पंजाब के कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। जिसके बाद राज्य के रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टेशनों पर जहां हर आने जाने वालों पर नजर रखी जा रही है, वहीं ट्रेनों की चेकिंग भी की जा रही है। इस दौरान छोटे से लेकर बड़े स्टेशनों पर नजर रखी जा रही है। पत्र में कई स्टेशनों का है जिक्र जम्मू कश्मीर आतंकी हमले में मारे गए आतंकियों की मौत बदला लेने के लिए आतंकी गिरोह की तरफ से पत्र जारी किया गया था। पत्र में पंजाब के कई रेलवे स्टेशनों का जिक्र किया है, जिन्हें बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इसके बाद पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ गई हैं। हर चीज को गंभीरता से लिया जा रहा है। पंजाब पुलिस के अलावा रेलवे पुलिस भी अपने स्तर पर जुटी हुई है। रेलवे स्टेशनों पर खराब पड़े स्कैनरों से अन्य सारी चीजों को ठीक करवाया जा रहा है। दोनों टाइम चल रही है चेकिंग अब सारे स्टेशनों पर पुलिस व रेलवे पुलिस की तरफ से सुबह और शाम चेकिंग की जा रही है। इस दौरान डॉग स्क्वायड की टीम भी मौजूद रही। वहीं, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। हालांकि अभी तक किसी भी स्टेशन से कोई संदिग्ध नहीं मिला है। इससे पहले चंडीगढ़ के सेक्टर-32 स्थित सरकारी अस्पताल को भी बम उड़ाने की धमकी मिली थी। इसके बाद पूरा दिन चेकिंग अभियान चला था। लेकिन इसमें कुछ नहीं मिला था। पंजाब के कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। जिसके बाद राज्य के रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टेशनों पर जहां हर आने जाने वालों पर नजर रखी जा रही है, वहीं ट्रेनों की चेकिंग भी की जा रही है। इस दौरान छोटे से लेकर बड़े स्टेशनों पर नजर रखी जा रही है। पत्र में कई स्टेशनों का है जिक्र जम्मू कश्मीर आतंकी हमले में मारे गए आतंकियों की मौत बदला लेने के लिए आतंकी गिरोह की तरफ से पत्र जारी किया गया था। पत्र में पंजाब के कई रेलवे स्टेशनों का जिक्र किया है, जिन्हें बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इसके बाद पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ गई हैं। हर चीज को गंभीरता से लिया जा रहा है। पंजाब पुलिस के अलावा रेलवे पुलिस भी अपने स्तर पर जुटी हुई है। रेलवे स्टेशनों पर खराब पड़े स्कैनरों से अन्य सारी चीजों को ठीक करवाया जा रहा है। दोनों टाइम चल रही है चेकिंग अब सारे स्टेशनों पर पुलिस व रेलवे पुलिस की तरफ से सुबह और शाम चेकिंग की जा रही है। इस दौरान डॉग स्क्वायड की टीम भी मौजूद रही। वहीं, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। हालांकि अभी तक किसी भी स्टेशन से कोई संदिग्ध नहीं मिला है। इससे पहले चंडीगढ़ के सेक्टर-32 स्थित सरकारी अस्पताल को भी बम उड़ाने की धमकी मिली थी। इसके बाद पूरा दिन चेकिंग अभियान चला था। लेकिन इसमें कुछ नहीं मिला था। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
AITC का डेलिगेशन किसानों से करेगा मुलाकात:हरियाणा में खनौरी बॉर्डर पर होगी मीटिंग, MSP को लेकर चल रहा संघर्ष
AITC का डेलिगेशन किसानों से करेगा मुलाकात:हरियाणा में खनौरी बॉर्डर पर होगी मीटिंग, MSP को लेकर चल रहा संघर्ष फसलों की एमएसपी समेत कई मुद्दों काे लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हरियाणा खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के पांच सदस्यीय डेलिगेशन ने मुलाकात की है। इन लोगों में सांसद डेरेक ओ ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, सागरिका घोष और साकेत गोखले शामिल है। इस मौके फोन पर तृणमूल की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किसानों से बातचीत की। साथ ही उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है। NDA सरकार को ध्यान देना चाहिए पार्टी ने एक बयान में कहा है कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि वह संघर्ष पर चल रहे किसानों के साथ हैं। वहीं, उन्होंने मांग की है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए। उनका कहना है कि किसानों की मांगें जायज हैं। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। दिल्ली जाना चाहते थे किसान पंजाब में किसानों का यह संघर्ष फसलों की एमएसपी को लेकर फरवरी से चल रहा है। किसान दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें बॉर्डर पर रोक दिया था। इसके बाद किसानों ने पक्का मोर्चा लगा दिया था। इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई थी। इसके बाद किसान वहीं डट गए थे। हालांकि खनौरी बॉर्डर पर ही किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी कर रही है।
अमृतपाल का समर्थक प्रधानमंत्री बाजेके लड़ेगा चुनाव:बेटा बोला- मेरे पिता गिद्दड़बाहा सीट से होंगे उम्मीदवार, डिब्रूगढ़ जेल में बंद है भगवंत सिंह
अमृतपाल का समर्थक प्रधानमंत्री बाजेके लड़ेगा चुनाव:बेटा बोला- मेरे पिता गिद्दड़बाहा सीट से होंगे उम्मीदवार, डिब्रूगढ़ जेल में बंद है भगवंत सिंह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रधान अमृतपाल सिंह के समर्थक भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उनके बेटे आकाशदीप सिंह ने इंस्टाग्राम पर इसकी घोषणा की है। भगवंत सिंह ने यह फैसला अमृतपाल सिंह के खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लिया है। प्रधानमंत्री बाजेके गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत होने जा रही है। बाजेके किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय रहे हैं। वह अक्सर किसान आंदोलन के वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों के साथ शेयर करते रहते थे। बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने गिद्दड़बाहा सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। अब उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि वडिंग अपनी पत्नी अमृता वडिंग को इस सीट पर चुनाव लड़वा सकते हैं। अमृतपाल सिंह के साथ बाजेके भी है डिब्रूगढ़ जेल में बंद भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके अमृतपाल सिंह के साथ डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अगर बाजेके चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें भी जेल से ही चुनाव लड़ना होगा। पंजाब की खडूर साहिब सीट से लोकसभा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह और भगवंत सिंह बाजेके को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। अमृतपाल सिंह और भगवंत सिंह पर भी इसी तरह के आरोप हैं। दोनों के साथ अन्य साथियों को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था और सभी असम की जेल में बंद हैं। अमृतपाल सिंह ने बिना प्रचार किए ही चुनाव जीत लिया है। अमृतपाल ने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.9 लाख से ज्यादा वोटों से हराया है। प्रधानमंत्री बाजेके के नाम की घोषणा के बाद माहौल गरमा गया पंजाब की गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से अब तक कांग्रेस के तेजतर्रार नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग विधायक थे। भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके के बेटे के नाम की घोषणा ने पंजाब की सियासत गरमा दी है। इस सीट पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा है। अब देखना यह है कि क्या भगवंत सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तरह जीतते हैं या नहीं? कुछ दिन पहले जेल में बंद बाजेके की तबीयत खराब होने की जानकारी भी सामने आई थी। कौन हैं भगवंत सिंह? एनएसए के तहत अमृतपाल के साथ डिब्रूगढ़ जेल में बंद बाजेके मोगा के धर्मकोट गांव के ही रहने वाले हैं। पिछले सप्ताह जब भगवंत सिंह की तबीयत खराब हुई थी, तब परिवार ने मांग की थी कि उन्हें पंजाब की जेल में रखा जाए। बाजेके के बेटे आकाशदीप ने डिब्रूगढ़ जेल प्रशासन पर उनके पिता को गलत खाना देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जेल में खाने में तंबाकू मिलाया जा रहा है, जिससे उनके पिता और अन्य लोग बीमार हो रहे हैं। परिवार ने तर्क दिया था कि असम जाने के लिए एक व्यक्ति का 35 से 40 हजार रुपये खर्च आता है। बाजेके की मां दिल की मरीज हैं। अब बेटे ने घोषणा की है कि उनके पिता चुनाव लड़ेंगे। 18 मार्च 2024 को भगवंत को किया गया था गिरफ्तार अमृतपाल सिंह के करीबी भगवंत सिंह बाजेके को पुलिस ने 18 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। जब पुलिस बाजेके का पीछा कर रही थी, तब वह फेसबुक पर लाइव हो गया था। मोगा पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसे अमृतसर पुलिस को सौंप दिया गया, जहां से बाजेके पर एनएसए लगाया गया। इंस्टाग्राम और फेसबुक का शौकीन है बाजेके भगवंत सिंह बाजेके इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अक्सर रील बनाता था। पुलिस के मुताबिक वह एक इन्फ्लुएंसर भी है। वह फेसबुक पर प्रधानमंत्री बाजेके नाम से पेज भी चलाता है। जहां वह लोगों से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे साझा करता है। कैसे बना भगवंत सिंह प्रधानमंत्री बाजेके साल 2020 में एक स्थानीय वेब चैनल को दिए इंटरव्यू में भगवंत सिंह ने बताया था कि वह सोशल मीडिया पर पॉपुलर होना चाहता था, इसलिए उसने अपना नाम प्रधानमंत्री रख लिया। भगवंत सिंह ने बताया कि उसने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के नाम से एक पेज देखा था। इसीलिए उसने अपने पेज का नाम प्रधानमंत्री रखा है। उसने यह भी कहा कि अगर मैं सोशल मीडिया के जरिए अपनी आजीविका चला रहा हूं तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। भगवंत के खिलाफ 8 मामले दर्ज आपको बता दें कि भगवंत सिंह के फेसबुक पर करीब 6.11 फॉलोअर्स हैं। भगवंत सिंह के खिलाफ अब तक कुल 8 मामले दर्ज हो चुके हैं। जिसमें हत्या का प्रयास, एनडीपीएस एक्ट जैसे मामले शामिल हैं। साल 2015 में जमीन से जुड़े एक मामले में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। साल 2017 में कथित तौर पर 400 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। भगवंत सिंह 8वीं पास है, उसके पास 4 एकड़ जमीन पुलिस के दस्तावेजों के मुताबिक भगवंत सिंह 8वीं पास है। उसके पास 4 एकड़ जमीन है। साथ ही एक घर भी है। वह अक्सर सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देता नजर आता है। गांव के लोगों से उसका मेलजोल ठीक नहीं है। अमृतपाल सिंह के संपर्क में आने के बाद भगवंत सिंह के खिलाफ सरेआम हथियार लहराने का मामला दर्ज हुआ था। उसके पास किसी भी हथियार का लाइसेंस नहीं था। जब भगवंत सिंह ने अमृतपाल सिंह का समर्थन करना शुरू किया था, तब वह केवल टी-शर्ट, शर्ट और ट्राउजर में ही नजर आता था और पगड़ी भी नहीं पहनता था। लेकिन अमृतपाल के संपर्क में आने के बाद उसने खालसा रूप धारण कर लिया। वह अपने साथ राइफल और तलवार लेकर चलता था और अमृतपाल सिंह के हर कार्यक्रम में नजर आता था।
पंजाब के सीएम ने की अमित शाह से बातचीत:धान की खरीद का मुद्दा उठाया, कल मिलर्स के साथ जाएंगे दिल्ली
पंजाब के सीएम ने की अमित शाह से बातचीत:धान की खरीद का मुद्दा उठाया, कल मिलर्स के साथ जाएंगे दिल्ली पंजाब में धान की खरीद से जुड़ी दिक्कतों को लेकर सीएम भगवंत मान ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत की है। उन्होंने राइस मिलरों के मामलों को उनके समक्ष उठाया है। यह जानकारी सीएम भगवंत मान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर दी है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टेशन की कॉस्ट में दिक्कत आ रही है। स्टोरेज स्पेस की कमी है, हाइब्रिड क्वालिटी का मुद्दा और शैलर्स को होने वाले घाटे के बारे में विस्तार से गृह मंत्री को बताया है। उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही यह समस्या हल हो जाएगी कल मिलर्स को दिल्ली लेकर जा रहे हैं सीएम सीएम ने बताया कि कल वह मिलर्स को लेकर दिल्ली जा रहे हैं। जहां पर वह उनकी मांगों को उठाएंगे। इस मीटिंग में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी भी हाजिर रहेंगे। पंजाब इस बार 180 लाख मीट्रिक टन धान सेंट्रल पूल देगा। जिसको लेकर काम जोरों से चल रहा है। उन्होंने बताया कि मंडियों का खुद भी उन्होंने जायजा लिया है। किसानों को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। पंजाब सरकार ने लिए थे चार फैसले इससे पहले मिलरों को लेकर सरकार ने यह चार फैसले लिए थे। इनमें पहले जब सरप्लस पैडी की आरओ दी जाती थी तो 50 रुपए प्रति टन फीस ली जाती है। वहीं, अब आरओ फीस 10 रुपए तय कर दी है। वहीं, कोई आरओ लेता है और अगले दिन फसल उठा ले लेता तो उसे वह फीस भी नहीं देनी होगी। बीआरएल शैलरों पर कई तरह केस लंबित हैं। अब इनके सिस्टर पार्टनर या गारंटर भी काम कर पाएंगे। हालांकि पहले यह नियम नहीं था। 200 शैलरों को इससे फायदा होगा। इसके अलावा मिलर्स जिले की किसी भी जगह धान उठा सकते हैं। अब जिला स्तर के सर्किल बनाए गए हैं। पहले यह छोटे होते थे। पहले नई मिलों को पुरानी धान दी जाती थी।