पंजाब विधानसभा में लाइव कवरेज का मामला:HC ने कांग्रेस नेता बाजवा की याचिका का किया निपटारा, स्पीकर को देना होगा मांग पत्र

पंजाब विधानसभा में लाइव कवरेज का मामला:HC ने कांग्रेस नेता बाजवा की याचिका का किया निपटारा, स्पीकर को देना होगा मांग पत्र

पंजाब विधानसभा के सेशन के दौरान विरोधी दल के नेताओं को लाइव में न दिखाए जाने संबंधी कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कुछ समय पहले एक याचिका दायर की गई थी। याचिका पर आज शुक्रवार को सुनवाई हुई। अदालत ने इस दौरान याचिका निपटारा कर दिया। साथ ही बाजवा को आदेश दिया है कि वह इस मामले में पंजाब विधानसभा के स्पीकर को अपना मांग पत्र दें। स्पीकर द्वारा इस संबंधी फैसला लिया जाना है। याचिका दायर करते यह दी थी दलील कांग्रेस नेता बाजवा की तरफ से यह याचिका उस समय जारी की गई थी। जब विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया था। इस दौरान जब विरोधी दल के नेताओं की बारी आती थी तो टीवी पर उनके चेहरे बहुत कम दिखते थे। जबकि आवाज ही सुनाई देती थी। जबकि सत्ता पक्ष वालों की बारी ऐसी दिक्कत नहीं थी। उन्होंने यह मामला विधानसभा स्पीकर के समक्ष भी उठाया था। लेकिन जब उनकी बात पर अमल नहीं हुआ तो उन्होंने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी। उन्होंने अदालत को बताया था सत्तापक्ष व विपक्ष के नेता दोनों ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि है। यह भेदभाव नेता के साथ नहीं बल्कि उनके मतदाताओं के साथ है। पंजाब विधानसभा के सेशन के दौरान विरोधी दल के नेताओं को लाइव में न दिखाए जाने संबंधी कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कुछ समय पहले एक याचिका दायर की गई थी। याचिका पर आज शुक्रवार को सुनवाई हुई। अदालत ने इस दौरान याचिका निपटारा कर दिया। साथ ही बाजवा को आदेश दिया है कि वह इस मामले में पंजाब विधानसभा के स्पीकर को अपना मांग पत्र दें। स्पीकर द्वारा इस संबंधी फैसला लिया जाना है। याचिका दायर करते यह दी थी दलील कांग्रेस नेता बाजवा की तरफ से यह याचिका उस समय जारी की गई थी। जब विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया था। इस दौरान जब विरोधी दल के नेताओं की बारी आती थी तो टीवी पर उनके चेहरे बहुत कम दिखते थे। जबकि आवाज ही सुनाई देती थी। जबकि सत्ता पक्ष वालों की बारी ऐसी दिक्कत नहीं थी। उन्होंने यह मामला विधानसभा स्पीकर के समक्ष भी उठाया था। लेकिन जब उनकी बात पर अमल नहीं हुआ तो उन्होंने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी। उन्होंने अदालत को बताया था सत्तापक्ष व विपक्ष के नेता दोनों ही अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि है। यह भेदभाव नेता के साथ नहीं बल्कि उनके मतदाताओं के साथ है।   पंजाब | दैनिक भास्कर