 5 अगस्त से चंडीगढ़ में सेमिनार शुरू करेगी। जत्थेदार वडाला ने कहा कि बलबीर सिंह राजेवाल द्वारा वेरका को खत्म कर पंजाब में दूसरे डेयरी प्रोडक्ट को लाना भी गलत है। वेरका के साथ पंजाब के ज्यादातर किसान जुड़े हुए हैं। इस मौके पर सरवन सिंह फिल्लौर, अमरजीत सिंह किशनपुरा सहित अकाली दल के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

दिलजीत की फिल्म ‘पंजाब-95’ फरवरी में रिलीज होगी:जसवंत खालड़ा के संघर्ष पर अधारित, मानवाधिकार कार्यकर्ता की पुलिस हिरासत में हुई थी मौत
दिलजीत की फिल्म ‘पंजाब-95’ फरवरी में रिलीज होगी:जसवंत खालड़ा के संघर्ष पर अधारित, मानवाधिकार कार्यकर्ता की पुलिस हिरासत में हुई थी मौत पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ ने अपनी नई चर्चित फिल्म “पंजाब-95” की रिलीज का ऐलान कर दिया है। यह फिल्म फरवरी 2025 में रिलीज होगी। इस बात की जानकारी खुद दिलजीत दोसांझ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी है। हालांकि यह फिल्म फरवरी में किस तारीख को रिलीज होगी, इसकी जानकारी अभी उनकी तरफ से नहीं दी गई है। फिल्म मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर आधारित है और आतंकवाद के दौर को दर्शाती है। फैंस में फिल्म को लेकर काफी उत्साह दिलजीत दोसांझ इस फिल्म में जसवंत सिंह खालड़ा का किरदार निभा रहे हैं, जो उनके करियर की सबसे अहम भूमिकाओं में से एक मानी जा रही है। दिलजीत ने हाल ही में फिल्म से जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं, जिसके साथ उन्होंने लिखा- मैं अंधेरे को चुनौती देता हूं। यह कैप्शन सरदार खालरा के जीवन और सच्चाई के लिए की गई उनकी लड़ाई को बखूबी दर्शाता है। फिल्म की रिलीज को प्राथमिकता देते हुए दिलजीत ने अपने अपकमिंग म्यूजिक एल्बम की रिलीज को फिलहाल टाल दिया है। इस घोषणा के बाद फैंस में फिल्म को लेकर काफी उत्साह है। आतंकवाद के दौर में सिखों पर हुए अत्याचार को उजागर किया जसवंत सिंह खालड़ा एक साहसी और समर्पित मानवाधिकार कार्यकर्ता थे। जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक के दौरान पंजाब में सिखों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने खुलासा किया कि उस दौर में हजारों सिख युवाओं को अवैध हिरासत में लिया गया, फर्जी मुठभेड़ों में मार दिया गया और उनके शवों का गुप्त अंतिम संस्कार कर दिया गया। श्मशान घाटों का दौरा कर जुटाई जानकारियां खालड़ा ने पंजाब पुलिस और प्रशासन द्वारा की जा रही इन गुमशुदगी और हत्याओं को उजागर किया था। उन्होंने उस समय में अमृतसर के श्मशान घाटों का दौरा कर यह जानकारी जुटाई कि वहां 6,000 से अधिक शवों का गुप्त रूप से अंतिम संस्कार किया गया था। यह जानकारी उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी साझा की, जिससे भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल खड़े हुए। 1995 में हुई थी हत्या खालड़ा को सिखों के हकों के लिए लड़ने का खामियाजा अपनी जान देकर चुकाना पड़ा था। परिवार का आरोप है कि 6 सितंबर 1995 को पुलिस ने खालड़ा का उनके घर से अपहरण कर लिया। इसके बाद उन्हें पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज नहीं की। जिसके बाद, जसवंत की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दी और कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था।

अमृतसर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी:SGPC ने मर्यादा सहित किया शिफ्ट; घर से हो रहा था ईसाई धर्म का प्रचार
अमृतसर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी:SGPC ने मर्यादा सहित किया शिफ्ट; घर से हो रहा था ईसाई धर्म का प्रचार पंजाब के अमृतसर में एक घर में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया है। जांच के बाद सत्कार सहित श्री गुरु ग्रंथ साहिब को कब्जे में ले लिया गया है। निहंग जत्थेबंदियों ने आरोप लगाया कि इस घर में जहां एक तरफ श्री गुरु ग्रंथ साहिब सुशोभित था, वहीं उसी घर से ईसाई धर्म का प्रचार किया जा रहा था। हंगामे के बीच पुलिस को भी मौके पर पहुंचना पड़ा। ये घटना अमृतसर के वाइट एवेन्यू में घटी। निहंग जत्थेबंदियां हाऊस नंबर 26 में पहुंची थी। ये घर जोगिंदर सिंह का है, जिन्होंने ईसाई धर्म अपना रखा है। सत्कार कमेटी को सूचना मिली थी कि इस घर में एक तरफ श्री गुरु ग्रंथ साहिब सुशोभित है, वहीं दूसरी तरफ इसी घर में ईसाई धर्म का प्रचार होता है। निहंग जत्थेबंदियों व सत्कार कमेटी के पहुंचने पर घर में काफी हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद स्थानीय पुलिस को मौके पर पहुंची। सत्कार कमेटी के सदस्यों ने बताया कि इस कमरे में गुरु ग्रंथ साहिब रखा गया था, वहां पास ही बाथरुम था और उस कमरे में पुराना बेकार समान रखा गया था। जबकि ईसाई धर्म का प्रचार करने वाले कमरे को सुंदर तरीके से सजाया गया था। एसजीपीसी से किया गया संपर्क हंगामे के बाद पुलिस को बीच बचाव में आना पड़ा। पुलिस ने मौके पर पहुंच दोनों पक्षों से बातचीत की। जिसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) से संपर्क साधा गया। एसजीपीसी ने ग्रंथी साहिब को घर में भेज श्री गुरु ग्रंथ साहिब को मर्यादा सहित घर से शिफ्ट करवाया। परिवार ने भी इस पर रजामंदी दिखाई। सत्कार कमेटी ने उठाई कार्रवाई की मांग सत्कार कमेटी ने इस दौरान पुलिस ने परिवार के खिलाफ सिख धर्म और सिखों की आस्था को ठेस पहुंचाने के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल गुरु ग्रंथ साहिब को मर्यादा के साथ शिफ्ट करवाया गया है। दोनों पक्षों के बयान लिए जाएंगे। अगर कानून के तहत कार्रवाई बनी तो की जाएगी।