नोएडा में मुठभेड़ के बाद गिरफ्त में आया दीपक अपनी लिव इन फ्रैंड नेहा की मदद से ही चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। करीब नौ साल पहले दोनों करीब आए और दोनों लिवइन में रहने लगे। इस बीच दीपक ने अपनी पत्नी कविता को तलाक दे दिया। नेहा ठाकुर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नेहा का काम सेक्टर और सोसाइटी में घूमकर कार की रैकी करना था। रैकी के बाद वो फोन पर दीपक को कार का नंबर और लोकेशन बताना था। दीपक गैंग घटना करता था। नेहा का काम यहां खत्म नहीं होता था। चोरी के माल को ठिकाने लगाना उसे बेचने तक की जिम्मेदारी नेहा की थी। एक बार लैपटॉप या मोबाइल मिलने पर वो गैंग के दूसरे साथी जितेंद्र से संपर्क करती थी। जितेंद्र लैपटॉप रिपेयर का काम करता है। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है। जितेंद्र को वो लैपटॉप बेच देती थी। उससे पैसा लेती और दीपक को देती थी। इसी तरह गिरोह के अन्य लोगों का मॉल भी नेहा की बेचती थी। पूछताछ में दीपक ने बताया कि शक न हो इसलिए वो नेहा को ही मॉल बेचने और रैकी करने भेजता था। ये सभी ठक-ठक गिरोह के है। पुलिस ने बताया दीपक का पुराना आपराधिक रिकार्ड रहा है। वो अब तक 200 वारदातों को अंजाम दे चुका है। नेहा का साथ मिलने पर उसने वारदात तेजी से करना शुरू किया था। शनिवार को भी वो रैकी की गई कार का शीशा तोड़कर लैपटॉप चुराने जा रहा था। इस बीच पुलिस की उसके साथ मुठभेड़ हो गई और उसे और उसके साथी तरुण को गिरफ्तार किया। पांच रुपए के सिक्के से तोड़ता था कार का शीशा
घायल बदमाश दीपक ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों के शीशों को गुलेल व लोहे की गोलियों की मदद से तोड़कर अंदर रखा लैपटॉप समेत अन्य सामान चोरी करता है। कभी-कभी कार का शीशा तोड़ने के लिए पांच रुपए के सिक्के का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा लोहे के छर्रे का इस्तेमाल भी करते थे। चोरी के लैपटॉप समेत अन्य सामान को दीपक की पत्नी नेहा गिरोह के ही सदस्य जितेंद्र को बेचती है। सिक्के को गुलेल में फंसाकर आसानी से तोड़ देते थे। शक न हो इसलिए नेहा को रैकी के लिए भेजते थे
घायल बदमाश दीपक की लिव इन फ्रेंड नेहा रैकी करती थी । महिला होने के कारण जब वह गाड़ियों के आसपास घूमती है तो किसी को शक नहीं होता कि वह रैकी कर रही है। कई बार पुलिस की नजर से बचने के लिए गिरोह के सदस्य लोहे की गोली की जगह जेब में पांच रुपए के सिक्के रखते हैं। गुलेल में सिक्के को फंसाकर बदमाश कुछ ही सेकेंड में कार का शीशा तोड़ देते हैं। घायल बदमाश तरुण के खिलाफ भी अलग-अलग थानों में सात केस दर्ज हैं। नेहा और जितेंद्र का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है। दिन में तीन से आठ वारदातों को देता था अंजाम
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि दीपक सेक्टर-39 और हापुड़ पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में कई बार घायल हो चुका है। वह कई बार जेल भी जा चुका है। जेल से बाहर आते ही वह फिर से वारदात करना शुरू कर देता है। रेकी और चोरी के सामान का निपटारा करने का जिम्मा नेहा पर रहता है। दीपक और तरुण के खिलाफ नोएडा पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई करने की बात कह रही है। दोनों की चल और अचल संपत्ति की पहचान कर उसे कुर्क किया जाएगा। गिरोह के सदस्य एक ही दिन में तीन से आठ वारदात तक कर डालते हैं। नोएडा में मुठभेड़ के बाद गिरफ्त में आया दीपक अपनी लिव इन फ्रैंड नेहा की मदद से ही चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था। करीब नौ साल पहले दोनों करीब आए और दोनों लिवइन में रहने लगे। इस बीच दीपक ने अपनी पत्नी कविता को तलाक दे दिया। नेहा ठाकुर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नेहा का काम सेक्टर और सोसाइटी में घूमकर कार की रैकी करना था। रैकी के बाद वो फोन पर दीपक को कार का नंबर और लोकेशन बताना था। दीपक गैंग घटना करता था। नेहा का काम यहां खत्म नहीं होता था। चोरी के माल को ठिकाने लगाना उसे बेचने तक की जिम्मेदारी नेहा की थी। एक बार लैपटॉप या मोबाइल मिलने पर वो गैंग के दूसरे साथी जितेंद्र से संपर्क करती थी। जितेंद्र लैपटॉप रिपेयर का काम करता है। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है। जितेंद्र को वो लैपटॉप बेच देती थी। उससे पैसा लेती और दीपक को देती थी। इसी तरह गिरोह के अन्य लोगों का मॉल भी नेहा की बेचती थी। पूछताछ में दीपक ने बताया कि शक न हो इसलिए वो नेहा को ही मॉल बेचने और रैकी करने भेजता था। ये सभी ठक-ठक गिरोह के है। पुलिस ने बताया दीपक का पुराना आपराधिक रिकार्ड रहा है। वो अब तक 200 वारदातों को अंजाम दे चुका है। नेहा का साथ मिलने पर उसने वारदात तेजी से करना शुरू किया था। शनिवार को भी वो रैकी की गई कार का शीशा तोड़कर लैपटॉप चुराने जा रहा था। इस बीच पुलिस की उसके साथ मुठभेड़ हो गई और उसे और उसके साथी तरुण को गिरफ्तार किया। पांच रुपए के सिक्के से तोड़ता था कार का शीशा
घायल बदमाश दीपक ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों के शीशों को गुलेल व लोहे की गोलियों की मदद से तोड़कर अंदर रखा लैपटॉप समेत अन्य सामान चोरी करता है। कभी-कभी कार का शीशा तोड़ने के लिए पांच रुपए के सिक्के का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा लोहे के छर्रे का इस्तेमाल भी करते थे। चोरी के लैपटॉप समेत अन्य सामान को दीपक की पत्नी नेहा गिरोह के ही सदस्य जितेंद्र को बेचती है। सिक्के को गुलेल में फंसाकर आसानी से तोड़ देते थे। शक न हो इसलिए नेहा को रैकी के लिए भेजते थे
घायल बदमाश दीपक की लिव इन फ्रेंड नेहा रैकी करती थी । महिला होने के कारण जब वह गाड़ियों के आसपास घूमती है तो किसी को शक नहीं होता कि वह रैकी कर रही है। कई बार पुलिस की नजर से बचने के लिए गिरोह के सदस्य लोहे की गोली की जगह जेब में पांच रुपए के सिक्के रखते हैं। गुलेल में सिक्के को फंसाकर बदमाश कुछ ही सेकेंड में कार का शीशा तोड़ देते हैं। घायल बदमाश तरुण के खिलाफ भी अलग-अलग थानों में सात केस दर्ज हैं। नेहा और जितेंद्र का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है। दिन में तीन से आठ वारदातों को देता था अंजाम
एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि दीपक सेक्टर-39 और हापुड़ पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में कई बार घायल हो चुका है। वह कई बार जेल भी जा चुका है। जेल से बाहर आते ही वह फिर से वारदात करना शुरू कर देता है। रेकी और चोरी के सामान का निपटारा करने का जिम्मा नेहा पर रहता है। दीपक और तरुण के खिलाफ नोएडा पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई करने की बात कह रही है। दोनों की चल और अचल संपत्ति की पहचान कर उसे कुर्क किया जाएगा। गिरोह के सदस्य एक ही दिन में तीन से आठ वारदात तक कर डालते हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर