हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के आनी में बीती शाम को 2 महिला ट्रैकर रास्ता भटक गई। राजस्थान से आईं महिलाएं जलोड़ी जोत से आगे सेरोलसर झील से वापस लौटते वक्त गलत रास्ते पर चली गई। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम कुल्लू को दी। इसके बाद आनी पुलिस थाना से रेस्क्यू दल भेजा गया। देर शाम तक दोनों महिलाओं को सुरक्षित बंजार पहुंचाया गया और उन्हें उनके रास्ते भेजा गया। कुल्लू पुलिस ने जिले के विभिन्न रूट पर ट्रैकिंग करने वाले लोगों से लोकल गाइड को साथ लेने की अपील की है, क्योंकि पहाड़ों पर अक्सर पर्यटक अपना रास्ता भटक जाते हैं। इससे कई बार अनहोनी भी घट जाती है। आनी पुलिस के अनुसार, रविवार शाम 5:30 बजे पुलिस कंट्रोल रूप से आनी पुलिस में महिलाओं के रास्ता भटकने के सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद पुलिस ने सुचेता पुत्री एसके पराशर और कीर्ति शर्मा पुत्री राज तारा चंद निवासी वैशाली नगर जयपुर राजस्थान को सुरक्षित रेस्क्यू किया। लोकल लोगों ने भी महिलाओं के रेस्क्यू में मदद की। महिलाओं के रेस्क्यू में टूरिस्ट ऑपरेटर रवि ठाकुर और तारा चंद ठाकुर ने विशेष सहयोग किया। DSP आनी चंद्र शेखर ने बताया की आनी से 4 सदसीय पुलिस टीम और कुछ स्थानीय लोगों ने महिलाओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के आनी में बीती शाम को 2 महिला ट्रैकर रास्ता भटक गई। राजस्थान से आईं महिलाएं जलोड़ी जोत से आगे सेरोलसर झील से वापस लौटते वक्त गलत रास्ते पर चली गई। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम कुल्लू को दी। इसके बाद आनी पुलिस थाना से रेस्क्यू दल भेजा गया। देर शाम तक दोनों महिलाओं को सुरक्षित बंजार पहुंचाया गया और उन्हें उनके रास्ते भेजा गया। कुल्लू पुलिस ने जिले के विभिन्न रूट पर ट्रैकिंग करने वाले लोगों से लोकल गाइड को साथ लेने की अपील की है, क्योंकि पहाड़ों पर अक्सर पर्यटक अपना रास्ता भटक जाते हैं। इससे कई बार अनहोनी भी घट जाती है। आनी पुलिस के अनुसार, रविवार शाम 5:30 बजे पुलिस कंट्रोल रूप से आनी पुलिस में महिलाओं के रास्ता भटकने के सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद पुलिस ने सुचेता पुत्री एसके पराशर और कीर्ति शर्मा पुत्री राज तारा चंद निवासी वैशाली नगर जयपुर राजस्थान को सुरक्षित रेस्क्यू किया। लोकल लोगों ने भी महिलाओं के रेस्क्यू में मदद की। महिलाओं के रेस्क्यू में टूरिस्ट ऑपरेटर रवि ठाकुर और तारा चंद ठाकुर ने विशेष सहयोग किया। DSP आनी चंद्र शेखर ने बताया की आनी से 4 सदसीय पुलिस टीम और कुछ स्थानीय लोगों ने महिलाओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आया:ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन पर भड़की संजौली मस्जिद कमेटी; बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ मांगी कार्रवाई
हिमाचल में मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आया:ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन पर भड़की संजौली मस्जिद कमेटी; बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ मांगी कार्रवाई शिमला की संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के नगर निगम (MC) आयुक्त के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने के ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के दावे पर मुस्लिम समुदाय भड़क गया है। संजौली मस्जिद कमेटी ने इस मामले को तूल देने वालों और बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ वक्फ बोर्ड से कार्रवाई की मांग की है। संजौली मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने सभी मस्जिदों को सर्कुलर जारी कर साफ कहा है कि मस्जिदों में नमाज के अलावा कोई भी गतिविधि न की जाए। ऐसे में बालूगंज मस्जिद में बीते बुधवार को ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन की मीटिंग कैसे आयोजित की गई? उन्होंने कहा, बालूगंज मस्जिद के इमाम के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बालूगंज मस्जिद की मीटिंग से उपजा विवाद दरअसल, बीते बुधवार को शिमला के बालूगंज की मस्जिद में मुस्लिम समुदाय की एक मीटिंग हुई। इसमें ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन का गठन किया गया। इस मीटिंग में MC आयुक्त के अवैध मस्जिद को गिराने के फैसले को चुनौती देने का फैसला लिया गया। इस पर संजौली मस्जिद कमेटी भड़क उठी और कुछ लोगों पर शिमला का माहौल खराब करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। MC आयुक्त ने कमेटी की सिफारिश पर तोड़ने के आदेश दिए संजौली मस्जिद कमेटी और वक्त बोर्ड ने खुद नगर निगम आयुक्त को लिखित में देकर कहा था कि यदि कोर्ट अवैध निर्माण गिराने के आदेश देता है तो वह मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के लिए तैयार है। इसके आधार पर निगम आयुक्त ने अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दिए। हाशमी बोले-जो अधिकृत नहीं थे, उन्होंने मस्जिद तोड़ने की बात कही वहीं ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्ता लियाकत अली हाशमी ने कहा, कुछ लोगों ने 2 गुटों की आपसी लड़ाई को सांप्रदायिक रंग दिया। फिर MC आयुक्त ने हिंदू संगठनों के दबाव में संजौली मस्जिद की फाइल को खोला और संबंधित पार्टी को कोर्ट में न बुलाकर ऐसे आदमी को बुलाया, जिसने दहशत में आकर मस्जिद को गिराने की पेशकश कर डाली, ऐसी पेशकश करने वाला व्यक्ति इसके लिए अधिकृत नहीं था। उन्होंने कहा, कि आयुक्त ने यह नहीं देखा कि कौन पार्टी है। एक दो लोगों की राय के आधार पर फैसला सुनाया गया है। उन्होंने कहा, मुस्लिमों की इबादत गाह को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। वक्फ बोर्ड ने इमाम को जारी किया नोटिस: कुतुबुद्दीन हिमाचल वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन मान ने बताया कि बालूगंज मस्जिद में ऑर्गनाइजेशन की बैठक की सूचना उन्हें मिली है। इसे लेकर बोर्ड ने मस्जिद के इमाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है क्योंकि वक्फ बोर्ड ने बीते 24 सितंबर एक सर्कुलर जारी था जिसमें मस्जिद में नमाज के अलावा किसी भी अन्य गतिविधि पर रोक के आदेश दिए गए थे। क्या है संजौली मस्जिद का विवाद.. आजादी से पहले थी 2 मंजिला मस्जिद दरअसल, संजौली में आजादी से पहले 2 मंजिला मस्जिद थी। साल 2010 में यहां अवैध निर्माण शुरू किया गया। 2010 में ही नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने का नोटिस दिया। साल 2020 तक अवैध निर्माण रोकने के लिए 35 नोटिस दिए गए। तब तक मस्जिद दो मंजिल से 5 मंजिल बना दी गई। निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई भी चलती रही और निर्माण भी जारी रहा। बीते 5 अक्टूबर को 3 मंजिल तोड़ने के MC आयुक्त ने आदेश दे दिए है। मस्जिद का नक्शा पास नहीं मामले ने कैसे पकड़ा तूल? दरअसल, बीते 31 अगस्त को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में एक व्यक्ति के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपी गिरफ्तार किए। आरोप लगा कि मारपीट करने वाले मस्जिद में जा छिपे। इसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने पर अड़ गए। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और विरोध पूरे प्रदेश में होने लगा। इसी मामले में हिंदू संगठनों ने पहले 2 बार संजौली और एक बार विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे हिंदू संगठन भड़क गए। इसके बाद प्रदेशभर में प्रदर्शन किए गए। व्यापारियों ने दुकानें बंद रखकर रोष जाहिर किया। 11 सितंबर को में मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
हिमाचल की दो पंचायतों को मिलेगा डेढ़ करोड़ का इनाम:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित, वाटर सफीसेंट थीम पर किया बेहतर कार्य
हिमाचल की दो पंचायतों को मिलेगा डेढ़ करोड़ का इनाम:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित, वाटर सफीसेंट थीम पर किया बेहतर कार्य हिमाचल प्रदेश की दो ग्राम पंचायतों को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार के लिए चुना गया है। नेशनल पंचायत अवॉर्ड 2024 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए किए गए संबंधित थीम पर किए इन दोनों पंचायतों को अलग अलग कैटेगरी में यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। दोनों ग्राम पंचायतों को यह पुरस्कार 11 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें दिया जाएगा। इस अवसर पर उन्हें 75 लाख रुपए की अवार्ड मनी भी दी जाएगी। बता दें कि हमीरपुर की पंचायत को वाटर सफीसेंट थीम पर कार्य करने में दूसरा स्थान और शिमला की पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशल सिक्योर्ड थीम पर बेहतर प्रदर्शन करने पर दूसरा स्थान मिला। दोनों पंचायतों को डेढ़ करोड़ की राशि से सम्मानित किया जाएगा। इन पंचायत को मिला पुरस्कार जिला हमीरपुर के बमसन ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिकांदर को वाटर सफीसेंट पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। इसी तरह जिला शिमला के नारकंडा ब्लॉक की थाना धार पंचायत को सोशल जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत कैटेगरी में दूसरा पुरस्कार मिला है। देशभर की 2.63 लाख पंचायतों के लिए दीनदयाल उपाध्याय पंचायत स्टेट विकास पुरस्कार में 9 थीम रखे गए थे। जिनमें पॉवर्टी फ्री एंड एनहांस लिवलीहुड पंचायत, हैल्दी पंचायत, चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत, वाटर सफिशिएंट पंचायत, क्लीन एंड ग्रीन पंचायत, सेल्फ सफिशिएंट स्ट्रक्चर इन पंचायत, सोशली जस्ट एंड सोशली सिक्योर्ड पंचायत, पंचायत विद गुड गवर्नेंस और वूमेन फ्रेंडली पंचायत थीम रखे गए थे। सभी थीम में प्रत्येक थीम पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। पंचायतों को 9 में से चुनने थे 2 थीम देशभर की सभी पंचायत को इन 9 थीम पर काम करने के लिए कहा गया था। पंचायतों को इन 9 थीम में से 2 थीम चुनने थे। पंचायत में किए जाने वाले विभिन्न विकास कार्यों के अलावा इन थीम पर ज्यादा जोर दिया जाना था। सिकांदर पंचायत को 15 दिन पहले इसी थीम पर काम करने पर शिमला में राज्यपाल द्वारा प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया था। ग्राम पंचायत के सभी लोगों का मिला सहयोग सिकांदर पंचायत प्रधान पवन शर्मा ने बताया कि संबंधित थीम पर काम करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों, डीसी और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ग्राम पंचायत के सभी लोगों का सहयोग मिला है। उन्हीं के सहयोग से यह राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को राष्ट्रपति द्वारा पंचायत को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया है।
हिमाचल में आज भारी बारिश का अलर्ट:कांगड़ा, चंबा, सोलन व सिरमौर को चेतावनी, 2-NH सहित 159 सड़कें बंद, 1083 करोड़ की संपत्ति नष्ट
हिमाचल में आज भारी बारिश का अलर्ट:कांगड़ा, चंबा, सोलन व सिरमौर को चेतावनी, 2-NH सहित 159 सड़कें बंद, 1083 करोड़ की संपत्ति नष्ट हिमाचल के कई भागों में बीती रात से भारी बारिश हो रही है। कांगड़ा में बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 155 मिलीमीटर बारिश हुई है। कांगड़ा की कई सड़कें इससे जलमग्न हो गई। नदी-नाले उफान पर है। कांगड़ा के ही धर्मशाला में 150.7 मिलीमीटर, सिरमौर के नाहन में 119.9 मिमी, नयना देवा में 78.2 मिमी और पांवटा साहिब में 48 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस बीच मौमस विभाग (IMD) ने ताजा बुलेटिन जारी कर कांगड़ा, चंबा, सोलन और सिरमौर जिला में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बारिश के बाद बाढ़ और लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है। अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट दिया गया है। IMD के अनुसार, प्रदेश में आज और कल मानसून एक्टिव रहेगा। मानसून 17 व 18 अगस्त को कमजोर पड़ेगा। इन दो दिनों के दौरान कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में ही हल्की बारिश हो सकती है। प्रदेश में सामान्य से 25% कम बादल बरसे प्रदेश में इस मानसून सीजन में नॉर्मल से 25 प्रतिशत कम बारिश हुई है। IMD के अनुसार, 1 जून से 14 अगस्त के बीच प्रदेश में 497.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 373.3 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। शिमला इकलौता ऐसा जिला है जहां सामान्य से ज्यादा बरसात हुई है। शिमला में 450.2 मिलीमीटर बारिश हुई, है, जबकि सामान्य बारिश 425.6 मीटर होती है। अन्य सभी जिलों में सामान्य से काफी कम बादल बरसे है। कांगड़ा में 1022 मिलीमीटर बारिश कांगड़ा जिला में जरूर पूरे मानसून सीजन के दौरान 1022.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, लेकिन सामान्य बारिश 1114.1 मिलीमीटर के मुकाबले यह 8 प्रतिशत कम है। लाहौल स्पीति में पूरे मानसून सीजन में सबसे कम 63.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। प्रदेश में 2 NH-159 सड़कें बंद, सेब ढुलाई में परेशानी प्रदेश में बीते चार दिनों के दौरान हुई बारिश से 2 नेशनल हाईवे सहित 159 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद पड़ी है। शिमला जोन में सबसे ज्यादा 111 सड़कें अवरुद्ध है। इससे सेब ढुलाई में बागवानों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। मंडी जोन में 17, हमीरपुर में 10 और कांगड़ा जोन में 21 सड़कें बंद पड़ी है। शिलाई को जोड़ने वाला हाईवे 24 घंटे से ज्यादा समय से बंद है। किन्नौर को जोड़ने वाला हाईवे भी बंद पड़ा है। हालांकि पिछले कल कुछ देर को बहाल कर दिया गया था, मगर वह रात में दोबारा बंद हो गया है। इससे किन्नौर जिला का राजधानी शिमला से संपर्क कट गया है। किसानों की 141 करोड़ की फसले तबाह प्रदेश में इस मानसून सीजन में भारी बारिश से 1083 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा 470 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। इस बरसात में किसानों-बागवानों की फसलों को भी 141 करोड़ रुपए की चपत लगी है।