पानीपत में 3 दोस्तों से 20 लाख की ठगी:खुद को हाइकोर्ट का जज बताया; सरकारी नौकरी के नाम पर थमा दिए फर्जी लेटर

पानीपत में 3 दोस्तों से 20 लाख की ठगी:खुद को हाइकोर्ट का जज बताया; सरकारी नौकरी के नाम पर थमा दिए फर्जी लेटर

हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल के रहने वाले 3 दोस्तों के साथ एक महिला ने खुद को हाईकोर्ट का जज बता कर ठगी कर ली। तीनों युवकों को सरकारी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर 20 लाख रुपए ले लिए। इसके बाद उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, आईकार्ड थमा दिए। युवक ज्वाइनिंग करने पहुंचे, तो वहां इन लेटर और आई कार्ड के फर्जी होने का पता लगा। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने करीब 4 साल बाद केस दर्ज किया है। आधे पैसे पहले, आधे आईकार्ड मिलने पर देने की हुई थी बात इसराना थाना पुलिस को दी शिकायत में नवीन कुमार ने बताया कि वह गांव परढाना का रहने वाला है। उसकी मुलाकात सुनील निवासी रोहतक से नौकरी लगवाने के लिए हुई थी। सुनील ने उसकी मुलाकात ममता निवासी गांव बवाना दिल्ली से करवाई थी। जोकि खुद को हाईकोर्ट का जज बताती थी। ममता ने कहा कि वह उसे कृषि भवन में, उसके साथी मोनू को निर्माण भवन में व संजीत का ग्रुप डी में लगवा देगी। इसके लिए आधे रुपए पहले देने होंगे और आधे आईकार्ड मिलने के बाद। सहमति बनने पर 10 अक्टूबर 2019 को तीनों ने पांच-पांच लाख रुपए कैश इसराना पुल के नीचे उक्त महिला को दिए। 7 नवंबर को नवीन और मोनू को ज्वाइनिंग लेटर दे दिया और ड्यूटी ज्वाइनिंग करने को कहा। इसके बाद कुछ और रुपए की डिमांड की। तब उन्होंने 3 लाख रुपए नकद और डेढ लाख रुपए खाते में ट्रांसफर किए। ज्वाइनिंग लेटर और आईकार्ड निकले फर्जी 9 जनवरी 2020 को नवीन और मोनू का आईकार्ड दे दिया। साथ ही कहा कि संजीत का अभी और टाइम लगेगा। ममता और एक अन्य उसका साथी सुरेंद्र मलिक दोनों और रुपए लेने के लिए इसराना में अपनी स्विफ्ट कार में सवार होकर आए थे। जिनको उन्होंने 5.44 लाख रुपए नकद दिए। वे आईकार्ड लेकर कृषि भवन पहुंचे। जहां उन्हें कहा गया कि यह नकली है, यहां से चले जाओ, वरना मारे जाओगे। ममता को कॉल की, तो उसने फोन नहीं उठाया। फिर वे उसके घर गए तो वहां उसने कहा कि आपका काम पक्का हो जाएगा, तीनों 5 लाख रुपए और दे दो। फिर उन्होंने उसे 3 लाख रुपए 21 जनवरी को और 2 लाख रुपए 2 फरवरी को इसराना पुल के नीचे दिए। 15 मार्च 2020 को संजीत का ग्रुप डी का लेटर दिया गया। जिसे चेक करवाया, तो वह भी फर्जी निकला। हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल के रहने वाले 3 दोस्तों के साथ एक महिला ने खुद को हाईकोर्ट का जज बता कर ठगी कर ली। तीनों युवकों को सरकारी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर 20 लाख रुपए ले लिए। इसके बाद उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, आईकार्ड थमा दिए। युवक ज्वाइनिंग करने पहुंचे, तो वहां इन लेटर और आई कार्ड के फर्जी होने का पता लगा। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने करीब 4 साल बाद केस दर्ज किया है। आधे पैसे पहले, आधे आईकार्ड मिलने पर देने की हुई थी बात इसराना थाना पुलिस को दी शिकायत में नवीन कुमार ने बताया कि वह गांव परढाना का रहने वाला है। उसकी मुलाकात सुनील निवासी रोहतक से नौकरी लगवाने के लिए हुई थी। सुनील ने उसकी मुलाकात ममता निवासी गांव बवाना दिल्ली से करवाई थी। जोकि खुद को हाईकोर्ट का जज बताती थी। ममता ने कहा कि वह उसे कृषि भवन में, उसके साथी मोनू को निर्माण भवन में व संजीत का ग्रुप डी में लगवा देगी। इसके लिए आधे रुपए पहले देने होंगे और आधे आईकार्ड मिलने के बाद। सहमति बनने पर 10 अक्टूबर 2019 को तीनों ने पांच-पांच लाख रुपए कैश इसराना पुल के नीचे उक्त महिला को दिए। 7 नवंबर को नवीन और मोनू को ज्वाइनिंग लेटर दे दिया और ड्यूटी ज्वाइनिंग करने को कहा। इसके बाद कुछ और रुपए की डिमांड की। तब उन्होंने 3 लाख रुपए नकद और डेढ लाख रुपए खाते में ट्रांसफर किए। ज्वाइनिंग लेटर और आईकार्ड निकले फर्जी 9 जनवरी 2020 को नवीन और मोनू का आईकार्ड दे दिया। साथ ही कहा कि संजीत का अभी और टाइम लगेगा। ममता और एक अन्य उसका साथी सुरेंद्र मलिक दोनों और रुपए लेने के लिए इसराना में अपनी स्विफ्ट कार में सवार होकर आए थे। जिनको उन्होंने 5.44 लाख रुपए नकद दिए। वे आईकार्ड लेकर कृषि भवन पहुंचे। जहां उन्हें कहा गया कि यह नकली है, यहां से चले जाओ, वरना मारे जाओगे। ममता को कॉल की, तो उसने फोन नहीं उठाया। फिर वे उसके घर गए तो वहां उसने कहा कि आपका काम पक्का हो जाएगा, तीनों 5 लाख रुपए और दे दो। फिर उन्होंने उसे 3 लाख रुपए 21 जनवरी को और 2 लाख रुपए 2 फरवरी को इसराना पुल के नीचे दिए। 15 मार्च 2020 को संजीत का ग्रुप डी का लेटर दिया गया। जिसे चेक करवाया, तो वह भी फर्जी निकला।   हरियाणा | दैनिक भास्कर