पानीपत में पत्नी-प्रेमी ने करवाई थी कारोबारी की हत्या:संपत्ति को हड़पना था मकसद; ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज से 30 माह बाद खुलासा

पानीपत में पत्नी-प्रेमी ने करवाई थी कारोबारी की हत्या:संपत्ति को हड़पना था मकसद; ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज से 30 माह बाद खुलासा

हरियाणा के पानीपत शहर में परमहंस कुटिया के पास दिसंबर 2021 में हुई कारोबारी विनोद भराड़ा की हत्या की वारदात में आखिरकार पुलिस अब तह तक पहुंच गई है। पानीपत के एसपी अजीत सिंह शेखावत के व्हाट्सअप पर ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज ने इस केस को रि-ओपन करने और गुत्थी को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। मृतक विनोद बराड़ा की पत्नी निधि ने प्रेम प्रसंग के चलते अपने प्रेमी जिम ट्रेनर सुमित निवासी सोनीपत के साथ मिलकर साजिश रचकर पंजाब के भटिंडा निवासी देव सुनार से विनोद का पहले एक्सीडेंट करवाया। एक्सीडेंट में विनोद बराड़ा की मौत नहीं हुई तो उक्त युवक से ढ़ाई महीने बाद पिस्तौल से गोली मरवाकर विनोद की हत्या करवाई थी। पुलिस ने मृतक विनोद की पत्नी आरोपी निधि व उसके प्रेमी सुमित को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने हत्या करवाने की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। विनोद की बीमा राशि, प्रॉपर्टी और कारोबार पर भी थी नजर
आरोपी जिम ट्रेनर सुमित उर्फ बंटू ने रिमांड के दौरान बताया कि उसने पंजाब के बठिंडा निवासी ट्रक चालक देव सुनार उर्फ दीपक को 10 लाख रुपए नकद व केस का सारा खर्च देने का लालच दिया था। जिसके बाद वह हत्या करने के लिए तैयार हो गया। उसने देव सुनार को पंजाब नंबर की एक लोडिंग पिकअप गाड़ी दिलवाई। देव सुनार ने पांच अक्टूबर 2021 को विनोद को जान से मारने की नीयत से उक्त गाड़ी से सीधी टक्कर मारकर विनोद का एक्सीडेंट कर दिया। एक्सीडेंट में विनोद की मौत नहीं हुई तो बाद में दोनों ने पिस्तौल से विनोद को मरवाने का प्लान बनाया। देव सुनार की जेल से जमानत करवाई और उसको दोबारा से तैयार कर अवैध हथियार उपलब्ध करवा माफी मांगने के बहाने विनोद बराड़ा के घर भेजा। इसके बाद 15 दिसंबर 2021 को देव सुनार ने घर में घुसकर पिस्तौल से विनोद भराड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी सुमित उर्फ बंटू जेल में बंद देव सुनार के केस व घर पर परिवार का पूरा खर्च खुद दे रहा था। ये सारा पैसा विनोद की बीमा राशि, प्रॉपर्टी और कारोबार का है। जिसे निधि सुमित तक और सुमित देव तक पहुंचाता रहा। प्लान के अनुसार निधि मार्च 2024 में अदालत में अपनी गवाही से भी मुकर गई। ऐसे खुला मामला
एसपी को पिछले दिनों एक विदेशी नंबर से सोशल मीडिया पर मैसेज आया। उन्होंने पता कराया तो यह नंबर ऑस्ट्रेलिया से विनोद भराड़ा के भाई का मिला। इसमें विनोद भराड़ा की हत्या में परिवार के लोगों का हाथ होने का शक जताया और मामले में दोबारा जांच शुरू करने की मांग की गई थी। उन्होंने सड़क हादसे व हत्या के दोनों केस की फाइल मंगवाई। एसपी ने इनका खुद अध्ययन किया। सीआईए-3 प्रभारी दीपक कुमार को जांच में लगाया। जिसके बाद, कड़ी से कड़ी जुड़ती नजर आई तो कोर्ट में अर्जी देकर मामले की दोबारा जांच करने की मांग की गई। हत्या का आरोपी देव सुनार पानीपत जेल बंद था। पुलिस न्यायालय में चालान पेश कर चुकी थी। यह मामला न्यायालय में ट्रायल पर था। जिसमें सामने आया कि आरोपी देव सुनार की सुमित नाम के युवक के साथ बातचीत थी और सुमित की मृतक विनोद भराड़ा की पत्नी निधि के साथ काफी बातचीत होनी पाई गई। पुलिस टीम ने 7 जून को आरोपी सुमित उर्फ बंटू निवासी गोहाना को सेक्टर 11-12 की मार्केट से गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपी देव सुनार से विनोद का पहले एक्सीडेंट व बाद में गोली मरवा हत्या करवाने की वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया। पुलिस ने सुमित उर्फ बंटू को 7 जून को कोर्ट में पेश कर सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी निधि को शुक्रवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने सुमित उर्फ बंटू के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकारा। पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। निधि और सुमित की जिम में हुई थी मुलाकात
आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने रिमांड के दौरान पूछताछ में पुलिस को बताया वह वर्ष 2021 में पानीपत की एक जिम में ट्रेनिंग देता था। विनोद की पत्नी निधि भी वहां जिम करने के लिए आती थी। दोनों की दोस्ती हो गई। दोनों आपस में काफी बातचीत करते थे। विनोद को उन दोनों के बारे में पता चला गया। उसकी विनोद के साथ एक-दो बार कहासुनी भी हुई। विनोद इन अवैध संबंधों के चलते घर पर भी अपनी पत्नी निधि के साथ भी झगड़ा करने लगा। यूं भी हुआ हत्या में साजिश का शक
एसपी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि उन्होंने जब केस का अध्ययन किया, तो पता लगा कि एक मामूली एक्सीडेंट के केस में समझौता न करने पर आखिर कोई हत्या क्यों करेगा। क्योंकि सड़क हादसे के केस में न ही बहुत ज्यादा सजा है और ये धारा भी जमानती होती है। जबकि हत्या के केस में उम्र कैद से लेकर फांसी तक हो सकती है। यहां से शक गहराया था। वहीं, उन्होंने बताया कि अब आरोपियों के खिलाफ एक्सीडेंट केस में धारा 307 और 120बी भी जोड़ ली गई है। साथ ही हत्या के केस में भी धारा 120बी जोड़ी गई है। हरियाणा के पानीपत शहर में परमहंस कुटिया के पास दिसंबर 2021 में हुई कारोबारी विनोद भराड़ा की हत्या की वारदात में आखिरकार पुलिस अब तह तक पहुंच गई है। पानीपत के एसपी अजीत सिंह शेखावत के व्हाट्सअप पर ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज ने इस केस को रि-ओपन करने और गुत्थी को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। मृतक विनोद बराड़ा की पत्नी निधि ने प्रेम प्रसंग के चलते अपने प्रेमी जिम ट्रेनर सुमित निवासी सोनीपत के साथ मिलकर साजिश रचकर पंजाब के भटिंडा निवासी देव सुनार से विनोद का पहले एक्सीडेंट करवाया। एक्सीडेंट में विनोद बराड़ा की मौत नहीं हुई तो उक्त युवक से ढ़ाई महीने बाद पिस्तौल से गोली मरवाकर विनोद की हत्या करवाई थी। पुलिस ने मृतक विनोद की पत्नी आरोपी निधि व उसके प्रेमी सुमित को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने हत्या करवाने की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। विनोद की बीमा राशि, प्रॉपर्टी और कारोबार पर भी थी नजर
आरोपी जिम ट्रेनर सुमित उर्फ बंटू ने रिमांड के दौरान बताया कि उसने पंजाब के बठिंडा निवासी ट्रक चालक देव सुनार उर्फ दीपक को 10 लाख रुपए नकद व केस का सारा खर्च देने का लालच दिया था। जिसके बाद वह हत्या करने के लिए तैयार हो गया। उसने देव सुनार को पंजाब नंबर की एक लोडिंग पिकअप गाड़ी दिलवाई। देव सुनार ने पांच अक्टूबर 2021 को विनोद को जान से मारने की नीयत से उक्त गाड़ी से सीधी टक्कर मारकर विनोद का एक्सीडेंट कर दिया। एक्सीडेंट में विनोद की मौत नहीं हुई तो बाद में दोनों ने पिस्तौल से विनोद को मरवाने का प्लान बनाया। देव सुनार की जेल से जमानत करवाई और उसको दोबारा से तैयार कर अवैध हथियार उपलब्ध करवा माफी मांगने के बहाने विनोद बराड़ा के घर भेजा। इसके बाद 15 दिसंबर 2021 को देव सुनार ने घर में घुसकर पिस्तौल से विनोद भराड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी सुमित उर्फ बंटू जेल में बंद देव सुनार के केस व घर पर परिवार का पूरा खर्च खुद दे रहा था। ये सारा पैसा विनोद की बीमा राशि, प्रॉपर्टी और कारोबार का है। जिसे निधि सुमित तक और सुमित देव तक पहुंचाता रहा। प्लान के अनुसार निधि मार्च 2024 में अदालत में अपनी गवाही से भी मुकर गई। ऐसे खुला मामला
एसपी को पिछले दिनों एक विदेशी नंबर से सोशल मीडिया पर मैसेज आया। उन्होंने पता कराया तो यह नंबर ऑस्ट्रेलिया से विनोद भराड़ा के भाई का मिला। इसमें विनोद भराड़ा की हत्या में परिवार के लोगों का हाथ होने का शक जताया और मामले में दोबारा जांच शुरू करने की मांग की गई थी। उन्होंने सड़क हादसे व हत्या के दोनों केस की फाइल मंगवाई। एसपी ने इनका खुद अध्ययन किया। सीआईए-3 प्रभारी दीपक कुमार को जांच में लगाया। जिसके बाद, कड़ी से कड़ी जुड़ती नजर आई तो कोर्ट में अर्जी देकर मामले की दोबारा जांच करने की मांग की गई। हत्या का आरोपी देव सुनार पानीपत जेल बंद था। पुलिस न्यायालय में चालान पेश कर चुकी थी। यह मामला न्यायालय में ट्रायल पर था। जिसमें सामने आया कि आरोपी देव सुनार की सुमित नाम के युवक के साथ बातचीत थी और सुमित की मृतक विनोद भराड़ा की पत्नी निधि के साथ काफी बातचीत होनी पाई गई। पुलिस टीम ने 7 जून को आरोपी सुमित उर्फ बंटू निवासी गोहाना को सेक्टर 11-12 की मार्केट से गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपी देव सुनार से विनोद का पहले एक्सीडेंट व बाद में गोली मरवा हत्या करवाने की वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया। पुलिस ने सुमित उर्फ बंटू को 7 जून को कोर्ट में पेश कर सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी निधि को शुक्रवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने सुमित उर्फ बंटू के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकारा। पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। निधि और सुमित की जिम में हुई थी मुलाकात
आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने रिमांड के दौरान पूछताछ में पुलिस को बताया वह वर्ष 2021 में पानीपत की एक जिम में ट्रेनिंग देता था। विनोद की पत्नी निधि भी वहां जिम करने के लिए आती थी। दोनों की दोस्ती हो गई। दोनों आपस में काफी बातचीत करते थे। विनोद को उन दोनों के बारे में पता चला गया। उसकी विनोद के साथ एक-दो बार कहासुनी भी हुई। विनोद इन अवैध संबंधों के चलते घर पर भी अपनी पत्नी निधि के साथ भी झगड़ा करने लगा। यूं भी हुआ हत्या में साजिश का शक
एसपी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि उन्होंने जब केस का अध्ययन किया, तो पता लगा कि एक मामूली एक्सीडेंट के केस में समझौता न करने पर आखिर कोई हत्या क्यों करेगा। क्योंकि सड़क हादसे के केस में न ही बहुत ज्यादा सजा है और ये धारा भी जमानती होती है। जबकि हत्या के केस में उम्र कैद से लेकर फांसी तक हो सकती है। यहां से शक गहराया था। वहीं, उन्होंने बताया कि अब आरोपियों के खिलाफ एक्सीडेंट केस में धारा 307 और 120बी भी जोड़ ली गई है। साथ ही हत्या के केस में भी धारा 120बी जोड़ी गई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर