हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा अंतर्गत थाना इसराना के गांव नौल्था में एक युवक ने एक महीना पहले अपने पड़ोसी को 2 हजार दिए थे। एक महीना बाद वापस मांगने पर युवक ने रुपए देने से इनकार किया। रुपए देने वाला युवक दूध लेने के लिए गोशाला से वापस आ रहा था। रास्ते में उसको तीन युवक जिनके हाथ में लाठी डंडे थे। ब्राह्मण माजरा मोड पर रोक लिया रोक कर रुपए देने वाले तीन युवकों ने लाठी डंडों से जमकर पीटा। वह युवक घायल हो गया और तीनों युवक मौका से फरार हो गए। घायल युवक को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। एक माह पहले 2 हजार दिए थे उधार मामले के अनुसार सुनील पुत्र रणबीर सिंह गांव नौल्था निवासी ने बताया कि मैंने एक महीना पहले संदीप पुत्र राममेहर को 2 हजार उधार दिए थे। मैंने पास का होने के कारण उसको रुपए दे दिए। एक महीना बाद कल 19 नवंबर को मैंने अपने रुपए वापस मांगे, तो उसने रुपए देने से इनकार कर दिया और मुझे खरी खोटी सुनाना शुरू कर दिया। शाम के समय गांव से दूर गोशाला में मैं दूध लेने के लिए गया था, जब मैं दूध लेकर वापस आ रहा था। रास्ते में रोक डंडों से पीटा ब्राह्मण माजरा मोड पर संदीप अपने भाई अमन के साथ बंटी ने मिलकर मुझे रोक लिया और मेरे साथ हाथ में लिए हुए डंडों से जमकर पिटाई की। जिससे मैं घायल होकर गिर पड़ा। स्थानीय लोगों ने भाग कर मुझे बचाया और तिनों वहां से भाग गए। स्थानीय लोगों ने मुझे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। मेरा प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मैंने थाना इसराना में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घायल के बयान लेकर मामला दर्ज किया। तीनों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा अंतर्गत थाना इसराना के गांव नौल्था में एक युवक ने एक महीना पहले अपने पड़ोसी को 2 हजार दिए थे। एक महीना बाद वापस मांगने पर युवक ने रुपए देने से इनकार किया। रुपए देने वाला युवक दूध लेने के लिए गोशाला से वापस आ रहा था। रास्ते में उसको तीन युवक जिनके हाथ में लाठी डंडे थे। ब्राह्मण माजरा मोड पर रोक लिया रोक कर रुपए देने वाले तीन युवकों ने लाठी डंडों से जमकर पीटा। वह युवक घायल हो गया और तीनों युवक मौका से फरार हो गए। घायल युवक को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। एक माह पहले 2 हजार दिए थे उधार मामले के अनुसार सुनील पुत्र रणबीर सिंह गांव नौल्था निवासी ने बताया कि मैंने एक महीना पहले संदीप पुत्र राममेहर को 2 हजार उधार दिए थे। मैंने पास का होने के कारण उसको रुपए दे दिए। एक महीना बाद कल 19 नवंबर को मैंने अपने रुपए वापस मांगे, तो उसने रुपए देने से इनकार कर दिया और मुझे खरी खोटी सुनाना शुरू कर दिया। शाम के समय गांव से दूर गोशाला में मैं दूध लेने के लिए गया था, जब मैं दूध लेकर वापस आ रहा था। रास्ते में रोक डंडों से पीटा ब्राह्मण माजरा मोड पर संदीप अपने भाई अमन के साथ बंटी ने मिलकर मुझे रोक लिया और मेरे साथ हाथ में लिए हुए डंडों से जमकर पिटाई की। जिससे मैं घायल होकर गिर पड़ा। स्थानीय लोगों ने भाग कर मुझे बचाया और तिनों वहां से भाग गए। स्थानीय लोगों ने मुझे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। मेरा प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मैंने थाना इसराना में तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घायल के बयान लेकर मामला दर्ज किया। तीनों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कल तक एक्टिव रहेगा मानसून:3 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट; 24 घंटे में हिसार में हुई 31 MM बरसात हरियाणा में मानसून कल तक यानी 7 सितंबर तक एक्टिव रहेगा। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने हरियाणा के करनाल, पानीपत और सोनीपत में कई स्थानों पर हैवी रेन का अलर्ट जारी किया है। 24 घंटे बारिश की स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा बारिश हिसार में हुई है। यहां 31 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून ट्रफ उत्तर की तरफ सामान्य स्थिति में आने से मानसूनी बारिश की गतिविधियों में पिछले 3 दिनों से लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर 5 सितंबर के दौरान हरियाणा राज्य में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 11% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे कैसा रहेगा मौसम मानसून ट्रफ की अक्षय रेखा सामान्य स्थिति उत्तर की तरफ बने रहने से मानसून में सक्रियता अगले दो दिनों 7 सितंबर तक बने रहने से राज्य के ज्यादातर स्थानों पर 6 और 7 सितंबर को हल्की बारिश की संभावना है। 8 सितंबर से मानसून की सक्रियता में थोड़ी कमी आने की संभावना से 8 सितंबर से 12 सितंबर के दौरान राज्य के उत्तरी व दक्षिणी जिलों में मौसम परिवर्तनशील तथा कहीं कहीं हल्की बारिश की ही संभावना है। पश्चिमी हरियाणा में आंशिक बादलवाई व कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। जिससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने तथा वातावरण में नमी कम हो जाने की संभावना है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।
हरियाणा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स:निर्दलीय को समर्थन देकर पूर्व CM चौटाला को हराया था, इस बार 4 उम्मीदवार
हरियाणा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स:निर्दलीय को समर्थन देकर पूर्व CM चौटाला को हराया था, इस बार 4 उम्मीदवार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स की चर्चा तेज है। इसका कारण खापों के 4 बड़े चेहरे चुनावी मैदान में होना है। खाप पॉलिटिक्स की चर्चा इसलिए भी अहम है कि राज्य में खापों का सामाजिक से लेकर राजनीतिक फैसलों में गहरा नाता रहा है। चाहे बात किसान आंदोलन की हो या फिर खिलाड़ियों के विरोध-प्रदर्शन की। इन दोनों ही घटनाक्रम में खापों ने अहम रोल निभाया था। ऐसे में इस बार खाप से जुड़े बड़े चेहरे चुनावी रण में उतरकर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। अहलावत खाप से जुड़ीं सोनू अहलावत को आम आदमी पार्टी (AAP) ने झज्जर की बेरी सीट से टिकट दी है। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खिलाफ उचाना कलां सीट पर 66 गांवों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद खाप ने आजाद पालवा को उतारा है। इसी तरह बेरी सीट पर ही अहलावत खाप से जुड़े अमित अहलावत भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही 360 महरौली के प्रमुख गोवर्धन सिंह भी इसी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बेरी में कांग्रेस-बीजेपी दोनों के लिए खतरा
बेरी सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 1,82,798 है। जाट बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस ने कद्दावर नेता और 6 बार के विधायक रघुबीर कादियान को फिर से चुनाव मैदान में उतारा हैं। वहीं बीजेपी ने संजय कबलाना के रूप में नया चेहरा दिया है। जेजेपी ने इस सीट पर सुनील दुजाना को टिकट दी हैं। तीनों ही नेता जाट हैं। वहीं खाप की तरफ से ताल्लुक रखने वाले अमित अहलावत, आप कैंडिडेट सोनू अहलावत और गोवर्धन सिंह भी जाट ही हैं। यहां बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन खाप उम्मीदवारों के आने से कांग्रेस के लिए कुछ मुश्किल हो सकती है। अब पढ़िए खापों की पॉलिटिक्स हरियाणा में कितनी असरदार है? खाप का इतिहास और उनके विवादित फैसले 2014 में कांग्रेस को दिया था समर्थन
हरियाणा की राजनीति में खाप और डेरे का फैक्टर हमेशा से हावी रहा है। 2014 से पहले डेरे और खाप के समर्थन को एक तरह से जीत की गारंटी माना जाता था, लेकिन 2014 में कई बड़े चेहरों की हार के बाद सवाल भी खड़े होने लगे। उस वक्त खापों ने कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। इतना ही नहीं उस वक्त गठवाला के चौधरी बलजीत सिंह और खाप से जुड़ीं संतोष दहिया चुनाव हार गईं थीं। हालांकि 2019 के चुनाव में खाप का राज्य में बड़ा असर देखने को मिला। चरखी-दादरी सीट से सांगवान खाप के प्रमुख सोमबीर सांगवान ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार दंगल गर्ल बबीता फोगाट को हरा दिया था। जून महीने में हुए लोकसभा चुनाव में भी खाप का असर देखने को मिला। 2019 में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार 5 सीटों पर आकर सिमट गई। बीजेपी की पांच सीटों पर हुई हार के पीछे भी खाप फैक्टर को ही माना गया। क्योंकि खापों ने बीजेपी उम्मीदवारों को हराने का लोकसभा चुनाव में ऐलान किया था। हरियाणा में ज्यादातर खापें जाट समाज से जुड़े हुई हैं और जाटों की बीजेपी से पहले ही नाराजगी बनी हुई थी। कई बार सरकारें भी घुटने टेकने को मजबूर हुईं
जातीय गोलबंदी की तरह काम करने वाली खापों का सियासी रसूख हरियाणा में बड़ा रहा है। कई बार इनके फैसलों के आगे सरकारें तक झुकने को मजबूर हुईं। हालांकि साल 2014 के बाद हरियाणा में खापों का असर कमजोर होने की बातें भी होती रही हैं, लेकिन हकीकत ये है कि आज भी खापों के निर्णय को राज्य के कुछ इलाकों में अंतिम निर्णय माना जाता हैं। खाप के समर्थन से दांगी ने चौटाला को हरा दिया था
वर्ष 1989 की बात है। केंद्र में वीपी सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद देवीलाल को उपप्रधानमंत्री बनाया गया। उस वक्त देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और रोहतक की महम सीट से विधायक थे। सीएम की कुर्सी छोड़ने से पहले देवीलाल महम चौबीसी खाप के समर्थन से ना केवल चुनाव लड़ते बल्कि जीतते भी आए थे। देवीलाल के दिल्ली में शिफ्ट होने के बाद प्रदेश की सिसायत की कमान उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला के हाथ में आई। उस समय ओमप्रकाश चौटाला राज्यसभा सांसद थे। CM बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर उन्हें विधायक बनना था। देवीवाल के इस्तीफा देने के बाद महम सीट पर उपचुनाव हुआ। ओमप्रकाश चौटाला चुनाव लड़े, लेकिन तब खाप ने चौटाला के खिलाफ चुनाव में उतरे आनंद सिंह दांगी को समर्थन दे दिया। जिसके बाद कई बार हिंसा के चलते उपचुनाव संपन्न नहीं हो पाया। आखिर में ओपी चौटाला ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में फिर से इस सीट पर चुनाव कराया गया। चौटाला दोबारा चुनाव लड़े, लेकिन खाप के समर्थन से आनंद सिंह दांगी ने चौटाला को हरा दिया। खाप पंचायत के इस फैसले की चर्चा आज भी हरियाणा ही नहीं, बल्कि देशभर में होती है। खिलाड़ियों के मामले में खापों की एंट्री के बाद एक्शन में आई सरकार
पिछले साल 2023 में हरियाणा के नामी पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संग (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए दिल्ली में प्रदर्शन किया था। 2023 में अप्रैल महीने में जब दोबारा से खिलाड़ी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे तो खाप पंचायतों ने भी खिलाड़ियों का समर्थन कर दिया था। जंतर-मंतर पर हुई खापों की पंचायत में केंद्र सरकार को 9 जून तक प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों से बातचीत करने का अल्टीमेटम दिया था। इसका असर ये हुआ है कि अल्टीमेटम से एक सप्ताह पहले ही प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों के पास गृहमंत्री से बातचीत का बुलावा आ गया था। अब पढ़िए खाप क्या है… एक गोत्र या बिरादरी के सदस्यों का समूह
कनाडा में प्रोफेसर रहे एमसी प्रधान ‘द जर्नल ऑफ एशियन स्टडीज’ किताब के पेज नंबर 664 में खाप के बारे में बताते हैं। ‘खाप’ एक गोत्र या जाति बिरादरी के सदस्यों का समूह होता है। इनमें एक क्षेत्र या कुछ गांव के उस जाति से जुड़े लोग शामिल होते हैं। उस जाति के बुजुर्ग और दबंग लोग इन खाप का नेतृत्व करते हैं। इन खापों के प्रधान एक परिवार या वंश के ही लोग होते हैं। जो शख्स इस समय किसी खाप का प्रधान है आने वाले समय में उसका बेटा उस खाप का प्रधान बनता है। जब किसी मुद्दे पर सार्वजनिक फैसला लेने के लिए किसी खाप के प्रधान सभा बुलाते हैं तो इसे खाप पंचायत कहते हैं। खाप प्रधान को चुनने के लिए कोई तय स्ट्रक्चर या नियम नहीं होते हैं। कई बार खाप प्रधान के पद पर एक ही परिवार या वंश के दो या ज्यादा लोग भी दावा करते हैं। करीब 600 साल पहले शुरुआत, कई दस्तावेजों में जिक्र
पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनियर रिसर्चर रितिका ठाकुर के मुताबिक खाप की शुरुआत 14वीं सदी के दौरान हुई थी। इसके अलावा कानूनी कागजों में खाप शब्द का प्रयोग पहली बार 1890-91 में जोधपुर की जनगणना रिपोर्ट में किया गया था, जो धर्म और जाति पर आधारित थी। कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘खाप’ शब्द संभवतः ‘शक’ भाषा के खतप से लिया गया है, जिसका अर्थ है एक विशेष कबीले द्वारा बसा हुआ क्षेत्र। सबसे पहले खाप का नाम क्या था, ये हमारे रिसर्च में पता नहीं चला। हालांकि कुछ रिसर्च पेपर में इसका जिक्र है कि पहली खाप से 84 गांवों के लोग जुड़े थे। 1950 में पश्चिमी UP के मुजफ्फरनगर जिले के सोरेम में हुई खाप पंचायत का जिक्र कई रिसर्च पेपर में मिलता है। आजादी के बाद हुई इस सर्वखाप पंचायत के प्रधान बीनरा निवास गांव के चौधरी जवान सिंह गुर्जर थे। इस खाप पंचायत में पुनियाला गांव के ठाकुर यशपाल सिंह उपप्रधान थे, जबकि सोरेम गांव के चौधरी काबुल सिंह इसके मंत्री थे। जिन तीन लोगों के नेतृत्व में इस पंचायत का आयोजन हुआ उनमें चौधरी काबुल सिंह एकमात्र जाट थे। हालांकि पिछले कुछ सालों में जाटों का दबदबा खाप पंचायतों में बढ़ा है, इसीलिए कई बार खाप पंचायतों को सीधे जाटों से जोड़ दिया जाता है। खाप पंचायतों के 4 विवादित फैसले… 1. रेप रोकने के लिए 15 साल की उम्र में शादी कर दी जाए
जुलाई 2010 में हरियाणा की सर्वखाप जाट पंचायत ने कहा कि लड़कियों की शादी के लिए उनके बालिग होने का इंतजार नहीं करना है। उनकी शादी अब 15 साल में ही कर देनी है। रेप की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए यह आदेश जारी किया गया था। 2. लड़कियों को जींस पहनने से मना किया
अगस्त 2014 में मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में हुई एक खाप पंचायत ने लड़कियों के जींस पहनने, उनके फोन और इंटरनेट यूज करने पर बैन लगाया था। कुछ लड़कियों के घर से भागने के बाद समाधान के रूप में यह ऐलान किया गया था। 3. भाई की सजा बहनों को दे दी
अगस्त 2015 में बागपत में एक खाप पंचायत ने दो बहनों के साथ रेप करने और उन्हें निर्वस्त्र करके गांव में घुमाने का आदेश जारी किया था। उन्हें उनके भाई के अपराध की सजा दी जानी थी। उनका भाई एक ऊंची जाति की महिला के साथ भाग गया था। खाप पंचायत के इस आदेश के बाद ब्रिटिश संसद तक में मांग उठी कि आरोपी की 23 और 15 साल की बहनों को सुरक्षा दी जाए। 4. परंपराओं में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं
फरवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने खाप से जुड़े एक मामले में कहा था कि दो रजामंद वयस्कों को अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है। खाप पंचायत किसी वयस्क को अंतरजातीय विवाह करने से रोक नहीं सकती। इससे नाराज होकर नरेश टिकैत ने कहा- अगर हमारी परंपराओं में हस्तक्षेप किया गया तो उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर इस तरह के आदेश पारित होते हैं तो हम न तो लड़कियां पैदा करेंगे और न ही लड़कियों को पैदा होने देंगे। हरियाणा में 120 से ज्यादा खापें
हरियाणा में जाट बड़ा वोट बैंक हैं। जाटों की आबादी 25% से अधिक है। जाट बाहुल्य राज्य होने से खाप भी इसकी पहचान से जुड़ी हुई हैं। प्रदेश में वर्तमान में 120 से ज्यादा खापें हैं। जिनमें सर्वखाप, महम चौबीसी, फोगाट खाप, सांगवान खाप, श्योराण, धनखड़, सतगामा, हवेली, मलिक, जाखड़, हुड्डा, कंडेला, बिनैन, गठवाला मलिक आदि प्रमुख हैं। कंडेला खाप के प्रमुख धर्मपाल कंडेला हैं तो वहीं सातबास खाप के बलवान सिंह मलिक। खाप पॉलिटिक्स में फोगाट खाप के प्रमुख बलवंत नंबरदार, सांगवान खाप के सोमवीर सांगवान भी बड़ा चेहरा हैं।
कुलदीप बिश्नोई का बेटा अमेरिका में खेलेगा क्रिकेट:LA नाइट राइडर्स से जुड़े चैतन्य, टूर्नामेंट 5 जुलाई से शुरू होगा
कुलदीप बिश्नोई का बेटा अमेरिका में खेलेगा क्रिकेट:LA नाइट राइडर्स से जुड़े चैतन्य, टूर्नामेंट 5 जुलाई से शुरू होगा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के छोटे पौते चैतन्य बिश्नोई अमेरिकी की घरेलू क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गए हैं। वह अमेरिका की मेजर लीग क्रिकट (MLC)में खेलेंगे। MLC का ड्राफ्ट पूरा हो गया है। इस क्रिकेट लीग में कई भारतीय खिलाड़ी भी खेलेंगे जिसमें चैतन्य बिश्नोई भी शामिल हैं। चैतन्य बिश्नोई का चयन LA नाइट राइडर्स में हुआ है। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 5 जुलाई से हो रही है। इसमें LA नाइट राइडर्स की टीम क्वालीफाइंग से पहले 6 मैच खेलेगी। आपको बता दें कि चैतन्य पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे हैं और भव्य बिश्नोई के छोटे भाई हैं। चैतन्य ने 2013-14 के सत्र के दौरान इंग्लैंड में डरहम विश्वविद्यालय के लिए अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया था। चैतन्य बिश्नोई एक बल्लेबाजी हैं जो जरूरत पड़ने पर बॉलिंग भी करते हैं। कुलदीप बिश्नोई बनना चाहते थे क्रिकेटर
राजनीति के पीएचडी माने जाने वाले चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई क्रिकेटर बनना चाहते थे मगर उनको पिता की विरासत आगे बढ़ाने के लिए राजनीति में आना पड़ा। हालांकि अब वह राजनीति के खिलाड़ी बन गए हैं। कुलदीप बिश्नोई ने अपनी ईच्छा पूरी नहीं कर पाने के बाद छोटे बेटे चैतन्य को क्रिकेट के साथ जोड़ा। चैतन्य बिश्नोई राजनीति से दूर क्रिकेट पर फोकस किए हुए हैं जबकि उनके बड़े भाई भव्य बिश्नोई अपने दादा की राजनीति विरासत को पिता के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। 5 जुलाई से अमेरिका में शुरु होगी MLC अमेरिका में 5 जुलाई से मेजर लीग क्रिकेट यानि एमएलसी की शुरुआत होगी। USA के टेक्सास और उत्तरी कैरोलिना में 5 से 28 जुलाई तक होने वाले मेजर लीग क्रिकेट 2024 में छह टीमें हिस्सा लेंगी। मेजर लीग क्रिकेट या एमएलसी एक ट्वेंटी-20 (T20) क्रिकेट टूर्नामेंट है और इंडियन प्रीमियर लीग के समान एक अमेरिकी टूर्नामेंट है। एमएलसी का पहला संस्करण पिछले साल आयोजित किया गया था। एमआई न्यूयॉर्क की टीम मौजूदा चैंपियन है। टीम एमएलसी 2023 फाइनल में सिएटल ओर्कास को हराकर पहले मेजर लीग क्रिकेट की विजेता बनी थी। इस दिन होंगे चैतन्य बिश्नोई के मैच