हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पटौदी की नई अनाज मंडी में रैली कर क्षेत्र को करोड़ों की सौगात दी। जिसमें 184 करोड़ की लागत से विकास संबंधित 87 परियोजना का शिलान्यास व उद्घाटन शामिल है। लेकिन इस दौरान क्षेत्र की एक बड़ी मांग को नजर अंदाज किया गया है। बीते दिन पटौदी को जिला बनाने की मांग को लेकर एक महापंचायत भी की गई थी। जिसमें सीएम को मांग पत्र सौंपने के लिए 21 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया था। विधायक सत्यप्रकाश और स्वामी धर्मदेव ने मंच पर की सीएम से अपील रैली में महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने अपने संबोधन के दौरान सीएम नायब सैनी से पटौदी को जिला बनाने की अपील करते हुए कहा कि हरियाणा में कभी भी नए जिले बनाओ, तो सबसे पहला हक पटौदी को मिलना चाहिए। वहीं विधायक सत्यप्रकाश जरावत ने उदहारण देते हुए कहा कि जैसे नोएडा, हैदराबाद और मुंबई के पास नवी मुंबई, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर हैदराबाद को स्थापित किया गया है ऐसे ही पटौदी, तावडू, धारुहेडा, फरुखनगर जैसे क्षेत्र को जोड़कर एक ग्रेटर गुरुग्राम की स्थापना की जाए। साथ ही जरावत अपने संबोधन में फरुखनगर को उपमंडल बनाने की अपील भी करते दिखाई दिए। लेकिन रैली में सीएम नायब सैनी ने अपने संबोधन के दौरान एक बार भी पटौदी को जिला बनाने संबंधित बात का जिक्र नहीं किया | बीते दिन इस मांग को लेकर हुई थी महापंचायत शुक्रवार को जाटौली मंडी के पार्थ पैलेस में क्षेत्र के विभिन्न संगठनों, सामाजिक और राजनैतिक लोगों ने महापंचायत का आयोजन किया था। जिसमें सीएम को मांग पत्र सौंपने के लिए 21 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया था। साथ ही ये ऐलान भी किया कि अगर सीएम द्वारा इस मांग को लेकर कोई घोषणा या अधिसूचना जारी नहीं कराई गई तो वो आने वाले समय में चुनाव का बहिष्कार करेंगे। पटौदी के लोगों का क्या है तर्क ? पटौदी क्षेत्र के लोगों कहना है कि मानेसर तो गुरुग्राम से सटा हुआ है। वहां से गुरुग्राम जाने में 15-20 मिनट लगती है। पटौदी क्षेत्र के कुछ गांव तो ऐसे है, जिन्हें गुरुग्राम जाने में 2-3 घंटे लग जाते है। जिस कारण से लोगों का समय खराब होता है, व परेशानियों का सामना पड़ता है। पटौदी जिला बनने की लगभग सभी शर्तों को पूरा कर रहा है। इसलिए जिला पटौदी को ही बनाना चाहिए। ताकि क्षेत्र में ही सभी सुविधाएं उन्हें और उनकी आने वाली पीढ़ियों को मिल सके। नया जिला बनने की दौड़ में मानेसर भी मानेसर को जिला बनाने की मांग भी समय समय पर उठती रही है। सरकार ने हाल ही में मानेसर को उपमंडल और नगर निगम का दर्जा भी दिया हैं। इसके अलावा कुछ ही महीनों पहले सरकार ने प्रदेश में डबवाली, गोहाना, असंध, हासी और मानेसर को जिला बनाने की संभावना पर विचार किए जाने के लिए कमेटी का गठन भी किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पटौदी की नई अनाज मंडी में रैली कर क्षेत्र को करोड़ों की सौगात दी। जिसमें 184 करोड़ की लागत से विकास संबंधित 87 परियोजना का शिलान्यास व उद्घाटन शामिल है। लेकिन इस दौरान क्षेत्र की एक बड़ी मांग को नजर अंदाज किया गया है। बीते दिन पटौदी को जिला बनाने की मांग को लेकर एक महापंचायत भी की गई थी। जिसमें सीएम को मांग पत्र सौंपने के लिए 21 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया था। विधायक सत्यप्रकाश और स्वामी धर्मदेव ने मंच पर की सीएम से अपील रैली में महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने अपने संबोधन के दौरान सीएम नायब सैनी से पटौदी को जिला बनाने की अपील करते हुए कहा कि हरियाणा में कभी भी नए जिले बनाओ, तो सबसे पहला हक पटौदी को मिलना चाहिए। वहीं विधायक सत्यप्रकाश जरावत ने उदहारण देते हुए कहा कि जैसे नोएडा, हैदराबाद और मुंबई के पास नवी मुंबई, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर हैदराबाद को स्थापित किया गया है ऐसे ही पटौदी, तावडू, धारुहेडा, फरुखनगर जैसे क्षेत्र को जोड़कर एक ग्रेटर गुरुग्राम की स्थापना की जाए। साथ ही जरावत अपने संबोधन में फरुखनगर को उपमंडल बनाने की अपील भी करते दिखाई दिए। लेकिन रैली में सीएम नायब सैनी ने अपने संबोधन के दौरान एक बार भी पटौदी को जिला बनाने संबंधित बात का जिक्र नहीं किया | बीते दिन इस मांग को लेकर हुई थी महापंचायत शुक्रवार को जाटौली मंडी के पार्थ पैलेस में क्षेत्र के विभिन्न संगठनों, सामाजिक और राजनैतिक लोगों ने महापंचायत का आयोजन किया था। जिसमें सीएम को मांग पत्र सौंपने के लिए 21 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया था। साथ ही ये ऐलान भी किया कि अगर सीएम द्वारा इस मांग को लेकर कोई घोषणा या अधिसूचना जारी नहीं कराई गई तो वो आने वाले समय में चुनाव का बहिष्कार करेंगे। पटौदी के लोगों का क्या है तर्क ? पटौदी क्षेत्र के लोगों कहना है कि मानेसर तो गुरुग्राम से सटा हुआ है। वहां से गुरुग्राम जाने में 15-20 मिनट लगती है। पटौदी क्षेत्र के कुछ गांव तो ऐसे है, जिन्हें गुरुग्राम जाने में 2-3 घंटे लग जाते है। जिस कारण से लोगों का समय खराब होता है, व परेशानियों का सामना पड़ता है। पटौदी जिला बनने की लगभग सभी शर्तों को पूरा कर रहा है। इसलिए जिला पटौदी को ही बनाना चाहिए। ताकि क्षेत्र में ही सभी सुविधाएं उन्हें और उनकी आने वाली पीढ़ियों को मिल सके। नया जिला बनने की दौड़ में मानेसर भी मानेसर को जिला बनाने की मांग भी समय समय पर उठती रही है। सरकार ने हाल ही में मानेसर को उपमंडल और नगर निगम का दर्जा भी दिया हैं। इसके अलावा कुछ ही महीनों पहले सरकार ने प्रदेश में डबवाली, गोहाना, असंध, हासी और मानेसर को जिला बनाने की संभावना पर विचार किए जाने के लिए कमेटी का गठन भी किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
सोनीपत में व्यापारी ने की आत्महत्या, कर्ज लिया था:फाइनेंसर पत्नी- बच्चों को उठाने की धमकी दे रहे थे; फंदे पर लटका मिला
सोनीपत में व्यापारी ने की आत्महत्या, कर्ज लिया था:फाइनेंसर पत्नी- बच्चों को उठाने की धमकी दे रहे थे; फंदे पर लटका मिला हरियाणा के सोनीपत में फाइनेंसरों से तंग आकर एक व्यापारी ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। व्यापारी ने मरने से पहले सुसाइड नोट में अपनी व्यथा बताई है। घटना के बाद से व्यापारियों में रोष है और वे फाइनेंसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर थाना सिविल लाइन में पहुंचे हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचा दिया है। पुलिस छानबीन की बात कह रही है। आरोप है कि फाइनेंसर उसे बीबी बच्चों को उठा लेने की धमकी दे रहे थे। जानकारी अनुसार मृतक दुकानदार की पहचान अनिल शर्मा के तौर पर हुई है। उसकी सोनीपत के कच्चे क्वार्टर मार्केट में ट्रेडिंग की दुकान थी। अनिल ने गुरुवार को फंखे पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को सूचना मिली तो घर में हा हाकर मच गया। कुछ देर में ही व्यापारी एकत्रित हो गए। पुलिस को सूचना दी गई। इस बीच पता चला कि अनिल को फाइनेंसर तंग कर रहे थे। इसके बाद व्यापारी एकत्रित होकर फाइनेंसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए थाना सिविल लाइन पहुंचे।
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक
बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार दिनेश कौशिक का विरोध शुरू हो गया है। कौशिक का विरोध किसी और ने नहीं, बल्कि उनके ही सगे बड़े भाई नरेश कौशिक ने किया है। नरेश का आरोप है कि उनका छोटा भाई अहंकारी है। उन्होंने कहा, ‘टिकट मिले हुए उसे 3 दिन हो गए, लेकिन उसने आज तक मुझे एक कॉल तक करना ठीक नहीं समझा। भले ही हमारे बीच मतभेद रहे हैं, लेकिन मैंने कभी अपने भाई के खिलाफ कुछ नहीं बोला। उल्टा वह मेरे खिलाफ लगातार गलत बयानबाजी करता रहा।’ नरेश ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा, ‘मेरे परिवार में बेटी (दिनेश की बेटी) की शादी थी, लेकिन इस आदमी (दिनेश कौशिक) ने मुझे उस शादी तक में शामिल नहीं होने दिया। वह बहुत बड़ा अहंकारी है। मेरे परिवार को साजिश के तहत तोड़ा गया।’ शुक्रवार को नरेश कौशिक ने बहादुरगढ़ शहर में अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बगैर नाम लिए ओमप्रकाश धनखड़ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके परिवार में ही फूट डाल दी। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा इस परिस्थिति में पार्टी के कैंडिडेट का समर्थन कैसे संभव है? जो उनके पास एक कॉल तक नहीं कर सकता। मेरे साथ साजिश रची गई। मेरे घर को लूटने काम किया गया। मेरे परिवार को लूटने का काम किया गया। मेरी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। इसलिए मैंने पार्टी को कहा- ये फैसला बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे तो कमल के फूल पर लड़ेंगे। मैंने हमेशा पार्टी हित के लिए काम किया है। मैंने उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाई जो लोग कहते थे वोट डालकर दिखा देना। हमने दो बार दीपेंद्र हुड्डा को यहां से हराने का काम किया। मुझे दुख इस बात का है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मैं बीमार हो गया। अगर मैं बीमार नहीं होता तो अबकी बार भी दीपेंद्र को यहां से हराकर भेजते। जो नेता अपनी सीट नहीं जीत पाए वो पूरे झज्जर जिले की सीट दिलाने का काम करते है और वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को घुमराह कर मेरे भाई को लेकर गए। उन्हें पता था कि उनका भाई जीत नहीं सकता। क्योंकि नरेश कौशिक के साथ हलके की जनता हैं। इसी साजिश के तहत मेरी टिकट कटवाई गई। नरेश ने कहा कि पार्टी दो दिन में अपना फैसला बदले। वरना उसके बाद कार्यकर्ता जो फिर फैसला लेंगे मुझे मंजूर हैं। हालांकि नरेश कौशिक ने पार्टी नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी वह पार्टी में थे और आज भी बीजेपी में हैं। आगे का निर्णय कार्यकर्ता लेंगे। पिछले चुनाव में मिली थी हार बता दें कि नरेश कौशिक बहादुरगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। 2014 में वह इसी सीट से बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए थे। हालांकि 2019 में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया, लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून के सामने चुनाव हार गए। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके छोटे भाई दिनेश कौशिक को दिया। दोनों भाइयों के बीच मतभेद काफी समय से चले आ रहे है। इसी के चलते नरेश कौशिश दिनेश को टिकट दिए जाने से खासे नाराज दिखे। नरेश कौशिक का टिकट कटने की एक वजह उनका आईएनएलडी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में नाम आना भी रहा। हालांकि नफे सिंह राठी हत्याकांड की जांच अभी सीबीआई कर रही हैं। राठी के परिवार ने कौशिक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को नामजद कराया था। सीबीआई की टीम नरेश कौशिक के अलावा अन्य नामजद लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है।
पानीपत में लूटेरों ने व्यक्ति को मारी गोली:पैदल घर जा रहा था: रास्ते में तीन बदमाशों ने मोबाइल फोन छीनना चाहा, नहीं मिलने पर किया फायर
पानीपत में लूटेरों ने व्यक्ति को मारी गोली:पैदल घर जा रहा था: रास्ते में तीन बदमाशों ने मोबाइल फोन छीनना चाहा, नहीं मिलने पर किया फायर हरियाणा के पानीपत जिले में लुटेरों ने एक व्यक्ति को गोली मार दी। बदमाशों ने व्यक्ति से उसका फोन लूटना चाहा। लेकिन, व्यक्ति ने अपना फोन नहीं दिया। जिसके बाद बदमाशों ने उसे गोली मार दी। व्यक्ति ने अपना मोबाइल फोन तब भी नहीं छोड़ा। इसके बाद बदमाश वहां से फरार हो गए। घायल अवस्था में वह किसी तरह खुद ही समालखा के एक अस्पताल पहुंचा। जहां से वह प्राथमिक उपचार के बाद वापस घर लौट गया। सुबह दर्द ज्यादा होने पर उसके परिजनों उसे सिविल अस्पताल ले कर पहुंचे। जहां उसका उपचार चल रहा है। गांव की हेचरी के पास हुई वारदात जानकारी देते हुए घायल नफे सिंह(45) ने बताया कि वह गांव नूरपुर गुजरान का रहने वाला है। वह एक फैक्ट्री में काम करता है। बुधवार रात को सेक्टर 29 स्थित फैक्ट्री से वह ऑटो में बैठकर घर जा रहा था। वह गांव के अड्डे पर उतरा। इसके बाद वह पैदल-पैदल घर की ओर जा रहा था। रास्ते में गांव की हेचरी के पास तीन नकाबपोश बदमाशों ने उसका रास्ता रोक लिया। बदमाशों ने उससे लूटपाट करने के लिए मोबाइल फोन छीनना चाहा। लेकिन उसे फोन नहीं छोड़ा। इसके बाद उस पर फायर कर दिया। लेकिन उसने फोन तब भी नहीं छोड़ा। इसके बाद बदमाश वहां से फरार हो गए।