पंजाब में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंजाब में अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचारों समेत कई मुद्दे उठाए। उन्होंने संगरूर के एक मामले का प्रमुखता से जिक्र किया। जिसमें एक गरीब व्यक्ति को खेतों में मार दिया गया, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। बसपा प्रमुख जसबीर सिंह गढ़ी ने कहा कि पंजाब पुलिस की खराब कारगुजारी के कारण लोग परेशान हैं। ऐसे में लोगों को न्याय मिलना मुश्किल हो रहा है। बसपा नेताओं पर झूठे केस दर्ज किए बसपा नेता ने कहा कि पंजाब पुलिस के अधीन जेलें भी उत्पीड़न का अड्डा बन गई हैं। ऐसी विकट परिस्थितियों में आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले 30 महीनों में पंजाब को एक स्थायी डीजीपी नहीं दे पाई जो कड़े फैसले ले सके। इसका उदाहरण यह है कि जालंधर में पुलिस ने 163 बसपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज की। जब एक साल पहले बसपा प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी पंजाब से बात की थी तो उन्होंने सहमति जताई थी कि वे इन झूठे पर्चों को वापस लेंगे, आज भी निचले अधिकारी इन झूठे मुकदमों को वापस नहीं ले सकते। आम लोगों के हक में उठाएंगे आवाज विधायक डॉ. नछत्तर पाल ने कहा कि हम पंजाब विधानसभा में गरीबों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों आदि पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते रहेंगे। इस अवसर पर विधायक ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र के विधायकों का घेराव करें और उनसे पूछें कि वे दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हक में आवाज क्यों नहीं उठाते। पंजाब में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंजाब में अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचारों समेत कई मुद्दे उठाए। उन्होंने संगरूर के एक मामले का प्रमुखता से जिक्र किया। जिसमें एक गरीब व्यक्ति को खेतों में मार दिया गया, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। बसपा प्रमुख जसबीर सिंह गढ़ी ने कहा कि पंजाब पुलिस की खराब कारगुजारी के कारण लोग परेशान हैं। ऐसे में लोगों को न्याय मिलना मुश्किल हो रहा है। बसपा नेताओं पर झूठे केस दर्ज किए बसपा नेता ने कहा कि पंजाब पुलिस के अधीन जेलें भी उत्पीड़न का अड्डा बन गई हैं। ऐसी विकट परिस्थितियों में आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले 30 महीनों में पंजाब को एक स्थायी डीजीपी नहीं दे पाई जो कड़े फैसले ले सके। इसका उदाहरण यह है कि जालंधर में पुलिस ने 163 बसपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज की। जब एक साल पहले बसपा प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी पंजाब से बात की थी तो उन्होंने सहमति जताई थी कि वे इन झूठे पर्चों को वापस लेंगे, आज भी निचले अधिकारी इन झूठे मुकदमों को वापस नहीं ले सकते। आम लोगों के हक में उठाएंगे आवाज विधायक डॉ. नछत्तर पाल ने कहा कि हम पंजाब विधानसभा में गरीबों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों आदि पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते रहेंगे। इस अवसर पर विधायक ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र के विधायकों का घेराव करें और उनसे पूछें कि वे दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हक में आवाज क्यों नहीं उठाते। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में सरकारी कर्मचारी की लगी 10 लाख की लाटरी:फोन आने पर नहीं हुआ यकीन, घर मिठाई लेकर पहुंचा लाटरी एजेंट फाजिल्का में पंजाब स्टेट डियर राखी बंपर निकला है l फूड सप्लाई विभाग के कर्मचारी को 10 लाख की लॉटरी लगी है l लॉटरी एजेंट को जब इसका पता चला तो उसने टिकट खरीदार को फोन किया, लेकिन टिकट खरीदार को यकीन नहीं हुआ l आखिरकार लॉटरी एजेंट मिठाई का डिब्बा लेकर उनके घर पर पहुंचा, जिसके बाद उन्हें भरोसा हुआ कि वह 10 लाख के मालिक बन गए हैं l फाजिल्का के कैंट रोड निवासी फूड सप्लाई विभाग में तैनात कर्मचारी राकेश कुमार ने बताया कि वह फूड सप्लाई विभाग में तैनात है। उनकी पत्नी तेजस्वी गांव बनवाला के सरकारी स्कूल में अध्यापक है l वह 2007 से लॉटरी का टिकट खरीद रहे हैं l जिन्हें कभी कभार दो या तीन हजार तक के इनाम निकले हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद थीl कि एक न एक दिन उनकी बड़ी लॉटरी जरूर निकलेगी l अब इस बार उनके द्वारा राखी बंपर खरीदा गया था l जिसका पंजाब स्टेट डियर राखी बंपर 10 लाख का इनाम उन्हें निकला है l फोन करने पर नहीं हुआ विश्वास उन्होंने बताया कि पहले उन्हें फोन कर बताया गया कि उन्हें 10 लाख की लॉटरी लगी है, लेकिन उन्हें विश्वास नहीं हुआ l आखिरकार लॉटरी एजेंट खजानचंद बाजार से मिठाई का डिब्बा लेकर बधाई देने के लिए उनके घर पर पहुंचे। जिसके बाद उन्हें यकीन हुआ कि उनकी 10 लाख की लॉटरी लगी है l सरकारी महिला अध्यापक तेजस्वी का कहना है कि उनका पति पिछले कई वर्षों से लाटरी का टिकट खरीदते आ रहे है और आज उन्हें लॉटरी निकलने की बेहद खुशी है l गलियों में जाकर टिकट बेचते हैं खजान चंद वर्मा लाटरी एजेंट खजान चंद वर्मा का कहना है कि वह कई वर्षों से गलियों में जाकर लोगों को टिकत बेचते हैं। राकेश कुमार उनसे पिछले लंबे समय से लॉटरी के टिकट खरीदते आ रहे हैंl उन्होंने बताया कि उन्होंने जब भी लॉटरी का टिकट खरीदा तो हमेशा बड़े इनाम वाला का बंपर ही खरीदा l आज उनके द्वारा बेचे गए टिकट नंबर 872978 पर करीब 10 लाख रुपए का इनाम निकला है l
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कंगना थप्पड़कांड में कांस्टेबल के समर्थन में उतरे किसान:बोले- DGP से करेंगे मुलाकात, 9 जून को निकालेंगे मोहाली में न्याय मार्च हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा की लोकसभा सांसद चुनी गईं बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को थप्पड़ मारने का मामला गरमा गया है। पंजाब के किसान संगठन कंगना को थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ की महिला कांस्टेबल कुलविंदर के समर्थन में उतर आए हैं। किसान भवन में किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया है कि वे इस मामले में डीजीपी पंजाब गौरव यादव से मिलेंगे। किसानों ने कहा कि डीजीपी से मिलकर मांग करेंगे कि महिला कांस्टेबल के साथ अन्याय न हो। वहीं, 9 तारीख को किसान संगठन मोहाली में गुरुद्वारा अंब साहिब से एसएसपी ऑफिस तक इंसाफ मार्च निकालेंगे। किसान नेता ने बताई विवाद की वजह दल्लेवाल ने कहा कि भाजपा नेता ने चैनल पर उनके साथ हुई बहस में माना है कि विवाद असल में मोबाइल और पर्स की चेकिंग को लेकर हुआ था। लेकिन कंगना चेकिंग के लिए लगेज निकालकर सांसद होने के कारण खुद को वीआईपी समझ रही थीं। ऐसे में मुझे लगता है कि लड़की की कोई गलती नहीं है। उसने अपना फर्ज निभाया है। इसी वजह से झगड़ा हुआ। हालांकि, यह अभी जांच का विषय है। वहीं उन्होंने कहा कि कंगना के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है। लेकिन उसमें अभी तक कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा जिस तरह से कंगना ने पंजाब में आतंकवाद को लेकर बयान दिया है। इस तरह से जहर उगला है। पंजाब में ऐसा कुछ नहीं है। 400 पार करने का दावा करने वाले अब 240 पर आ गए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि पिछले दो कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह का बहुमत मिल रहा है। इस बहुमत के बल पर उन्होंने पूरे देश पर कब्जा करने की कोशिश की, लोगों को धकेला। इसका नतीजा क्या है। वे दावा करते थे कि इस बार 400 पार करेंगे, लेकिन अब वे 240 पर आ गए हैं। पूरे देश ने भाजपा को एहसास करा दिया कि अब वे कुछ नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा भाजपा ने ध्रुवीकरण की कोशिश की। पंजाब में भी ऐसी कोशिशें की गईं। लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। आंदोलन के कारण हर जगह नुकसान किसान नेता दल्लेवाल ने कहा कि पिछले चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा के 236 सांसद जीते थे। लेकिन इस बार 73 सांसद हार गए, जबकि 165 रह गए। किसानों और मजदूरों के साथ जो किया है, उसका यह नतीजा है। किसान शुभकरण की कलश यात्रा ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया। इसके कारण हरियाणा में उन्हें सिर्फ पांच सीटें मिलीं। यूपी में उन्हें आधी सीटें ही मिलीं। राजस्थान और दक्षिण के राज्यों में भी इसी तरह का नुकसान हुआ है।
पंजाब में एडीजीपी और AAP विधायक के समन जारी:डीएसपी की गिरफ्तारी के वारंट जारी, 12 साल पहले मिले शव का मामला
पंजाब में एडीजीपी और AAP विधायक के समन जारी:डीएसपी की गिरफ्तारी के वारंट जारी, 12 साल पहले मिले शव का मामला 12 साल पहले इम्प्रुवमेंट ट्रस्ट की सात नंबर 7 स्कीम में एक सिर कटा शव मिलने वाले मामले में गुरदासपुर की जिला अदालत ने एडीजीपी राम सिंह और आम आदमी पार्टी के विधायक एवं तत्कालीन आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह को अदालत में पेश होने के समन जारी किए गए हैं, जबकि उस समय में डीएसपी यादविंदर सिंह की गिरफ्तारी के वारंट अदालत द्वारा जारी किए गए हैं। इसके अलावा अन्य कई पुलिस कर्मचारियों को भी कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजे गए हैं। बता दें कि मामले में एक महिला की हत्या के आरोप में उसके पति व पति के परिवारिक सदस्यों को पुलिस द्वारा हिरासत में रखकर प्रताड़ित किया गया था। बाद में उक्त महिला जीवित निकली। अपने दामाद को फंसाने के लिए ससुर ने किसी अन्य महिला की हत्या करके उसे अपनी लड़की के कपड़े पहना दिए थे। शिकायतकर्ता मनोज कुमार ने बताया कि उसकी शादी गोल्डी पुत्री बुआ मसीह निवासी गांव मान चोपड़ा के साथ हुई थी। हालांकि मनोज का ससुर अपनी बेटी की शादी किसी अन्य लड़के के साथ करवाना चाहता था। इसलिए वह मनोज को किसी झूठे केस में फंसाने का इरादा रखता था। मनोज कुमार के ससुर बुआ मसीह ने उसे और उसके अन्य स्वजनों को फंसाने के लिए शिकायतकर्ता की पत्नी और उसके अन्य स्वजनों के साथ मिलीभगत करके 11 दिसंबर 2011 की रात को दर्शना उर्फ गोगन नामक एक महिला की हत्या कर दी और उसका सिर अलग कर दिया। शव से कपड़े उतार कर मनोज की पत्नी गोल्डी के कपड़े दर्शना उर्फ गोगन के शव पर डाल दिए। मनोज के ससुराल वालों का राजनीतिक प्रभाव था। उसने सिटी गुरदासपुर में झूठी शिकायत कर दी कि मनोज कुमार और उसके स्वजनों ने उसकी लड़की गोल्डी की हत्या कर दी है। राजनीतिक दबाव में थी पुलिस कथित राजनीति के दबाव में पुलिस ने पीएस सिटी गुरदासपुर ने झूठी कहानी बनाकर धारा 302, 201 और 34 आईपीसी के तहत 12 दिसंबर 2011 को झूठी एफआईआर 217 दर्ज कर दी और उसी दिन दोपहर दो बजे एएसआई जोगिंदर सिंह, एसएचओ जोगा सिंह, इंस्पेक्टर यादविंदर सिंह, डीएसपी गरीब दास और डीएसपी अजिंदर सिंह समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने उसके कवार्टर में छापेमारी की और शिकायकर्ता मनोज और उसके स्वजनों को भी हिरासत में लिया गया। उक्त पुलिस पार्टी के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता और उसके स्वजनों को अलग अलग थानों में 10 दिनों तक नाजायज हिरासत में रखा। मनोज कुमार और उनके स्वजनों को महिला की हत्या कबूलने के लिए प्रताड़ित किया गया। उसकी पूछताछ के दौरान भी पुलिस पार्टी ने शिकायतकर्ता को अंदरुनी चोटें पहुंचाई। जिस कारण अभी तक उसकी टांगों में सूजन रहती है और उसके हाथ भी ठीक तरह से काम नहीं कर रहे।
सदमे में हुई माता-पिता की मौत इतना ही नहीं मनोज कुमार का कहना है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा गैर कानूनी हिरासत में रखे जाने के सदमे के कारण ही उसके माता पिता व अन्य एक परिवारिक सदस्य की मौत हो चुकी है। बाद में मनोज कुमार ने अपने ससुराल परिवार की साजिश का पर्दाफाश किया और हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठी साजिश करने और एक महिला की हत्या के आरोप में मनोज की पत्नी, उसके ससुर, साले और अन्य साथियों सहित करीब 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिन्हें अदालत द्वारा 9 मार्च 2017 को उम्रकैद की सजा भी दी जा चुकी है। सजा के बाद इनमें से कुछ एक की जमानत भी होने की खबर है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट के ही हस्ताक्षेप के बाद जिले की एक अदालत ने तत्कालीन पुलिस अधिकारियों एडीजीपी राम सिंह, तत्कालीन डीआईजी अमृतसर कुंवर विजय प्रताप (अब आम आदमी पार्टी के विधायक), आईपीएस जसकीरत सिंह चाहल, एसपी गुरचरण सिंह गोराया, डीएसपी अजिंदर सिंह, डीएसपी गरीब दास, डीएसपी यादविंदर सिंह, एसएचओ जोगा सिंह और एएसआई जगदेव सिंह के खिलाफ मनोज कुमार और उसके स्वजनों को नाजायज हिरासत में रखने, प्रताड़ित करने और दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने के आरोपों में मामले की सुनवाई शुरू कर दी गई है। पहले भी जारी हो चुके हैं समन जिला अदालत की ओर से नियमों के तहत पुलिस अधिकारियों को पहले पेश होने के लिए समन निकाले गए थे। जिनमें से एएसआई जगदेव सिंह को जमानत मिल चुकी है, जबकि तत्कालीन डीएसपी गरीब दास की ओर से वकील के माध्यम से आत्मसमर्पण और जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई के बाद उसे भी गत दिन जमानत दे दी गई है। इसके अलावा राम सिंह, कुंवर विजय प्रताप सिंह, गुरचरण सिंह, अजिंदर सिंह, इंस्पेक्टर जोगा सिंह, जसकीरत सिंह चाहल को 7 सितंबर 2024 को फिर से पेश होने के लिए सम्मन जारी कर दिए गए है। जबकि मामले के एक और कथित आरोपी एएसआई यादविंदर सिंह की गिरफ्तारी के वारंट अदालत द्वारा जारी किए गए हैं।