पेरिस से वापस लौटे ओलिंपिक खिलाड़ी निषाद:बोले- प्रदेश के किसी नेता ने जरूरी नहीं समझा बधाई देना; माता-पिता के लिए लाए विशेष तोहफ़ा

पेरिस से वापस लौटे ओलिंपिक खिलाड़ी निषाद:बोले- प्रदेश के किसी नेता ने जरूरी नहीं समझा बधाई देना; माता-पिता के लिए लाए विशेष तोहफ़ा

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के छोटे से गांव बदायूं के निषाद कुमार ने पेरिस पैरा ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीत कर दूसरी बार हिमाचल का नाम रोशन किया है। मंगलवार को वह पैरिस से वापस दिल्ली पहुंचे। निषाद ने बताया कि पेरिस में सिल्वर मेडल जीतने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे 3 मिनट 13 सेकेंड बात की और उसे बधाईयां दी। लेकिन हिमाचल का एकमात्र पैराओलंपियन होने के बावजूद मुझे प्रदेश के किसी भी मंत्री या नेता ने फोन कर बधाई देना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि यहां अन्य राज्यों में ओलंपियन खिलाड़ियों पर खूब प्यार लुटाया जा रहा है। उनके लिए इनामों के साथ घोषणाओं की झड़ी लग रही है। वही प्रदेश की तरफ से उसके लिए भी कोई घोषणा नहीं की गई। निषाद को है गोल्ड नहीं जीत पाने का दुख निषाद ने कहा कि गोल्ड मेडल जीतने के लिए उसने खूब पसीना बहाया था, यहां तक की पेरिस जाने से पहले कोच ने उसे 10 दिन की छुट्टी देते हुए अपने घर जाकर परिजनों से मिलकर मन बदल जाने की बात की थी। तब भी वह 10 दिन की बजाय मात्र 4 दिन बाद ही वापस अपने कैंप में पहुंच गए था। उसे गोल्ड नहीं जीत पाने का बहुत दुखी हैं। दो दिन रहेगा दिल्ली, खेल मंत्री व प्रधानमंत्री​​​​​​​ से मुलाकात उन्होंने कहा कि दो दिन तक दिल्ली में रहकर खेल मंत्री व प्रधानमंत्री से मिलने के बाद वह अपने घर बदायूं आएगा। घर पहुंच कर सबसे पहले अपनी मां के हाथों की बनाई खीर खाना चाहते हैं और अपने घर में रखी हुई भैंस का दूध पीना चाहते हैं। उसने बताया कि पिछले 3 महीने से बाजार का पैकेट बंद दूध पीकर उनका मन ऊब चुका है। निषाद ने कहा कि वह घर वापस आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे और उनके सामने अपनी बात रखेंगे। माता-पिता के लिए लाए विशेष तोहफ़ा निषाद ने बताया कि क्लोजिंग सेरेमनी के दिन पेरिस में तेज बारिश होने के चलते वह उसमें में शामिल नहीं हो पाया। उसने खेल विलेज में बैंड की धुनों पर नाच कर खूब मस्ती की। निषाद ने बताया कि वह अपनी माता-पिता व बहन के लिए पहले से विशेष तोहफ़ा लेकर आया हैं। निकट भविष्य में गोल्ड मेडल तक पहुंचाने के लिए तैयारी के बारे में पूछे जाने पर निषाद ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और इसके बारे में फिर कभी बात करने की बात कही । हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के छोटे से गांव बदायूं के निषाद कुमार ने पेरिस पैरा ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीत कर दूसरी बार हिमाचल का नाम रोशन किया है। मंगलवार को वह पैरिस से वापस दिल्ली पहुंचे। निषाद ने बताया कि पेरिस में सिल्वर मेडल जीतने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे 3 मिनट 13 सेकेंड बात की और उसे बधाईयां दी। लेकिन हिमाचल का एकमात्र पैराओलंपियन होने के बावजूद मुझे प्रदेश के किसी भी मंत्री या नेता ने फोन कर बधाई देना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि यहां अन्य राज्यों में ओलंपियन खिलाड़ियों पर खूब प्यार लुटाया जा रहा है। उनके लिए इनामों के साथ घोषणाओं की झड़ी लग रही है। वही प्रदेश की तरफ से उसके लिए भी कोई घोषणा नहीं की गई। निषाद को है गोल्ड नहीं जीत पाने का दुख निषाद ने कहा कि गोल्ड मेडल जीतने के लिए उसने खूब पसीना बहाया था, यहां तक की पेरिस जाने से पहले कोच ने उसे 10 दिन की छुट्टी देते हुए अपने घर जाकर परिजनों से मिलकर मन बदल जाने की बात की थी। तब भी वह 10 दिन की बजाय मात्र 4 दिन बाद ही वापस अपने कैंप में पहुंच गए था। उसे गोल्ड नहीं जीत पाने का बहुत दुखी हैं। दो दिन रहेगा दिल्ली, खेल मंत्री व प्रधानमंत्री​​​​​​​ से मुलाकात उन्होंने कहा कि दो दिन तक दिल्ली में रहकर खेल मंत्री व प्रधानमंत्री से मिलने के बाद वह अपने घर बदायूं आएगा। घर पहुंच कर सबसे पहले अपनी मां के हाथों की बनाई खीर खाना चाहते हैं और अपने घर में रखी हुई भैंस का दूध पीना चाहते हैं। उसने बताया कि पिछले 3 महीने से बाजार का पैकेट बंद दूध पीकर उनका मन ऊब चुका है। निषाद ने कहा कि वह घर वापस आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे और उनके सामने अपनी बात रखेंगे। माता-पिता के लिए लाए विशेष तोहफ़ा निषाद ने बताया कि क्लोजिंग सेरेमनी के दिन पेरिस में तेज बारिश होने के चलते वह उसमें में शामिल नहीं हो पाया। उसने खेल विलेज में बैंड की धुनों पर नाच कर खूब मस्ती की। निषाद ने बताया कि वह अपनी माता-पिता व बहन के लिए पहले से विशेष तोहफ़ा लेकर आया हैं। निकट भविष्य में गोल्ड मेडल तक पहुंचाने के लिए तैयारी के बारे में पूछे जाने पर निषाद ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और इसके बारे में फिर कभी बात करने की बात कही ।   हिमाचल | दैनिक भास्कर