हरियाणा के पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा मंगलवार को झज्जर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 20 जून को कांग्रेस विधायक राज्यपाल से मिल कर अल्पमत में चल रही भाजपा की सरकार को बर्खास्त कर निष्पक्ष चुनाव की मांग करेंगे। हुड्डा ने कहा कि भाजपा में कोई नैतिकता नहीं बची है। बहुमत खोने के बाद भी सत्ता पर काबिज है। भूपेंद्र हुड्डा मंगलवार को यहां देश के सेनाध्यक्ष रहे दलबीर सिंह सुहाग के पिता रामफल सिंह के देहांत पर उनके पैतृक गांव बिसान में उनके परिवार से मिलने पहुंचे l बेरी से कांग्रेस पार्टी के विधायक डॉ रघुवीर कादयान भी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मौजूद रहे l भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा 20 जून को हम राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं और उनसे मांग करेंगे कि भाजपा अल्पमत की सरकार चल रही है और नैतिकता के आधार पर सरकार नहीं चलनी चाहिए। विधानसभा को भंग करके निष्पक्ष चुनाव करवाने चाहिए l हुड्डा ने टिकट वितरण को लेकर किरण चौधरी द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि यह तो उनकी सोच है। कांग्रेस पार्टी का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन अच्छा रहा है और हरियाणा में जीरो से पांच तक पहुंचे हैं। पूरे देश में इंडिया गठबंधन का सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत हरियाणा में आया है l हुड्डा कहा हरियाणा में बीजेपी लोकसभा चुनाव में हो गई हाफ और विधानसभा चुनाव में हो जाएगी साफ l हरियाणा के पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा मंगलवार को झज्जर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 20 जून को कांग्रेस विधायक राज्यपाल से मिल कर अल्पमत में चल रही भाजपा की सरकार को बर्खास्त कर निष्पक्ष चुनाव की मांग करेंगे। हुड्डा ने कहा कि भाजपा में कोई नैतिकता नहीं बची है। बहुमत खोने के बाद भी सत्ता पर काबिज है। भूपेंद्र हुड्डा मंगलवार को यहां देश के सेनाध्यक्ष रहे दलबीर सिंह सुहाग के पिता रामफल सिंह के देहांत पर उनके पैतृक गांव बिसान में उनके परिवार से मिलने पहुंचे l बेरी से कांग्रेस पार्टी के विधायक डॉ रघुवीर कादयान भी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मौजूद रहे l भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा 20 जून को हम राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं और उनसे मांग करेंगे कि भाजपा अल्पमत की सरकार चल रही है और नैतिकता के आधार पर सरकार नहीं चलनी चाहिए। विधानसभा को भंग करके निष्पक्ष चुनाव करवाने चाहिए l हुड्डा ने टिकट वितरण को लेकर किरण चौधरी द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि यह तो उनकी सोच है। कांग्रेस पार्टी का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन अच्छा रहा है और हरियाणा में जीरो से पांच तक पहुंचे हैं। पूरे देश में इंडिया गठबंधन का सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत हरियाणा में आया है l हुड्डा कहा हरियाणा में बीजेपी लोकसभा चुनाव में हो गई हाफ और विधानसभा चुनाव में हो जाएगी साफ l हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में विधेयक लाकर युवाओं की नौकरी बचाएगी सरकार:सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CM सैनी का प्रेस कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस पर साधा निशाना
हरियाणा में विधेयक लाकर युवाओं की नौकरी बचाएगी सरकार:सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CM सैनी का प्रेस कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस पर साधा निशाना हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) के तहत मिलने वाली सभी नौकरियों पर कोई संकट नहीं है। हरियाणा सरकार पूरी तरह से युवाओं के साथ खड़ी है। यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का। हरियाणा में सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक-आर्थिक आधार पर पिछड़े अभ्यर्थियों को 5 बोनस अंक देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सोमवार को दिए फैसले में कोर्ट ने कहा- यह असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि भाजपा की हरियाणा सामाजिक और आर्थिक नीति अंत्योदय पर आधारित है। इसके तहत नौकरियों में शामिल हुए हजारों युवाओं के साथ सरकार पूरी तरह से है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सीईटी परीक्षा पर कोई प्रश्नचिह्न नहीं है। कांग्रेस के लोग इस फैसले पर गंदी राजनीति कर रहे हैं। हमारी सरकार गरीबों की लड़ाई लड़ रही है। हम विधानसभा में रिव्यू पिटीशन या बिल लाकर इसे कायम रखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ा रही मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस सीईटी पर भ्रम फैला रही है। हमारी सरकार गरीबों के हक की लड़ाई लड़ रही है। अंत्योदय की भावना से जिन गरीबों को लाभ दिया गया है, उनके साथ खड़ी है। लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान किसी गरीब परिवार को नौकरी नहीं दी गई। हमारी सरकार ने ऐसे लोगों को नौकरी दी जो अनाथ हैं, परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है, अगर इस योजना के लाभ से उनके घर में चिराग जले हैं तो कांग्रेस के लोग किस बात से उत्साहित हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ा रही है। कांग्रेस ने भाई-भतीजावाद से नौकरियां दीं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस सरकार में भाई-भतीजावाद से नौकरियां दी जाती थीं। क्षेत्रवाद और जातिवाद हावी था। नौकरियों की नीलामी होती थी। जिसके पास ज्यादा पैसा और रसूख था, उसे नौकरी मिल जाती थी। कांग्रेस के राज में युवाओं में हताशा थी। युवा पढ़ाई करने की बजाय इधर-उधर भागने में व्यस्त रहते थे। उनके नेता उन्हें आस-पास के गांवों के लोगों के साथ घुमाते थे। गरीब लोग जिनके पास पैसे नहीं थे, वे सिर्फ वोट के लिए थे। एक भी गरीब बच्चे को सरकारी नौकरी नहीं दी गई, जिसके पास पैसे नहीं थे। लेकिन आज भाजपा सरकार ने योग्यता के आधार पर एक लाख 32 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। कांग्रेस के समय में सिफारिशें ढूंढते थे, हमारे समय में लाइब्रेरी ढूंढते हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि आज युवाओं में एक नई उम्मीद और विकास का संचार हुआ है। अब नौकरी के लिए किसी नेता के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ता है। आज युवा सिर ऊंचा करके स्वाभिमान के साथ नौकरी कर रहे हैं। पहले युवा सिफारिशें ढूंढते थे, आज वे लाइब्रेरी ढूंढते हैं। कांग्रेस और हमारी सरकार में यही अंतर है। 7 दिसंबर 2018 को हमारे हाईकोर्ट की डबल बेंच ने हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई सामाजिक-आर्थिक नीति के तहत दिए जाने वाले 5 सूत्रीय प्रारूप की प्रशंसा की थी। लेकिन कांग्रेस भर्ती रोको गैंग के तहत अड़चनें पैदा करती रही है। कांग्रेस भ्रम न फैलाए। हमने सरकारी नौकरियां देते समय प्रदेश के गरीब परिवारों का ध्यान रखा है। मुख्यमंत्री ने सुरजेवाला पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के एक नेता के पास अधूरी जानकारी है। वह फैसलों की जड़ में जाने की बजाय भ्रम फैलाते हैं। पहले कांग्रेस सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। यह नेता कांग्रेस कार्यकाल में मंत्री भी रह चुके हैं। सैनी ने कहा कि सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि ग्रुप डी में 13 लाख 50 हजार ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसमें कुल 13 हजार 557 पद थे। सुरजेवाला ने सही बात कही, हम गलत नहीं कह रहे। लेकिन मैं सुरजेवाला को बताना चाहता हूं कि 13 लाख 50 हजार अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। साढ़े नौ लाख युवाओं ने पेपर दिया और 4 लाख 20 हजार क्वालिफाई हुए। सीईटी का पेपर तीन साल के लिए वैध होता है। जरूरत पड़ने पर हम सीईटी से बच्चों को लेकर नौकरी देते हैं। ऐसे 11 हजार युवा नौकरी में आ चुके हैं। इसमें से 2657 छात्र ऐसे थे, जिन्हें ज्वाइन करना था, लेकिन हमने रिजल्ट रोक दिया था। जो 11 हजार छात्र जुड़ गए हैं, उनको कोई परेशानी नहीं है। इसी तरह ग्रुप सी में CET क्वालिफाई करने वाले सभी छात्रों को हमने नौकरी दी है। आइए समझते हैं क्या है CET हरियाणा की खट्टर सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े आवेदकों को 5 बोनस अंक देने का फैसला किया था। यह फैसला 5 मई 2022 से लागू हो गया। इसके तहत ऐसे परिवार के आवेदक को 5 अतिरिक्त अंकों का लाभ मिलता है, जिसका कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है और परिवार की आय 1.80 लाख रुपये सालाना से कम है। हरियाणा सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवारों को बोनस अंकों का लाभ दिया था। यह लाभ सिर्फ राज्य के परिवार पहचान पत्र (PPP) वाले युवाओं को मिला था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वर्ष 2023 में जारी ग्रुप सी और डी में नियुक्ति पाने वाले 23 हजार युवाओं को दोबारा परीक्षा देनी होगी। अगर वे पास नहीं हो पाते हैं तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। उन्हें नियुक्ति भी भर्ती वाले साल में ही दी गई थी।
हरियाणा सरकार राई यूनिवर्सिटी वेव सीरीज शूटिंग विवाद पर अलर्ट:कुलपति को बनाया प्रशासक; प्रिंसिपल की ACR के अधिकार, 200 ड्रॉप आउट
हरियाणा सरकार राई यूनिवर्सिटी वेव सीरीज शूटिंग विवाद पर अलर्ट:कुलपति को बनाया प्रशासक; प्रिंसिपल की ACR के अधिकार, 200 ड्रॉप आउट मोतीलाल नेहरू खेल विद्यालय (MNSS) में वेव सीरीज शूटिंग विवाद के बाद हरियाणा सरकार अलर्ट हो गई है। सरकार ने फैसला किया है कि एमएनएसएस, राई को हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (SUH) के प्रशासनिक नियंत्रण में रखा जाएगा। एसयूएच के कुलपति, उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार को इस विद्यालय के समग्र प्रशासनिक नियंत्रक बनाया गया है। एमएनएसएस पिछले काफी समय से एक विवादित वेब सीरीज, कई मुद्दों, शिकायतों और छात्रों की संख्या में भारी कमी के कारण सुर्खियों में है। कुलपति सभी प्रशासनिक मामलों में स्कूल के प्रिंसिपल के रिपोर्टिंग और नियंत्रण अधिकारी होंगे। सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, कुलपति के पास एमएनएसएस के प्रिंसिपल की सभी छुट्टियां, दौरा कार्यक्रम मंजूर करने और प्रिंसिपल की एसीआर दर्ज करने का अधिकार होगा। 2 सालों में 200 बच्चे छोड़ गए स्कूल सूत्रों के अनुसार, पिछले दो सालों में 170-180 छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, जैसे-जैसे संस्थान की प्रतिष्ठा धूमिल होती गई, कुछ शिक्षक और कोच भी इसे छोड़कर चले गए। विभाग ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। 14 जून को विभाग के निदेशक द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, उचित विचार-विमर्श के बाद, एमएनएसएस, राय पर एसयूएच के प्रशासनिक नियंत्रण के दायरे को स्पष्ट करने के लिए निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है। क्या है वेव सीरीज शूटिंग विवाद स्कूल की उप-प्रधानाचार्य मौसमी घोषाल ने 27 मई 2023 को राय थाना पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा था कि ‘रंग दे मोहे’ शो की शूटिंग दिसंबर 2021 में मुंबई की एक कंपनी मेसर्स क्लिक ऑन आरएम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई थी। इसे एक साल और चार महीने बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर सीरीज का नाम बदलकर ‘विरोध’ कर दिया गया। घोषाल ने आगे कहा कि कंपनी ने स्कूल प्रशासन से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा था, लेकिन उसने इसे देने से इनकार कर दिया क्योंकि स्कूल अधिकारियों ने मांग की थी कि प्रमाण पत्र जारी करने से पहले उन्हें सीरीज दिखाई जाए। हालांकि, उन्होंने स्कूल से एनओसी के बिना ही सीरीज जारी कर दी। वेव सीरीज में एडल्ट सीन, गाली-गलौज उप-प्रधानाचार्य ने बताया कि इस सीरीज में स्कूल का नाम कमला नेहरू स्कूल भी दिखाया गया था। इसके अलावा, शो में एडल्ट सीन, गाली-गलौज और बेहद आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए थे। छात्रों को शराब और सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था, जबकि एक खेल प्रशिक्षक को एक छात्रा से अवैध रूप से मदद मांगते हुए दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि इन कारकों के कारण स्कूल की छवि खराब हुई है, जिससे छात्रों, शिक्षकों, प्रशिक्षकों और अभिभावकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। वेब सीरीज के निर्माता त्रेहान को भी पत्र लिखकर कहा गया है कि वे स्कूल का नाम और लोगो हटा दें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 5 जून को दर्ज हुआ केस वाइस प्रिंसिपल घोषाल की शिकायत के बाद राय पुलिस ने 5 जून 2023 को आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत त्रेहान दहिया और एमएक्स प्लेयर के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी। एसएचओ ने बताया कि जांच में शामिल होने के लिए बुधवार को गिरफ्तार किए गए त्रेहान ने आरोप लगाया था कि कर्नल मोर (सेवानिवृत्त) ने एनओसी जारी करने के लिए और मांगें रखी थीं। एसएचओ ने बताया कि मामले की जांच अभी भी जारी है और जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। गौरतलब है कि खेल विभाग ने कर्नल अशोक मोर (सेवानिवृत्त) से प्रिंसिपल और डायरेक्टर का प्रभार वापस ले लिया है, जब तक कि उनके खिलाफ कई शिकायतों की जांच पूरी नहीं हो जाती। उप-प्रधानाचार्य घोषाल ने स्कूल के कार्यवाहक प्रिंसिपल और डायरेक्टर का पदभार संभाला हुआ है।
भिवानी ट्रिपल मर्डर में कबाड़ी व साथियों को उम्रकैद:महिला-2 बेटियों की हत्या की थी; शवों के टुकड़े कर खेतों में फेंके थे
भिवानी ट्रिपल मर्डर में कबाड़ी व साथियों को उम्रकैद:महिला-2 बेटियों की हत्या की थी; शवों के टुकड़े कर खेतों में फेंके थे हरियाणा के भिवानी में वर्ष 2018 में महिला व उसकी दो नाबालिग बेटियों की निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को महिला के पति समेत 3 व्यक्तियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। ये ट्रिपल मर्डल इतना वीभत्स था कि हत्यारों ने मां-बेटियों के शवों के टुकड़े करके खेतों में फेंक दिए थे। कोर्ट ने तीनों हत्यारों पर 1 लाख 80 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। बता दें कि भिवानी के नया बाजार निवासी कबाड़ी राजेश ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर अपनी पत्नी व उसकी दो नाबालिग बेटियों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। बाद में इनके शवों को टुकड़ों में काटकर ड्रम में डालकर गांव खरक के खेतों में फेंक दिया था। इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भिवानी बिकृमजित अरोड़ा की कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने मुख्य आरोपी नया बाजार भिवानी निवासी कबाड़ी राजेश, भिवानी निवासी पूनम उर्फ फौजी और गांव माडिया मध्य प्रदेश निवासी माखनलाल को धारा 302,34 के तहत उम्र कैद की सजा व 50-50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। शवों को खुर्द-बुर्द करने पर धारा 201, 34 भारतीय दंड संहिता के तहत 7 साल की सजा व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर हत्यारों को अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले को बहुत ही संगीन माना और दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरतने के आदेश दिए। प्रवासी महिला को आसरा देने के नाम पर किया था यौन शोषण मामले के अनुसार मध्यप्रदेश की एक 25 वर्षीय महिला अपने शराबी पति से परेशान होकर 4 साल की बच्ची के साथ भिवानी चली आई थी। भिवानी में शहर से कबाड़ चुन कर वह कबाड़ी राजेश को बेचने आती थी। राजेश ने उसे अपनी पत्नी बनाकर रखने का झांसा दिया। वह महिला को बजरंग बली कालोनी में अपने प्लाट में कमरे में रखने लगा। इसके बाद महिला ने बेटी को जन्म दिया। कबाड़ी ने आधार कार्ड में उसे अपनी बेटी दिखाया। इसे लेकर विवाद हुआ तो 18 दिसंबर 2018 को करीब 9 माह की बच्ची व उससे बड़ी 5 साल की लड़की को धारदार हथियार चापट बुगदा से काट डाला था। तीनों मां बेटी के टुकड़े खेतों में डाल दिए। कुछ टुकड़े अपने ढाणा रोड़ गोदाम में गर्म पानी व तेजाब में डाल दिए थे।