पंजाब के डिप्टी डायरेक्टर ओलख लेंगे प्री मेच्योर रिटायरमेंट:फेसबुक पर लिखा- जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, वह हाथ धोकर पीछे पड़े

पंजाब के डिप्टी डायरेक्टर ओलख लेंगे प्री मेच्योर रिटायरमेंट:फेसबुक पर लिखा- जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, वह हाथ धोकर पीछे पड़े

लुधियाना के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलख एक बार फिर सुर्खियों में आ गए है। लुधियाना से ट्रांसफर होने के बाद उनका डिपार्टमेंट के प्रति दर्द छलकता नजर आया है। डॉ.जसबीर सिंह औलख ने विभाग को प्री मेच्योर रिटायरमेंट का नोटिस दे दिया है। उन्होंने फेसबुक पर प्री मेच्योर रिटायरमेंट का कारण भी साफ लिखा है कि, जिन लोगों के खिलाफ पर कार्रवाई करते रहे है। वह लोग उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गए है। ट्रांसफर से पहले ही डॉ. औलख ने विभाग से निजी काम के लिए 12 दिन की छुट्टी ले ली थी। 3 महीना का दिया विभाग को नोटिस छुट्टी से लौटने के बाद डॉ. औलख ने वीरवार को चंडीगढ़ में डिप्टी डायरेक्टर का ओहदा संभालते ही डायरेक्टर हेल्थ को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट लेने का 3 महीने का नोटिस दे दिया। वैसे डॉ. औलख का रिटायरमेंट जनवरी 2025 में होनी थी। आजादी दिवस पर एंट्री पर जताया था रोष बता दें कि आजादी दिवस समारोह में डॉ. जसबीर सिंह औलख को पुलिसकर्मियों द्वारा एंट्री ना देने का मामला काफी सुर्खियों में रहा था। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने एक सब इंस्पेक्टर व एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि इसी बीच डॉ.जसबीर सिंह औलख के ट्रांसफर ऑर्डर भी आ गए थे। उन्हें डायरेक्टर हेल्थ चंडीगढ़ के दफ्तर में डिप्टी डायरेक्टर लगा दिया गया था। चर्चा यह भी थी कि डॉ. औलख का ट्रांसफर उक्त विवाद के कारण हुआ है। फेसबुक पर पोस्ट शेयर करके डॉ. औलख ने मामला साफ कर दिया था कि आजादी दिवस वाले दिन हुए विवाद का उनकी ट्रांसफर से कोई लेना-देना नहीं है। उनका यह ट्रांसफर राजनीतिक दबाव में किया गया है। अब पढ़े डॉक्टर औलख ने अपने फेसबुक पर क्या लिखा? मां दा डिप्टी पंजाबी नाटक ईश्वर चंद्र नंदा की एक रचना है, जो कि हमारे समय में 10वीं कक्षा में पढ़ाई जाती थी। आज जब मैं बतौर डिप्टी डायरेक्टर चंडीगढ़ हेडक्वाटर में पहुंचा हूं, तो यह नाटक मुझे अचानक से याद आ गया।
मजबूत हालातों में निर्णय लेते हुए मेरी आत्मा रूपी बच्चों का फैसला था कि पापा बस अब और नौकरी नहीं करनी, क्योंकि पिछले समय से जिन लोगों के खिलाफ कुछ कार्रवाई मैंने की है वह लोग मेरे खिलाफ हाथ धोकर पीछे पड़ चुके थे। खास कर वह लोग जो बाबा नानक की धरती को भ्रूण हत्या से गंदा कर रहे। एक साजिश ऐसे व्यक्ति ने की जिसके खिलाफ कई लिंग निर्धारण टेस्ट करने के मामले दर्ज हैं। उसी व्यक्ति ने मुझे फंसाने की कोशिश की। इस साल 21 मई को एक राजनीतिक व्यक्ति ने धमकी दे ही दी कि इलेक्शन कोड खत्म होने दो। बदकिस्मती मेरी मेरे साथ स्टेट हेड क्वार्टर का कोई भी व्यक्ति नहीं खड़ा। मेरी निजी सुनवाई की अर्जियां धूल फांकने के लिए मजबूर हैं। भरे मन के साथ आज उसे पीसीएमएस को समय से पहले छोड़ने के लिए इस माह के डिप्टी ने 3 महीने का नोटिस दे दिया है, जिस पीसीएमएस ने रोजगार भी दिया और इज्जत दी। एक विधायक से जुड़ा है मामला
डॉ.औलख ने अपनी पोस्ट में धमकी देने वाले नेता का नाम नहीं लिखा है। लेकिन सूत्रों मुताबिक पता चला है कि यह मामला एक विधायक से जुड़ा है। विधायक ने उन पर पीएनडीटी एक्ट के मामले में कार्रवाई न करने का दबाव डाला था। जहां पर इज्जत ना हो वहां से हट जाना ही बेहतर- औलख इस बारे में मीडिया से डॉ.जसबीर सिंह औलख ने कहा कि उन्होंने फेसबुक पर जो कुछ भी लिख दिया है, उसके अलावा में कुछ भी नहीं कहना चाहते। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि जहां पर इज्जत ना हो वहां से हट जाना ही बेहतर है। डॉ.औलख ने कहा कि पोस्टिंग सरकार का अधिकार क्षेत्र है। किसे सिविल सर्जन लगाना है या नहीं, यह सरकार का राइट है। लुधियाना के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलख एक बार फिर सुर्खियों में आ गए है। लुधियाना से ट्रांसफर होने के बाद उनका डिपार्टमेंट के प्रति दर्द छलकता नजर आया है। डॉ.जसबीर सिंह औलख ने विभाग को प्री मेच्योर रिटायरमेंट का नोटिस दे दिया है। उन्होंने फेसबुक पर प्री मेच्योर रिटायरमेंट का कारण भी साफ लिखा है कि, जिन लोगों के खिलाफ पर कार्रवाई करते रहे है। वह लोग उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गए है। ट्रांसफर से पहले ही डॉ. औलख ने विभाग से निजी काम के लिए 12 दिन की छुट्टी ले ली थी। 3 महीना का दिया विभाग को नोटिस छुट्टी से लौटने के बाद डॉ. औलख ने वीरवार को चंडीगढ़ में डिप्टी डायरेक्टर का ओहदा संभालते ही डायरेक्टर हेल्थ को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट लेने का 3 महीने का नोटिस दे दिया। वैसे डॉ. औलख का रिटायरमेंट जनवरी 2025 में होनी थी। आजादी दिवस पर एंट्री पर जताया था रोष बता दें कि आजादी दिवस समारोह में डॉ. जसबीर सिंह औलख को पुलिसकर्मियों द्वारा एंट्री ना देने का मामला काफी सुर्खियों में रहा था। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने एक सब इंस्पेक्टर व एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि इसी बीच डॉ.जसबीर सिंह औलख के ट्रांसफर ऑर्डर भी आ गए थे। उन्हें डायरेक्टर हेल्थ चंडीगढ़ के दफ्तर में डिप्टी डायरेक्टर लगा दिया गया था। चर्चा यह भी थी कि डॉ. औलख का ट्रांसफर उक्त विवाद के कारण हुआ है। फेसबुक पर पोस्ट शेयर करके डॉ. औलख ने मामला साफ कर दिया था कि आजादी दिवस वाले दिन हुए विवाद का उनकी ट्रांसफर से कोई लेना-देना नहीं है। उनका यह ट्रांसफर राजनीतिक दबाव में किया गया है। अब पढ़े डॉक्टर औलख ने अपने फेसबुक पर क्या लिखा? मां दा डिप्टी पंजाबी नाटक ईश्वर चंद्र नंदा की एक रचना है, जो कि हमारे समय में 10वीं कक्षा में पढ़ाई जाती थी। आज जब मैं बतौर डिप्टी डायरेक्टर चंडीगढ़ हेडक्वाटर में पहुंचा हूं, तो यह नाटक मुझे अचानक से याद आ गया।
मजबूत हालातों में निर्णय लेते हुए मेरी आत्मा रूपी बच्चों का फैसला था कि पापा बस अब और नौकरी नहीं करनी, क्योंकि पिछले समय से जिन लोगों के खिलाफ कुछ कार्रवाई मैंने की है वह लोग मेरे खिलाफ हाथ धोकर पीछे पड़ चुके थे। खास कर वह लोग जो बाबा नानक की धरती को भ्रूण हत्या से गंदा कर रहे। एक साजिश ऐसे व्यक्ति ने की जिसके खिलाफ कई लिंग निर्धारण टेस्ट करने के मामले दर्ज हैं। उसी व्यक्ति ने मुझे फंसाने की कोशिश की। इस साल 21 मई को एक राजनीतिक व्यक्ति ने धमकी दे ही दी कि इलेक्शन कोड खत्म होने दो। बदकिस्मती मेरी मेरे साथ स्टेट हेड क्वार्टर का कोई भी व्यक्ति नहीं खड़ा। मेरी निजी सुनवाई की अर्जियां धूल फांकने के लिए मजबूर हैं। भरे मन के साथ आज उसे पीसीएमएस को समय से पहले छोड़ने के लिए इस माह के डिप्टी ने 3 महीने का नोटिस दे दिया है, जिस पीसीएमएस ने रोजगार भी दिया और इज्जत दी। एक विधायक से जुड़ा है मामला
डॉ.औलख ने अपनी पोस्ट में धमकी देने वाले नेता का नाम नहीं लिखा है। लेकिन सूत्रों मुताबिक पता चला है कि यह मामला एक विधायक से जुड़ा है। विधायक ने उन पर पीएनडीटी एक्ट के मामले में कार्रवाई न करने का दबाव डाला था। जहां पर इज्जत ना हो वहां से हट जाना ही बेहतर- औलख इस बारे में मीडिया से डॉ.जसबीर सिंह औलख ने कहा कि उन्होंने फेसबुक पर जो कुछ भी लिख दिया है, उसके अलावा में कुछ भी नहीं कहना चाहते। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि जहां पर इज्जत ना हो वहां से हट जाना ही बेहतर है। डॉ.औलख ने कहा कि पोस्टिंग सरकार का अधिकार क्षेत्र है। किसे सिविल सर्जन लगाना है या नहीं, यह सरकार का राइट है।   पंजाब | दैनिक भास्कर