भास्कर न्यूज | जालंधर सिटी में सबसे बड़े व्यापारिक हब यानी लाडोवाली रोड के पुडा कॉम्पलेक्स की देखभाल में कमियों से हालात खराब हो गए हैं। यहां पर शॉप-कम-ऑफिस में संचालित तमाम सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों के लोग गंदगी, खराब लाइटों, पार्किंग के लिए वाहनों को जगह न मिलने से परेशान हैं। नगर निगम की जिम्मेदारी सफाई करने की है। डीसी कॉम्प्लेक्स का कूड़ा कर्कट तो उठाया जा रहा है, लेकिन पुडा कॉम्प्लेक्स में हफ्तों से सफाई नहीं हुई है। शुक्रवार को कांग्रेस भवन से लेकर लाडोवाली रोड तक आम जनता के वाहन सड़कों के किनारे खड़े थे जबकि कॉम्पलेक्स की पार्किंग में कबाड़ियों, वाहन रिपेयर करने वालों ने पक्का कब्जा कर रखा है। चार जगहों पर गंदगी के बड़े ढेर देखने को मिले। खाली प्लॉट भी गंदगी से भर चुके हैं लेकिन सफाई नहीं की जा रही है। धुंध का सीजन है और कई जगह पर लाइटें भी बंद पड़ी हैं। भास्कर न्यूज | जालंधर सिटी में सबसे बड़े व्यापारिक हब यानी लाडोवाली रोड के पुडा कॉम्पलेक्स की देखभाल में कमियों से हालात खराब हो गए हैं। यहां पर शॉप-कम-ऑफिस में संचालित तमाम सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों के लोग गंदगी, खराब लाइटों, पार्किंग के लिए वाहनों को जगह न मिलने से परेशान हैं। नगर निगम की जिम्मेदारी सफाई करने की है। डीसी कॉम्प्लेक्स का कूड़ा कर्कट तो उठाया जा रहा है, लेकिन पुडा कॉम्प्लेक्स में हफ्तों से सफाई नहीं हुई है। शुक्रवार को कांग्रेस भवन से लेकर लाडोवाली रोड तक आम जनता के वाहन सड़कों के किनारे खड़े थे जबकि कॉम्पलेक्स की पार्किंग में कबाड़ियों, वाहन रिपेयर करने वालों ने पक्का कब्जा कर रखा है। चार जगहों पर गंदगी के बड़े ढेर देखने को मिले। खाली प्लॉट भी गंदगी से भर चुके हैं लेकिन सफाई नहीं की जा रही है। धुंध का सीजन है और कई जगह पर लाइटें भी बंद पड़ी हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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तरनतारन के सुखजीत सुक्खा आएंगे पेरिस ओलंपिक में नजर:भारतीय हॉकी टीम में सेलेक्शन; व्हील-चेयर से मैदान तक का सफर किया पूरा
तरनतारन के सुखजीत सुक्खा आएंगे पेरिस ओलंपिक में नजर:भारतीय हॉकी टीम में सेलेक्शन; व्हील-चेयर से मैदान तक का सफर किया पूरा तरनतारन के अधीन पड़ते मियांविंड के गांव जवंदपुर निवासी 26 वर्षीय सुखजीत सिंह सुक्खा का चयन जुलाई में पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाली भारतीय हॉकी टीम में हुआ है। सूचना पहुंचने के बाद से गांव में खुशी की लहर है। फिलहाल सुखजीत सिंह बेंगलुरु में चल रहे भारतीय हॉकी टीम के कैंप में है। गांववासियों ने बताया कि सुखजीत सिंह का जन्म गांव जवंदपुर में हुआ है। सुखजीत सिंह के पिता अजीत सिंह पंजाब पुलिस में हैं। उनके पिता खुद हॉकी खिलाड़ी रहे हैं, जो 25 साल पहले पंजाब पुलिस में भर्ती हुए थे। जिसके बाद परिवार को जालंधर जाना पड़ा। गांव जवंदपुर निवासी सुखजोत के चाचा भीता सिंह ने बताया कि अजीत को हॉकी खेलने का शौक था। जिसे उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर पूरा किया है, बचपन से सुखजीत पर की गई मेहनत आज पूरी हुई है। 2006 में स्टेट एकेडमी में शामिल हुए चाचा भीता सिंह ने बताया कि सुखजीत की ट्रेनिंग 8 साल की उम्र में ही शुरू हो गई थी। 2006 में उसे मोहाली में स्थापित राज्य सरकार द्वारा संचालित हॉकी एकेडमी में भर्ती कराया गया। सुखजीत का प्रभाव उनके परिवार पर भी पड़ा। चाचा भीता सिंह के दो बेटे हैं और दोनों ही हॉकी खिलाड़ी हैं। एक एसजीपीसी द्वारा संचालित एकेडमी का हिस्सा है, जबकि दूसरा मोहाली की एकेडमी में खेलता है। सुखजीत की मेहनत सफल हुई सुखजीत के चाचा भीता सिंह के अलावा गांव जवंदपुर के सरपंच एसपी सिंह, गांव घसीटपुर निवासी हॉकी कोच बलकार सिंह, मियांविंड के सरपंच दीदार सिंह व क्षेत्र के अन्य लोगों का मानना है कि सुखजीत सिंह द्वारा की गई मेहनत सफल हुई है। जिस तरह से उसने 8 साल की उम्र में हॉकी को अपनाया और कड़ी मेहनत की, आज उसे उसका फल मिला है। फिलहाल सुखजीत बेंगलुरु में आयोजित कैंप में मौजूद हैं। सुखजीत का सपना ओलंपिक तक पहुंचना था। अब अगर हॉकी ने एक बार फिर ओलंपिक में कमाल कर दिया तो पूरे गांव का नाम रोशन होगा। सुखजीत के व्हीलचेयर से मैदान तक की कहानी 8 साल की उम्र से हॉकी टीम में पहुंचने का सपना देखने वाले सुखजीत के लिए 2018 से पहले संभव नहीं था। ये वे दौर था, जब सुखजीत व्हीलचेयर पर थे। परिवार व सुखजीत उस समय हॉकी करियर के खत्म होने का शोक मना रहे थे। सभी को यही लगता था कि सुखजीत का करियर अब खत्म है। लोग कहते हैं कि चमत्कार होते हैं, सुखजीत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। समय 2018 का है। अजीत पहली बार भारतीय हॉकी टीम के लिए चुना गया था। उम्र मात्र 21 साल थी। तीन चार दिन के बाद ऐसी घटना घटी कि सुखजीत व्हीलचेयर पर आ गए। प्रो लीग के दौरान भारतीय टीम बेल्जियम में थी। नए माहौल के बीच सुखजीत बीमार हो गया। सुखजीत ने यहां अपने आप को नहीं देखा और अपनी प्रैक्टिस को जारी रखा। इसी बीच सुखजीत के पीठ में दर्द होना शुरू हो गया। सुखजीत ने इससे भी निपटने की कोशिश की। सुखजीत ने विदेश में एक फिजियो से मदद मांगी। फिजियो ऑस्ट्रेलिया से थे। इसी दौरान फिजियो ने एक नस दबा दी और समस्या बहुत गंभीर हो गई। सुखजीत का दाहिना हिस्सा लकवा ग्रस्त हो गया। व्हील-चेयर पर भारत लौटा तो लगा करियर खत्म एक इंटरव्यू में सुखजीत ने बताया था कि वे व्हील चेयर पर भारत लौटे थे। पिता अजीत सिंह ने उन्हें उठाया और कार में बैठाया। लगा, करियर खत्म हो गया। वापस आते ही संदेश भी मिल गया कि अब वे भारतीय हॉकी कैंप का हिस्सा नहीं रहे। हालत ऐसे थे कि खुद बिस्तर से उठ नहीं सकते थे, वॉशरूम नहीं जा सकते थे और खाना नहीं खा सकते थे। अजीत हॉकी में इतने अच्छे थे कि उन्हें पंजाब पुलिस में स्पोर्ट्स कोटा की नौकरी मिल गई, लेकिन वे इतने अच्छे नहीं थे कि राष्ट्रीय टीम में जगह बना सकें। सुखजीत कहते हैं, “इसलिए उन्होंने मुझे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनाने के लिए अपनी पूरी कोशिश की।” पिता ने प्रेरित कर किया पैरों पर खड़ा खेलने की उम्मीद छोड़ दी गई। लेकिन पिता अजीत के लिए हार मानना कोई विकल्प नहीं था। पिता अजीत सिंह ने सुखजीत को दौबारा खड़ा करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी। उसकी मालिश करते, डॉक्टर के पास ले जाते। 6 महीने की मेहनत रंग लाई। सुखजीत अपने पैरों पर खड़ा हो गया। अब लक्ष्य दौबारा भारतीय टीम में पहुंचना था। वह फिर से हॉकी स्टिक पकड़ सकता था। शुरुआती सालों में अजीत ने उसे जो मजबूत बुनियादी बातें सिखाई थीं, वे सुखजीत के काम आईं क्योंकि उसे एहसास हुआ कि उसने अपनी मांसपेशियों की याददाश्त नहीं खोई है। 2019 के अंत तक, वह घरेलू हॉकी में वापस आ गया। इसी बीच कोविड का दौर शुरू हो गया। लेकिन सुखजीत ने हिम्मत नहीं हारी। इस दौरान उसने अपनी मांसपेशियों की ताकत को वापस पाने की कोशिश की। आज उसकी मेहनत रंग लाई है।

लुधियाना में पूर्व मंत्री का AAP पर निशाना:आशु बोले- मुझे जेल भेजने की साजिश रची जा रही, हर हाल में लडूंगा चुनाव
लुधियाना में पूर्व मंत्री का AAP पर निशाना:आशु बोले- मुझे जेल भेजने की साजिश रची जा रही, हर हाल में लडूंगा चुनाव लुधियाना में विधानसभ उप-चुनाव की तारिख घोषित होने से पहले ही सभी राजनीतिक माहौल गरमा चुका है। पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। आशु ने कहा कि मुझे मीडिया से ही पता चला है कि सरकार मुझे फिर से जेल में भेजने के लिए साजिश रच रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं है। जेल के अंदर से चुनाव लड़ूंगा : आशु उन्होंने कहा कि, लोगों के बीच रहकर हमने काम किए है। यदि धक्केशाही से जेल भेज दिया जाता है तो भी मैं जेल के अंदर से भी चुनाव लड़ूंगा। मेरा कांग्रेसी वर्कर मेरे लिए चुनाव प्रचार करेंगे। कई अधिकारी भी बदले जा रहे हैं। अधिकारी क्यों बदले जा रहे हैं, लोग इस बारे अच्छे से जानते है। ये सरकार हमें डरा नहीं सकती। आशु ने कहा कि जिस घर भी वह मीटिंग के लिए जा रहे है, वहीं लोग बदलाव करने की बातें कह रहे हैं। इस बार 2027 का गुस्सा लोग इस उप-चुनाव में उतार में उतारने के लिए तैयार बैठे हैं। पिछले 3 साल से शहर का विकास रुका हुआ है। अब लोग चाहते है कि 2027 में कांग्रेस के हाथ बागडोर दी जाए, ताकि फिर से लोगों के कारोबार विकसित हो सके।

ऑपरेशन ब्लू स्टार बरसी, कल बंद रहेगा अमृतसर:जीएनडीयू ने परीक्षाएं की रद्द; पुलिस प्रशासन अलर्ट, शहर में लगाए 62 नाके
ऑपरेशन ब्लू स्टार बरसी, कल बंद रहेगा अमृतसर:जीएनडीयू ने परीक्षाएं की रद्द; पुलिस प्रशासन अलर्ट, शहर में लगाए 62 नाके ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मद्देनजर दल खालसा की तरफ से 6 जून शुक्रवार को अमृतसर बंद का आहवान किया गया है। जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई और शिक्षण संस्थानों ने भी इसे लेकर सावधानी के तौर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने अपने सभी कॉलेजों में 6 जून को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार 6 जून को होने वाली सभी वार्षिक और समेस्टर परीक्षाओं को प्रबंधकीय कारणों के चलते स्थगित किया गया है। ये सभी थ्यूरी परीक्षाएं अब 20 जून को शुक्रवार को पहले निर्धारित समय के अनुसार परीक्षा केंद्रों में होंगी। इस संबंधित सारी जानकारी स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च वहीं, पुलिस सुरक्षा के मद्देनजर लगातार फ्लैग मार्च निकाल रही है। पुलिस ने बीती शाम भी अमृतसर में गोल्डन टेंपल के आसपास के एरिया में फ्लैग मार्च निकाला। दल खालसा ने भी आज शाम को “घल्लूघारा मार्च” निकालने का ऐलान किया है, जो शहर के विभिन्न बाजारों से गुजरता हुआ श्री अकाल तख्त पर समाप्त होगा। गोल्डन टेंपल में लगाई गई प्रदर्शनी 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार की तस्वीरों को गोल्डन टेंपल में प्रदर्शित किया गया है। यहां अस्थाई गैलरी का निर्माण किया गया है, जहां ऑपरेशन के दौरान की तस्वीरें और गोल्डन टेंपल को पहुंचे नुकसान को भी दिखाया गया है। एसजीपीसी का कहना है कि 1984 को गोल्डन टेंपल पर हुए हमले की जानकारियां लोगों तक पहुंचाने के लिए इस प्रदर्शनी को लगाया गया है। वहीं, बीते दिन गोल्डन टेंपल में अखंड पाठ शुरू कर दिया गया है। जिसका भोग कल, 6 जून शुक्रवार, को डाला जाएगा। इस दौरान शहीदों के परिवारों को भी सम्मानित किया जाएगा। पुलिस फोर्स अलर्ट पर ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी को लेकर लगभग 4 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे, जिनमें पंजाब आर्म्ड पुलिस के जवान भी शामिल होंगे। अमृतसर में 62 स्थानों पर नाके स्थापित किए जाएंगे। जिनमें 14 नाके गोल्डन टेंपल के आसपास और रास्तों में होंगे। 20 नाके शहर के भीतर, 10 नाके शहर के बाहरी इलाकों में और 10 नाके शहर में आने-जाने वाले मुख्य मार्गों पर होंगे। 52 नाकों पर पुलिस 24 घंटे तैनात रहेगी। लगभग 40 डीएसपी और एसपी स्तर के अधिकारी निगरानी पर रहेंगे।