पानीपत में इलाज के दौरान युवक की मौत:परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर किया हंगामा, मौत के बाद डॉक्टरों ने रेफर किया

पानीपत में इलाज के दौरान युवक की मौत:परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर किया हंगामा, मौत के बाद डॉक्टरों ने रेफर किया

पानीपत के समालखा शहर के पुराना बस स्टैंड स्थित देव हॉस्पिटल में शनिवार सुबह एक युवक की मौत पर परिजनों ने रोष प्रकट किया। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल संचालकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर परिजनों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। खाने के बाद हुई थी उल्टी मिली जानकारी के अनुसार गांव पट्टीकल्याणा का रहने वाला अनिल नामक युवक रात करीब 1:00 बजे उल्टी लगने से अपने परिजनों के साथ समालखा के प्राइवेट देव हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुँचा था। जहां अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों व कर्मचारियों द्वारा उसका इलाज करना शुरू किया गया। लेकिन इलाज के दौरान युवक की हालत ज्यादा बिगड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल कर्मचारियों ने सुबह करीब 6:00 बजे अनिल को पानीपत के लिए रेफर करने की बात कही। स्टाफ ने परिजनों को अंदर नहीं जाने दिया परिजनों अनिल को पानीपत के एक निजी हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। परिजनों मृतक की डेड बॉडी को लेकर समालखा के देव हॉस्पिटल में वापस पहुंचे, जहां स्टाफ के द्वारा उनको अंदर घुसने नहीं दिया गया। परिजनों ने हंगामा कर मृतक अनिल की डेड बॉडी को अंदर रख दिया। हंगामा की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची। करीब 3 घंटे परिजनों का हंगामा चलता रहा। इसके बाद मौके पर डीएसपी सतीश वत्स पहुंचे मामले को शांत करवाया परिजनों से बात कर मृतक की डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भेजा गया। इलाज से पहले जमा करवाए 20 हजार परिजनों ने डॉक्टर व स्टॉप पर लापरवाही के आरोप लगाए। मृतक अनिल के पिता जय सिंह ने कहा रात को पेट में दर्द होने की वजह से उल्टी लग गई थी। जिसको लेकर हम समालखा देव हॉस्पिटल में पहुंचे। जहां पर अस्पताल के स्टाफ द्वारा हमसे से ₹30,000 पहले जमा करवा लिए गए। उसके बाद कोरे कागज पर साइन करवा कर इलाज शुरू कर दिया। इलाज शुरू होने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई लेकिन अस्पताल के स्टाफ के द्वारा उसको इंजेक्शन दिया गया उसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टर बोले- पहले ही मर चुका मृत्यु होने के बाद अस्पताल स्टाफ के लोगों के द्वारा उसको पानीपत ले जाने को कहा गया। पानीपत में एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने कहा यह तो पहले ही मर चुका है। 28 वर्षीय मृतक अनिल दो बच्चों का पिता है। पुलिस ने किया मामला दर्ज डीएसपी सतीश वत्स ने जानकारी देते हुए कहा कि इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल के स्टाफ और डॉक्टरों को लेकर लोगों में रोष था। मामले को शांत करवा कर मृतक की डेड बॉडी को पानीपत के सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। फिलहाल परिजनों ने लिखित रूप में जो शिकायत दी है, उसे पर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद जो भी आरोपी है उसको छोड़ नहीं जाएगा। पानीपत के समालखा शहर के पुराना बस स्टैंड स्थित देव हॉस्पिटल में शनिवार सुबह एक युवक की मौत पर परिजनों ने रोष प्रकट किया। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल संचालकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर परिजनों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। खाने के बाद हुई थी उल्टी मिली जानकारी के अनुसार गांव पट्टीकल्याणा का रहने वाला अनिल नामक युवक रात करीब 1:00 बजे उल्टी लगने से अपने परिजनों के साथ समालखा के प्राइवेट देव हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुँचा था। जहां अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों व कर्मचारियों द्वारा उसका इलाज करना शुरू किया गया। लेकिन इलाज के दौरान युवक की हालत ज्यादा बिगड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल कर्मचारियों ने सुबह करीब 6:00 बजे अनिल को पानीपत के लिए रेफर करने की बात कही। स्टाफ ने परिजनों को अंदर नहीं जाने दिया परिजनों अनिल को पानीपत के एक निजी हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। परिजनों मृतक की डेड बॉडी को लेकर समालखा के देव हॉस्पिटल में वापस पहुंचे, जहां स्टाफ के द्वारा उनको अंदर घुसने नहीं दिया गया। परिजनों ने हंगामा कर मृतक अनिल की डेड बॉडी को अंदर रख दिया। हंगामा की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची। करीब 3 घंटे परिजनों का हंगामा चलता रहा। इसके बाद मौके पर डीएसपी सतीश वत्स पहुंचे मामले को शांत करवाया परिजनों से बात कर मृतक की डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भेजा गया। इलाज से पहले जमा करवाए 20 हजार परिजनों ने डॉक्टर व स्टॉप पर लापरवाही के आरोप लगाए। मृतक अनिल के पिता जय सिंह ने कहा रात को पेट में दर्द होने की वजह से उल्टी लग गई थी। जिसको लेकर हम समालखा देव हॉस्पिटल में पहुंचे। जहां पर अस्पताल के स्टाफ द्वारा हमसे से ₹30,000 पहले जमा करवा लिए गए। उसके बाद कोरे कागज पर साइन करवा कर इलाज शुरू कर दिया। इलाज शुरू होने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई लेकिन अस्पताल के स्टाफ के द्वारा उसको इंजेक्शन दिया गया उसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टर बोले- पहले ही मर चुका मृत्यु होने के बाद अस्पताल स्टाफ के लोगों के द्वारा उसको पानीपत ले जाने को कहा गया। पानीपत में एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने कहा यह तो पहले ही मर चुका है। 28 वर्षीय मृतक अनिल दो बच्चों का पिता है। पुलिस ने किया मामला दर्ज डीएसपी सतीश वत्स ने जानकारी देते हुए कहा कि इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल के स्टाफ और डॉक्टरों को लेकर लोगों में रोष था। मामले को शांत करवा कर मृतक की डेड बॉडी को पानीपत के सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। फिलहाल परिजनों ने लिखित रूप में जो शिकायत दी है, उसे पर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद जो भी आरोपी है उसको छोड़ नहीं जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर