हिमाचल में तीन विधानसभाओं में उप चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रशिक्षण विभाग के अध्यक्ष व शिमला शहरी सीट के प्रभारी हरिकृष्ण हिमराल ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भेजा है। इसमें हिमराल ने पार्टी के सभी पदों को छोड़ने की घोषणा की है। लोकसभा चुनावों में हिमराल कांग्रेस वॉर रूम के उपाध्यक्ष का काम देख चुके हैं। इस बार लोकसभा व विधानसभा चुनावों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। त्यागपत्र में उन्होंने इस्तीफा देने के पीछे व्यक्तिगत कारण वजह बताई हैं। उन्होंने इस्तीफे में लिखा कि राजनीति में विभिन्न पदों पर काम करते हुए कठोर और कड़वी सच्चाई को जाना व समझा है, जिसमें वह कभी फिट नहीं बैठ पाए। इसलिए उन्होंने इस पद को छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। जिन नेताओं के साथ मैने काम किया है उनके कार्यों की मैं सराहना करता हूं। हिमराल ने लिखा- हमेशा गंदे और भ्रष्ट राजनीतिक तंत्र को ईमानदारी और ईमानदारी के ऊपर जीवित रहते हुए काम किया। उन्होंने कहा कि मैं इस महान संगठन की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहा हूं। कुलदीप राठौर के करीबी रहे हिमराल हिमराल पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर के करीबी माने जाते हैं। राठौर जब अध्यक्ष थे तो उस दौरान हिमराल उनके राजनीतिक सचिव रहे हैं। उन्होंने 20 साल तक कांग्रेस में कई पदों पर काम किया है। कोई पार्टी जॉइन करने का इरादा नहीं: हिमराल हिमराल ने बताया कि उन पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था और न ही उन्होंने किसी से मतभेद की वजह से इस्तीफा दिया है। उन्हें लगा कि वह राजनीति में फिट नहीं बैठ पा रहे। इसलिए कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा- फिलहाल कोई भी पार्टी जॉइन करने का इरादा नहीं है। हिमाचल में तीन विधानसभाओं में उप चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रशिक्षण विभाग के अध्यक्ष व शिमला शहरी सीट के प्रभारी हरिकृष्ण हिमराल ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भेजा है। इसमें हिमराल ने पार्टी के सभी पदों को छोड़ने की घोषणा की है। लोकसभा चुनावों में हिमराल कांग्रेस वॉर रूम के उपाध्यक्ष का काम देख चुके हैं। इस बार लोकसभा व विधानसभा चुनावों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। त्यागपत्र में उन्होंने इस्तीफा देने के पीछे व्यक्तिगत कारण वजह बताई हैं। उन्होंने इस्तीफे में लिखा कि राजनीति में विभिन्न पदों पर काम करते हुए कठोर और कड़वी सच्चाई को जाना व समझा है, जिसमें वह कभी फिट नहीं बैठ पाए। इसलिए उन्होंने इस पद को छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। जिन नेताओं के साथ मैने काम किया है उनके कार्यों की मैं सराहना करता हूं। हिमराल ने लिखा- हमेशा गंदे और भ्रष्ट राजनीतिक तंत्र को ईमानदारी और ईमानदारी के ऊपर जीवित रहते हुए काम किया। उन्होंने कहा कि मैं इस महान संगठन की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहा हूं। कुलदीप राठौर के करीबी रहे हिमराल हिमराल पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर के करीबी माने जाते हैं। राठौर जब अध्यक्ष थे तो उस दौरान हिमराल उनके राजनीतिक सचिव रहे हैं। उन्होंने 20 साल तक कांग्रेस में कई पदों पर काम किया है। कोई पार्टी जॉइन करने का इरादा नहीं: हिमराल हिमराल ने बताया कि उन पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था और न ही उन्होंने किसी से मतभेद की वजह से इस्तीफा दिया है। उन्हें लगा कि वह राजनीति में फिट नहीं बैठ पा रहे। इसलिए कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा- फिलहाल कोई भी पार्टी जॉइन करने का इरादा नहीं है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में शराब के साथ चाय फ्री:सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ऑफर; ठेकों के बाहर लगाए गए पोस्टर
हिमाचल में शराब के साथ चाय फ्री:सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ऑफर; ठेकों के बाहर लगाए गए पोस्टर हिमाचल प्रदेश में एक ठेकेदार द्वारा शराब बिक्री के लिए दुकानों के बाहर लगाया विज्ञापन चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें एक ब्रांड की शराब खरीदने वालों को मुफ्त चाय पत्ती देने की बात हो रही है। कुछ लोग सोशल मीडिया में इस विज्ञापन पर चटकारे ले रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर निकाला ऑफर
यह विज्ञापन हिमाचल के बिलासपुर और नयना देवी क्षेत्र के 80 शराब ठेकों पर लगाए गए है। इसमें शराब ठेकेदार ने शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर धमाका ऑफर दिया है। एक ब्रांड की 700ML की 500 रुपए की शराब की बोतल के साथ 50 रुपए की 250 ग्राम टाटा अग्नि चाय फ्री दी जा रही है। इसी तरह 375ML, 180ML शराब की बोतल पर भी क्रमशः 20 और 10 रुपए की चाय पत्ती मुफ्त दी जा रही है। इसे लेकर जब शराब कंपनी के मैनेजर राजीव शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यह डिस्काउंट शुरू किया गया है और अगले कुछ दिन चलता रहेगा। मैनेजर बोले- खरीदारों को कुछ नया देने की सोच
राजीव ने बताया कि डिस्काउंट शुरू करने के पीछे शराब की बिक्री बढ़ाने के साथ साथ उपभोक्ताओं को भी कुछ देने की सोच है। उन्होंने बताया कि अभी एक ब्रांड पर डिस्काउंट दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में दूसरे ब्रांड पर भी शुरू किया जाएगा। उनके जिलाभर में शराब के 80 ठेके है। उपभोक्ता इसका फायदा सभी ठेकों पर उठा सकते हैं।
हिमाचल में बंद होगी अयोग्य विधायकों की पेंशन:विधानसभा में संशोधन विधेयक पर आज चर्चा होगी; पूर्व में ली गई पेंशन-भत्ते की रिकवरी करेगी सरकार
हिमाचल में बंद होगी अयोग्य विधायकों की पेंशन:विधानसभा में संशोधन विधेयक पर आज चर्चा होगी; पूर्व में ली गई पेंशन-भत्ते की रिकवरी करेगी सरकार हिमाचल प्रदेश में संविधान के 10-शेड्यूल के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बीते कल विधानसभा के सदस्यों के भत्ते एवं पेंशन के लिए संशोधन विधेयक 2024 पर सदन में पेश किया है। आज इस पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद इसे पास किया जाएगा। इस संशोधन के बाद गगरेट से पूर्व MLA चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद हो जाएगी। अब तक इनके द्वारा ली गई पेंशन व भत्तों की भी रिकवरी हो सकती है। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी।प्रस्तावित बिल के अनुसार, जिन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के हिसाब से अयोग्य घोषित किया गया है। उनसे 14वीं विधानसभा के कार्यकाल (दिसंबर 2022 से फरवरी 2024) की पेंशन व भत्तों की रिकवरी भी की जा सकती है। इन्होंने पार्टी व्हिप का किया था उलंघन बता दें कि बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीते। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के तहत अयोग्य घोषित किया। चैतन्य-भुट्टो पहली बार चुने गए थे, इसलिए पेंशन बंद कांग्रेस के 6 बागियों में चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। अयोग्य घोषित होने के बाद सरकार इनकी पेंशन बंद करने की तैयारी में है। 4 अन्य की इस टर्म की पेंशन तो बंद होगी, लेकिन पहले के टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। क्योंकि सुधीर, इंद्रतदत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा और रवि ठाकुर पहले भी कई कई बार विधायक रह चुके हैं। इनकी सीटों पर हो चुके उप चुनाव इन 6 विधायकों की सीटों पर उप चुनाव भी हो चुके हैं। क्रॉस वोट करने वाले सभी पूर्व विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इनमें 4 विधायक जो दिसंबर 2022 में 5 साल के लिए चुन कर आए थे, जनता ने उन्हें उप चुनाव में घर बैठा दिया है। सुधीर शर्मा और इंद्र दत्त लखनपाल ही चुनाव जीत पाए हैं। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी।
हिमाचल सीएम दिल्ली में:नीति आयोग में शामिल होने पर संशय, बहिष्कार को लेकर विपक्ष ने घेरा, अनुराग बोले- मीटिंग में न जाना अति निंदनीय
हिमाचल सीएम दिल्ली में:नीति आयोग में शामिल होने पर संशय, बहिष्कार को लेकर विपक्ष ने घेरा, अनुराग बोले- मीटिंग में न जाना अति निंदनीय दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज होने वाले नीति आयोग की मीटिंग में हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के शामिल होने पर संशय बना हुआ है। हालांकि सीएम सुक्खू इसके लिए पिछले कल ही दिल्ली पहुंच गए हैं। मगर इंडिया गंठबंधन के ज्यादातर दलों ने नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार का ऐलान कर रखा है। इस वजह से हिमाचल सीएम की भी मीटिंग में शामिल होने की कम संभावना है। सीएम ने यदि नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होना होता तो हिमाचल में अधिकारी उनका भाषण तैयार करते। मगर इस बात बीती शाम तक मुख्यमंत्री का भाषण तैयार नहीं किया गया और न ही कोई अधिकारी शिमला से दिल्ली गया है। इस बीच प्रदेश में इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री के नीति आयोग की मीटिंग में बहिष्कार के फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री का यह फैसला हिमाचली हितों से खिलवाड़ है। अनुराग ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं। उन्होंने हिमाचल के हितों को प्राथमिकता दी है, लेकिन कांग्रेस ने हमेशा ओछी राजनीति की है। अनुराग ने कहा, मुख्यमंत्री का नीति आयोग की बैठक में न जाने का निर्णय न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि अति निंदनीय भी है। राजनीति से प्रेरित मुख्यमंत्री का यह निर्णय हिमाचल प्रदेश के हितों के साथ सीधा खिलवाड़ है। मुख्यमंत्री को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार कर प्रदेश हित में बैठक में भाग लेना चाहिए। अनुराग से पहले जयराम ठाकुर भी सुखविंदर सुक्खू पर इसे लेकर जुबानी हमला बोल चुके हैं। मीटिंग में क्या चर्चा होनी है तीन दिन चलने वाली नीति आयोग की मीटिंग में पेयजल की उपलब्धता व गुणवत्ता, बिजली, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, एजुकेशन, डिजिटलाइजेशन, रजिस्ट्रेशन और म्यूटेशन जैसे मसलों पर चर्चा होनी है। क्यों बहिष्कार कर रहा इंडिया गठबंधन इंडिया गठबंधन ने मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ बताया और इस बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश दो राज्यों का ही ख्याल रखने वाला बताया गया है। इस वजह से इंडिया गठबंधन के ज्यादातर घटक दलों ने नीति आयोग की मीटिंग का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ममता बैनर्जी जरूर मीटिंग में शामिल हो सकती है। सीएम सुक्खू ने अभी आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं किया कि वह शामिल होंगे या नहीं। लिहाजा यह दिन तक स्पष्ट हो जाएगा। कांग्रेस हाईकमान से चर्चा कर सकते हैं सीएम सुक्खू वह अपने दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस हाईकमान से भी चर्चा कर सकते हैं। प्रदेश में अभी कैबिनेट में एक पद खाली पड़ा है। इस पर तैनाती को लेकर भी चर्चा संभव है।