हरियाणा के पानीपत शहर में रहने वाली एक नवविवाहिता अपने ससुराल करनाल से आने के बाद लापता हो गई। महिला की शादी एक महीने पहले ही हुई थी। वह करीब 20 दिन ससुराल में रही। 10 दिन वह अपने मायके में रही। यहां से वह संदिग्ध परिस्थितियों में घर से निकल गई। पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। पथरी का इलाज करवाने के बहाने आई थी मायका चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में एक पिता ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला के एक गांव का रहने वाला है। हाल में वह पानीपत के बलजीत नगर में किराए पर रहता है। उसने अपनी 20 वर्षीय बेटी की शादी करीब एक माह पहले करनाल के पुंडरी निवासी से शादी की थी। लक्ष्मी करीब 20 दिन तक ससुराल रही थी। इसके बाद वह पेट दर्द बताने लगी। साथ ही उसने पेट में पथरी होने की बात कही। पथरी का इलाज करवाने की बात कह कर वह ससुराल से मायका लौट आई। यहां आने के बाद उसने कहा कि वह कभी भी ससुराल वापस नहीं जाएगी। पूछताछ में ससुराल में किसी तरह की अनबन होने की भी कोई बात सामने नहीं आई। दोपहर 3 बजे घर से निकली जिसको लेकर मायका वालों को लगा कि कुछ दिन बाद वह नॉर्मल हो जाएगी और वापस चली गई। लेकिन करीब 10 दिन घर रहने के बाद 10 दिसंबर की दोपहर करीब 3 बजे वह बिना किसी को कुछ बताए घर से निकल गई। जिसकी परिजनों ने अपनी तौर पर तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। शादी से पहले करती थी बात, अब नहीं किया कोई फोन पिता ने बताया कि वैसे तो उन्हें किसी पर भी बेटी को साथ ले जाने का शक नहीं है। लेकिन शादी से पहले उसकी बेटी किसी से फोन पर जरूर बात करती थी। अब ससुराल से आने के बाद उसने पिता के फोन से तो किसी से बात नहीं की। लेकिन किसी अन्य फोन से उसने बात की हो तो इसका पता नहीं है। हालांकि इस बात को भी नाकारा नहीं जा सकता कि बेटी उसी के साथ ही नहीं गई होगी, जिससे वह पहले बात करती थी। हरियाणा के पानीपत शहर में रहने वाली एक नवविवाहिता अपने ससुराल करनाल से आने के बाद लापता हो गई। महिला की शादी एक महीने पहले ही हुई थी। वह करीब 20 दिन ससुराल में रही। 10 दिन वह अपने मायके में रही। यहां से वह संदिग्ध परिस्थितियों में घर से निकल गई। पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। पथरी का इलाज करवाने के बहाने आई थी मायका चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में एक पिता ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला के एक गांव का रहने वाला है। हाल में वह पानीपत के बलजीत नगर में किराए पर रहता है। उसने अपनी 20 वर्षीय बेटी की शादी करीब एक माह पहले करनाल के पुंडरी निवासी से शादी की थी। लक्ष्मी करीब 20 दिन तक ससुराल रही थी। इसके बाद वह पेट दर्द बताने लगी। साथ ही उसने पेट में पथरी होने की बात कही। पथरी का इलाज करवाने की बात कह कर वह ससुराल से मायका लौट आई। यहां आने के बाद उसने कहा कि वह कभी भी ससुराल वापस नहीं जाएगी। पूछताछ में ससुराल में किसी तरह की अनबन होने की भी कोई बात सामने नहीं आई। दोपहर 3 बजे घर से निकली जिसको लेकर मायका वालों को लगा कि कुछ दिन बाद वह नॉर्मल हो जाएगी और वापस चली गई। लेकिन करीब 10 दिन घर रहने के बाद 10 दिसंबर की दोपहर करीब 3 बजे वह बिना किसी को कुछ बताए घर से निकल गई। जिसकी परिजनों ने अपनी तौर पर तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। शादी से पहले करती थी बात, अब नहीं किया कोई फोन पिता ने बताया कि वैसे तो उन्हें किसी पर भी बेटी को साथ ले जाने का शक नहीं है। लेकिन शादी से पहले उसकी बेटी किसी से फोन पर जरूर बात करती थी। अब ससुराल से आने के बाद उसने पिता के फोन से तो किसी से बात नहीं की। लेकिन किसी अन्य फोन से उसने बात की हो तो इसका पता नहीं है। हालांकि इस बात को भी नाकारा नहीं जा सकता कि बेटी उसी के साथ ही नहीं गई होगी, जिससे वह पहले बात करती थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बवानी खेड़ा में युवक को रॉड-बिंडों से बुरी तरह पीटा:दुकान पर सामान लेने गया था; गाड़ियों में सवार होकर आए थे हमलावर
बवानी खेड़ा में युवक को रॉड-बिंडों से बुरी तरह पीटा:दुकान पर सामान लेने गया था; गाड़ियों में सवार होकर आए थे हमलावर हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा में शुक्रवार रात को एक दर्जन से ज्यादा युवकों ने एक युवक पर हमला कर दिया। युवक की दोनों टांगों पर लाठी-डंडे से वार किए गए। सूचना के बाद पुलिस के मौके पर पहुंची तो हमलाकर गाड़ी में बैठकर रफू चक्कर हो गए। डॉक्टरों के अनुसार युवक की दोनों टांगों में फ्रेक्चर हो सकता है। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर हमलावरों की पहचान करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बवानी खेड़ा निवासी अमित ने बताया कि वह अपने भाई अनिल के साथ शहीद गुलाब सिंह पार्क के सामने रेहड़ी लगाता है। शुक्रवार रात लगभग 9ः15 बजे को उसका बड़ा भाई अनिल जेब में नकदी डालकर मार्किट में एक दुकान पर सामान लेने गया था। पीछे से कुछ युवक उसका पीछा करते हुए दुकान में पहुंच गए। उसके साथ झगड़ा करते करते नागरिक अस्पताल के सामने ले आए और फोन करके अन्य युवकों को बुला लिया। उसने बताया कि इसके बाद गाड़ी में वहां दर्जनों युवक पहुंचे। वे लोहे की रॉड़, बिंडे, लाठी-डंडे आदि से लैस होकर आए थे। सभी ने उसके भाई पर हमला कर दिया और बुरी तरह से पीटा। हांसी-भिवानी मुख्य मार्ग पर ये युवक सरेआम उसके भाई को पीटते रहे और लोग तमाशबीन होकर देखते रहे। हालांकि पुलिस थाना भी मौके से महज थोड़ी दूरी पर स्थित है। उसने बताया कि हमलावरों ने उसके भाई के दोनों पांवों पर रॉड-डंडे से प्रहार किए। वहीं पर मौजूद किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस आते ही हमलावर गाड़ी में सवार होकर भाग गए। अमित ने बताया कि हमलावर जाते समय धमकी देकर गए कि अभी तो रॉड -बिंडो से धुनाई की है। यदि पुलिस में शिकायत दी तो वे उसे जान से मार देंगे। अमित की माने तो उसके भाई की पॉकेट से नकदी भी गायब थी। बाद में अनिल को नागरिक अस्पताल लाया गया। नागरिक अस्पताल के चिकित्सक डॉ. नीरज ने बताया कि दोनों टांगों में फ्रैक्चर का अंदेशा है। गंभीर हालात को देखते हुए अनिल को भिवानी के नागरिक अस्पताल में रेफर किया गया है। बवानी खेड़ा थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की गहनता से जांच करते हुए कार्यवाही की जाएगी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
हरियाणा के अफसरों से नाराज खट्टर-सैनी:निर्दलियों के समर्थन वापसी का इनपुट न देने समेत 3 वजहें, CM बोले- लिस्ट तलब कर ली है
हरियाणा के अफसरों से नाराज खट्टर-सैनी:निर्दलियों के समर्थन वापसी का इनपुट न देने समेत 3 वजहें, CM बोले- लिस्ट तलब कर ली है हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से CM नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। इसकी चर्चा भी सियासी गलियारों में होने लगी है। CM सैनी ने पंचकूला में भाजपा की रिव्यू मीटिंग के बाद सीधे-सीधे प्रदेश के अधिकारियों को निशाने पर ले लिया। CM की इस नाराजगी को लेकर हरियाणा सचिवालय की ब्यूरोक्रसी में भी हलचल है। नाराजगी की 3 वजहें… 1. निर्दलियों के समर्थन का नहीं मिला इनपुट
12 मार्च को मनोहर लाल के CM पद से इस्तीफा देने के बाद नायब सैनी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले जजपा के समर्थन के साथ भाजपा सरकार चला रही थी। जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने नई सरकार में 5 निर्दलियों विधायकों का समर्थन लिया था। इनमें से हाल ही में सरकार से नाराजगी की वजह से 3 निर्दलीयों ने कांग्रेस काे समर्थन का ऐलान कर दिया। इसका कोई भी इनपुट सूबे की खुफिया एजेंसियों के द्वारा सरकार तक नहीं दिया गया। जिसकी वजह से आज सरकार फ्लोर टेस्ट को लेकर असहज स्थिति में चल रही है। 2. चुनाव में विरोधियों की मदद का शक
लोकसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों के द्वारा विरोधियों खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद करने का भी इनपुट भाजपा की रिव्यू मीटिंग में मिला है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में पूर्व सीएम खट्टर को केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा फ्री हैंड दिया गया था, इसलिए सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी वही देख रहे थे। इस लापरवाही से यदि चुनाव में भाजपा को कुछ भी नुकसान होता है तो सरकार इसमें सख्त फैसला लेगी। 3. फील्ड में दिखा असर
भाजपा की रिव्यू मीटिंग में लोकसभा कैंडिडेट्स ने CM को इनपुट दिया कि अधिकारियों का फील्ड में रवैया ठीक नहीं था। लोगों के प्रति और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रवैया नकारात्मक रहा। इससे कई बार चुनाव में असहज स्थिति बनी। इसको भी सरकार ने गंभीरता से लिया है और सभी कैंडिडेट्स को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने को कहा है। 4 जून के बाद ऐसे अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी। अब पढ़िए क्या बोले CM सैनी
हरियाणा लोकसभा चुनाव के बाद रिव्यू मीटिंग में चर्चा के बाद CM नायब सैनी ने कहा है कि अफसरों की मनमानी हम सरकार में नहीं चलने देंगे। जिन अफसरों ने चुनाव में अपनी मनमानी करी है, उनकी लिस्ट तलब कर ली गई है। इस पर 4 जून के बाद फैसला होगा। अफसर की निष्पक्ष छवि होनी चाहिए, न कि किसी एक व्यक्ति को लेकर काम करना चाहिए। तीन महीने तक सरकार अपना पूरा काम करेगी। इस दौरान आमजन की जो भी दिक्कत परेशानी होगी, उसे सरकार प्राथमिकता के आधार पर दूर करेगी। पूर्व सीएम पहले भी धमका चुके
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। उन्होंने यह इसलिए कहा कि 4 जून को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ जाएगा। इसके बाद सूबे में आचार संहिता हट जाएगी और सरकार सक्रिय हो जाएगी।
राव इंद्रजीत ने हरियाणा CM कुर्सी की दावेदारी छोड़ी:बोले- शाह सैनी का फैसला कर चुके; कैबिनेट मंत्री न बनाने पर बोले- रोष तो है
राव इंद्रजीत ने हरियाणा CM कुर्सी की दावेदारी छोड़ी:बोले- शाह सैनी का फैसला कर चुके; कैबिनेट मंत्री न बनाने पर बोले- रोष तो है हरियाणा के गुरुग्राम से सांसद केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने CM कुर्सी पर दावेदारी छोड़ दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पंचकूला में नायब सैनी के नाम के ऐलान के बाद वे पीछे हट गए हैं। हिसार में एक कार्यक्रम में राव इंद्रजीत ने कहा कि इसका फैसला हो चुका। नायब सैनी ही अगुआई करेंगे। इस दौरान बार-बार राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी राव इंद्रजीत का दर्द छलका। वहीं उन्होंने हरियाणा BJP के भीतर गुटबाजी को भी खुले तौर पर स्वीकार कर सबको चौंका दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अभी तो यह गुटबाजी और बढ़ेगी। राव इंद्रजीत से पूछे 3 सवाल और उनके जवाब 1. राव इंद्रजीत से पूछा गया कि वह सीनियर BJP नेता हैं। उनके समर्थक चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनें?
इसके जवाब में राव ने कहा- यह पार्टी का फैसला होता है। पिछले दिनों पंचकूला में अमित शाह आए थे। उन्होंने फैसला कर लिया कि नायब सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा, तो यह फैसला हो चुका है। 2. आपको कैबिनेट मंत्री भी नहीं बनाया गया, राज्य मंत्री का ही दर्जा दिया गया?
इस पर राव इंद्रजीत ने कहा- ” जी हां, रोष तो है ही, सबसे पुराना बार-बार राज्य मंत्री बनने वाला कोई है तो वह शायद मैं ही हूं।” 3. BJP में गुटबाजी हो रही है, गुरुग्राम में आपको इसका सामना करना पड़ा?
राव इंद्रजीत ने कहा- हर पार्टी में थोड़ी-बहुत होती है। कांग्रेस में भी गुटबाजी है। मैं वहां रह चुका हूं। 34 साल मैंने कांग्रेस में गुजारे। वहां भी गुटबाजी का शिकार रहा। यहां पर भी गुटबाजी हो रही है। BJP नई पार्टी है। जैसे और टाइम गुजरेगा, हरियाणा में और गुटबाजी उभरकर आएगी। राव इंद्रजीत का नाम CM दावेदारी में कैसे आया?
राव इंद्रजीत गुरुग्राम से कांग्रेस के राज बब्बर को हराकर छठी बार सांसद बने। जीत के बाद राव इंद्रजीत ने समर्थकों को संबोधित किया। जिसमें राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- ”हरियाणा के इलेक्शन के लिए हमने तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहता हैं।” उनके सत्तासीन होने के बयान को CM कुर्सी से जोड़कर देखा गया। इसके बाद हिसार की यादव सभा ने मांग की कि राव इंद्रजीत को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। राज्य मंत्री को लेकर नाराजगी क्यों?
राव इंद्रजीत छठी बार सांसद चुने गए हैं। केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली पिछली 2 सरकार में वह राज्यमंत्री रहे। इस बार उम्मीद थी कि उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। इसके बावजूद वह केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ही बन पाए। इसके उलट करनाल से पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर को केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। खट्टर को नरेंद्र मोदी के साथ संगठन में काम करते वक्त की नजदीकी का फायदा मिला। राव से पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मवीर भी कैबिनेट मंत्री न बनाने का मलाल जता चुके हैं। राव इंद्रजीत के पिता के बाद दक्षिणी हरियाणा से दूसरा CM नहीं बना
दक्षिणी हरियाणा में 14 सीटें आती है। इनमें 11 सीटें यादव बाहुल्य हैं। वहीं दक्षिणी हरियाणा ही सूबे की राजनीति का केंद्र रहा है। राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव बीरेंद्र सिंह ऐसे पहले नेता थे, जो इस इलाके से मुख्यमंत्री बने। इसके बाद इस इलाके से कोई दूसरा नेता सीएम पद तक नहीं पहुंचा। राव इंद्रजीत सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।