हरियाणा के पलवल में पलवल-असावटी के मध्य 2 अलग-अलग स्थानों पर ट्रेन की चपेट में आने से 2 युवकों की मौत हो गई। दोनों शवों की पहचान नहीं हो सकी है। जीआरपी ने 194 बीएनएस के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों शवों को पहचान व पोस्टमॉर्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। असावटी जीआरपी चौकी प्रभारी भीम सिंह ने बताया कि उन्हें असावटी रेलवे स्टेशन मास्टर ने सूचना दी कि कीमैन भगवान सिंह ने बताया कि किलोमीटर नंबर 1487 पटाखा फैक्ट्री के निकट एक युवक का शव पड़ा हुआ है। सूचना मिलते ही जांच अधिकारी भीम सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पहचान कराने का प्रयास किया। पहचान नहीं होने पर शव की तलाशी ली गई, लेकिन उसके पास कोई कागजात ऐसा नहीं मिला जिससे उसकी पहचान हो सके। मृतक युवक की उम्र 30-32 वर्ष है, हरे रंग की टी-शर्ट व काले रंग का लोअर पहना हुआ है तथा लंबाई करीब 5 फूट 7 इंज के करीब है। वहीं, जीआरपी चौकी पलवल के जांच अधिकारी ओमप्रकाश ने बताया कि उन्हें सूचना मिली की किलोमीटर नंबर 1478 रसूलपुर रेलवे क्रॉसिंग के निकट एक युवक का शव कटी हुई अवस्था में पड़ा हुआ है। सूचना पर जीआरपी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पहचान कराने का प्रयास किया, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। तलाशी लेने पर शव के पास ऐसा कोई कागजात भी नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान हो सके। जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम व पहचान के लिए जिला नागरिक अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया। मृतक की उम्र करीब 18-19 वर्ष है, कद 5 फुट 5 इंच है और लाल रंग की टी-शर्ट व आसमानी लोअर पहना हुआ है। हरियाणा के पलवल में पलवल-असावटी के मध्य 2 अलग-अलग स्थानों पर ट्रेन की चपेट में आने से 2 युवकों की मौत हो गई। दोनों शवों की पहचान नहीं हो सकी है। जीआरपी ने 194 बीएनएस के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों शवों को पहचान व पोस्टमॉर्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया है। असावटी जीआरपी चौकी प्रभारी भीम सिंह ने बताया कि उन्हें असावटी रेलवे स्टेशन मास्टर ने सूचना दी कि कीमैन भगवान सिंह ने बताया कि किलोमीटर नंबर 1487 पटाखा फैक्ट्री के निकट एक युवक का शव पड़ा हुआ है। सूचना मिलते ही जांच अधिकारी भीम सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पहचान कराने का प्रयास किया। पहचान नहीं होने पर शव की तलाशी ली गई, लेकिन उसके पास कोई कागजात ऐसा नहीं मिला जिससे उसकी पहचान हो सके। मृतक युवक की उम्र 30-32 वर्ष है, हरे रंग की टी-शर्ट व काले रंग का लोअर पहना हुआ है तथा लंबाई करीब 5 फूट 7 इंज के करीब है। वहीं, जीआरपी चौकी पलवल के जांच अधिकारी ओमप्रकाश ने बताया कि उन्हें सूचना मिली की किलोमीटर नंबर 1478 रसूलपुर रेलवे क्रॉसिंग के निकट एक युवक का शव कटी हुई अवस्था में पड़ा हुआ है। सूचना पर जीआरपी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पहचान कराने का प्रयास किया, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। तलाशी लेने पर शव के पास ऐसा कोई कागजात भी नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान हो सके। जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम व पहचान के लिए जिला नागरिक अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया। मृतक की उम्र करीब 18-19 वर्ष है, कद 5 फुट 5 इंच है और लाल रंग की टी-शर्ट व आसमानी लोअर पहना हुआ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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IPS अधिकारी पर यौन शोषण के आरोपों की चिट्ठी वायरल:हरियाणा CM को लिखी, 7 महिला पुलिसकर्मियों के साइन; BJP अध्यक्ष बोले- जांच करेंगे
IPS अधिकारी पर यौन शोषण के आरोपों की चिट्ठी वायरल:हरियाणा CM को लिखी, 7 महिला पुलिसकर्मियों के साइन; BJP अध्यक्ष बोले- जांच करेंगे हरियाणा में एक IPS ऑफिसर पर महिला पुलिसकर्मियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। महिला पुलिसकर्मियों ने इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस पर 7 महिला पुलिसकर्मियों के साइन भी हैं। चिट्ठी में आरोप लगाया गया है कि IPS ऑफिसर ने एक महिला पुलिस अधिकारी से मिलकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाब बनाया और ऐसा नहीं करने पर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) खराब करने की धमकी तक दी। महिला पुलिसकर्मियों ने घटना के बारे में महिला DSP को भी बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि आगे बढ़ना है तो यह सब करना पड़ेगा। CM को लिखे पत्र में महिला पुलिसकर्मियों ने कहा है कि अगर उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगी। वायरल चिट्ठी पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि SP पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच की जा रही है। IPS अधिकारी बोले- मैंने खुद जांच के लिए पत्र लिखा
वहीं आरोपों पर IPS अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि चिट्ठी में जिसके नाम हैं, वह सभी कह रहे हैं कि यह हमारी ओर से नहीं लिखा गया है। इसके लिए मैंने फिर भी इन्क्वायरी के लिए रिक्वेस्ट की है। इन्क्वायरी होने के बाद सारी चीजें सामने आ जाएंगी। DGP को मामले से अवगत करवा दिया गया है। जो महिला पुलिसकर्मी ACR खराब होने का जिक्र कर रही हैं, वह खुद इन चिट्ठी को लेकर मना कर रही हैं। जब तक यह लेटर वेरीफाई नहीं हो जाता, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता। इसकी जांच जारी है। महिला पुलिसकर्मियों ने चिट्ठी में अफसर पर लगाए 5 बड़े आरोप 1. IPS ऑफिसर सुंदर महिलाओं पर नजर रखता है
मैं एक महिला पुलिसकर्मी हूं और अपना काम ईमानदारी से करती हूं। मेरे जिले में तैनात IPS अधिकारी सुंदर महिला पुलिस कर्मचारियों पर गंदी नजर रखते हैं। SP की पत्नी और बच्चे बाहर रहते हैं। एक दिन महिला थाना की SHO मुझे अपने साथ SP आवास ले गईं। उस वक्त कोठी पर गेट मैन के सिवा कोई नहीं था। सर और SHO मैडम ने कहा कि रसोई में जाकर चाय बना लाओ। जब मैं चाय बनाकर बाहर आई तो मैडम रूम में नहीं थी। जैसे ही मैं सर को चाय देने लगी तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया, मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे। इसका मैने विरोध किया और जबरन कमरे से बाहर आ गई। 2. महिला SHO-DSP ने कहा अफसरों को कोऑपरेट करो जब मैं कैंप ऑफिस के बाहर पहुंची तो मैंने देखा महिला SHO मैडम वहां बैठी थी। मैंने मैडम को अंदर की बात बताई तो वह भड़क गईं और कहने लगी अफसरों को कोऑपरेट करना पड़ता है। मैडम की यह बात सुन मैं रोते हुए SP आवास से बाहर निकल गई। फिर मैंने यह बात महिला DSP मैडम को बताई। DSP ने भी कहा कि प्रमोशन के लिए अफसरों को कोऑपरेट करना पड़ता है। इसलिए मेरी बात मानों तो थोड़ा कोऑपरेट करो। इसके बाद देखो तुम्हारा प्रमोशन पक्का और उसके बाद तुम रुपयों में खेलोगी। यह बातें सुन मैं ऑफिस से बाहर चली गई। इसके बाद महिला थाने की SHO मेरे पीछे पड़ गई और मेरी ACR खराब करने की धमकियां देकर मानसिक रूप से टॉर्चर करने लगी। 3. प्रमोशन का लालच देकर गलत काम करवाते हैं सीएम सर, मैं एक बेहद गरीब परिवार की लड़की हूं। आपकी भाजपा सरकार में मैं ईमानदारी से बिना किसी रुपयों के नौकरी लगी हूं। इसलिए नहीं कि पिता और बड़े भाई के समान अफसर हमारा यौन शोषण करे। माना मैं गरीब हूं, लेकिन इज्जतदार परिवार से हूं। अगर अफसरों ने ऐसी हरकत बंद नहीं की तो मैं आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाउंगी। एसपी सर के इस घिनौने काम में DSP से लेकर SHO मैडम तक शामिल हैं, जो कर्मचारियों को प्रमोशन का लालच देकर ऐसे काम करवाने के लिए मजबूर करते हैं। 4. गिरोह काम कर रहा, अमीर घरों के लड़के फंसाते हैं SHO के पुलिस अधिकारी के साथ नाजायज संबंध है और SHO ने एक गिरोह बनाया हुआ है, जिसमें कई युवतियां शामिल हैं। यह अमीर घर के लड़कों पर फर्जी केस दर्ज करवाते हैं और फिर लाखों रुपए लेकर समझौते करवाते हैं। इस खेल में SHO, DSP और SP तीनों मिलकर काम कर रहे हैं। इससे हर महीने करोड़ों की कमाई करते हैं। अगर आप इन पुलिस अधिकारियों की संपत्तियों की डिटेल निकालोगे तो सब कुछ क्लियर हो जाएगा। 5. विधवा कॉन्स्टेबल को भी परेशान किया गया एक विधवा कॉन्स्टेबल पर SP सर का दिल आया हुआ है। मेरी तरह इस कॉन्स्टेबल ने भी इनकार किया तो इसको भी मानसिक रूप से परेशान किया जाने लगा। इस बारे में विधायक को भी बताया। विधायक ने एसपी को कहा कि यह मेरी बहन है। तब एसपी ने कहा कि आपकी बहन मेरी बहन हुई, लेकिन उसके बावजूद SP सर ने उसकी ACR खराब कर दी। सीएम सर मैं अकेली ऐसी महिला नहीं हूं। एसपी सर की बुरी नजर है। जो सुंदर महिला पुलिसकर्मी SP को पसंद आती हैं, उसके बाद महिला DSP और SHO उन महिला कर्मचारियों को बहला फुसलाकर लालच देकर घिनौना काम करने के लिए मजबूर करती हैं। अगर वह नहीं मानती तो उनकी ACR खराब करने की धमकी दी जाती है। इससे पहले SP सर जहां तैनात थे, वहां भी इनके कई महिलाओं के साथ अवैध संबंध थे।
हरियाणा CM करनाल सीट छोड़ेंगे:पंजाबी वोट बैंक समेत 3 वजहें; तीन सीटों का विकल्प, जिसमें लाडवा फेवरेट, सीएम चेहरा इसलिए BJP रिस्क नहीं ले रही
हरियाणा CM करनाल सीट छोड़ेंगे:पंजाबी वोट बैंक समेत 3 वजहें; तीन सीटों का विकल्प, जिसमें लाडवा फेवरेट, सीएम चेहरा इसलिए BJP रिस्क नहीं ले रही हरियाणा के CM नायब सैनी इस विधानसभा चुनाव में करनाल सीट छोड़ सकते हैं। भाजपा के उच्च सूत्रों के मुताबिक पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उनके लिए नई सीट की तलाश में है। जिसके लिए 3 सीटों का विकल्प तैयार किया गया है। जिसमें कुरूक्षेत्र की लाडवा सीट को फेवरेट माना जा रहा है। सैनी कुछ महीने पहले लोकसभा के साथ हुए उपचुनाव में करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव जीते थे। चूंकि भाजपा यह चुनाव सीएम नायब सैनी की अगुआई में ही लड़ रही है। ऐसे में उन्हें किसी कड़े मुकाबले में नहीं फंसाना चाहती। इसी वजह से जातीय समीकरण से लेकर भाजपा के आधार वाली सेफ सीट की तैयारी की जा रही है। खास बात यह है कि CM सैनी खुद भी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे कि वह करनाल से ही लड़ेंगे। 2 दिन पहले पंचकूला में हुई मीटिंग में उन्होंने इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया था। CM सैनी के लिए चुनी 3 सेफ सीट और उसकी वजह… 1. लाडवा: सैनी बिरदारी, OBC वर्ग और लोकसभा का कनेक्शन
लाडवा विधानसभा क्षेत्र कुरूक्षेत्र में है। इस विधानसभा में 1 लाख 95 हजार से ज्यादा वोट है। जिसमें 50 हजार वोट जाट सामाज की है। इसके अलावा सैनी समाज के 47 हजार से ज्यादा वोट है। अगर ओबीसी वोट की करें तो 90 हजार से ज्यादा वोट ओबीसी वर्ग की हैं। ओबीसी वर्ग और खास तौर पर सैनी समुदाय के वोट बैंक की वजह से यह सीएम के लिए फेवरेट सीट मानी जा रही है। हालांकि पिछली बार 2019 में भाजपा के सैनी समुदाय से जुड़े पवन सैनी यहां से कांग्रेस के मेवा सिंह से 12,637 वोटों से चुनाव हार गए थे। राजनीतिक विशेषज्ञ DAV कॉलेज के प्राचार्य RP सैनी के अनुसार लाडवा को लेकर एक और बात अहम है। सीएम नायब सैनी कुरूक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं, जिसमें लाडवा भी आता है। उनके सांसद के रूप में किए गए कामों का यहां पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है, जिससे यह सीट उनके लिए सुरक्षित मानी जा रही है। 2. गोहाना: समुदाय और बैकवर्ड क्लास का प्रभाव
गोहाना विधानसभा सीट सोनीपत जिले में है। गोहाना विधानसभा में 2 लाख से ज्यादा वोटर है। जिसमें करीब 50 हजार वोट जाट समाज से है। सैनी समाज से करीब 17 हजार के करीब वोट है। टोटल OBC वोट बैंक की बात करें तो 80 हजार वोट ओबीसी समाज की है। ओबीसी वोट बैंक के चलते ही 2019 राजकुमार सैनी ने इसी विधानसभा से चुनाव लड़ा था। उन्हें 35,379 वोट मिले थे। हालांकि जाट बाहुल्य सीट होने की वजह से वे कांग्रेस के जगबीर मलिक से करीबी मुकाबले में 4152 वोटों से हार गए। मलिक को 39,531 वोट मिले थे। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक एडवोकेट संजीव मंगलौरा मानते हैं कि सैनी के पास इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। सैनी खुद ओबीसी वर्ग से हैं। ऐसे में अन्य पिछड़ी जातियों में भी उनको अच्छा सपोर्ट मिल सकता है। सीएम चेहरा होने के नाते कुछ परसेंट जाट वोट भी उनके पक्ष में आ सकता है। नारायणगढ़: सैनी का गृह क्षेत्र लेकिन यहां रिस्क ज्यादा
अंबाला का नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र सीएम नायब सैनी का गृह क्षेत्र है। राजनीतिक जानकार एडवोकेट संजीव मंगलौरा कहते हैं कि गृह क्षेत्र से चुनाव लड़ने का बड़ा लाभ यह होता है कि स्थानीय मतदाताओं के साथ व्यक्तिगत संबंध होते हैं। चूंकि सैनी सीएम और आगे भी सीएम बन सकते हैं, ऐसे में स्थानीय मतदाता ज्यादा तरजीह देता है। हालांकि जिला परिषद चुनाव में नायब सैनी यहां से पत्नी सुमन सैनी को जिला परिषद चुनाव नहीं जिता पाए थे। ऐसे में यह रिस्क भी साबित हो सकता है। करनाल सीट छोड़ने के 3 बड़े कारण 1. पंजाबी वोट बैंक की नाराजगी
करनाल सीट पर पंजाबी वोट बैंक का दबदबा है। इस सीट के कुल 2 लाख 66 हजार वोटरों में से पंजाबी समुदाय के सबसे ज्यादा 64 हजार वोट हैं। सैनी समुदाय के यहां सिर्फ 5800 वोट हैं। इसके अलावा अगर कुल OBC वोटरों की बात करें तो करीब 35 हजार वोट है। चूंकि पिछली बार करनाल से मनोहर लाल खट्टर लड़े, वह पंजाबी समुदाय से थे। इसलिए उन्हें पंजाबी वोटरों का समर्थन मिला। सैनी OBC वर्ग से आते हैं। उनके समुदाय और OBC वर्ग की भी बहुत कम वोट हैं। ऐसे में उनको इसका नुकसान हो सकता है। वहीं अब पंजाबी वर्ग भी मुखर रूप से लगातार प्रतिनिधित्व की मांग कर रहा है। इसे भांपते हुए कुछ दिन पहले कांग्रेस भी करनाल में पंजाबी महासम्मेलन कर चुकी है। हुड्डा ने यहां तक वादा किया कि कांग्रेस सरकार बनी तो वह पंजाबी विस्थापित कल्याण बोर्ड बनाएंगे। इससे भी भाजपा को पंजाबी वोट खिसकने का डर है। 2. एंटी इनकंबेंसी का खतरा
करनाल 10 साल से सीएम सिटी है। सीएम का गृह क्षेत्र होने से भाजपा को फायदे की उम्मीद जरूर हो लेकिन इसको लेकर यहां एंटी इनकंबेंसी का खतरा भी ज्यादा है। सीएम सिटी की वजह से धरने-प्रदर्शन के अलावा लोगों की आम विधायक के तौर पर सीएम के साथ सीधी कनेक्टिविटी नहीं हो पाती। चूंकि खट्टर ने पहले ही सबको साध लिया था लेकिन सैनी के लिए अंत के कुछ महीनों में यह संभव नहीं हो रहा। इसकी वजह 3 महीने पहले लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनाव की वजह से पर्याप्त समय न मिल पाना है। 3. भीतरघात का खतरा, लोकल दावेदारों की बगावत
करनाल सीट पर सैनी को भीतरघात का भी खतरा बना हुआ है। सीएम के करीबी सूत्र बताते हैं कि यहां मनोहर लाल खट्टर के करीबी रही उनकी टीम अभी सीएम सैनी के साथ खुले दिल से नहीं चल रही। इतना अवश्य है कि खट्टर उन्हें मना लेंगे लेकिन चुनाव में वह कितने मन से मदद करेंगे, इसको लेकर सैनी के लिए रिस्क रहेगा। वहीं खट्टर के जाने के बाद लोकल नेताओं को उम्मीद थी कि अब उन्हें मौका मिलेगा लेकिन इस चुनाव में सैनी यहां से जीत गए तो फिर अगले 5 साल के लिए उनका रास्ता बंद हो जाएगा। ऐसे में उनके बगावत करने का खतरा बना रहेगा।
फ़रीदाबाद NHM कर्मचारियों हड़ताल जारी:आदेशों की जलाई प्रतियां, मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के विरुद्ध वोट की ली शपथ
फ़रीदाबाद NHM कर्मचारियों हड़ताल जारी:आदेशों की जलाई प्रतियां, मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के विरुद्ध वोट की ली शपथ हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल आज छठे दिन भी जारी रही। जहां एक तरफ सरकार से कर्मचारियों को कोई आश्वासन नहीं मिल रहा। वहीं कर्मचारी भी दृढ़ता के साथ एकजुट होकर हड़ताल जारी रखे हुए हैं। इन कर्मचारियों की मुख्य मांग उन्हें नियमित करने की है। इसके अलावा वह कोई समझौता नहीं करना चाहते। जिसके चलते आज उन्होंने 2017 सर्विस रूल के आदेशों की प्रतियों को जलाया वहीं उन्होंने सामूहिक रूप से शपथ भी ली। सरकार के विरूद्ध वोट डालने की ली शपथ हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों ने कहा यदि सरकार ने उन्हें नियमित नहीं किया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने परिवार और रिश्तेदारों समेत 10 लाख का वोट बैंक रखने वाले 18000 कर्मचारी सरकार के विरुद्ध वोट करेंगे। वहीं उन्होंने अपनी शपथ में यह भी कहा कि यदि सरकार उन्हें नियमित करने की मांग मान लेती है तो वह सरकार को तीसरी बार वापस लाने के लिए जी जान से मेहनत करेंगे। सभी NHM पिछले 3 साल से अपनी मांगों को लेकर के सीएमओ दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी तरफ से कोई संतुष्टि वाला जवाब नहीं मिला। जब तक सरकार हमारी मांगों को लिखित में पूरा करने की बात नही कहती तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगा। क्योंकि पिछले 3 साल से NHM कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा था।