केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में नई दिल्ली में देर शाम हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की संयुक्त बैठक हुई। बैठक में हथिनी कुंड से राजस्थान को यमुना नदी के सरप्लस पानी को उपलब्ध कराने के विषय पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक के बाद बताया कि इस बैठक में यमुना नदी के सरप्लस पानी को राजस्थान को उपलब्ध करवाने के लिए विस्तार से चर्चा हुई। इस विषय को लेकर शीघ्र ही हरियाणा व राजस्थान के अधिकारियों की एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिससे आने वाले दिनों में इस योजना की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार की जाएगी। सीएम सैनी ने बताया कि बरसात के दिनों में यमुना में अतिरिक्त पानी (सरप्लस) का प्रवाह होता है। इस योजना से इस पानी का उपयोग राजस्थान के विभिन्न जिलों में पेयजल आपूर्ति में हो सकेगा। इस योजना में अपर यमुना रिवर बोर्ड भी तकनीकी सहयोग करेगा। केंद्र भेजेगा विशेषज्ञ टीम मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि इस विषय में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की पहल पर दोनों राज्यों के मध्य एक एमओयू भी हो चुका है। इसी एमओयू पर आगामी कार्यवाही को लेकर आज की बैठक में चर्चा हुई। उन्होंने बैठक में हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में सेम की समस्या के समाधान के लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय से तकनीकी सहयोग करने की मांग भी रखी। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल ने इस विषय में शीघ्र ही एक तकनीकी टीम राज्य में भेजने का आश्वासन दिया। पूर्व सीएम खट्टर ने की थी पहल पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 11 महीनें पहले इसके लिए अपनी सहमति जताई थी। तब तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री भैरो सिंह शेखावत की मध्यस्थता में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में हरियाणा ने तय किया था कि, हथनी कुंड से अपनी जरूरत का पानी लेने के बाद एक्स्ट्रा बचे हुए पानी को राजस्थान को दिया जाएगा। पानी की यह आपूर्ति हरियाणा के बॉर्डर इलाके में की जाएगी। इस मीटिंग में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी मौजूद रहे थे। दोनों राज्यों के बीच तय हुआ था कि हरियाणा बरसात के दिनों में यमुना का अतिरिक्त पानी राजस्थान को देगा। यमुना का यह पानी राजस्थान को दक्षिण हरियाणा की तरफ से दिया जाएगा और राजस्थान इस पानी का स्टोरेज करेगा ताकि पीने के काम आ सके। ये हुआ था दोनों राज्यों के बीच समझौता हरियाणा यमुना से दिल्ली को उसके हिस्से का पानी पहले हुए समझौते और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार देता रहेगा। इसमें कोई कटौती नहीं होगी। राजस्थान में पानी की कमी है, इसलिए यह राजस्थान के साथ हरियाणा ने यह समझौता किया गया था। केंद्र के बाद हरियाणा और अब राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद वहां के मुख्यमंत्री भजन लाल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के माध्यम से यह प्रस्ताव किया गया था। राजस्थान के तीन जिलों को होगा फायदा इस प्रस्ताव को हरियाणा ने मान लिया है क्योंकि इसमें हरियाणा को कोई नुकसान नहीं बल्कि फायदा है। बरसात के दिनों में कितना पानी अतिरिक्त होता है और इसे किस माध्यम से राजस्थान भेजा जाएगा इसके लिए दोनों राज्यों के अधिकारी कार्ययोजना तैयार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी यमुना की क्षमता पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। गजेंद्र शेखावत ने कहा था, कि इस समझौते से राजस्थान के सीकर, झुंझनू और चूरू को फायदा होगा जहां पानी की उपलब्धता नहीं है। 20 सालों से राजस्थान दे रहा सुझाव हथिनी कुंड बैराज पर पानी रोकने की क्षमता से अधिक पानी को राजस्थान को दिया जाएगा। पिछले 20 साल से यह सुझाव राजस्थान की तरफ से दिया जा रहा था लेकिन किसी ने इस पर पहल नहीं की। अब उन्हें प्रसन्नता है कि राजस्थान और हरियाणा के सीएम ने इस पर काम शुरू कर दिया है। अब MOU होने के बाद हथिनी कुंड बैराज से चार पाइप लाइनें निकाली जाएंगी, 3 लाइन राजस्थान जाएगी और एक पाइप लाइन हरियाणा के लिए होगी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में नई दिल्ली में देर शाम हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की संयुक्त बैठक हुई। बैठक में हथिनी कुंड से राजस्थान को यमुना नदी के सरप्लस पानी को उपलब्ध कराने के विषय पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक के बाद बताया कि इस बैठक में यमुना नदी के सरप्लस पानी को राजस्थान को उपलब्ध करवाने के लिए विस्तार से चर्चा हुई। इस विषय को लेकर शीघ्र ही हरियाणा व राजस्थान के अधिकारियों की एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिससे आने वाले दिनों में इस योजना की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार की जाएगी। सीएम सैनी ने बताया कि बरसात के दिनों में यमुना में अतिरिक्त पानी (सरप्लस) का प्रवाह होता है। इस योजना से इस पानी का उपयोग राजस्थान के विभिन्न जिलों में पेयजल आपूर्ति में हो सकेगा। इस योजना में अपर यमुना रिवर बोर्ड भी तकनीकी सहयोग करेगा। केंद्र भेजेगा विशेषज्ञ टीम मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि इस विषय में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की पहल पर दोनों राज्यों के मध्य एक एमओयू भी हो चुका है। इसी एमओयू पर आगामी कार्यवाही को लेकर आज की बैठक में चर्चा हुई। उन्होंने बैठक में हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में सेम की समस्या के समाधान के लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय से तकनीकी सहयोग करने की मांग भी रखी। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल ने इस विषय में शीघ्र ही एक तकनीकी टीम राज्य में भेजने का आश्वासन दिया। पूर्व सीएम खट्टर ने की थी पहल पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 11 महीनें पहले इसके लिए अपनी सहमति जताई थी। तब तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री भैरो सिंह शेखावत की मध्यस्थता में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में हरियाणा ने तय किया था कि, हथनी कुंड से अपनी जरूरत का पानी लेने के बाद एक्स्ट्रा बचे हुए पानी को राजस्थान को दिया जाएगा। पानी की यह आपूर्ति हरियाणा के बॉर्डर इलाके में की जाएगी। इस मीटिंग में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी मौजूद रहे थे। दोनों राज्यों के बीच तय हुआ था कि हरियाणा बरसात के दिनों में यमुना का अतिरिक्त पानी राजस्थान को देगा। यमुना का यह पानी राजस्थान को दक्षिण हरियाणा की तरफ से दिया जाएगा और राजस्थान इस पानी का स्टोरेज करेगा ताकि पीने के काम आ सके। ये हुआ था दोनों राज्यों के बीच समझौता हरियाणा यमुना से दिल्ली को उसके हिस्से का पानी पहले हुए समझौते और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार देता रहेगा। इसमें कोई कटौती नहीं होगी। राजस्थान में पानी की कमी है, इसलिए यह राजस्थान के साथ हरियाणा ने यह समझौता किया गया था। केंद्र के बाद हरियाणा और अब राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद वहां के मुख्यमंत्री भजन लाल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के माध्यम से यह प्रस्ताव किया गया था। राजस्थान के तीन जिलों को होगा फायदा इस प्रस्ताव को हरियाणा ने मान लिया है क्योंकि इसमें हरियाणा को कोई नुकसान नहीं बल्कि फायदा है। बरसात के दिनों में कितना पानी अतिरिक्त होता है और इसे किस माध्यम से राजस्थान भेजा जाएगा इसके लिए दोनों राज्यों के अधिकारी कार्ययोजना तैयार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी यमुना की क्षमता पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। गजेंद्र शेखावत ने कहा था, कि इस समझौते से राजस्थान के सीकर, झुंझनू और चूरू को फायदा होगा जहां पानी की उपलब्धता नहीं है। 20 सालों से राजस्थान दे रहा सुझाव हथिनी कुंड बैराज पर पानी रोकने की क्षमता से अधिक पानी को राजस्थान को दिया जाएगा। पिछले 20 साल से यह सुझाव राजस्थान की तरफ से दिया जा रहा था लेकिन किसी ने इस पर पहल नहीं की। अब उन्हें प्रसन्नता है कि राजस्थान और हरियाणा के सीएम ने इस पर काम शुरू कर दिया है। अब MOU होने के बाद हथिनी कुंड बैराज से चार पाइप लाइनें निकाली जाएंगी, 3 लाइन राजस्थान जाएगी और एक पाइप लाइन हरियाणा के लिए होगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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