हरियाणा के नगीना खंड के गांव खेड़ी खुर्द निवासी शब्बीर (32) पुत्र फतेह मोहम्मद की अचानक तबीयत खराब हो गई। तबीयत बिगड़ने पर शब्बीर को सुबह करीब 9 बजे उपचार के लिए मांडीखेड़ा जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि समय पर उपचार न मिलने के कारण शब्बीर की मौत हुई है। जबकि डॉक्टर कह रहे हैं कि शब्बीर की मौत हार्ट अटैक से हुई है। परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा शब्बीर की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंमागा कर दिया। परिजनों ने अस्पताल डॉक्टरों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अस्पताल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। शब्बीर को इमरजेंसी में छोड़कर सिगरेट पिने लगे डॉक्टर मृतक के भाई मोहम्मद साबिर ने बताया कि जब शब्बीर को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया उसी दौरान डॉक्टरों ने उन्हें बाहर दवाई लेने भेज दिया दिया। आरोप है कि जब दवाइयां लेकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर बाहर मोर्चरी के बाहर सिगरेट पी रहे थे। जो करीब 5 मिनट बाद शब्बीर के पास पहुंचे। लेकिन शब्बीर की हालत उस वक्त तेजी से बिगड़ रही थी। जिसके कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। नशे का आदि था मृतक युवक। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर योगेश कुमार ने बताया कि मृतक के परिजनों ने जानकारी दी थी कि शब्बीर नशे का आदि था। जिसने पिछले कई माह से नशा छोड़ा हुआ था । शुक्रवार को शब्बीर ने दोबारा नशा कर लिया है। जिसकी वजह से उसकी तबीयत खराब हो गई। उसी के आधार पर मृतक का इलाज कर ईसीजी कराई गई है। जिसमें नशा के लक्षण मिले हैं। शब्बीर को जरुरत के मुताबिक इलाज दिया गया था। वहीं उप सिविल सर्जन डॉक्टर फारुख ने कहा कि डॉक्टरों ने इलाज में पूरी कोशिश की। बीच में शब्बीर को आराम मिला था। उसके बाद मृतक के परिजनों ने छुट्टी के लिए कहा, लेकिन डॉक्टर ने मरीज को कुछ देर और अस्पताल में ही रहने की सलाह दी। लेकिन कुछ देर बाद ही शब्बीर को हार्ट अटैक के लक्षण हुए, तब तक हम कुछ कर पाते जब तक उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों की टीम ने मरीज को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन बचा नहीं पाए। हमने पोस्टमॉर्टम कराने के लिए भी कहा था। लेकिन परिजनों ने मना कर दिया और मृतक को लेकर चले गए। सिविल सर्जन ने कहा मरीज ठीक हो गया था नूंह सिविल सर्जन डॉक्टर सर्वजीत थापर ने कहा कि ऑन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से बातचीत की गई, उन्होंने बताया कि मरीज बीच में ठीक हो गया था। केजुअल्टी में पूरा इलाज कराया गया है। मरीज को बचाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन बचा नहीं सके। इलाज के दौरान अगर सिगरेट पीने के तथ्य सामने आते हैं तो अवश्य उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हरियाणा के नगीना खंड के गांव खेड़ी खुर्द निवासी शब्बीर (32) पुत्र फतेह मोहम्मद की अचानक तबीयत खराब हो गई। तबीयत बिगड़ने पर शब्बीर को सुबह करीब 9 बजे उपचार के लिए मांडीखेड़ा जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। वहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि समय पर उपचार न मिलने के कारण शब्बीर की मौत हुई है। जबकि डॉक्टर कह रहे हैं कि शब्बीर की मौत हार्ट अटैक से हुई है। परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा शब्बीर की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंमागा कर दिया। परिजनों ने अस्पताल डॉक्टरों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अस्पताल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। शब्बीर को इमरजेंसी में छोड़कर सिगरेट पिने लगे डॉक्टर मृतक के भाई मोहम्मद साबिर ने बताया कि जब शब्बीर को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया उसी दौरान डॉक्टरों ने उन्हें बाहर दवाई लेने भेज दिया दिया। आरोप है कि जब दवाइयां लेकर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर बाहर मोर्चरी के बाहर सिगरेट पी रहे थे। जो करीब 5 मिनट बाद शब्बीर के पास पहुंचे। लेकिन शब्बीर की हालत उस वक्त तेजी से बिगड़ रही थी। जिसके कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। नशे का आदि था मृतक युवक। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर योगेश कुमार ने बताया कि मृतक के परिजनों ने जानकारी दी थी कि शब्बीर नशे का आदि था। जिसने पिछले कई माह से नशा छोड़ा हुआ था । शुक्रवार को शब्बीर ने दोबारा नशा कर लिया है। जिसकी वजह से उसकी तबीयत खराब हो गई। उसी के आधार पर मृतक का इलाज कर ईसीजी कराई गई है। जिसमें नशा के लक्षण मिले हैं। शब्बीर को जरुरत के मुताबिक इलाज दिया गया था। वहीं उप सिविल सर्जन डॉक्टर फारुख ने कहा कि डॉक्टरों ने इलाज में पूरी कोशिश की। बीच में शब्बीर को आराम मिला था। उसके बाद मृतक के परिजनों ने छुट्टी के लिए कहा, लेकिन डॉक्टर ने मरीज को कुछ देर और अस्पताल में ही रहने की सलाह दी। लेकिन कुछ देर बाद ही शब्बीर को हार्ट अटैक के लक्षण हुए, तब तक हम कुछ कर पाते जब तक उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों की टीम ने मरीज को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन बचा नहीं पाए। हमने पोस्टमॉर्टम कराने के लिए भी कहा था। लेकिन परिजनों ने मना कर दिया और मृतक को लेकर चले गए। सिविल सर्जन ने कहा मरीज ठीक हो गया था नूंह सिविल सर्जन डॉक्टर सर्वजीत थापर ने कहा कि ऑन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से बातचीत की गई, उन्होंने बताया कि मरीज बीच में ठीक हो गया था। केजुअल्टी में पूरा इलाज कराया गया है। मरीज को बचाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन बचा नहीं सके। इलाज के दौरान अगर सिगरेट पीने के तथ्य सामने आते हैं तो अवश्य उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कैथल में युवक पर ताबड़तोड़ फायरिंग:क्रिकेट खेलने जा रहा था, अवैध पिस्टल से चार गोलियां मारी, थाने तक किया पीछा
कैथल में युवक पर ताबड़तोड़ फायरिंग:क्रिकेट खेलने जा रहा था, अवैध पिस्टल से चार गोलियां मारी, थाने तक किया पीछा हरियाणा के कैथल जिले के पुंडरी में बुधवार की सुबह एक सनसनीखेज वारदात ने इलाके में दहशत फैला दी। गांव पाई में सुबह करीब 11 बजे क्रिकेट खेलने जा रहे 25 वर्षीय सचिन पर कार में सवार चार हमलावरों ने जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने युवक को घेरकर चार गोलियां दाग दीं और फिर पुंडरी थाने तक उसका पीछा किया। फायरिंग से दशहत का माहाैल हमलावरों में से दो के पास अवैध पिस्टल थीं। गंभीर रूप से घायल सचिन को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही क्षेत्र में बढ़ते अवैध हथियारों के प्रयोग पर चिंता जताई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की पहचान की जा रही है। पुंडरी थाना प्रभारी का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हरियाणा के 18 जिलों में शीतलहर का अलर्ट:10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं, हिसार सबसे ठंडा, बहादुरगढ़ में प्रदूषण बढ़ा
हरियाणा के 18 जिलों में शीतलहर का अलर्ट:10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं, हिसार सबसे ठंडा, बहादुरगढ़ में प्रदूषण बढ़ा हरियाणा में सातवें दिन भी शीतलहर का कहर जारी है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश के 18 जिलों में अलर्ट जारी किया है। हालांकि धूप खिलने से तापमान में मामूली गिरावट आई है। रात के न्यूनतम तापमान में औसतन 0.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद भी यह सामान्य से 2.6 डिग्री कम है। हिसार में सबसे कम 3.0 और सोनीपत में 3.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश में ऐसे हालातों का कारण उत्तर पश्चिम से चल रही पहाड़ी हवाएं हैं। लगातार तीसरे दिन हिसार में पारा अन्य जिलों के मुकाबले सबसे कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने प्रदेश के 18 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। दिन में धूप खिलने से लोगों को ठंड से राहत मिलेगी। इन 18 जिलों में शीतलहर का अलर्ट हरियाणा में बढ़ती शीतलहर को देखते हुए चंडीगढ़ समेत 17 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल शामिल हैं। इन जिलों में 10 से 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवाएं चलेंगी, कुछ जगहों पर बादल छाने के भी आसार हैं। बहादुरगढ़ की हवा प्रदूषित हरियाणा में मौसम में आए बदलाव के कारण प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। रविवार सुबह बहादुरगढ़ की हवा प्रदेश में सबसे प्रदूषित दर्ज की गई। यहां का AQI 211 दर्ज किया गया। वहीं रोहतक का AQI 185, गुरुग्राम का 177, हिसार का 175, यमुनानगर का 167, घरौंडा का 166, अंबाला का 163, कुरुक्षेत्र का 163, फरीदाबाद का 162 रहा। आगे कैसा रहेगा मौसम मौसम विशेषज्ञ चंद्रमोहन ने बताया, पश्चिमी उत्तरी बफीर्ली हवाओं से हरियाणा में ठंड बढ़ी है। हालांकि आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण धुंध और कोहरा नहीं छा रहा है। आने वाले दिनों में ऐसा ही मौसम रहने के आसार हैं। 16 दिसंबर के बाद ही मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। इससे तापमान में उतार चढ़ाव होगा। हालांकि मौसम खुलने के बाद भी पहाड़ों की हवाओं से आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। पाले को लेकर एडवाइजरी जारी फसलों के लिए किसान इन बातों का रखें ध्यान सरसों, आलू, सब्जियों की नर्सरी और छोटे फलों के पौधों पर पाले का असर ज्यादा होता है। हरियाणा में आमतौर पर दिसंबर से फरवरी तक पाला पड़ता है। इसके जमने से पौधे को नुकसान पहुंचता है। इससे बचाव के लिए किसानों को सब्जी और फलों के पौधों की सिंचाई करनी चाहिए, ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके। खेत के किनारे और जिस दिशा से हवा आ रही हो, उससे 15 से 20 फीट की दूरी पर रात के समय कूड़ा-कचरा और सूखा कचरा जलाकर धुआं करना चाहिए, इससे तापमान बढ़ेगा और पाले का असर कम होगा। फलों और सब्जियों की नर्सरी को पॉलीथिन और पराली से ढककर रखें। पशुओं का ऐसे रखें ख्याल सर्दियों में पशु कम पानी पीते हैं। इससे डिहाइड्रेशन होता है। जिससे दूध में कमी आ सकती है। पशुओं को गुनगुना पानी देना चाहिए। पशुओं को सामान्य से 0.8 प्रतिशत अधिक ऊर्जा युक्त भोजन देना चाहिए। पशु के दूध में वसा बढ़ाने के लिए आहार में लगभग 17 प्रतिशत फाइबर (हरा और सूखा चारा) शामिल करें।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं हरियाणा के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2014 से 2016 के बीच 4 लाख फर्जी दाखिले करने के मामले में चंडीगढ़ CBI ने अब 3 FIR दर्ज की हैं। छात्रवृति, वर्दी और मिड-डे मील के लिए सरकार से मिलने वाले फंड में गबन के लिए कागजी दाखिले किए गए थे। मामले में सरकारी कर्मी द्वारा गलत दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने समेत भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं लगाई गई हैं। इससे पहले स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने कई साल तक इसी मामले की जांच कर 7 FIR दर्ज की थीं। इस मामले में 2 बार विजिलेंस की विशेष जांच टीम (SIT) भी बनी। 3 स्तर पर जांच कर रिपोर्ट पेश की, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जांच से संतुष्ट नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने एक अपील केस में 30 मार्च, 2018 को दर्ज मामले में नवंबर 2019 को फैसला सुनाते हुए जांच CBI को सौंपी थी। कोर्ट ने CBI को 3 महीने में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अब करीब 4 साल बाद CBI ने केस दर्ज कर नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। इन मामलों की जांच CBI की ASP सीमा पाहुजा और DSP राजीव गुलाटी को सौंपी गई है। कितने का घोटाला? एक दशक बाद भी आंकड़ा स्पष्ट नहीं
सालों की जांच के बाद भी अभी तक किसी भी FIR में यह स्पष्ट नहीं है कि कुल कितने का वित्तीय घोटाला हुआ है। इतना जरूर कहा गया कि छात्रवृति, वर्दी, मिड-डे मील के लिए मिलने वाले फंड में गबन किया गया। CBI में दर्ज FIR के मुताबिक हरियाणा के विभिन्न जिलों में 4 लाख से अधिक स्टूडेंट का दाखिला दिखाकर वित्तीय गबन किया गया। गबन करने वालों ने इन 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए अध्यापकों की आवश्यकता दिखाई गई थी। इस मामले में शक के दायरे में प्राथमिक शिक्षा विभाग है। पहले विजिलेंस और अब CBI ने भी किसी को नामजद नहीं किया है। अब फिर से संबंधित जिम्मेदारों से पूछताछ हो सकती है। कब खुलासा? गेस्ट टीचर केस में आंकड़ों से खुली परतें
जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया। गेस्ट टीचर हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने 6 जुलाई, 2015 को याचिका खारिज कर दी। रिव्यू पिटीशन भी नहीं मानी। सितंबर, 2015 में डबल बेंच में पहुंचे। सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के ACS को बुलाया। ब्लॉक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो विजिलेंस को सौंपी। कैसे बढ़ती गई जांच? दो बार SIT गठित, जिलों में टीमें बनीं
गुरुग्राम विजिलेंस के SP हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर SIT बनी। रोहतक, हिसार, गुरुग्राम रेंज के स्कूलों में जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR दर्ज हुईं। गुरुग्राम के 10 स्कूलों में सामने आया कि 5,298 बच्चों का दाखिला था, लेकिन वार्षिक परीक्षा में 4232 ही बैठे। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई। फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12,924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50,687 बच्चे नहीं मिले। अम्बाला में फर्जी दाखिले मिले। हिसार, भिवानी, सिरसा व फतेहाबाद जिलों में 5,735 बच्चे अनुपस्थित मिले। रोहतक, सोनीपत व झज्जर में सब कुछ ठीक मिला। क्यों जांच मुश्किल? छात्रों के पते अधूरे थे, दस्तावेजों में एंट्री नहीं
हैरान करने वाली बात थी कि गैर-हाजिरी के चलते नाम न काटने का नियम था। ऐसे में शैक्षणिक सत्र में छात्रों की संख्या में इतना बड़ा अंतर आना सहज नहीं था। ट्रांसफर/स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट और ड्रॉपआउट केसों को लेकर स्कूल के रिकॉर्ड में एंट्री होनी चाहिए थी। कई स्कूलों में बच्चों की गैर-मौजूदगी के चलते उनका नाम काट देना बताया गया, जबकि स्कूल से नाम न काटने की पॉलिसी थी। वहीं स्टूडेंट्स के पते भी अधूरे पाए गए थे।