‘पुलिस ने मारा ठीक किया, पर लड़की से क्यों मरवाया’:वाराणसी में गंगा में कूदकर जान देने वाले की बहन बोली-बहुत अच्छा था मेरा भाई

‘पुलिस ने मारा ठीक किया, पर लड़की से क्यों मरवाया’:वाराणसी में गंगा में कूदकर जान देने वाले की बहन बोली-बहुत अच्छा था मेरा भाई

‘मेरा भाई बहुत अच्छा था। आज तक कभी उसकी कोई शिकायत घर नहीं आयी थी। पूरा परिवार मन्नापुर में रहता है पर वो मेरे साथ रहता था। कल जो हुआ उसने मेरी जिंदगी मुझसे छीन ली है। मेरा भाई मुझे छोड़कर चला गया है। वो ऐसा लड़का नहीं है जैसा की पुलिस आरोप लगा रही है।’ ये बातें लंका थाने में होमगार्ड शारदा प्रसाद की बेटी सीलम ने कही। सीलम विशाल का नाम लेकर रो दे रही है। विशाल इन्हीं के पास इनके किराए के मकान में और अपने पुश्तैनी मकान के पास रहता था। बुधवार को उसने अचानक गंगा में कूदकर आत्महत्या कर ली। देर रात तक शव को लेकर परिजनों ने बवाल किया, जिसके बाद थप्पड़ मारने वाले पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर करने के बाद मानें। शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा। दैनिक भास्कर ने विशाल की बहन सीलम और आस-पास के लोगों से बातचीत की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानते हैं बुधवार को क्या हुआ था होमगार्ड के बेटे को सबके सामने पुलिस ने लड़की से लगवाए थप्पड़
लंका थाने में होमगार्ड शारदा प्रसाद का बेटा विशाल सोनकर फल-सब्जी का ठेला लगाता था। बुधवार सुबह ठेले के पास से छात्रा साइकिल से गुजरी। आरोप है कि विशाल ने उस पर टिप्पणी कर दी। छात्रा साइकिल रोककर इसका विरोध करने लगी। फिर दोनों में कहासुनी हो गई, तभी लंका इंस्पेक्टर शिवकांत मिश्रा, दरोगा लक्ष्मीकांत और सिपाही रंगपाल मार्निंग वॉक करते हुए वहां पहुंच गए। एक सिपाही ने विशाल को थप्पड़ जड़ दिया। पुलिसकर्मियों ने छात्रा से भी 3 थप्पड़ जड़वाए। पिटाई से आहत विशाल सीधे रविदास घाट पर गया और गंगा में छलांग लगा दी। काफी मशक्कत के बाद उसका शव बरामद हुआ था। एसीपी से हुई तीखी बहस
इसके बाद शव को परिजनों ने घर के पास रखकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करना शुरू कर दिया। शाम 4 बजे से शाम का 7 बज गया। पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया। परिजनों ने पुलिसकर्मियों और SO को सस्पेंड करने की मांग शुरू कर दी। रात 9 बजे ACP धनंजय मिश्रा पहुंचे तो उनकी परिजनों से तीखी बहस हुई। देर रात DCP पहुंचे और कार्रवाई की, तब शांत हुए परिजन
मामला बिगड़ता देख DCP सूर्यकांत त्रिपाठी देर रात मौके पर पहुंचे और परिजनों से बात की। परिजन तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की। DCP ने मौके से ही एक कॉन्स्टेबल और एक होम गार्ड को लाइन हाजिर कर दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए और शव पुलिस कब्जे ले पाई जिसका सुबह पोस्टमॉर्टम हुआ और परिजनों ने हरिश्चंद्र घाट पर उसका दाह संस्कार कर दिया। अब जानिए दैनिक भास्कर से परिजनों ने क्या कहा अगर वो लड़की को छेड़ा तो उसे बंद कर देते
हम विशाल सोनकर के घर जब पहुंचे तो उसके पिता और अन्य रिश्तेदार पोस्टमॉर्टम हाउस गए थे। विशाल का घर यहां नहीं है वह अपनी दीदी सीलम के यहां रहता था। नगवा इलाके में उनकी दीदी सीलम मिलीं। सीलम ने कहा-मेरे भाई ने अगर लड़की के साथ छेड़खानी की थी तो उसे पुलिस को बंद कर देना चाहिए था। एक दो झापड़ और लगाने चाहिए थे, लेकिन उसे सबके सामने लड़की से नहीं मरवाना चाहिए था। मेरे पास ही रहता था विशाल
सीलम ने रोते हुए कहा-मेरा भाई चला गया अब तो आएगा नहीं। उसी तरह लड़की भी जेल जाए हम यही चाहते हैं। विशाल मेरे पास ही रहता था। पूरा गहरा मन्नापुर रहता था लेकिन विशाल मेरे पास ही रहता था। रोज सुबह उठकर मंडी जाता था और वहां से फल लाकर बेचता था। कल भी वह फाल बेच रहा था जब गंगोत्री विहार की एक लड़की से उसका विवाद हुआ। जिस पर पुलिसकर्मियों ने उसे मारा और फिर लड़की से भी मार खिलवाये, जिससे गम में आकर कूदकर आत्महत्या कर ली। मेरे बेटे की तरह था विशाल
दैनिक भास्कर के सवाल पर सीलम ने कहा-हम लोग तीन भाई तीन बहन हैं। वो मेरे बेटे की तरह था। रोजाना सुबह वह रविदास पार्क के पास पीपल के पेड़ के नीचे फल लगाकर बेचता था। मेरे पिता जी की हालत खराब है। उनका बेटा चला गया। आज तक कभी विशाल की कोई शिकायत नहीं आयी थी। लड़की से खड़ा होकर मरवाया दरोगा
भाई की मौत के बाद परेशान सीलम ने कहा-अगर मेरे भाई की गलती थी तो उसे बंद कर देते। 4 से 5 घंटा थाने में बैठा लेते। लेकिन, उस दरोगा ने पहले अपनी मारा और फिर उस लड़की से भी मेरे भाई को थप्पड़ मरवाया जबकि वो खुद को बचा रहा था और उसने बिना किसी गलती के माफी भी मांग ली थी। अब उस शख्स से बातचीत जिसके ठेले के साथ विशाल अपना ठेला लगाकर गर्मियों की रातों में सोया करता था नटखट लड़का था विशाल
विशाल के पड़ोसी सुनील कुमार भारती ने बताया-विशाल को हम लोग बचपन से जान रहे हैं। उसका और मेरा घर अगल-बगल में ही है। उसकी मां यहां रहती थी। उसके पिता होमगार्ड में हैं। उन्होंने कहा कि विशाल चुलबुला था। उसकी शरारतें थीं। लेकिन वह दिल का बहुत अच्छा था। कल किसी लड़की से विवाद के बाद लंका प्रभारी और उनके हमराही पार्क में टहलने आये थे तो जाते समय उन्होंने देखा और रुक के पहले विशाल को कॉन्स्टेबल ने मारा और फिर लड़की से भी मार खिलवाई। कभी गंगा न जाने वाले विशाल ने कूद के कर ली आत्महत्या
सुनील ने बताया-इस घटना के बाद काफी देर तक परेशान रहे विशाल ने गंगा जी में कूद के आत्महत्या कर ली जबकि वह कभी न गंगा जी जाता था और ना ही कभी गंगा स्नान करता था। लेकिन कल उसके मन में क्या आया यह किसी के समझ में नहीं आया। तीन जगह रुका और तीन लोगों को सौंपा अपना सामान
सुनील ने बताया-विशाल काफी देर तक अपने आम के ठेले के पास रहा और उसके बाद वहां से चला तो चाबी वहां पास के एक दुकानदार को दे दी। उसके बाद एक व्यक्ति को मोबाइल और एक को कमाई का सारा पैसा दिया और फिर गंगा जी की तरफ तेजी से बढ़ गया। उसके पीछे मोहल्ले का एक लड़का सूरज भी पीछे की तरफ गया। सुनील ने कहा कि सूरज ने बताया कि विशाल तेजी से दौड़ता हुआ गे और गंगा जी में कूद गया। उसके पीछे वह भी कूदा पर बचा नहीं पाया। उसने सबको सूचना दी तब सबको पता चला। ‘मेरा भाई बहुत अच्छा था। आज तक कभी उसकी कोई शिकायत घर नहीं आयी थी। पूरा परिवार मन्नापुर में रहता है पर वो मेरे साथ रहता था। कल जो हुआ उसने मेरी जिंदगी मुझसे छीन ली है। मेरा भाई मुझे छोड़कर चला गया है। वो ऐसा लड़का नहीं है जैसा की पुलिस आरोप लगा रही है।’ ये बातें लंका थाने में होमगार्ड शारदा प्रसाद की बेटी सीलम ने कही। सीलम विशाल का नाम लेकर रो दे रही है। विशाल इन्हीं के पास इनके किराए के मकान में और अपने पुश्तैनी मकान के पास रहता था। बुधवार को उसने अचानक गंगा में कूदकर आत्महत्या कर ली। देर रात तक शव को लेकर परिजनों ने बवाल किया, जिसके बाद थप्पड़ मारने वाले पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर करने के बाद मानें। शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा। दैनिक भास्कर ने विशाल की बहन सीलम और आस-पास के लोगों से बातचीत की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानते हैं बुधवार को क्या हुआ था होमगार्ड के बेटे को सबके सामने पुलिस ने लड़की से लगवाए थप्पड़
लंका थाने में होमगार्ड शारदा प्रसाद का बेटा विशाल सोनकर फल-सब्जी का ठेला लगाता था। बुधवार सुबह ठेले के पास से छात्रा साइकिल से गुजरी। आरोप है कि विशाल ने उस पर टिप्पणी कर दी। छात्रा साइकिल रोककर इसका विरोध करने लगी। फिर दोनों में कहासुनी हो गई, तभी लंका इंस्पेक्टर शिवकांत मिश्रा, दरोगा लक्ष्मीकांत और सिपाही रंगपाल मार्निंग वॉक करते हुए वहां पहुंच गए। एक सिपाही ने विशाल को थप्पड़ जड़ दिया। पुलिसकर्मियों ने छात्रा से भी 3 थप्पड़ जड़वाए। पिटाई से आहत विशाल सीधे रविदास घाट पर गया और गंगा में छलांग लगा दी। काफी मशक्कत के बाद उसका शव बरामद हुआ था। एसीपी से हुई तीखी बहस
इसके बाद शव को परिजनों ने घर के पास रखकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करना शुरू कर दिया। शाम 4 बजे से शाम का 7 बज गया। पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया। परिजनों ने पुलिसकर्मियों और SO को सस्पेंड करने की मांग शुरू कर दी। रात 9 बजे ACP धनंजय मिश्रा पहुंचे तो उनकी परिजनों से तीखी बहस हुई। देर रात DCP पहुंचे और कार्रवाई की, तब शांत हुए परिजन
मामला बिगड़ता देख DCP सूर्यकांत त्रिपाठी देर रात मौके पर पहुंचे और परिजनों से बात की। परिजन तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की। DCP ने मौके से ही एक कॉन्स्टेबल और एक होम गार्ड को लाइन हाजिर कर दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए और शव पुलिस कब्जे ले पाई जिसका सुबह पोस्टमॉर्टम हुआ और परिजनों ने हरिश्चंद्र घाट पर उसका दाह संस्कार कर दिया। अब जानिए दैनिक भास्कर से परिजनों ने क्या कहा अगर वो लड़की को छेड़ा तो उसे बंद कर देते
हम विशाल सोनकर के घर जब पहुंचे तो उसके पिता और अन्य रिश्तेदार पोस्टमॉर्टम हाउस गए थे। विशाल का घर यहां नहीं है वह अपनी दीदी सीलम के यहां रहता था। नगवा इलाके में उनकी दीदी सीलम मिलीं। सीलम ने कहा-मेरे भाई ने अगर लड़की के साथ छेड़खानी की थी तो उसे पुलिस को बंद कर देना चाहिए था। एक दो झापड़ और लगाने चाहिए थे, लेकिन उसे सबके सामने लड़की से नहीं मरवाना चाहिए था। मेरे पास ही रहता था विशाल
सीलम ने रोते हुए कहा-मेरा भाई चला गया अब तो आएगा नहीं। उसी तरह लड़की भी जेल जाए हम यही चाहते हैं। विशाल मेरे पास ही रहता था। पूरा गहरा मन्नापुर रहता था लेकिन विशाल मेरे पास ही रहता था। रोज सुबह उठकर मंडी जाता था और वहां से फल लाकर बेचता था। कल भी वह फाल बेच रहा था जब गंगोत्री विहार की एक लड़की से उसका विवाद हुआ। जिस पर पुलिसकर्मियों ने उसे मारा और फिर लड़की से भी मार खिलवाये, जिससे गम में आकर कूदकर आत्महत्या कर ली। मेरे बेटे की तरह था विशाल
दैनिक भास्कर के सवाल पर सीलम ने कहा-हम लोग तीन भाई तीन बहन हैं। वो मेरे बेटे की तरह था। रोजाना सुबह वह रविदास पार्क के पास पीपल के पेड़ के नीचे फल लगाकर बेचता था। मेरे पिता जी की हालत खराब है। उनका बेटा चला गया। आज तक कभी विशाल की कोई शिकायत नहीं आयी थी। लड़की से खड़ा होकर मरवाया दरोगा
भाई की मौत के बाद परेशान सीलम ने कहा-अगर मेरे भाई की गलती थी तो उसे बंद कर देते। 4 से 5 घंटा थाने में बैठा लेते। लेकिन, उस दरोगा ने पहले अपनी मारा और फिर उस लड़की से भी मेरे भाई को थप्पड़ मरवाया जबकि वो खुद को बचा रहा था और उसने बिना किसी गलती के माफी भी मांग ली थी। अब उस शख्स से बातचीत जिसके ठेले के साथ विशाल अपना ठेला लगाकर गर्मियों की रातों में सोया करता था नटखट लड़का था विशाल
विशाल के पड़ोसी सुनील कुमार भारती ने बताया-विशाल को हम लोग बचपन से जान रहे हैं। उसका और मेरा घर अगल-बगल में ही है। उसकी मां यहां रहती थी। उसके पिता होमगार्ड में हैं। उन्होंने कहा कि विशाल चुलबुला था। उसकी शरारतें थीं। लेकिन वह दिल का बहुत अच्छा था। कल किसी लड़की से विवाद के बाद लंका प्रभारी और उनके हमराही पार्क में टहलने आये थे तो जाते समय उन्होंने देखा और रुक के पहले विशाल को कॉन्स्टेबल ने मारा और फिर लड़की से भी मार खिलवाई। कभी गंगा न जाने वाले विशाल ने कूद के कर ली आत्महत्या
सुनील ने बताया-इस घटना के बाद काफी देर तक परेशान रहे विशाल ने गंगा जी में कूद के आत्महत्या कर ली जबकि वह कभी न गंगा जी जाता था और ना ही कभी गंगा स्नान करता था। लेकिन कल उसके मन में क्या आया यह किसी के समझ में नहीं आया। तीन जगह रुका और तीन लोगों को सौंपा अपना सामान
सुनील ने बताया-विशाल काफी देर तक अपने आम के ठेले के पास रहा और उसके बाद वहां से चला तो चाबी वहां पास के एक दुकानदार को दे दी। उसके बाद एक व्यक्ति को मोबाइल और एक को कमाई का सारा पैसा दिया और फिर गंगा जी की तरफ तेजी से बढ़ गया। उसके पीछे मोहल्ले का एक लड़का सूरज भी पीछे की तरफ गया। सुनील ने कहा कि सूरज ने बताया कि विशाल तेजी से दौड़ता हुआ गे और गंगा जी में कूद गया। उसके पीछे वह भी कूदा पर बचा नहीं पाया। उसने सबको सूचना दी तब सबको पता चला।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर