हरियाणा के पलवल में नेशनल हाईवे-19 पर केएमपी पुल के पास बदमाशों ने टैक्सी ड्राइवर को हथियार दिखाकर उसकी वैगनआर (टैक्सी) लूट ली। तीनों लड़के कोसीकलां से फरीदाबाद के लिए उसकी टैक्सी में सवार हुए थे। कैंप थाना पुलिस ने टैक्सी ड्राइवर की शिकायत पर अज्ञात लूटेरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर टैक्सी व आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार, जिला कासगंज (यूपी) के सेवका गांव निवासी अतुल यादव ने दी शिकायत में कहा है कि वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, लेकिन पिछले काफी समय से गदपुरी गांव में रहकर टैक्सी चलाने का काम करता है। शिकायत में कहा है कि उसने एक वैगनआर कार ली हुई है, जिसे वह टैक्सी में चलाकर अपने परिवार का लालन-पालन करता है। वह अपनी गाड़ी में शाम के समय फरीदाबाद से वृंदावन बुकिंग लेकर गया था। उसने बताया कि सवारियों को वृंदावन छोड़कर वह अपनी गाड़ी लेकर वापस गदपुरी आ रहा था। उसी दौरान कोसीकला (यूपी) बस स्टेंड के सामने एक सवारी ने हाथ देकर गाड़ी रुकवा ली। गाड़ी रुकते ही तीन लड़के उसके पास आए और दिल्ली चलने के लिए कहने लगे। उसने कहा कि वह केवल फरीदाबाद तक जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें फरीदाबाद ही छोड़ देना। उनसे प्रति सवारी 100 रुपए किराया तय हुआ था। उसने बताया कि रात के करीब पौने 11 बजे उसकी गाड़ी पलवल में केएमपी पुल के नीचे पहुंची तो युवकों ने कहा कि गाड़ी रोको। एक युवक को मानेसर जाना है। उसने गाड़ी रोकी तो उनमें से एक गाड़ी से उतर कर उसकी खिड़की के पास आया और कहा कि गाड़ी छोड़कर बाहर निकल। तभी दूसरे युवक ने उसकी कमर पर पिस्तौल लगाकर कहा नीचे उतर नहीं तो गोली मार दूंगा। इसके बाद उसे गाड़ी से नीचे खींचकर उतार दिया और युवक गाड़ी को लेकर फरार हो गए। अतुल ने बताया कि उसकी गाड़ी में उसका एटीएम कार्ड, गाड़ी के कागजात, 1650 रुपए व एक मोबाइल फोन है। लुटेरे उससे हथियार के बल पर सभी को लूट कर ले गए। कैंप थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लूटेरों की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक पुलिस किसी लूटेरे का कोई सुराग नहीं लगा सकी थी। हरियाणा के पलवल में नेशनल हाईवे-19 पर केएमपी पुल के पास बदमाशों ने टैक्सी ड्राइवर को हथियार दिखाकर उसकी वैगनआर (टैक्सी) लूट ली। तीनों लड़के कोसीकलां से फरीदाबाद के लिए उसकी टैक्सी में सवार हुए थे। कैंप थाना पुलिस ने टैक्सी ड्राइवर की शिकायत पर अज्ञात लूटेरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर टैक्सी व आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार, जिला कासगंज (यूपी) के सेवका गांव निवासी अतुल यादव ने दी शिकायत में कहा है कि वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, लेकिन पिछले काफी समय से गदपुरी गांव में रहकर टैक्सी चलाने का काम करता है। शिकायत में कहा है कि उसने एक वैगनआर कार ली हुई है, जिसे वह टैक्सी में चलाकर अपने परिवार का लालन-पालन करता है। वह अपनी गाड़ी में शाम के समय फरीदाबाद से वृंदावन बुकिंग लेकर गया था। उसने बताया कि सवारियों को वृंदावन छोड़कर वह अपनी गाड़ी लेकर वापस गदपुरी आ रहा था। उसी दौरान कोसीकला (यूपी) बस स्टेंड के सामने एक सवारी ने हाथ देकर गाड़ी रुकवा ली। गाड़ी रुकते ही तीन लड़के उसके पास आए और दिल्ली चलने के लिए कहने लगे। उसने कहा कि वह केवल फरीदाबाद तक जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें फरीदाबाद ही छोड़ देना। उनसे प्रति सवारी 100 रुपए किराया तय हुआ था। उसने बताया कि रात के करीब पौने 11 बजे उसकी गाड़ी पलवल में केएमपी पुल के नीचे पहुंची तो युवकों ने कहा कि गाड़ी रोको। एक युवक को मानेसर जाना है। उसने गाड़ी रोकी तो उनमें से एक गाड़ी से उतर कर उसकी खिड़की के पास आया और कहा कि गाड़ी छोड़कर बाहर निकल। तभी दूसरे युवक ने उसकी कमर पर पिस्तौल लगाकर कहा नीचे उतर नहीं तो गोली मार दूंगा। इसके बाद उसे गाड़ी से नीचे खींचकर उतार दिया और युवक गाड़ी को लेकर फरार हो गए। अतुल ने बताया कि उसकी गाड़ी में उसका एटीएम कार्ड, गाड़ी के कागजात, 1650 रुपए व एक मोबाइल फोन है। लुटेरे उससे हथियार के बल पर सभी को लूट कर ले गए। कैंप थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लूटेरों की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक पुलिस किसी लूटेरे का कोई सुराग नहीं लगा सकी थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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चरखी दादरी में विपक्ष पर भड़के मंत्री बिशंबर वाल्मीकि:विनेश फोगाट मामले पर मंत्री बोले-आरोप लगाना विपक्ष का काम हरियाणा के चरखी दादरी शहर में हर घर तिरंगा अभियान के तहत बुधवार को तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बिशंभर वाल्मीकि सहित चरखी दादरी डीसी व एसपी के अलावा दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों ने शिरकत की। यात्रा का शुभारंभ महिला पुलिस थाना से मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर किया। स्वतंत्रता दिवस उत्साह एवं जोश का त्यौहार वहीं उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए विनेश फोगाट मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष का काम आरोप लगाना है और वे आरोप लगाकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। तिरंगा यात्रा को रवाना करने के बाद मंत्री मीडिया से रूबरू हुए और कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश भर में तिरंगा यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। उसी कड़ी में आज दादरी में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस उत्साह एवं जोश का त्यौहार है। हमें देश के लिए बिलदान देने वाले अमर शहीदों को नमन कर यह त्यौहार मनाना चाहिए। भाजपा सरकार पर षडयंत्र के आरोप वहीं विनेश फोगाट मामले को लेकर मंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं हैं, इसलिए भाजपा सरकार पर षड्यंत्र के आरोप लगा रहे हैं। आरोप लगाना विपक्ष का काम है और वो अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विनेश देश की बेटी है और सरकार ने उसको अनेक सुविधाएं दी है। काफी खर्चा कर उसे खेलने के लिए विदेश भेजा गया। उन्होंने कहा कि सरकार विनेश के साथ है। तिरंगा यात्रा के दौरान चरखी दादरी डीसी राहुल नरवाल, एडीसी डा.जयेंद्र सिंह, एसपी पूजा वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।
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कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। 2. हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ
ब्यूरोक्रेसी, हमारे लीडर, हर तीन-तीन महीनों में इलेक्शन करवाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन देश के विकास में जरूरी हैं। ऐसे ही हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। किसानों को लेकर 2 बार बयान दे चुकीं कंगना…. 1. कंगना ने कहा था- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। पूरी खबर पढ़ें… विपक्ष व किसानों ने कंगना को घेरना शुरू किया था। इसके बाद भाजपा ने भी अपना पक्ष जारी कर कंगना के बयान से खुद को अलग कर लिया। कंगना से भी कहा गया कि वे ऐसे बयानों से बचें। 2. कंगना ने किसान आंदोलन और शाहीन बाग प्रोटेस्ट में शामिल महिला का जिक्र किया था
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए तीन कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। दो महीने बाद यानी 25 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो आंदोलन का ऐलान किया। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी UP सहित कई शहरों में किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया। सरकार और किसानों के बीच 11 बार बातचीत हुई, पर कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। कोर्ट ने 18 महीने के लिए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी। साथ ही इन कानूनों को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी बनाई, पर किसान नहीं माने। उनका कहना था- ‘जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते, हम आंदोलन जारी रखेंगे।’ इस बीच किसानों ने पक्के घर करना शुरू कर दिए। टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर कच्चे-पक्के घर बनना शुरू हो गए। कई जगहों पर किसानों ने CCTV कैमरे भी लगवाए, ताकि पुलिस की एक्टिविटीज को देख सकें। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप चुनावों में मिली हार और पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। आखिरकार 14 महीने की तकरार के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से कृषि कानून वापस ले लिया गया। 11 दिसंबर को किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया और दिल्ली बॉर्डर पर विजय दिवस मनाया।