फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले छह महीने से केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसान संगठन गुरुवार को पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व विभिन्न जिलों में किसान नेता करेंगे। इसके लिए किसान नेताओं की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। मार्च में किसान ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय ध्वज और किसानी झंडे दोनों लगाकर निकलेंगे। वहीं, पुलिस भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शंभू बॉर्डर पर 11 बजे से शुरू होगा मार्च 13 फरवरी को फसलों के लिए एमएसपी की मांग को लेकर किसान दिल्ली के लिए निकले थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया। तब से किसान वहीं बैठे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसान शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। सुबह 11 बजे वहां से मार्च शुरू होगा। इसके बाद मार्च ऊंचा दर बाबे नानक दा से वापस आकर शंभू धरना स्थल पर समाप्त होगा। वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक निकालेंगे मार्च किसान नेता सरवन सिंह पंधेर अमृतसर में रहेंगे । वह वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और तीनों आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। जबकि किसान सुरजीत सिंह फूल भगता मंडी, मनजीत सिंह रॉय होशियारपुर में मौजूद रहेंगे। सुखविंदर कौर मोर मंडी, सुखविंदर सिंह गिल जीरा तहसील और फिर डीसी ऑफिस फिरोजपुर। बलदेव सिंह जीरा की तरफ से जीरा में मोर्चा संभाला जाएगा। SC ने आंशिक रूप से रास्ता खोलने को कहा हरियाणा सरकार की तरफ से रास्ते बंद किए जाने के बाद से किसान शंभू बॉर्डर पर पंजाब साइड में पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। किसानों का कहना है जब रास्ता खुलेगा तो दिल्ली जाएंगे। वहीं, रोड बंद होने की वजह से लोगों को दिक्कत आ रही है। इसके बाद लोगों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी। अदालत ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गत सुनवाई पर हरियाणा और पंजाब सरकार को आंशिक रूप से जरूरी वाहनों के लिए रास्ता खोलने के आदेश दिए थे। वहीं, इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 अगस्त तय की गई है। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले छह महीने से केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसान संगठन गुरुवार को पंजाब और हरियाणा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व विभिन्न जिलों में किसान नेता करेंगे। इसके लिए किसान नेताओं की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। मार्च में किसान ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय ध्वज और किसानी झंडे दोनों लगाकर निकलेंगे। वहीं, पुलिस भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शंभू बॉर्डर पर 11 बजे से शुरू होगा मार्च 13 फरवरी को फसलों के लिए एमएसपी की मांग को लेकर किसान दिल्ली के लिए निकले थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया। तब से किसान वहीं बैठे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किसान शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। सुबह 11 बजे वहां से मार्च शुरू होगा। इसके बाद मार्च ऊंचा दर बाबे नानक दा से वापस आकर शंभू धरना स्थल पर समाप्त होगा। वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक निकालेंगे मार्च किसान नेता सरवन सिंह पंधेर अमृतसर में रहेंगे । वह वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और तीनों आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। जबकि किसान सुरजीत सिंह फूल भगता मंडी, मनजीत सिंह रॉय होशियारपुर में मौजूद रहेंगे। सुखविंदर कौर मोर मंडी, सुखविंदर सिंह गिल जीरा तहसील और फिर डीसी ऑफिस फिरोजपुर। बलदेव सिंह जीरा की तरफ से जीरा में मोर्चा संभाला जाएगा। SC ने आंशिक रूप से रास्ता खोलने को कहा हरियाणा सरकार की तरफ से रास्ते बंद किए जाने के बाद से किसान शंभू बॉर्डर पर पंजाब साइड में पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। किसानों का कहना है जब रास्ता खुलेगा तो दिल्ली जाएंगे। वहीं, रोड बंद होने की वजह से लोगों को दिक्कत आ रही है। इसके बाद लोगों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली थी। अदालत ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था। लेकिन सरकार इस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गत सुनवाई पर हरियाणा और पंजाब सरकार को आंशिक रूप से जरूरी वाहनों के लिए रास्ता खोलने के आदेश दिए थे। वहीं, इस मामले में अब अगली सुनवाई 22 अगस्त तय की गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में 32 साल पुराने सीबीआई अदालत ने सुनाया फैसला:एसएचओ को 10 साल की सजा; दूसरे केस में दोषी करार, जुर्माना भी लगाया
पंजाब में 32 साल पुराने सीबीआई अदालत ने सुनाया फैसला:एसएचओ को 10 साल की सजा; दूसरे केस में दोषी करार, जुर्माना भी लगाया पंजाब के 32 साल पुराने अपहरण, अवैध हिरासत, गुमशुदगी और हत्या के दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। पहले मामले में जज मनजोत कौर ने थाना सरहाली जिला तरन तारन के एसएचओ रहे सुरिंदरपाल सिंह को 10 साल की सजा सुनाई। जबकि दूसरे मामले में विशेष न्यायाधीश राकेश गुप्ता ने पूर्व एसएचओ और दो पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया है। दोनों ही मामले 1992 में तरन तारन में हुए झूठे मामलों से जुड़े हैं। पहला मामला- 31 अक्टूबर 1992 की शाम, पुलिस ने एएसआई अवतार सिंह के नेतृत्व में एक टीम के जरिए सुखदेव सिंह (सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, लोपोके, अमृतसर के वाइस प्रिंसिपल) और उनके 80 वर्षीय ससुर सुलक्षण सिंह (स्वतंत्रता सेनानी) को हिरासत में लिया। यह हिरासत थाना सरहाली, तरन तारन में 3 दिन तक चली, जहां परिजनों और शिक्षकों ने उनसे मुलाकात की। लेकिन तीन दिन बाद, दोनों का कोई पता नहीं चला। सुखदेव सिंह की पत्नी सुखवंत कौर ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बाद में, यह खुलासा हुआ कि हिरासत में प्रताड़ना के दौरान सुखदेव सिंह की मौत हो गई थी और उनकी लाश को उनके ससुर सुलक्खण सिंह के साथ हरिके नहर में फेंक दिया गया। जानें क्या-क्या सजा दी गई थाना सरहाली, जिला तरनतारन के एसएचओ रहे सुरिंदरपाल सिंह को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत कठोर सजा दी गई है। सुरिंदरपाल सिंह का आपराधिक इतिहास यह वही सुरिंदरपाल सिंह है जो मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालड़ा हत्या मामले में पहले ही आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसे तरनतारन के जीयो बाला गांव के चार सदस्यों के अपहरण और गुमशुदगी के एक अन्य मामले में भी 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। दूसरे मामले में एचएचओ सहित दो अन्य दोषी करार 1992 में दो युवकों, जगदीप सिंह उर्फ मक्खन (पंजाब पुलिस सिपाही) और गुरनाम सिंह उर्फ पाली (एसपीओ), का अपहरण कर फर्जी मुठभेड़ में हत्या की गई और शवों को ‘लावारिस’ बताकर जला दिया गया। सीबीआई अदालत के न्यायाधीश राकेश गुप्ता ने एसएचओ गुरबचन सिंह, एएसआई रेशम सिंह और पुलिसकर्मी हंस राज सिंह को धारा 302 और 120-बी के तहत दोषी करार दिया। तीनों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया। सजा का ऐलान मंगलवार को किया जाएगा। महिला की भी हुई थी मौत 18 नवंबर 1992 को पुलिस ने मृतक मक्खन सिंह घर पर फायरिंग कर उसका अपहरण किया था। फायरिंग में उसकी सास सविंदर कौर की मौत हो गई। 21 नवंबर 1992 को गुरनाम सिंह को उसके घर से उठाया गया। पुलिस ने 30 नवंबर 1992 को फर्जी मुठभेड़ में दोनों की हत्या की और शवों को ‘लावारिस’ बताकर अंतिम संस्कार कर दिया। एफआईआर में झूठी कहानी गढ़ी गई कि मुठभेड़ में आतंकवादी मारे गए। सीबीआई जांच में खुलासा सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया। जांच में खुलासा हुआ कि यह अवैध हिरासत और हत्या का मामला था। 1997 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की और 2021 में एक आरोपी अर्जुन सिंह की मृत्यु के कारण मामला बंद कर दिया गया।
पंजाब में आंधी और बिजली गिरने की आशंका:2 जनवरी तक शीतलहर के साथ बूंदाबांदी, तेज हवाएं चलेंगी, चंडीगढ़ में ओलावृष्टि की संभावना
पंजाब में आंधी और बिजली गिरने की आशंका:2 जनवरी तक शीतलहर के साथ बूंदाबांदी, तेज हवाएं चलेंगी, चंडीगढ़ में ओलावृष्टि की संभावना पंजाब और चंडीगढ़ में आज से मौसम बदल गया है। शीतलहर के साथ-साथ सुबह से बूंदाबांदी भी हो रही है। मौसम विभाग ने आज पंजाब के 21 जिलों में आंधी, बिजली गिरने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का येलो अलर्ट जारी किया है। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है। हालांकि, पिछले 24 घंटे में राज्य के औसत तापमान में 0.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। जो सामान्य तापमान से 2 डिग्री ज्यादा है। सबसे ज्यादा तापमान 23.9 डिग्री पठानकोट के थीन डैम पर दर्ज किया गया है। 2 जनवरी तक बारिश की संभावना पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा, लुधियाना, बरनाला, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला और मलेरकोटला में आज मौसम बदलेगा। यहां आंधी और ओलावृष्टि की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, ऐसे मौसम में लोगों को ठंड से बचने की कोशिश करनी चाहिए। 27 दिसंबर से 2 जनवरी तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस मौसम में इन बातों का रखें ख्याल विभाग के अनुसार जिस तरह का मौसम बन रहा है। पेड़ों के पास न जाएं और न ही उनके नीचे शरण लें। जहां तक संभव हो बाहर जाने का कार्यक्रम टाल दें। तालाबों और झीलों आदि के पास जाने से बचें। वहीं, सड़कों पर सावधानी से वाहन चलाएं। वाहनों को सुरक्षित स्थान पर पार्क करें। बदलते मौसम पर नजर रखें और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए तैयार रहें। ऐसी वस्तुओं को सुरक्षित रखें जो हवा के साथ उड़ जाती हैं। ऐसा रहेगा मौसम चंडीगढ़ – आज सुबह के समय धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 7 से 20 डिग्री के बीच में रहेगा। अमृतसर -आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 6 से 17 डिग्री के बीच में रहेगा। जालंधर – आज सुबह शाम धुंध रहेगी। तापमान 5 से 20 डिग्री के बीच में रहेगा। लुधियाना – आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 6 से 20 डिग्री के बीच में रहेगा पटियाला – आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 7 से 21 डिग्री के बीच में रहेगा मोहाली – आज धुंध देखने को मिलेगी। तापमान 6 से 21 डिग्री के बीच में रहेगा
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई:डल्लेवाल के अनशन का 65वां दिन, सेहत में सुधार, 11-13 फरवरी तक होंगी 3 महापंचायतें
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई:डल्लेवाल के अनशन का 65वां दिन, सेहत में सुधार, 11-13 फरवरी तक होंगी 3 महापंचायतें पंजाब और हरियाणा के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़े मामले की आज (बुधवार) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दूसरी तरफ खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 65वें दिन में दाखिल हो गया है। अब उनकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। उन्हें फिलहाल ट्रॉली में रखा गया। जबकि नए कमरे का निर्माण भी चल रहा है। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चे एसकेएम ने शंभू और खनौरी मोर्चे से एकता मीटिंग बुलाने की तैयारी की है। पता चला है पहले 12 फरवरी को मीटिंग बुलाई थी। लेकिन उस दिन महापंचायत है। ऐसे में इस तारीख में बदलाव हो सकता है। जब तक मांगे नहीं मानी जाती, अनशन जारी रहेगा डल्लेवाल का अनशन लगातार जारी है। उन्होंने कल जनता के नाम दिए संदेश में साफ कर दिया कि जब तक सरकार द्वारा उनकी मांगों को नहीं माना जाता है, तब तक उनका अनशन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि किसान साथियों व मोर्चे के नेताओं के कहने पर मेडिकल मदद ली थी। वहीं, 13 फरवरी को मोर्चे को एक साल होने जा रहा है। ऐसे में किसान 11 से लेकर 13 फरवरी तक तीन महापंचायत आयोजित करने जा रहे हैं। वहीं, डल्लेवाल ने 12 फरवरी को खनौरी में होने वाली महापंचायत में भारी संख्या में लोगों को शामिल होने का न्योता दिया है। 13 फरवरी को शंभू मोर्चे पर किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। सभी किसानों की जांच कर रहे हैं डॉक्टर अमेरिका से डॉ स्वेमान की टीम के कुछ और मेंबर जो कि पेशे से डॉक्टर हैं, वह भी मोर्च पर पहुंचे हुए हैं। जो कि डल्लेवाल के अन्य किसानों की देखरेख कर रहे हैं। उनको जरूरी मेडिकल सहायता मुहैया करवा रहे हैं। किसानों के बीपी और शुगर चेक किए जा रहे हैं। इसके अलावा उनको मेडिटेशन तक करवाई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक यह संघर्ष चलेगा, वह अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। 13 फरवरी से वह लगातार उनकी टीमें यहां पर मौजूद है। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष को 50 दिन पूरे हुए तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग के लिए न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला।