<p style=”text-align: justify;”><strong>Union Budget 2025:</strong> बिहार में बजट को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. चुनावी साल में पेश हुए बजट पर जहां जेडीयू केंद्र सरकार की वाहवाही कर रहा है तो दूसरी तरफ आरजेडी बजट की घोषणाओं को बिहार के लिए नाइंसाफी बता रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज कुमार झा से जब एएनआई से बातचीत के दौरान पूछा गया कि सरकार और पीयूष गोयल कह रहे है विपक्ष को इस बात से जलन क्यों है कि बजट में बिहार को ज्यादा तवज्जों दी गई है. इसपर उन्होंने कहा कि सदन के रिकॉर्ड में पहले पीयूष गोयल ने खुद मुझसे कहा था इनका बस चले तो पूरे देश को बिहार बना देंगे, ये मानसिकता है उनकी. इस बयान पर बहुत बवाल मचा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘बिहार नाइंसाफी का शिकार हुआ है’</strong><br />RJD नेता ने आगे कहा कि बिहार में मखाना अनुसंधान संस्था पहले से ही थी. वे(BJP) क्या इस संस्था को अब बोर्ड में बदलेंगे? बिहार में बेरोजगारी का संकट गहराता जा रहा है लेकिन आप(BJP) उससे निकलने का क्या रास्ता दिखा रहे हैं? बिहार की कृषि के कुछ अलग संकट हैं जो पंजाब और हरियाणा से अलग हैं. उन्होंने कहा कि बजट में बिहार के साथ नाइंसाफी हुई है. यह एक प्रतिगामी बजट है. मैं अपने साथियों से भी कहता हूं कि आइए और बजट के एक-एक प्रावधान को गौर से देखिए कि बिहार नाइंसाफी का शिकार हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘उनको विकास का अर्थ समझ में नहीं आता’</strong><br />वहीं RJD नेता तेजस्वी यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने हमला बोला. उन्होंने कहा कि विकास किसको कहते हैं जरा अपने पिताजी (लालू यादव) से पूछे, जब उनके पिता बिहार के मुख्यमंत्री थे तो कहते थे कि सड़क बनेगी तो कोई वोट देगा क्या? बाढ़ आता थी तो गरीबों को मछली खाकर गुजारा करने के लिए कहते थे. ये उनके (तेजस्वी यादव) विकास की डिक्शनरी है विकास उनको दिखाई कहां देगा. कुछ तो असर माता-पिता का पुत्र पर भी होगा. इसलिए उनको विकास का अर्थ समझ में नहीं आता. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि विकास का अर्थ यहीं होता है कि बाढ़ के दिनों में नीतीश कुमार पूरे उत्तर बिहार में क्विंटलिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध थे वे 1-1 क्विंटल अनाज गरीब को देते थे. इन लोगों (तेजस्वी यादव) को नहीं पता विकास किसको कहते हैं. जिसकी डिक्शनरी में विकास का कोई मतलब ही नहीं है उन्हें बजट जुमलेबाजी ही लगेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”1989 के दंगों में उजड़ा गांव बना बिहार का पहला स्मार्ट विलेज, इन आधुनिक सुविधाओं से है लैस” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/village-destroyed-in-1989-riots-becomes-bihar-first-smart-village-babarchak-banka-ann-2875644″ target=”_blank” rel=”noopener”>1989 के दंगों में उजड़ा गांव बना बिहार का पहला स्मार्ट विलेज, इन आधुनिक सुविधाओं से है लैस</a><br /></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Union Budget 2025:</strong> बिहार में बजट को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. चुनावी साल में पेश हुए बजट पर जहां जेडीयू केंद्र सरकार की वाहवाही कर रहा है तो दूसरी तरफ आरजेडी बजट की घोषणाओं को बिहार के लिए नाइंसाफी बता रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज कुमार झा से जब एएनआई से बातचीत के दौरान पूछा गया कि सरकार और पीयूष गोयल कह रहे है विपक्ष को इस बात से जलन क्यों है कि बजट में बिहार को ज्यादा तवज्जों दी गई है. इसपर उन्होंने कहा कि सदन के रिकॉर्ड में पहले पीयूष गोयल ने खुद मुझसे कहा था इनका बस चले तो पूरे देश को बिहार बना देंगे, ये मानसिकता है उनकी. इस बयान पर बहुत बवाल मचा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘बिहार नाइंसाफी का शिकार हुआ है’</strong><br />RJD नेता ने आगे कहा कि बिहार में मखाना अनुसंधान संस्था पहले से ही थी. वे(BJP) क्या इस संस्था को अब बोर्ड में बदलेंगे? बिहार में बेरोजगारी का संकट गहराता जा रहा है लेकिन आप(BJP) उससे निकलने का क्या रास्ता दिखा रहे हैं? बिहार की कृषि के कुछ अलग संकट हैं जो पंजाब और हरियाणा से अलग हैं. उन्होंने कहा कि बजट में बिहार के साथ नाइंसाफी हुई है. यह एक प्रतिगामी बजट है. मैं अपने साथियों से भी कहता हूं कि आइए और बजट के एक-एक प्रावधान को गौर से देखिए कि बिहार नाइंसाफी का शिकार हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘उनको विकास का अर्थ समझ में नहीं आता’</strong><br />वहीं RJD नेता तेजस्वी यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने हमला बोला. उन्होंने कहा कि विकास किसको कहते हैं जरा अपने पिताजी (लालू यादव) से पूछे, जब उनके पिता बिहार के मुख्यमंत्री थे तो कहते थे कि सड़क बनेगी तो कोई वोट देगा क्या? बाढ़ आता थी तो गरीबों को मछली खाकर गुजारा करने के लिए कहते थे. ये उनके (तेजस्वी यादव) विकास की डिक्शनरी है विकास उनको दिखाई कहां देगा. कुछ तो असर माता-पिता का पुत्र पर भी होगा. इसलिए उनको विकास का अर्थ समझ में नहीं आता. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि विकास का अर्थ यहीं होता है कि बाढ़ के दिनों में नीतीश कुमार पूरे उत्तर बिहार में क्विंटलिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध थे वे 1-1 क्विंटल अनाज गरीब को देते थे. इन लोगों (तेजस्वी यादव) को नहीं पता विकास किसको कहते हैं. जिसकी डिक्शनरी में विकास का कोई मतलब ही नहीं है उन्हें बजट जुमलेबाजी ही लगेगी.</p>
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