फाजिल्का में फैमिली ने जिंदा रखा कारगिल शहीद को:घर में अलग कमरा बनाया, हर साल जमीन की ठेके की रकम में देते हैं हिस्सा

फाजिल्का में फैमिली ने जिंदा रखा कारगिल शहीद को:घर में अलग कमरा बनाया, हर साल जमीन की ठेके की रकम में देते हैं हिस्सा

कारगिल के शहीद हुए बलविंदर सिंह का परिवार 25 वर्ष बाद आज भी अपने लड़के की शहादत को नही भूला। शहीद के परिवार ने अपने बेटे की याद में अपने घर के अलग कमरे का निर्माण करवाया है l जिसमें परिवार ने उसकी यादों को जिंदा रखा हैl उसकी शहादत के समय के समान को आज भी संभाल कर रखा गया है l शहीद के परिवार के लिए उनका लड़का आज भी जिंदा है l रोजाना उसके कमरे को साफ किया जाता है और पूजा-पाठ की जाती है l 1999 की कारगिल जंग के शुरुआती दौर में फाजिल्का के गांव साबूआना का बलविंदर सिंह दुश्मनों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गया था l देश की सुरक्षा करते हुए बलविंदर सिंह ने अपने सीने पर गोलियां खाई थी l देश के लिए बलिदान दिया था l उसका परिवार गांव छोड़कर फाजिल्का की आवा कॉलोनी में रहने लगा l जहां परिवार ने शहीद बलविंदर सिंह के लिए घर में अलग कमरे का निर्माण करवाया और उसकी पूजा की जाने लगी। गुरुओं की तस्वीरों के साथ-साथ शहीद बलविंदर सिंह का शहादत का सामान रखा गया है l जिसमें उसकी वर्दी, वह तिरंगा जिसमें शहीद के शव को उसके घर लाया गया था l इसके साथ ही शहीद को मिले सम्मान की ट्रॉफी व सब उसके कमरे में रखा गया है l हर वर्ष कराया जाता है अखंड पाठ शहीद की माता बचन कौर और भाभी जसविंदर कौर बताती हैं कि उनको अपने बेटे पर मान है l उन्होंने बताया कि 25 वर्ष बाद भी आज उनका बेटा उनके लिए जिंदा है l जिसको लेकर उन्होंने शहीद बलविंदर सिंह की यादों को घर में संजों कर रखा है l उन्होंने कहा कि घर में कोई भी काम करने से पहले शहीद बलविंदर सिंह के कमरे में जाकर माथा टेका जाता है और हर वर्ष अखंड पाठ करवाया जाता है l माता बचन कौर बताती हैं कि उनके बेटे ने दुश्मनों के साथ सीधा मुकाबला किया l 5 घंटे दुश्मनों का सामना करते हुए उनका लड़का सीने में गोलियां खाते हुए देश के लिए शहीद हो गया था l कारगिल के शहीद हुए बलविंदर सिंह का परिवार 25 वर्ष बाद आज भी अपने लड़के की शहादत को नही भूला। शहीद के परिवार ने अपने बेटे की याद में अपने घर के अलग कमरे का निर्माण करवाया है l जिसमें परिवार ने उसकी यादों को जिंदा रखा हैl उसकी शहादत के समय के समान को आज भी संभाल कर रखा गया है l शहीद के परिवार के लिए उनका लड़का आज भी जिंदा है l रोजाना उसके कमरे को साफ किया जाता है और पूजा-पाठ की जाती है l 1999 की कारगिल जंग के शुरुआती दौर में फाजिल्का के गांव साबूआना का बलविंदर सिंह दुश्मनों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गया था l देश की सुरक्षा करते हुए बलविंदर सिंह ने अपने सीने पर गोलियां खाई थी l देश के लिए बलिदान दिया था l उसका परिवार गांव छोड़कर फाजिल्का की आवा कॉलोनी में रहने लगा l जहां परिवार ने शहीद बलविंदर सिंह के लिए घर में अलग कमरे का निर्माण करवाया और उसकी पूजा की जाने लगी। गुरुओं की तस्वीरों के साथ-साथ शहीद बलविंदर सिंह का शहादत का सामान रखा गया है l जिसमें उसकी वर्दी, वह तिरंगा जिसमें शहीद के शव को उसके घर लाया गया था l इसके साथ ही शहीद को मिले सम्मान की ट्रॉफी व सब उसके कमरे में रखा गया है l हर वर्ष कराया जाता है अखंड पाठ शहीद की माता बचन कौर और भाभी जसविंदर कौर बताती हैं कि उनको अपने बेटे पर मान है l उन्होंने बताया कि 25 वर्ष बाद भी आज उनका बेटा उनके लिए जिंदा है l जिसको लेकर उन्होंने शहीद बलविंदर सिंह की यादों को घर में संजों कर रखा है l उन्होंने कहा कि घर में कोई भी काम करने से पहले शहीद बलविंदर सिंह के कमरे में जाकर माथा टेका जाता है और हर वर्ष अखंड पाठ करवाया जाता है l माता बचन कौर बताती हैं कि उनके बेटे ने दुश्मनों के साथ सीधा मुकाबला किया l 5 घंटे दुश्मनों का सामना करते हुए उनका लड़का सीने में गोलियां खाते हुए देश के लिए शहीद हो गया था l   पंजाब | दैनिक भास्कर