लुधियाना|घंटाघर नजदीक नशेड़ी युवकों ने पुल के नीचे बैठे बच्चों को वहां से जाने के लिए कहा तो बच्चों ने जब जाने से मना किया तो नशेड़ी युवकों ने उनके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। इससे एक बच्चे का सिर फट गया। इसकी वीडियो सामने आई। इसमें देख सकते हैं कि शराब के नशे में कुछ युवक बच्चों को बुरी तरह से पीट रहा है। वीडियो में पुलिस मुलाजिम भी दिखे रहा है। पहले तो पुलिस मुलाजिम लड़ाई को छुड़वाने के लिए नहीं आया, लेकिन जब नशेड़ी युवकों ने बच्चे को ईंट मारकर जख्मी किया तो पुलिस मुलाजिम आया। फिर सभी को शांत करवाने की कोशिश की, लेकिन हमलावर युवक बच्चों को पीटते रहे। फिर जब पुलिस ने उन पर डंडे से मारने की कोशिश की तो हमलावर युवक भाग गए। लुधियाना|घंटाघर नजदीक नशेड़ी युवकों ने पुल के नीचे बैठे बच्चों को वहां से जाने के लिए कहा तो बच्चों ने जब जाने से मना किया तो नशेड़ी युवकों ने उनके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। इससे एक बच्चे का सिर फट गया। इसकी वीडियो सामने आई। इसमें देख सकते हैं कि शराब के नशे में कुछ युवक बच्चों को बुरी तरह से पीट रहा है। वीडियो में पुलिस मुलाजिम भी दिखे रहा है। पहले तो पुलिस मुलाजिम लड़ाई को छुड़वाने के लिए नहीं आया, लेकिन जब नशेड़ी युवकों ने बच्चे को ईंट मारकर जख्मी किया तो पुलिस मुलाजिम आया। फिर सभी को शांत करवाने की कोशिश की, लेकिन हमलावर युवक बच्चों को पीटते रहे। फिर जब पुलिस ने उन पर डंडे से मारने की कोशिश की तो हमलावर युवक भाग गए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ सकते हैं सुखबीर बादल:उपचुनाव लड़ने की अटकलें, 1 दिन में कीं 14 बैठकें
गिद्दड़बाहा से चुनाव लड़ सकते हैं सुखबीर बादल:उपचुनाव लड़ने की अटकलें, 1 दिन में कीं 14 बैठकें पंजाब में उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से थोड़ी देरी की गई है। लेकिन पंजाब में राजनीतिक दल उपचुनाव के लिए तैयार चारों सीटों पर सक्रिय हो रहे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बाद अब अकाली दल ने भी विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा की ओर रुख कर लिया है। सुखबीर बादल शनिवार से गिद्दड़बाहा में हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार हो सकते हैं। पंजाब की गिद्दड़बाहा सीट सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के इस्तीफे के बाद से खाली है। जबकि इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यह अकाली दल का गढ़ रहा है। अब अकाली दल इसे वापस चाहता है और उनकी कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। अकाली दल अब तक यहां से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को अपना उम्मीदवार मानता रहा है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन अब जिस तरह से पिछले दो दिनों में सुखबीर बादल यहां सक्रिय हुए हैं, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें भी इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। 1 दिन में कार्यकर्ताओं के साथ 14 बैठकें सुखबीर ने खिरकियावाला और काओनी गांवों का दौरा किया। काओनी कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार नरिंदर सिंह काओनी का पैतृक गांव है, जो मुक्तसर जिला परिषद के अध्यक्ष और राजा वड़िंग के करीबी सहयोगी हैं। सुखबीर ने कहा, “1995 में गिद्दड़बाहा उपचुनाव जीतने के बाद, 1997 में शिअद ने सरकार बनाई और इस बार भी यहीं से शुरुआत होगी।” बैठकों में उन्होंने सभी उपस्थित लोगों की बात सुनी, जिन्होंने अपने पुराने अनुभव और समस्याएं साझा कीं। उन्होंने खन्ना और कपूरथला में हाल ही में हुई बेअदबी की घटनाओं की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है। वड़िंग भी कर रहे हैं गिद्दड़बाहा का दौरा इस बीच, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी शनिवार को लगातार दूसरे दिन निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं। कांग्रेस ने भी मुक्तसर शहर में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक की। उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद जसबीर सिंह डिम्पा को प्रभारी बनाया गया है। एक कांग्रेस नेता ने बताया कि कैप्टन संदीप संधू भी चुनाव प्रचार के लिए यहीं रहेंगे।
बंदी छोड़ दिवस के लिए अकाल तख्त साहिब से आदेश:कहा- सिख नरसंहार की याद में घी के दीये जलाएं; बिजली की सजावट से बचें
बंदी छोड़ दिवस के लिए अकाल तख्त साहिब से आदेश:कहा- सिख नरसंहार की याद में घी के दीये जलाएं; बिजली की सजावट से बचें पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल स्थित श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिख समुदाय के लिए बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। उन्होंने 1 नवंबर 2024 को गुरु हरगोबिंद साहिब जी की याद में केवल घी के दीये जलाने की सलाह दी है और किसी भी प्रकार की बिजली की सजावट न करने का अनुरोध किया है। यह निर्देश 1 नवंबर 1984 को हुए सिख नरसंहार की 40वीं बरसी के मद्देनजर दिया गया है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने घोषणा की है कि इस साल केवल गोल्डन टेंपल और श्री अकाल तख्त साहिब पर ही बिजली की सजावट की जाएगी। दुनिया भर की सिख संगत को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों और गुरुद्वारों में केवल घी के दीये जलाएं और बिजली की सजावट से परहेज करें। अकाल तख्त साहिब के सचिवालय द्वारा जारी एक लिखित बयान में उन्होंने 1984 के सिख नरसंहार को याद किया, जो कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान हुआ था। 110 शहरों में हुआ था सिख नरसंहार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि दिल्ली सहित देश के 110 शहरों में सिखों का नरसंहार किया गया और इसे एक “सिख नरसंहार” के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस घटना को सिख समुदाय के लिए एक गहरे घाव के रूप में याद किया जो आने वाली पीढ़ियों तक उनके मन में रहेगा। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर का दिन बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के ग्वालियर किले से रिहाई और श्री अमृतसर साहिब आगमन की याद में मनाया जाता है। दिल्ली में बिगड़े थे हालात 1984 का सिख नरसंहार भारत के इतिहास का एक ऐसा काला अध्याय है जो सिख समुदाय के लिए गहरे दर्द और त्रासदी के रूप में आज भी ताजा है। यह नरसंहार 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद शुरू हुआ था। इंदिरा गांधी की हत्या की खबर फैलते ही दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में सिख समुदाय के खिलाफ हिंसा की आग भड़क उठी। भीड़ ने घरों, गुरुद्वारों, दुकानों और संपत्तियों को निशाना बनाना शुरू किया, सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला और संपत्तियों को जला दिया। कई जगहों पर ट्रेन के डिब्बों में सिखों को जलाया गया और उनके घरों को तबाह कर दिया गया। जान-माल का भारी नुकसान और भय का माहौल अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में लगभग 3000 से अधिक सिखों की हत्या कर दी गई थी, जबकि अन्य शहरों में भी हिंसा फैल गई। हालांकि, अनौपचारिक आंकड़े इससे कहीं अधिक हैं, क्योंकि हिंसा के बाद के कई वर्षों तक सटीक आंकड़ों का अभाव रहा। सिख समुदाय के घरों, गुरुद्वारों, दुकानों और अन्य संपत्तियों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा।
चंडीगढ़ में आज से किसानों का पक्का मोर्चा:बीकेयू की अगुवाई जुटेंगे किसान, खेती नीति समेत 8 मुद्दे उठाएंगे
चंडीगढ़ में आज से किसानों का पक्का मोर्चा:बीकेयू की अगुवाई जुटेंगे किसान, खेती नीति समेत 8 मुद्दे उठाएंगे भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन की तरफ से आज (रविवार) से चंडीगढ़ में मोर्चा लगाया जा रहा है। खेती नीति, किसानों की कर्ज माफी समेत 8 मांगों को लेकर वह प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन 5 सितंबर तक चलेगा। किसान दोपहर 12 बजे तक वहां पर पहुंच जाएंगे। यूनियन के प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि ने कहा यह बड़ा प्रदर्शन है। चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से किसानों को सेक्टर 34 दशहरा मैदान प्रदर्शन की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि किसान अब पीछे हटने वाले नहीं है। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्च की तरफ 2 सितंबर को किसान पंचायत रखी गई है। 5 सितंबर को मीटिंग कर तय की जाएगी रणनीति किसान नेताओं ने बताया कि 2 सितंबर को पंजाब विधानसभा का मानसून सेशन शुरू होगा। ऐसे में यूनियन की तरफ से सरकार को मांग पत्र सौंपा जाएगा। इसके बाद सेशन के दौरान देखा जाएगा कि सरकार की तरफ से क्या फैसला लिया गया। 4 सितंबर को सेशन संपन्न होगा। इसके बाद 5 सितंबर को यूनियन की मीटिंग होंगी। इसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी। प्रदर्शन में किसान अपने परिवारों सहित शामिल होंगे। किसान नेताओं ने बताया कि वह गत डेढ़ साल से खेती नीति बनाने की मांग लगातार कर रहे हैं। लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है। खेती नीति बनाने के लिए गठित कमेटी की तरफ से पिछले साल अक्तूबर महीने रिपोर्ट बनाकर को सरकार को सौंप दी थी। लेकिन सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। यह सरकार की किसान मजदूर विरोधी और कॉरपोरेट घराने, जगीरदारों व रसूखदार पक्षीय नीयत व नीति का रिजल्ट है। संयुक्त किसान मोर्चा भी सेक्टर-34 में जुटेगा संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से चंडीगढ़ में 2 सितंबर यानी की सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है। मोर्चे के नेताओं का कहना है कि उन्हें भी सेक्टर-34 में जगह मिलेगी। काफी समय बाद चंडीगढ़ में अनुमति मिली है। उन्होंने कहा कि रविवार को महा पंचायत के लिए तैयारियां पूरी कर ली जाएगी। किसान नेताओं का काफी समय के बाद चंडीगढ़ में प्रशासन ने अनुमति दी है। ऐसे में सभी किसानों को को वहां पहुंचना चाहिए।