हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे के गांव हथवाला में एक तेज रफ्तार कैंटर ने बाइक को सामने से टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार तीन लोग नीचे गिर गए। जिससे वे घायल हो गए। इसके बाद तीनों को वहां से एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान एक की मौत हो गई। जबकि दो वही उपचाराधीन है। हादसे की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी कैंटर छोड़कर हुआ फरार समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में मीर हसन ने बताया कि वह गांव हथवाला का रहने वाला है। 15 दिसंबर को वह अपनी पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर शादी में जा रहा था। दूसरी बाइक पर उसका चाचा राजूद्दीन, उसका बेटा मनीष व भतीजा अलीखान सवार थे। 15 दिसंबर की सुबह करीब साढ़े 9 बजे जब वे कारकौली गढ व हथवाला की सीमा पर पहुंचे तो सामने से एक तेज रफ्तार कैंटर चालक ने दूसरी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे वे तीनों बाइक सहित सड़क पर गिर गए। हादसे के बाद आरोपी मौके पर कैंटर छोड़कर फरार हो गया। हादसे में घायल तीनों को तुरंत वहां से एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान चाचा राजूद्दीन की मैत हो गई। जबकि भतीजे और बेटे का इलाज चल रहा है। हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे के गांव हथवाला में एक तेज रफ्तार कैंटर ने बाइक को सामने से टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार तीन लोग नीचे गिर गए। जिससे वे घायल हो गए। इसके बाद तीनों को वहां से एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान एक की मौत हो गई। जबकि दो वही उपचाराधीन है। हादसे की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी कैंटर छोड़कर हुआ फरार समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में मीर हसन ने बताया कि वह गांव हथवाला का रहने वाला है। 15 दिसंबर को वह अपनी पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर शादी में जा रहा था। दूसरी बाइक पर उसका चाचा राजूद्दीन, उसका बेटा मनीष व भतीजा अलीखान सवार थे। 15 दिसंबर की सुबह करीब साढ़े 9 बजे जब वे कारकौली गढ व हथवाला की सीमा पर पहुंचे तो सामने से एक तेज रफ्तार कैंटर चालक ने दूसरी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे वे तीनों बाइक सहित सड़क पर गिर गए। हादसे के बाद आरोपी मौके पर कैंटर छोड़कर फरार हो गया। हादसे में घायल तीनों को तुरंत वहां से एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान चाचा राजूद्दीन की मैत हो गई। जबकि भतीजे और बेटे का इलाज चल रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां, आदेश जारी:10वीं–12वीं के स्टूडेंट्स को स्कूल बुला सकेंगे; धुंध-ठंड की वजह से ITI की भी टाइमिंग बदली
हरियाणा के स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां, आदेश जारी:10वीं–12वीं के स्टूडेंट्स को स्कूल बुला सकेंगे; धुंध-ठंड की वजह से ITI की भी टाइमिंग बदली हरियाणा के सभी स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। यह छुटि्टयां 1 से 15 जनवरी तक रहेंगी। 16 जनवरी को स्कूल खुलेंगे। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। इस बारे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने पहले ही बयान दे दिया था। इसमें यह भी कहा गया है कि इन छुटि्टयों के दौरान CBSE, ICSE बोर्ड आदि के नॉर्म्स के अनुसार बोर्ड कक्षाओं (10वीं और 12वीं) के लिए निर्धारित शेड्यूल के अनुसार स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल के लिए स्कूल में बुलाया जा सकता है। इस संबंध में राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी के साथ स्कूल मुखियों और प्रभारियों को भी यह आदेश दिए गए हैं। वहीं सरकार ने दिसंबर–जनवरी में अत्यधिक धुंध और ठंड का हवाला देते हुए सभी राजकीय और प्राइवेट औद्योगिक शिक्षण संस्थानों (ITI) व औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (महिला) का टाइम बदल दिया है। एक जनवरी से 31 जनवरी तक इनकी टाइमिंग सुबह 10 से 4 बजे तक रहेगी। यह समय बिना इंटरवल के निर्धारित किया गया है। इस बारे में ITI के सभी प्रधानाचार्य, वर्ग अनुदेशक इंचार्जों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। स्कूलों में छुट्टियों के आदेश पढ़ें… ITI की टाइमिंग बदलने के आदेश पढ़ें… **********************************************
छुट्टियों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में 2025 की सरकारी छुट्टियों का कैलेंडर जारी हरियाणा सरकार ने साल 2025 के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें कुल 139 दिन की छुट्टियां तय की गई हैं। जिनमें 52-52 रविवार और शनिवार भी शामिल हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव विवेक जोशी ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस लिहाज से अगले साल सरकारी दफ्तरों में साल के 365 दिन की जगह सिर्फ 226 दिन ही कामकाज होगा। सरकार की तरफ से जारी कैलेंडर में शनिवार-रविवार मिलाकर 125 गजटेड हॉलिडेज तय किए गए हैं। इसके अलावा 14 रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडेज घोषित किए गए हैं। ( पढ़ें पूरी खबर)
रोहतक के नवीन जयहिंद की राज्यसभा दावेदारी:90 विधायकों के नंबर किए सार्वजनिक, जनता से फोन कर समर्थन मांगने की अपील
रोहतक के नवीन जयहिंद की राज्यसभा दावेदारी:90 विधायकों के नंबर किए सार्वजनिक, जनता से फोन कर समर्थन मांगने की अपील दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट को लेकर हरियाणा में राजनीतिक दलों के बीच घमासान चल रहा है। इसी बीच रोहतक के नवीन जयहिंद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। नवीन जयहिंद ने अपने एक्स अकाउंट पर हरियाणा के सभी विधायकों के मोबाइल नंबर जारी कर राज्यसभा चुनाव में अपने लिए समर्थन मांगा है। बता दें कि कुछ दिन पहले नवीन जयहिंद ने निर्दलीय राज्यसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। जिसके बाद महम विधायक बलराज कुंडू ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा की थी। यहीं से नवीन जयहिंद के समर्थकों में उन्हें राज्यसभा भेजने की होड़ मच गई। समर्थकों ने विधायकों को जयहिंद के पक्ष में लामबंद करने की कोशिश शुरू कर दी है। इसी क्रम में आज जयहिंद की ओर से सोशल मीडिया पर एक खास अपील भी की गई है। x पर पोस्ट करते हुए नवीन जयहिंद ने लिखा कि अगर जनता को लगता है कि जयहिंद ने मुद्दों की लड़ाई लड़ी है तो राज्यसभा चुनाव में हरियाणा के सभी माननीय विधायकों को फोन करें, भले ही आप मेरे लिए समर्थन न मांगें, लेकिन अपनी समस्याओं और मांगों के लिए फोन जरूर करें। बलराज कुंडू ने की थी समर्थन की घोषणा नवीन जयहिंद ने 6 जुलाई को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने की घोषणा की थी। इसके बाद रोहतक के महम हल्के से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने सबसे पहले नवीन जयहिंद का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘छोटे भाई नवीन जयहिंद अगर राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर आते हैं तो मेरा भाई नवीन जयहिंद को पूर्ण समर्थन रहेगा।’ इसके बाद नवीन जयहिंद ने बलराज कुंडू का समर्थन करने पर धन्यवाद किया। वहीं नवीन जयहिंद ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट डालते हुए लिखा कि ‘सीधी बात है साथियों, जो हमारा साथ देगा, हम उसका साथ देंगे। ये लड़ाई सम्मान स्वाभिमान की है। मेरे पास जमीन जायदाद नहीं जिगर है’ इधर, कांग्रेस व जजपा एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। क्योंकि अकेले कांग्रेस या जेजेपी के पास राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त मत नहीं हैं। इसी को देखते हुए नवीन जयहिंद ने राज्यसभा का चुनाव निर्दलीय लड़ने का दावा किया। जेजेपी व कांग्रेस ने एक-दूसरे के पाले में डाली गेंद पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार ना उतारने का दावा किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि जननायक जनता पार्टी अपना उम्मीदवार उतार सकती है। भाजपा को हराने के लिए अगर उनके विधायक एक साथ हैं तो कांग्रेस उनका साथ दे सकती है। इस पर JJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय चौटाला ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व सीएम हुड्डा के पास ज्यादा विधायक हैं या हमारे पास। वे राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर लें, हम समर्थन देने के लिए तैयार हैं। जेजेपी ने सबसे पहले राज्यपाल को लिखकर दिया था कि भाजपा सरकार अल्पमत में है। अगर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो हम उसका साथ देंगे। उम्मीदवार बनने के लिए 10 विधायकों का समर्थन जरूरी हरियाणा की राज्य सभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के पास 10 विधायकों का समर्थन होना आवश्यक है। फिलहाल नवीन जयहिंद को एक विधायक ने ही समर्थन दिया है। अगर 10 विधायक समर्थन नहीं देते हैं तो वे चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे। हालांकि अभी भाजपा, कांग्रेस व जेजेपी ने समर्थन का भी आश्वासन नहीं दिया है। अगर ये दल समर्थन नहीं करते हैं तो राज्यसभा का उम्मीदवार बनना भी मुश्किल लग रहा है।
गुरुग्राम में हुड्डा-सैलजा गुट में शह-मात का खेल:सैलजा कैंप लगातार 2 चुनाव हारने वालों को टिकट न देने के पक्ष में, पूर्व सीएम खेमे में बेचैनी
गुरुग्राम में हुड्डा-सैलजा गुट में शह-मात का खेल:सैलजा कैंप लगातार 2 चुनाव हारने वालों को टिकट न देने के पक्ष में, पूर्व सीएम खेमे में बेचैनी हरियाणा प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी लगातार तेज होते जा रही है। कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर रणनीति बनाने का दौर जारी है। इसके साथ ही गुरुग्राम जिले की चारों विधानसभा सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनकी धुरविरोधी कुमारी सैलजा के ग्रुप में अंदरखाने शह-मात का खेल भी स्टार्ट हो गया है। विरोधी धड़े को कमजोर कर अपना कद बढ़ाने के लिए दोनों गुटों के नेता लगातार हाथ-पैर मार रहे है। कुमारी सैलजा और उनके साथी रणदीप सिंह सुरजेवाला का ग्रुप इस कोशिश में है कि लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को इस बार टिकट ना मिल पाए। इसके लिए फील्डिंग जमाई जा रही है। यह धड़ा हाईकमान को इस बात के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों पर दांव लगाया जाए ताकि पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बना सके। अगर सैलजा खेमे की यह प्लानिंग सिरे चढ़ गई तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुड्डा खेमे से जुड़े नेताओं को होगा। इसकी वजह से इस धड़े के नेताओं में थोड़ी बेचैनी दिख रही है। इन नेताओं की जगह अगर नए चेहरों को टिकट मिला और पार्टी सत्ता में आई तो सीएम चेहरे को लेकर भी सैलजा खेमे की दावेदारी मजबूत होगी। लोकसभा चुनाव नतीजों से उत्साह का माहौल लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में से 5 सीट जीतने के बाद कांग्रेसी वर्करों और नेताओं में उत्साह का माहौल है। यही कारण है कि ज्यादा नेता पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। इसके साथ ही पार्टी में हुड्डा और सैलजा कैंप के बीच आपसी खींचतानी भी बढ़ने लगी है। हालांकि हाईकमान ने दोनों गुटों को सार्वजनिक तौर पर एकजुटता दिखाने का सख्त संदेश दे रखा है लेकिन अंदरखाने दोनों ही गुट एक-दूसरे की जड़ खोदने में जुटे नजर आ रहे हैं। सैलजा-रणदीप गुट की कोशिश है कि 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में हारने वाले नेताओं को इस बार किसी सूरत में टिकट न मिलने पाए। ऐसे नेताओं में ज्यादातर हुड्डा कैंप से आते हैं। लगातार दो चुनाव हारने वाले ज्यादातर नेता हुड्डा कैंप से अगर सैलजा-रणदीप गुट की चली और लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट देने से पार्टी ने परहेज किया तो इसका सबसे अधिक नुकसान हुड्डा खेमे को होगा। हुड्डा गुट से जुड़े ऐसे नेताओं की लिस्ट बहुत लंबी हैं जो 2014 और 2019 में पार्टी का टिकट मिलने के बावजूद जीत पाने में नाकाम रहे। सैलजा-रणदीप चाहते हैं कि कांग्रेस हाईकमान जनता की ओर से खारिज किए जा चुके इन नेताओं की जगह नए चेहरों पर दांव लगाए ताकि जनता और पार्टी कैडर को यह संदेश दिया जा सके कि कांग्रेस में चेहरों से ज्यादा काबिलियत मायने रखती है। इसके लिए दोनों नेता दिल्ली में लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा फायदे में सैलजा कैंप ही रहेगा। सीएम चेहरे पर दावा ठोकने की तैयारी कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि हरियाणा में इस बार लोगों का झुकाव कांग्रेस की ओर है तथा वह राज्य में 10 साल से सत्ता में बैठी भाजपा से नाराज है। लोकसभा चुनाव नतीजों ने उसकी इस थ्योरी को और मजबूती दी है। ऐसे में हाईकमान को लगता है कि पार्टी के पास भाजपा से सत्ता से बाहर करने का इस बार सुनहरा मौका है। पार्टी नेतृत्व इस मौके को गंवाना नहीं चाहता इसलिए हर कदम सोच-समझकर उठाया जा रहा है। पार्टी में किसी तरह की नाराजगी से बचने के लिए राज्य में संगठन बनाने का काम भी होल्ड पर डाल दिया गया है। कांग्रेस के दिग्गज भी हालात को भांप चुके हैं इसलिए उनमें अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने की होड़ नजर आने लगी है। इन नेताओं को लगता है कि अगर पार्टी को बहुमत मिला तो चुनाव नतीजों के बाद संख्या बल के आधार पर सीएम पद पर मजबूती से दावा ठोका जा सके। कमलबीर की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री कांग्रेस हरियाणा में दलित चेहरे के रूप में सैलजा को आगे करके ओबीसी और दूसरे वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है। यदि दो बार चुनाव हारने वालों के टिकट कटे तो हुड्डा खेमा बैकफुट पर होगाा और एडवांटेज सैलजा कैंप के पास होगा। कांग्रेस में हुड्डा विरोधी कैंप की अगुवाई कर रही सैलजा के साथ पहले रणदीप सुरजेवाला के साथ किरण चौधरी भी थी लेकिन अब वह बीजेपी में जा चुकी हैं। ऐसे में सैलजा कैंप में किरण चौधरी की जगह लेने का दावा जनता दल के दिग्गज नेता रहे स्व. शरद यादव के समधी कमलबीर कर रहे हैं। शरद यादव की बेटी सुभाषिनी की शादी कमलबीर के बेटे राजकमल से हुई है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सुभाषिनी को अपनी बहन मानते हैं। इस नाते राव कमलबीर सिंह की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री है। जातिगत रूप से देखा जाए तो इस समय सैलजा कैंप में एक दलित, एक जाट और एक यादव नेता हो जाते हैं।