पानी की सैम्पलिंग और मिड-डे मील की गुणवत्ता का रखें ध्यान : बाल मुकंद

पानी की सैम्पलिंग और मिड-डे मील की गुणवत्ता का रखें ध्यान : बाल मुकंद

भास्कर न्यूज | अमृतसर एडीसी पेंडू विकास दफ्तर में चेयरमैन पंजाब स्टेट फूड कमिश्नर बाल मुकंद शर्मा ने संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी स्कूलों के पानी की सैंपलिंग को यकीनी बनाया जाए। जिले भर के सारे सरकारी स्कूलों की पानी की सैंपलिंग करके रिपोर्ट कमिशन को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील के खाने की गुणवत्ता की जांच का विशेष ध्यान रखा जाए और मिड-डे मील के राशन की स्टोरेज व्यवस्था खुले और हवादार कमरे में होनी चाहिए ताकि राशन खराब न हो सके। चेयरमैन ने सिविल सर्जन को कहा कि सारे सरकारी स्कूलों में मेडिकल चैकअप कैंप निरंतर लगाए जाएं और स्कूली बच्चों की सेहत का खास ध्यान रखा जाए। सरकार स्कूली बच्चों को हुई किसी भी तरह की गंभीर बीमारी का सारा इलाज खुद उठाती है, चाहे इलाज पीजीआई में हो या प्राइवेट अस्पताल में। बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियमित रूप से स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच करती हैं। जिसमें 30 बीमारियों की जांच की जाती है और अगर किसी बच्चे में कोई गंभीर बीमारी पाई जाती है तो उसे पीजीआई रेफर किया जाता है या फिर किसी बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में उसका सारा इलाज मुफ्त में किया जाता है। पिछले वर्ष में लगभग 70 स्कूली बच्चे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त पाए गए, जिनका इलाज सरकार की ओर से निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि इसी प्रकार आयुष्मान योजना के तहत स्कूल हेल्थ वेलनेस के माध्यम से स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर बच्चों की शारीरिक जांच सुनिश्चित की जा रही है। चेयरमैन ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के नए भवन बनाए जा रहे हैं, जहां बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने जिला खुराक सप्लाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि डिपुओं की लगातार निगरानी करें ताकि लाभार्थियों को सरकार की ओर से उपलब्ध करवाया जाने वाला गेहूं उचित मात्रा में मिल सके। जिला कंट्रोल खुराक सिविल सप्लाई ने कहा कि जिले में लगभग 1800 डिपो हैं और 3 लाख 66 हजार कार्ड धारकों के लगभग 12 लाख परिवारों को अनाज उपलब्ध कराया जाता है। भास्कर न्यूज | अमृतसर एडीसी पेंडू विकास दफ्तर में चेयरमैन पंजाब स्टेट फूड कमिश्नर बाल मुकंद शर्मा ने संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी स्कूलों के पानी की सैंपलिंग को यकीनी बनाया जाए। जिले भर के सारे सरकारी स्कूलों की पानी की सैंपलिंग करके रिपोर्ट कमिशन को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील के खाने की गुणवत्ता की जांच का विशेष ध्यान रखा जाए और मिड-डे मील के राशन की स्टोरेज व्यवस्था खुले और हवादार कमरे में होनी चाहिए ताकि राशन खराब न हो सके। चेयरमैन ने सिविल सर्जन को कहा कि सारे सरकारी स्कूलों में मेडिकल चैकअप कैंप निरंतर लगाए जाएं और स्कूली बच्चों की सेहत का खास ध्यान रखा जाए। सरकार स्कूली बच्चों को हुई किसी भी तरह की गंभीर बीमारी का सारा इलाज खुद उठाती है, चाहे इलाज पीजीआई में हो या प्राइवेट अस्पताल में। बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियमित रूप से स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच करती हैं। जिसमें 30 बीमारियों की जांच की जाती है और अगर किसी बच्चे में कोई गंभीर बीमारी पाई जाती है तो उसे पीजीआई रेफर किया जाता है या फिर किसी बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में उसका सारा इलाज मुफ्त में किया जाता है। पिछले वर्ष में लगभग 70 स्कूली बच्चे गंभीर बीमारियों से ग्रस्त पाए गए, जिनका इलाज सरकार की ओर से निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि इसी प्रकार आयुष्मान योजना के तहत स्कूल हेल्थ वेलनेस के माध्यम से स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर बच्चों की शारीरिक जांच सुनिश्चित की जा रही है। चेयरमैन ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के नए भवन बनाए जा रहे हैं, जहां बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने जिला खुराक सप्लाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि डिपुओं की लगातार निगरानी करें ताकि लाभार्थियों को सरकार की ओर से उपलब्ध करवाया जाने वाला गेहूं उचित मात्रा में मिल सके। जिला कंट्रोल खुराक सिविल सप्लाई ने कहा कि जिले में लगभग 1800 डिपो हैं और 3 लाख 66 हजार कार्ड धारकों के लगभग 12 लाख परिवारों को अनाज उपलब्ध कराया जाता है।   पंजाब | दैनिक भास्कर