हरियाणा के नारनौल में बिना स्वास्थ्य विभाग के लाइसेंस के एक आंखों का अस्पताल चलता पाया गया। इस अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेड की है। टीम ने जब अस्पताल संचालक से लाइसेंस मांगा तो उसके पास लाइसेंस नहीं मिला। वहीं अस्पताल के अंदर अनेक अनियमितताएं भी पाई गई। बताया जा रहा है कि अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ भी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की छापामारी के बाद अस्पताल बंद कर दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन ने जल्द रजिस्ट्रेशन कराने की बात कही है। जानकारी अनुसार नारनौल शहर के सिंघाना रोड स्थित राजा गार्डन के सामने कृष्णा आई केयर के नाम से अस्पताल चल रहा है। यह अस्पताल पहले महेंद्रगढ़ रोड पर चल रहा था। इस अस्पताल की हरियाणा में चार ब्रांच हैं। राजा गार्डन के सामने चल रहे इस अस्पताल के चिकित्सक ने हरियाणा मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन नही करवाया था। जिसकी शिकायत किसी ने स्वास्थ्य विभाग ने कर दी। शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां पर दो दिन पूर्व छापेमारी की। छापेमारी के दौरान अस्पताल में एक चिकित्सक आंखों का आपरेशन करता पाया गया। जिससे हरियाणा में प्रैक्टिस करने का लाइसेंस मांगा गया तो वह वैध लाइसेंस नहीं दिखा पाया। वहीं टीम को यह भी पाया गया कि अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ भी नहीं था। जिसके बाद टीम ने अस्पताल संचालक को लाइसेंस आने तक अस्पताल बंद रखने के लिए कहा गया। इस पर अस्पताल को बंद कर दिया गया। वही इस बारे में अस्पताल के एचआर राजेश गिरी ने बताया कि हरियाणा में चिकित्सक को प्रैक्टिस करने के लिए हरियाणा मेडिकल काउंसिल से लाइसेंस लेना पड़ता है। लेकिन हमारे यहां काम करने वाले डॉक्टर ने अभी हरियाणा का लाइसेंस नहीं लिया था, जबकि उसके पास अन्य जगह का लाइसेंस है। उनकी किसी ने स्वास्थ्य विभाग को शिकायत की थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आकर वहां पर जांच की है। इसके बाद अस्पताल को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। वही इस बारे में सीएमओ रमेश आर्य ने बताया कि उनके पास अस्पताल की शिकायत आई थी। जिसके बाद उन्होंने वहां पर इंस्पेक्शन टीम को भेजा था। अभी उनके पास इंस्पेक्शन टीम की रिपोर्ट नहीं आई है। जब इंस्पेक्शन टीम की रिपोर्ट आएगी तब ही वे इस बारे में कुछ कह सकते हैं। हरियाणा के नारनौल में बिना स्वास्थ्य विभाग के लाइसेंस के एक आंखों का अस्पताल चलता पाया गया। इस अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेड की है। टीम ने जब अस्पताल संचालक से लाइसेंस मांगा तो उसके पास लाइसेंस नहीं मिला। वहीं अस्पताल के अंदर अनेक अनियमितताएं भी पाई गई। बताया जा रहा है कि अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ भी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की छापामारी के बाद अस्पताल बंद कर दिया गया है। अस्पताल प्रबंधन ने जल्द रजिस्ट्रेशन कराने की बात कही है। जानकारी अनुसार नारनौल शहर के सिंघाना रोड स्थित राजा गार्डन के सामने कृष्णा आई केयर के नाम से अस्पताल चल रहा है। यह अस्पताल पहले महेंद्रगढ़ रोड पर चल रहा था। इस अस्पताल की हरियाणा में चार ब्रांच हैं। राजा गार्डन के सामने चल रहे इस अस्पताल के चिकित्सक ने हरियाणा मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन नही करवाया था। जिसकी शिकायत किसी ने स्वास्थ्य विभाग ने कर दी। शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां पर दो दिन पूर्व छापेमारी की। छापेमारी के दौरान अस्पताल में एक चिकित्सक आंखों का आपरेशन करता पाया गया। जिससे हरियाणा में प्रैक्टिस करने का लाइसेंस मांगा गया तो वह वैध लाइसेंस नहीं दिखा पाया। वहीं टीम को यह भी पाया गया कि अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ भी नहीं था। जिसके बाद टीम ने अस्पताल संचालक को लाइसेंस आने तक अस्पताल बंद रखने के लिए कहा गया। इस पर अस्पताल को बंद कर दिया गया। वही इस बारे में अस्पताल के एचआर राजेश गिरी ने बताया कि हरियाणा में चिकित्सक को प्रैक्टिस करने के लिए हरियाणा मेडिकल काउंसिल से लाइसेंस लेना पड़ता है। लेकिन हमारे यहां काम करने वाले डॉक्टर ने अभी हरियाणा का लाइसेंस नहीं लिया था, जबकि उसके पास अन्य जगह का लाइसेंस है। उनकी किसी ने स्वास्थ्य विभाग को शिकायत की थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आकर वहां पर जांच की है। इसके बाद अस्पताल को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। वही इस बारे में सीएमओ रमेश आर्य ने बताया कि उनके पास अस्पताल की शिकायत आई थी। जिसके बाद उन्होंने वहां पर इंस्पेक्शन टीम को भेजा था। अभी उनके पास इंस्पेक्शन टीम की रिपोर्ट नहीं आई है। जब इंस्पेक्शन टीम की रिपोर्ट आएगी तब ही वे इस बारे में कुछ कह सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सिरसा में कार की टक्कर से ढाबा मालिक की मौत:सड़क पार करते समय हुआ हादसा, ड्राइवर मौके से फरार सिरसा में नेशनल हाईवे 9 पर एक तेज रफ्तार गाड़ी ने सड़क पार कर रहे व्यक्ति को टक्कर मार दी, जिससे उक्त व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसकी हालत नाजुक होते देख उसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान उक्त व्यक्ति की मौत हो गई। गांव नेजाडेला कलां निवासी जयचंद का नेशनल हाईवे 9 पर स्थित सेक्टर 25 के पास ढाबा है। 31 दिसंबर की देर रात को जयचंद सड़क पार कर रहा था कि अचानक डबवाली की ओर से आ रही तेज रफ्तार गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल जयचंद को उसके बेटे वेद प्रकाश ने सिविल अस्पताल में दाखिल कराया। घटना की सूचना मिलने पर सदर थाना सिरसा पुलिस अग्रोहा मेडिकल कॉलेज पहुंची। पुलिस का कहना है कि मृतक के बेटे वेद प्रकाश का बयान दर्ज करके ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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हरियाणा में ‘रामपुरा हाउस’ का दबदबा संकट में:राव इंद्रजीत ने सिक्सर लगाया लेकिन लड़खड़ाते हुए जीते, पैतृक सीट पर भी लीड नहीं दिला सके हरियाणा की अहीरवाल बैल्ट यानी दक्षिणी हरियाणा में दशकों तक सियासी दबदबा रखने वाले रामपुरा हाउस के वजूद पर इस बार संकट नजर आया। यहां से रामपुरा हाउस की सियासत आगे बढ़ा रहे भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत ने भले ही लगातार छठी बार जीत का सिक्सर लगा दिया हो लेकिन हार-जीत का मार्जिन पिछली जीत के मुकाबले काफी कम रहा। मतगणना के दौरान शुरूआत में तो ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के राज बब्बर से उनकी हार हो सकती है लेकिन अंतिम वक्त में वह 75079 वोटों से जीत गए। हालत यह हो गई कि राव इंद्रजीत सिंह के खुद के पैतृक हल्के रेवाड़ी, बावल और पटौदी ने उन्हें कड़े मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिया। इन तीनों ही सीट पर राव की उम्मीद के अनुरूप उन्हें लीड नहीं मिली और कांग्रेस के प्रत्याशी राज बब्बर को तीनों ही विधानसभा में 60 हजार से ज्यादा वोट मिले। जीत के बाद खुद राव ने माना कि अगर उन्हें गुरुग्राम, बादशाहपुर सीट से बढ़त नहीं मिलती तो इस बार जीत मुश्किल थी। खुद लड़खड़ाते जीते, पैतृक सीट से BJP हारी
खुद के इलाके में घिरने के बाद लड़खड़ाते हुए राव इंद्रजीत को आखिर में जीत मिल ही गई, लेकिन उनकी एक और पैतृक सीट कोसली विधानसभा ने भी सभी को चौंका दिया। पिछली बार इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डा. अरविंद शर्मा को 75 हजार वोटों की लीड मिली थी। जिसकी वजह से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार कोसली से भले ही दीपेंद्र 2 वोट से जीते, लेकिन ये परिणाम अपने आप में चौंकाने वाला है। कोसली रामपुरा हाउस का गढ़ रहा है। रोहतक से हारे अरविंद शर्मा की मदद नहीं कर पाए
यहां से बीजेपी को लीड दिलाने की जिम्मेवारी राव इंद्रजीत सिंह के कंधे पर थी। राव इंद्रजीत सिंह खुद भी आखिरी वक्त पर कोसली में प्रचार करने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां भी बीजेपी प्रत्याशी की हार ने राव इंद्रजीत सिंह की साख पर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले में अपनी छाप बरकरार रखने में जरूर कामयाब रहे। भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत में महेंद्रगढ़ जिले का अहम रोल रहा है। गुरुग्राम सीट पर लगातार चौथी जीत
बता दें कि गुरुग्राम सीट 2008 में अस्तित्व में आई। कांग्रेस की टिकट पर राव इंद्रजीत सिंह ने पहला चुनाव 2009 में इस सीट से लड़ा और बीएसपी के जाकिर हुसैन को 84,864 वोटों से हराया था। 2013 में मोदी लहर को देख राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2014 में हुए चुनाव में रिकॉर्ड 2,74,722 वोटों से जीते थे। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 644780 और इनेलो नेता जाकिर हुसैन को 370058 वोट मिले थे। 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने दूसरी बार राव इंद्रजीत को गुरुग्राम सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। उनका मुकाबला कांग्रेस नेता और 6 बार विधायक रहे कैप्टन अजय सिंह यादव से हुआ। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 881546 वोट मिले और कैप्टन अजय सिंह यादव को 495290 वोट मिले थे। इस सीट राव इंद्रजीत ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ा और 386256 वोटों से जीते थे। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह पहली बार कड़े मुकाबले में फंसते हुए दिखाई दिए। राव इंद्रजीत सिंह को कुल 8 लाख 8 हजार 336 वोट मिले और उन्होंने राज बब्बर को 75079 वोट से हरा दिया। राव इंद्रजीत सिंह की ये सबसे छोटी जीत है। विरोधी रहे एक्टिव, बादशाहपुर ने बचाई लाज
दरअसल, गुरुग्राम सीट पर बीजेपी के भीतर सबसे ज्यादा गुटबाजी भी रही। अहीरवाल की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों की फेहरिस्त अपनी ही पार्टी में काफी लंबी हैं। इसी गुटबाजी की वजह से इस बार चुनाव प्रचार में राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह अलग-थलग भी पड़ते हुए दिखाई दिए। उनके लिए ना कोई बड़ा नेता प्रचार करने आया और ना ही इलाके के दूसरे बड़े स्थानीय नेताओं ने प्रचार किया। पूर्व सांसद सुधा यादव, निवर्तमान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास जैसे सीनियर नेताओं ने दूरी बनाए रखी। जिसकी वजह से राव इंद्रजीत सिंह को बीजेपी के मजबूत कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह कांटे के मुकाबले में फंसे रहे। हालांकि उन्हें गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा में करीब 1-1 लाख वोट की लीड मिली, जिसकी वजह वो चुनाव जीत गए। बता दें कि बादशाहपुर वहीं हल्का है, जहां से 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की टिकट कटवा दी थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा भीतरघात की होने की चर्चा थी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद ऐसा दिखाई नहीं दिया। कभी 14 विधानसभा सीटों पर रहा दबदबा दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें है। इनमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटें शामिल है। दशकों तक इन सीटों पर रामपुरा हाउस का दबदबा बना रहा, लेकिन पिछले कुछ सालों में इन सीटों पर रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती चली गई। पिछले विधानसभा चुनाव में भी इसकी बानगी देखने को मिली थी। राव इंद्रजीत सिंह के खुद के गृह जिले रेवाड़ी की विधानसभा सीट पर उनके समर्थक सुनील मुसेपुर को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार खुद राव इंद्रजीत सिंह के सामने खड़ी हुई चुनौती ने इसे और गहरा कर दिया है।
हरियाणा में युवक की पीट-पीटकर हत्या:साथी घायल, बदमाशों ने खाना खाते हुए होटल में हमला किया; VIDEO सामने आया
हरियाणा में युवक की पीट-पीटकर हत्या:साथी घायल, बदमाशों ने खाना खाते हुए होटल में हमला किया; VIDEO सामने आया हरियाणा के चरखी दादरी में मंगलवार रात होटल में खाना खा रहे 2 युवकों पर कुछ लोगों ने तलवार और लाठी डंडों से हमला कर दिया। जिसमें एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना का एक CCTV वीडियो सामने आया है, जिसमें 15-20 लोग युवकों पर बेरहमी से वार करते हुए दिख रहे हैं। मृतक की पहचान वार्ड नंबर 13 निवासी सुनील उर्फ आकाश के रूप में हुई है। वहीं उसके दोस्त राहुल को रोहतक PGI रेफर किया गया है। हमला करने का कारण अभी सामने नहीं आया है। कुछ समय पहले आकाश के पिता की मौत हो गई थी। वह 6 बहनों का इकलौता भाई था। उसकी मौत के बाद घर में उसकी बुजुर्ग विधवा बीमार मां अकेली बची है। परिजनों का शव उठाने से इनकार
अस्पताल में पहुंचे आकाश के परिजनों ने बताया कि मंगलवार रात को वह अपने दोस्त राहुल के साथ बस स्टैंड के सामने पूर्ण मार्केट के पास एक होटल पर खाना खा रहा था। उसी दौरान 15-16 लोग वहां पहुंचे। जिन्होंने तलवार और दूसरे धारदार हथियारों से उन पर हमला कर दिया। बदमाशों ने होटल के बाहर जमीन पर गिराकर राहुल और आकाश की बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद खून से लथपथ हालत में दोनों काे वहीं छोड़कर फरार हो गए। तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी गई। दोनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने आकाश को मृत घोषित कर दिया। वहीं राहुल को प्राथमिक उपचार देने क बाद रोहतक PGI रेफर कर दिया।घटना के बाद से आकाश के परिजनों में काफी रोष है। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तक शव उठाने से इनकार कर दिया है। SHO बोले- 10 के खिलाफ केस दर्ज किया
सिटी थाना SHO रमेश ने बताया कि चरखी दादरी के कादियान होटल में ये वारदात हुई है। शिकायत के आधार पर 10 नामजद और 5-6 अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस की 4 टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।