पंजाब में यौन उत्पीड़न का आरोपी पादरी नेपाल भागा:परिवार का दावा- प्रचार करने के बहाने छोड़ा देश, जांच के लिए बुलाया था

पंजाब में यौन उत्पीड़न का आरोपी पादरी नेपाल भागा:परिवार का दावा- प्रचार करने के बहाने छोड़ा देश, जांच के लिए बुलाया था

पंजाब के कपूरथला में जालंधर के तारपुर चर्च के पादरी बजिंदर सिंह (42) पर महिला से यौन उत्पीड़न के मामले में दर्ज की गई एफआईआर होने के बाद पीड़ित परिवार ने फिर से गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि पादरी बजिंदर सिंह (प्रॉफिट) जांच से बचने के लिए नेपाल भाग गया है। हालांकि केस में बनाई गई एसआईटी के प्रमुख एसडी रुपिंदर कौर ने कहा- फिलहाल उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, मगर उस पर जांच की जा रही है। स्पेशल इंवेस्टिगेशन (SIT) के समक्ष दोनों पक्षों को पेश होना था। मगर परिवार ने दावा किया कि केस में आरोपी बनाए गए पादरी द्वारा एक निजी आयोजन के बहाने नेपाल भागने का दावा किया गया है। SP रुपिंदर कौर की देखरेख में जांच कर रही एसआईटी एसपी फगवाड़ा रूपिंदर कौर भट्टी की देखरेख में एसआईटी बनाई गई है। जिसमें डीएसपी दीपकरण सिंह और सिटी थाना एसएचओ विक्रमजीत सिंह को शामिल किया गया था। शिकायतकर्ता महिला ने थाना सिटी में दर्ज कराई थी। एफआईआर में दावा किया गया था कि जालंधर के गांव ताजपुर में ‘द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विस्डम’ के प्रॉफिट बजिंदर सिंह ने जालंधर में उनके साथ गलत हरकतें की। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता अक्टूबर 2017 से चर्च जाने लगे थे। इसी दौरान बजिंदर सिंह ने उसका फोन नंबर लेकर अनुचित संदेश भेजने शुरू कर दिए थे। महिला ने आरोप लगाया कि 2022 में बजिंदर सिंह ने उसे चर्च में अकेले कैबिन में बैठाना शुरू कर दिया। वहां वह उसके साथ अनुचित व्यवहार करता था। मोहाली में गैर जमानती वारंट हुआ था जारी मोहाली जिला न्यायाधीश (एएसजे) हरसिमरनजीत सिंह ने सोमवार को जालंधर के पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हुए। विशेष अदालत के न्यायाधीश छुट्टी पर थे, इसलिए ड्यूटी जज एएसजे हरसिमरनजीत सिंह ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने सुबह करीब 11 बजे आरोपी को बुलाया था। पादरी के वकील ने अदालत में उपस्थित होने में कुछ व्यक्तिगत कठिनाई का हवाला देते हुए छूट आवेदन पेश किया था। शिकायतकर्ता लड़की की ओर से पेश हुए वकील मोहित वर्मा ने आवेदन का विरोध किया। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने छूट आवेदन को खारिज कर दिया था। बता दें कि उक्त मामले बीते दिन ईसाई समाज ने हाईवे बंद कर दिया था। आरोपों को बजिंदर सिंह ने बताया था बेबुनियाद खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बजिंदर सिंह मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि महिला ने जो भी आरोप लगाए हैं, वे सब बेबुनियाद हैं। यदि आरोप लगाए हैं तो कोई सबूत तो हो। उन्होंने आगे कहा कि महिला को दौरे पड़ते थे। दुष्ट आत्माओं की दिक्कत थी। वह हमारे यहां इलाज के लिए आई थी। वह तो हमारी बेटी जैसी है और यहां भी वह बेटी की तरह ही रहती थी। इसके आगे कहा- मैं जिस जगह पर पला बढ़ा, विजय उसी जगह का रहने वाला है। मुझे देखकर विजय जलता है। इसी के चलते मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मैं लोगों को परमेश्वर से जोड़ने का काम करता हूं। मेरे खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया, वो बेबुनियाद है। पंजाब के कपूरथला में जालंधर के तारपुर चर्च के पादरी बजिंदर सिंह (42) पर महिला से यौन उत्पीड़न के मामले में दर्ज की गई एफआईआर होने के बाद पीड़ित परिवार ने फिर से गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि पादरी बजिंदर सिंह (प्रॉफिट) जांच से बचने के लिए नेपाल भाग गया है। हालांकि केस में बनाई गई एसआईटी के प्रमुख एसडी रुपिंदर कौर ने कहा- फिलहाल उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, मगर उस पर जांच की जा रही है। स्पेशल इंवेस्टिगेशन (SIT) के समक्ष दोनों पक्षों को पेश होना था। मगर परिवार ने दावा किया कि केस में आरोपी बनाए गए पादरी द्वारा एक निजी आयोजन के बहाने नेपाल भागने का दावा किया गया है। SP रुपिंदर कौर की देखरेख में जांच कर रही एसआईटी एसपी फगवाड़ा रूपिंदर कौर भट्टी की देखरेख में एसआईटी बनाई गई है। जिसमें डीएसपी दीपकरण सिंह और सिटी थाना एसएचओ विक्रमजीत सिंह को शामिल किया गया था। शिकायतकर्ता महिला ने थाना सिटी में दर्ज कराई थी। एफआईआर में दावा किया गया था कि जालंधर के गांव ताजपुर में ‘द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विस्डम’ के प्रॉफिट बजिंदर सिंह ने जालंधर में उनके साथ गलत हरकतें की। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता अक्टूबर 2017 से चर्च जाने लगे थे। इसी दौरान बजिंदर सिंह ने उसका फोन नंबर लेकर अनुचित संदेश भेजने शुरू कर दिए थे। महिला ने आरोप लगाया कि 2022 में बजिंदर सिंह ने उसे चर्च में अकेले कैबिन में बैठाना शुरू कर दिया। वहां वह उसके साथ अनुचित व्यवहार करता था। मोहाली में गैर जमानती वारंट हुआ था जारी मोहाली जिला न्यायाधीश (एएसजे) हरसिमरनजीत सिंह ने सोमवार को जालंधर के पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हुए। विशेष अदालत के न्यायाधीश छुट्टी पर थे, इसलिए ड्यूटी जज एएसजे हरसिमरनजीत सिंह ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने सुबह करीब 11 बजे आरोपी को बुलाया था। पादरी के वकील ने अदालत में उपस्थित होने में कुछ व्यक्तिगत कठिनाई का हवाला देते हुए छूट आवेदन पेश किया था। शिकायतकर्ता लड़की की ओर से पेश हुए वकील मोहित वर्मा ने आवेदन का विरोध किया। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने छूट आवेदन को खारिज कर दिया था। बता दें कि उक्त मामले बीते दिन ईसाई समाज ने हाईवे बंद कर दिया था। आरोपों को बजिंदर सिंह ने बताया था बेबुनियाद खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद बजिंदर सिंह मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि महिला ने जो भी आरोप लगाए हैं, वे सब बेबुनियाद हैं। यदि आरोप लगाए हैं तो कोई सबूत तो हो। उन्होंने आगे कहा कि महिला को दौरे पड़ते थे। दुष्ट आत्माओं की दिक्कत थी। वह हमारे यहां इलाज के लिए आई थी। वह तो हमारी बेटी जैसी है और यहां भी वह बेटी की तरह ही रहती थी। इसके आगे कहा- मैं जिस जगह पर पला बढ़ा, विजय उसी जगह का रहने वाला है। मुझे देखकर विजय जलता है। इसी के चलते मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मैं लोगों को परमेश्वर से जोड़ने का काम करता हूं। मेरे खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया, वो बेबुनियाद है।   पंजाब | दैनिक भास्कर