पंजाब के लुधियाना से वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत और बढ़ा दी गई है। अब उनके मामले में 5 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। ED की टीम ने 1 अगस्त को आशु को गिरफ्तार किया था। 10 दिन का रिमांड खत्म होने के बाद वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में थे। आज उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया गया था। बता दें कि भारत भूषण आशु 1 अगस्त को सुबह ED कार्यालय पहुंचा था। जालंधर ED ऑफिस में उनसे शाम तक लगातार पूछताछ की जा रही थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई। आशु के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया था। पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु जब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय के प्रभारी थे, तब उन पर करीब 2 हजार करोड़ रुपए के टेंडरों में घोटाले का आरोप लगा था। पंजाब की मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन के टेंडरों में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई थी। इसके बाद तलाशी के दौरान ED को करीब डेढ़ करोड़ रुपए की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। इस दौरान करीब 30 लाख रुपए भी जब्त किए गए थे। पंजाब विजिलेंस भी कर चुकी जांच
यह मामला पहले पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से उठाया गया था। इस मामले में विजिलेंस कोर्ट में चालान भी पेश कर चुका है। इसके बाद इस मामले से जुड़े दस्तावेज ED ने मांगे थे और मामले की जांच अपने स्तर पर शुरू की थी। सूचना के अनुसार, ED ने भारत भूषण आशु को आज पेश होने के लिए कहा था। जानें क्या है टेंडर घोटाला: स्कूटर, बाइक पर माल की ढुलाई दिखाई
लेबर ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाले में अनाज मंडियों में आरोपी वाहनों पर नकली नंबर प्लेट लगाकर माल की ढुलाई करते थे। वहीं, आरोपियों ने टेंडर लेने से पहले विभाग में गलत वाहनों के नंबर लिखवा दिए। जांच के दौरान पता चला कि जो नंबर लिखवाए थे, वह स्कूटर, बाइक आदि टू-व्हीलर के थे। जिन वाहनों के ये नंबर हैं, वह माल ढोने के लिए मान्य ही नहीं हैं। इस मामले में करीब 2 महीने पहले कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों व ठेकेदारों की ओर से उस समय के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर कुछ कॉन्ट्रेक्टर और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप लगे थे। अब इस मामले में जांच के बाद विजिलेंस की ओर से FIR दर्ज करके गिरफ्तारी करनी शुरू कर दी गई है। आशु पर टेंडरिंग के 2 हजार करोड़ के घोटाले का भी आरोप है। पंजाब के लुधियाना से वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत और बढ़ा दी गई है। अब उनके मामले में 5 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। ED की टीम ने 1 अगस्त को आशु को गिरफ्तार किया था। 10 दिन का रिमांड खत्म होने के बाद वह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में थे। आज उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया गया था। बता दें कि भारत भूषण आशु 1 अगस्त को सुबह ED कार्यालय पहुंचा था। जालंधर ED ऑफिस में उनसे शाम तक लगातार पूछताछ की जा रही थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई। आशु के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया था। पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु जब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय के प्रभारी थे, तब उन पर करीब 2 हजार करोड़ रुपए के टेंडरों में घोटाले का आरोप लगा था। पंजाब की मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन के टेंडरों में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई थी। इसके बाद तलाशी के दौरान ED को करीब डेढ़ करोड़ रुपए की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। इस दौरान करीब 30 लाख रुपए भी जब्त किए गए थे। पंजाब विजिलेंस भी कर चुकी जांच
यह मामला पहले पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से उठाया गया था। इस मामले में विजिलेंस कोर्ट में चालान भी पेश कर चुका है। इसके बाद इस मामले से जुड़े दस्तावेज ED ने मांगे थे और मामले की जांच अपने स्तर पर शुरू की थी। सूचना के अनुसार, ED ने भारत भूषण आशु को आज पेश होने के लिए कहा था। जानें क्या है टेंडर घोटाला: स्कूटर, बाइक पर माल की ढुलाई दिखाई
लेबर ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाले में अनाज मंडियों में आरोपी वाहनों पर नकली नंबर प्लेट लगाकर माल की ढुलाई करते थे। वहीं, आरोपियों ने टेंडर लेने से पहले विभाग में गलत वाहनों के नंबर लिखवा दिए। जांच के दौरान पता चला कि जो नंबर लिखवाए थे, वह स्कूटर, बाइक आदि टू-व्हीलर के थे। जिन वाहनों के ये नंबर हैं, वह माल ढोने के लिए मान्य ही नहीं हैं। इस मामले में करीब 2 महीने पहले कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों व ठेकेदारों की ओर से उस समय के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु पर कुछ कॉन्ट्रेक्टर और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप लगे थे। अब इस मामले में जांच के बाद विजिलेंस की ओर से FIR दर्ज करके गिरफ्तारी करनी शुरू कर दी गई है। आशु पर टेंडरिंग के 2 हजार करोड़ के घोटाले का भी आरोप है। पंजाब | दैनिक भास्कर