कुरुक्षेत्र के पिहोवा के हिसार-चंडीगढ़ एचएन-152 पर अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में रिटायर्ड फौजी के भाई की मौत हो गई। वह रात में काम करके घर लौट रहा था। इसी दौरान हादसा हो गया। आर्मी से रिटायर्ड हरजीत सिंह निवासी भौर सैयदा के अनुसार, उसका 51 वर्षीय भाई गुरजीत सिंह डंपर चलाता था। 30 जनवरी को उसका भाई गुरजीत सिंह अपनी बाइक पर किसी काम से इस्माइलाबाद गया था। काम निपटा कर उसका भाई रात करीब 9 बजे बाइक पर अपने घर लौट रहा था। नेशनल हाईवे-152 पर तलहेड़ी गांव के मोड़ पर पहुंचा, तो किसी अज्ञात वाहन ने उसके भाई की बाइक को टक्कर मार दी। मामले की जांच कर रही पुलिस रात को ही वह हादसे की सूचना पाकर पिहोवा के सरकारी अस्पताल पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने उसके भाई गुरजीत सिंह की जांच करके मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने अज्ञात वाहन ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। कुरुक्षेत्र के पिहोवा के हिसार-चंडीगढ़ एचएन-152 पर अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में रिटायर्ड फौजी के भाई की मौत हो गई। वह रात में काम करके घर लौट रहा था। इसी दौरान हादसा हो गया। आर्मी से रिटायर्ड हरजीत सिंह निवासी भौर सैयदा के अनुसार, उसका 51 वर्षीय भाई गुरजीत सिंह डंपर चलाता था। 30 जनवरी को उसका भाई गुरजीत सिंह अपनी बाइक पर किसी काम से इस्माइलाबाद गया था। काम निपटा कर उसका भाई रात करीब 9 बजे बाइक पर अपने घर लौट रहा था। नेशनल हाईवे-152 पर तलहेड़ी गांव के मोड़ पर पहुंचा, तो किसी अज्ञात वाहन ने उसके भाई की बाइक को टक्कर मार दी। मामले की जांच कर रही पुलिस रात को ही वह हादसे की सूचना पाकर पिहोवा के सरकारी अस्पताल पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने उसके भाई गुरजीत सिंह की जांच करके मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने अज्ञात वाहन ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरूग्राम में सीएम आदेश पर अफसरशाही हावी:आप नेता ने सर्वाधिक टैक्स देने वाले शहर की दुर्दशा पर घेरा हरियाणा के गुरूग्राम जिला में हल्की बारिश में ही तालाब में बदलने वाली मिलेनियम सिटी के लोग भले ही प्रदेश का सर्वाधिक टैक्स अदा करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान हैं। खुद यहां की दुर्दशा पर सीएम नायब सिंह सैनी ने नाराजगी जताई और इसके बाद चीफ सेक्रेटरी शहर आए, लेकिन स्थिति जस की तस है। अपना हित साधने में जुटे अधिकारी आप नेता माइकल सैनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज सीएम सैनी पटौदी आ रहे हैं, तो क्या वह अधिकारियों को सख्त निर्देश देकर शहर की समस्याओं के लिए उन पर कोई कड़ा एक्शन लेंगे, इस पर सभी की नजर है। माइकल सैनी ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सबसे अधिक शहर के लोग इसी विभाग के अधिकारियों से परेशान हैं। आरोप लगाते हुए कहा कि अपना हित साधने में अधिकारी जुटे हुए हैं और शहर के लोग तमाम समस्याओं से दो-चार हाथ करने को विवश हैं। बड़ी कंपनियों को मौका क्यों नहीं आप नेता ने कहा कि निगम अधिकारी छोटे-छोटे व कम समय के सफाई के टेंडर क्यों निकाल रहे हैं। इससे तो वह अपनी परिचित या छोटी कंपनियों का ही फायदा कर रहे हैं। जबकि यहां पर तीन-चार साल के लिए एक बड़ी कंपनी को टेंडर देना चाहिए, जो बेहतर संसाधन, स्टॉफ के साथ बेहतर काम कर सके। इस पर अधिकारियों का ध्यान नहीं है और इसके चलते बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके चलते विधानसभा चुनाव में जनता सूद सहित हिसाब करने से नहीं चूकेगी। अवैध विज्ञापनों से अधिकारी चाट रहे मलाई आप नेता सैनी ने कहा कि शहर में बिना अनुमति की विज्ञापन सामग्री की बहार आई हुई है। तय पॉलिसी व नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। हाईवे, ग्रीन बेल्ट व सर्विस लेन पर होर्डिंग, यूनिपोल लगाए हुए हैं। सैनी ने कहा कि जहां की अनुमति ली, उसकी जगह दूसरा विज्ञापन अधिक साइज के लगाकर अधिकारी मलाई चाट रहे हैं।
हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय
हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हरियाणा की पानीपत शहरी विधानसभा का इतिहास भी पुरुष प्रधान सीटों जैसा ही रहा है। यहां से 18 विधायक चुने गए हैं। इनमें से सिर्फ एक बार ही शहरवासियों ने महिला को विधायक बनने का मौका दिया है। इस सीट के बनने के बाद से भाजपा को यहां हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। 2014 में मोदी लहर में हुए पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा 32 साल बाद इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। उस समय यहां से पहली महिला रोहिता रेवड़ी विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद 2019 में उनका टिकट काटकर प्रमोद विज को टिकट दिया गया। प्रमोद विज ने यहां से भाजपा को दूसरी बार जीत दिलाई थी। इस बार चुनाव की खास बात यह है कि शहर सीट से एकमात्र विधायक रोहिता रेवड़ी अब निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए हैं। जिसके बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। अब यहां मुकाबला भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीय के बीच है। पानीपत शहर विधानसभा का इतिहास
पानीपत शहर विधानसभा के चुनाव पहली बार 1952 में हुए थे। तब यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस के कृष्ण गोपाल दत्त पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने जनसंघ के कुंदन लाल को हराया था। लगातार दो चुनावों में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन 10 साल बाद जनसंघ ने वापसी की
कांग्रेस का रहा वर्चस्व
जनसंघ के फतेहचंद 1967 और 1968 में हुए विधानसभा चुनाव में पानीपत सिटी सीट जीते थे। यह सीट लगातार तीन बार कांग्रेस के खाते में रही लेकिन कांग्रेस के हुकूमत रे शाह ने 1972 के चुनाव में फतेहचंद को हराकर सीट जीत ली थी। 1977 के चुनाव में फतेह सिंह फिर से चुनाव जीत गए थे। देवीलाल के दौर में भी पानीपत से नहीं डगमगाई कांग्रेस
बलबीर पाल शाह ने 1987 में चुनाव जीता था। इस साल उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया था, क्योंकि वह चौधरी देवीलाल का दौर था। चौधरी देवीलाल की आंधी में भी बलबीर ने अपनी सीट बचाई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। निर्दलीय से हारी थी कांग्रेस
1996 में बलबीर पाल शाह निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश जैन से चुनाव हार गए थे। बलबीर पाल 2000, 2005 और 2009 में पानीपत सिटी से विधायक रहे। 2014 में कांग्रेस ने उनके छोटे भाई वीरेंद्र बुल्ले शाह को टिकट दिया और वह रोहिता रेवड़ी से चुनाव हार गए। इस बार चार महिलाएं मैदान में
इस बार चार महिलाएं चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। जिसमें से तीन महिलाएं अलग-अलग पार्टियों से जुड़ी हैं। जबकि एक महिला ही निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इस बार सरोज बाला गुर बहुजन समाज पार्टी से, रितु अरोड़ा आम आदमी पार्टी से, भतेरी राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। जबकि निर्दलीय रोहिता रेवड़ी हैं। रोहिता ने 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।
पलवल में वकील व भाई पर किए फायर, कार तोड़ी:पुलिस ने नहीं की सुनवाई; कोर्ट ने कराई 24 पर FIR, गिरफ्तारी नहीं
पलवल में वकील व भाई पर किए फायर, कार तोड़ी:पुलिस ने नहीं की सुनवाई; कोर्ट ने कराई 24 पर FIR, गिरफ्तारी नहीं हरियाणा के पलवल में हसनपुर थाना क्षेत्र में एक वकील व उसके भांजे पर जानलेवा हमला कर उसकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने का मामला प्रकाश में आया है। हसनपुर थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 14 नामजद सहित 24 के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। हसनपुर थाना प्रभारी अजीत नागर के अनुसार, बासवां गांव निवासी धर्मेंद्र सिंह ने कोर्ट में दायर इस्तगासा में कहा है कि वह पेशे से वकील है। 21 अप्रैल को अपनी बहन के यहां रामगढ़ गया हुआ था। उसका कहना है कि वह पहले सुमेर सरपंच के घर गया तो पता चला की सरपंच खेतों पर गए हुए हैं। इसके बाद वह अपने भांजे नीरज को गाड़ी में लेकर सरपंच के खेतों पर चल दिया। जब वे खेतों पर पहुंचे तो देखा कि 25-30 व्यक्ति अपने हाथों में घातक हथियार लिए हुए थे, जिनकी उसने अपनी गाड़ी में से वीडियो बनाई। जिनमें से कुछ को उसके भांजे ने पहचान लिया। उन्होंने गाड़ी को रुकवाया और गाली-गलौज शुरू कर दी। उसने विरोध किया तो उन्होंने गाडी पर लाठी, गंडासा व फरसा से हमला कर गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। उसने मौके से गाड़ी लेकर भागना चाह तो अवैध हथियारों से उसे जान से मारने की नीयत से फायर करने शुरू कर दिए, लेकिन गाड़ी चलने के कारण गोली उसे नहीं लगी। इसकी शिकायत उसने पुलिस को दी तो हसनपुर थाना पुलिस ने उल्टा उसके खिलाफ ही झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। थाना प्रभारी के अलावा डीएसपी व एसपी से गुहार लगाई, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद उसने न्याय के लिए होडल कोर्ट में इस्तगासा दायर की। इस्तगासा के आधार न्यायालय ने हसनपुर थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर हसनपुर थाना पुलिस ने रामगढ़ गांव निवासी सुमेर, हरि, चन्दन, भगत, भोला, रोहित, मुकेश, सुधीर, कर्मवीर, उदयवीर, तेजन, कुलदीप, पवन व नन्दकिशोर सहित 24 के खिलाफ आईपीसी की धारा 148, 149, 323, 307, 341, 427 एवं 25-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।