पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने ब्लॉक अमलोह और पंचायतों को जारी किए गए सरकारी फंड में 40,85,175 रुपए के गबन के आरोप में फतेहगढ़ साहिब में तैनात डीडीपीओ को गिरफ्तार किया है। कुलविंदर सिंह रंधावा और एक व्यक्ति हंसपाल को गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले को लेकर अमलोह के तत्कालीन बीडीपीओ कुलविंदर सिंह रंधावा (अब डीडीपीओ) समेत 5 लोगों के खिलाफ विजिलेंस थाना पटियाला रेंज में आईपीसी धारा 409, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) और 13 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। कल अदालत में करेंगे पेश उक्त आरोपियों ने आपसी मिलीभगत से कुछ निजी फर्मों और एक निजी व्यक्ति के नाम पर फर्जी फंड जारी कर 40,85,175 रुपए की सरकारी धनराशि की हेराफेरी की है। उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में आरोपी कुलविंदर सिंह रंधावा (तत्कालीन बीडीपीओ अमलोह) और एक व्यक्ति हंसपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिन्हें कल अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले की आगे की जांच जारी है। खन्ना में 58 लाख रुपए गबन के आरोप में सस्पेंड तत्कालीन बीडीपीओ कुलविंदर सिंह रंधावा को खन्ना में 58 लाख रुपए गबन के आरोप में भी सस्पेंड किया गया था। बैंक एंट्रियों ने गबन की पोल खोली थी। बीडीपीओ कुलविंदर सिंह ने ईओपीएस के तीन बोगस खाते खुलवाए थे। इनमें से 2 अमलोह और 1 खन्ना में खुलवाया गया था। नसराली गांव की पंचायत के करीब 40 लाख रुपए और बुल्लेपुर की पंचायत के 18 लाख रुपए अपने चहेतों की बोगस फर्मों में ट्रांसफर कर दिए गए थे। जिसके बाद प्रस्ताव पारित करके डायरेक्टर के साथ साथ विभाग के अन्य अधिकारियों व डीसी को भेजा गया था। इसके बाद बीडीपीओ को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ बीडीपीओ कुलविंदर सिंह इस मामले में अदालत चले गए थे और वहां से आदेश मिलने के बाद दोबारा ड्यूटी पर लौटे थे। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने ब्लॉक अमलोह और पंचायतों को जारी किए गए सरकारी फंड में 40,85,175 रुपए के गबन के आरोप में फतेहगढ़ साहिब में तैनात डीडीपीओ को गिरफ्तार किया है। कुलविंदर सिंह रंधावा और एक व्यक्ति हंसपाल को गिरफ्तार किया गया। इस घोटाले को लेकर अमलोह के तत्कालीन बीडीपीओ कुलविंदर सिंह रंधावा (अब डीडीपीओ) समेत 5 लोगों के खिलाफ विजिलेंस थाना पटियाला रेंज में आईपीसी धारा 409, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) और 13 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। कल अदालत में करेंगे पेश उक्त आरोपियों ने आपसी मिलीभगत से कुछ निजी फर्मों और एक निजी व्यक्ति के नाम पर फर्जी फंड जारी कर 40,85,175 रुपए की सरकारी धनराशि की हेराफेरी की है। उन्होंने आगे बताया कि इस मामले में आरोपी कुलविंदर सिंह रंधावा (तत्कालीन बीडीपीओ अमलोह) और एक व्यक्ति हंसपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिन्हें कल अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले की आगे की जांच जारी है। खन्ना में 58 लाख रुपए गबन के आरोप में सस्पेंड तत्कालीन बीडीपीओ कुलविंदर सिंह रंधावा को खन्ना में 58 लाख रुपए गबन के आरोप में भी सस्पेंड किया गया था। बैंक एंट्रियों ने गबन की पोल खोली थी। बीडीपीओ कुलविंदर सिंह ने ईओपीएस के तीन बोगस खाते खुलवाए थे। इनमें से 2 अमलोह और 1 खन्ना में खुलवाया गया था। नसराली गांव की पंचायत के करीब 40 लाख रुपए और बुल्लेपुर की पंचायत के 18 लाख रुपए अपने चहेतों की बोगस फर्मों में ट्रांसफर कर दिए गए थे। जिसके बाद प्रस्ताव पारित करके डायरेक्टर के साथ साथ विभाग के अन्य अधिकारियों व डीसी को भेजा गया था। इसके बाद बीडीपीओ को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ बीडीपीओ कुलविंदर सिंह इस मामले में अदालत चले गए थे और वहां से आदेश मिलने के बाद दोबारा ड्यूटी पर लौटे थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में सांसद का कोई स्थायी पता नहीं:कार्यालय का उद्घाटन होने में लगेगा समय, समस्याओं के समाधान के लिए करना होगा इंतजार
लुधियाना में सांसद का कोई स्थायी पता नहीं:कार्यालय का उद्घाटन होने में लगेगा समय, समस्याओं के समाधान के लिए करना होगा इंतजार पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अभी तक अपने कार्यालय का उद्घाटन नहीं कर पाए हैं। न ही वड़िंग ने लोगों के साथ कोई सार्वजनिक नंबर साझा किया है, जिस पर लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके या फिर वे सीधे सांसद से बात कर सकें। 25 दिन पहले वड़िंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वे जुलाई के पहले सप्ताह में अपना कार्यालय लोगों के लिए खोल देंगे, लेकिन अभी तक वड़िंग के कार्यालय का आधिकारिक उद्घाटन नहीं हुआ है। कार्यालय बनकर तैयार है, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के 44 दिन बाद भी वड़िंग कार्यालय में बैठ नहीं पा रहे हैं। शहर के लोगों को अगर अपनी समस्याएं अपने सांसद को बतानी हैं या उनसे मिलना है तो लोगों को और इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि पंजाब के प्रधान होने के नाते वड़िंग अब विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे। 4 सीटों पर होने हैं उपचुनाव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वडिंग पहले जालंधर उपचुनाव में व्यस्त थे। उपचुनाव हारने के बाद वडिंग अब गिद्दड़बाहा, बरनाला, होशियारपुर और गुरदासपुर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में व्यस्त हैं। लुधियाना में नहीं गिद्दड़बाहा में वडिंग की दिलचस्पी अभी दो दिन पहले ही वडिंग ने गिद्दड़बाहा में लोगों से मुलाकात की थी और मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए थे। अब लुधियाना में चर्चा है कि वडिंग लुधियाना से चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनका मन अभी भी गिद्दड़बाहा में ही है। लुधियाना के आम लोग अगर अपने सांसद से मिलना चाहते हैं तो उन्हें न तो उनके दफ्तर का पता पता है और न ही उनके घर का। लोगों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपना काम करवाने के लिए कहां जाएं। कार्यालय प्रभारी को भी नहीं पता उद्घाटन कब होगा दैनिक भास्कर ने राजा वडिंग के कार्यालय का दौरा किया तो वहां जगसीर नामक युवक मिला। उसने बताया कि वह कार्यालय का प्रभारी है। जब उससे पूछा गया कि सांसद का कार्यालय कब शुरू होगा तो उसने कहा कि वह आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह सकता। लेकिन जल्द ही जब सांसद शहर आएंगे तो वह बता पाएंगे कि कार्यालय का उद्घाटन कब होगा। चुनाव के दौरान फोन उठाने और काम करने का किया था वादा बता दें कि वड़िंग ने लोकसभा चुनाव में शहर के लोगों से वादा किया था कि जीतने के बाद वह लोगों के फोन उठाएंगे और उनके काम भी करेंगे। इस संबंध में उन्होंने शहर में विज्ञापन बोर्ड भी लगाए थे। इसका कारण यह था कि विरोधी तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू पर तंज कस रहे थे कि 10 साल तक सांसद रहने के बावजूद बिट्टू ने किसी कार्यकर्ता या आम आदमी का फोन नहीं उठाया। वडिंग के चुनाव जीतने के बाद एक बार फिर शहर के लोगों की स्थिति वही हो गई है कि लोग अपने सांसद को देखने के लिए तरस रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिट्टू कई बार वडिंग को बाहरी प्रत्याशी बताकर उन पर तंज कस चुके हैं। पढ़ें कौन हैं अमरिंदर सिंह राजा वडिंग वडिंग गिद्दड़बाहा से विधायक रह चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में वडिंग ने शिअद उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी को 1349 वोटों से हराया था। लुधियाना में उनका मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू से था। लोकसभा चुनाव में वडिंग को 3,22,224 वोट मिले थे, उनकी जीत का अंतर 20,942 वोट रहा था। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि वडिंग अपनी पत्नी अमृता को गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। वड़िंग का राजनीतिक करियर अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग ने साल 2000 में पहली बार राजनीति में कदम रखा। उन्हें युवा कांग्रेस का श्री मुक्तसर साहिब ब्लॉक अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद उन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की और 2005 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। वर्ष 2008 में उन्हें पंजाब युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष चुना गया और 2009 में उन्हें युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। राजा वाड़िंग ने साल 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने मनप्रीत बादल को हराया और विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2014 में उन्हें युवा कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। वहीं फिलहाल राजा वड़िंग प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, और लुधियाना लोकसभा सीट से सांसद हैं।
चंडीगढ़ की सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा परियोजना अटकी:हरियाणा सरकार से नहीं मिला जवाब, 2030 तक सरकारी विभागों को ‘नेट जीरो’ बनाने का लक्ष्य
चंडीगढ़ की सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा परियोजना अटकी:हरियाणा सरकार से नहीं मिला जवाब, 2030 तक सरकारी विभागों को ‘नेट जीरो’ बनाने का लक्ष्य चंडीगढ़ प्रशासन की नवीकरणीय और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की योजना हरियाणा सरकार से प्रतिक्रिया न मिलने के कारण बाधित हो गई है। प्रशासन का उद्देश्य 2030 तक शहर के सभी सरकारी विभागों को ‘नेट जीरो’ बनाना और 2047 तक चंडीगढ़ को 100% नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित करना है। इस दिशा में प्रशासन ने सरकारी इमारतों की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। हालांकि, हरियाणा सरकार से इस योजना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे यह महत्वाकांक्षी परियोजना अटकी पड़ी है। सरकारी आवासों पर सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव
प्रशासन ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को पत्र लिखकर उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाने की अनुमति मांगी थी। पंजाब सरकार ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सहमति जताई है कि वह अपनी इमारतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी, लेकिन हरियाणा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। चंडीगढ़ में हरियाणा के अधिकार क्षेत्र में लगभग 700 सरकारी इमारतें हैं, जिनमें कार्यालय और आवासीय इकाइयां शामिल हैं। इनमें सैक्टर-39 में स्थित सरकारी आवास भी आते हैं, जिन पर सोलर पैनल लगाने का प्रस्ताव है। BEE ने दी 5-स्टार रेटिंग
चंडीगढ़ प्रशासन का लक्ष्य 31 दिसंबर, 2024 तक सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का है। फिलहाल, प्रशासन ने 3,771 इमारतों में रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित कर दिए हैं, और 2,949 इमारतों में काम चल रहा है। इन सौर ऊर्जा संयंत्रों से सरकारी इमारतों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें चंडीगढ़ के कई प्रतिष्ठित भवन शामिल हैं, जैसे सेक्टर-19 स्थित पर्यावरण भवन, जिसे 276 kWp की क्षमता वाले सोलर प्लांट के जरिए ‘नेट ज़ीरो’ बनाया जा चुका है। इस भवन को बीईई (BEE) द्वारा 5-स्टार रेटिंग भी दी गई है। इसके अलावा, मॉडल सेंट्रल जेल, सेक्टर-51 में 710 kWp की कुल क्षमता वाले सोलर प्लांट के माध्यम से अपनी सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है। इसी प्रकार, चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल भी 6,115 kWp की कुल सौर ऊर्जा क्षमता के साथ आत्मनिर्भर बन गए हैं। संघ शासित प्रदेश का नया सचिवालय भवन भी 880 kWp की कुल क्षमता के सोलर प्लांट के साथ अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। चंडीगढ़ में हो रहा करीब 67 मेगावाट बिजली उत्पादन
चंडीगढ़ में वर्तमान में लगभग 67 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है, जिसे 2024 के अंत तक 80 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासन ने शहर में जल शक्ति विभाग, डीटी मॉल के पास आईटी पार्क, और धनास झील जैसे स्थानों पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट भी स्थापित किए हैं, जिनसे जल संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन का यह कदम न केवल शहर को स्वच्छ और हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर करेगा, बल्कि ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने में भी सहायक होगा। अब देखना यह है कि हरियाणा सरकार कब तक इस परियोजना पर प्रतिक्रिया देती है, जिससे चंडीगढ़ की सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा का उपयोग सुचारू रूप से हो सके।
पठानकोट में हादसे में 2 लोगों की मौत:बर्थ-डे पार्टी से 6 दोस्त लौट रहे थे वापस, नहर में गिरी कार, चार घायल
पठानकोट में हादसे में 2 लोगों की मौत:बर्थ-डे पार्टी से 6 दोस्त लौट रहे थे वापस, नहर में गिरी कार, चार घायल बीती रात पठानकोट में चली तेज़ आंधी-बारिश 6 दोस्तों पर भारी पड़ गई। पठानकोट के धीरा पुल पर एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रुप से घायल हो गए। सभी दोस्त कार में सवार थे ओर एक जन्मदिन की पार्टी मनाकर वापस लौट रहे थे। जानकारी के मुताबिक, छह दोस्त बर्थडे पार्टी मनाकर और कार में सवार होकर वापस अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही उनकी कार धीरा पुल पर पहुंची तो अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी। कार के नहर में गिरने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए और कार सवार लोगों को बाहर निकाला। इस हादसे में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए। आधी रात को दोस्त को फोन कर दी सूचना जानकारी देते हुए घायलों के पारिवारिक मित्र गुरुद्वारा पलटा साहिब निवासी दीपक कुमार ने बताया कि उन्हें रात करीब सवा दो बजे फोन आया था कि हमारी गाड़ी नहर में गिर गई। जिसके बाद दीपक घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि कार काफी गहराई में गिरी थी, जिस कारण कार को बाहर निकालने में काफी समय लग गया। कार सवार 4 लोग तो पहले ही गाड़ी से निकल गए थे, लेकिन 2 को जब हमने अन्य लोगों की मदद से बाहर निकाला तो वह दोनों दम तोड़ चुके थे। जिनके शव जिला सिविल अस्पताल में भेज दिए तथा घायलों को अस्पताल भर्ती करवाया गया है। दीपक कुमार ने बताया कि इनमें से एक की 3-4 महीने पहले ही शादी हुई थी।