यूपी का बजट 20 फरवरी (kn) को पेश होगा। इस बार बजट में क्या खास रहने वाला है? बजट कितने लाख करोड़ का होगा? महाकुंभ से प्रदेश की जीडीपी में कितना बढ़ने का अनुमान है? युवाओं, महिलाओं के लिए क्या कुछ खास रहने वाला है। सरकार व्यापारियों के लिए किस तरह की राहत लेकर आने वाली है? दैनिक भास्कर के ऐसे ही कई सवालों का प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब दिए। बजट से पहले पढ़िए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना का पूरा इंटरव्यू… सवाल : पिछला बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित था, इस बार किसे होगा?
जवाब : हमारी अर्थव्यवस्था का मूल आधार गरीब हैं। पार्टी की सोच भी यही है कि हम समाज के सबसे आखिर में खड़े व्यक्ति के चेहरे पर खुशहाली ला सकें। उसके जीवन को बेहतर कर सकें। इस बार का बजट गरीब और मध्यम वर्ग को ही समर्पित रहने वाला है। सवाल : सरकार पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है। इसका क्या समाधान है?
जवाब : एक परिवार पर कर्ज बढ़ना और सरकार पर कर्ज बढ़ना, दोनों को अलग-अलग रूप से देखना चाहिए। सरकार कर्ज जनकल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए लेती है। जो सरकार कर्ज की किश्त और कर्ज का ब्याज समय पर अदा करती है, उसकी ये उपलब्धि मानी जाती है। कर्ज लेने का भी एक नियम तय है। उसी के हिसाब से सरकारें कर्ज लेती हैं। सवाल : 2028 तक 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य कैसे पूरा करेंगे?
जवाब : हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। 2016-2017 की तुलना में आज हम दोगुने से अधिक पर हैं। योगी सरकार का बजटीय अनुशासन सबसे बेहतर है। हमने फिजूल खर्ची रोकी है। हमारी सभी योजनाएं विशेष तौर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। सवाल : GST में कमी और उद्योगपतियों का पलायन रोकने के लिए क्या प्रयास हो रहे?
जवाब : अगर आप पूरे सिनेरियो पर नजर डालेंगे, तो यहां उद्योग ज्यादा आए हैं। कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिहाज से यूपी में निवेश सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। डेढ़ साल पहले आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 10 लाख करोड़ तक के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया गया था। आज की तारीख में 6.50 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स ने काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में 2023 में हुए करार यह बात भी साबित करते हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। सवाल : विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि कोई निवेश जमीन पर नहीं आया?
जवाब : यह बिल्कुल सही नहीं है। उन्हें सच्चाई नहीं मालूम। लोग आ रहे हैं, इंवेस्टमेंट भी बढ़ रहा है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए जो भी लोग आए थे, उनकी फैक्ट्री में उत्पादन शुरू हो चुका है। सवाल : ई-कॉमर्स से खुदरा व्यापार संकट में है, कैसे संतुलन साधेंगे?
जवाब : ग्राहक की रुचि पहले है। अगर किसी ग्राहक को आसानी से और सस्ती कीमत पर कोई सामान मिल रहा हो, तो क्या गलत है। हमने व्यापारियों को भी हर तरह की सुविधा दी। व्यापारियों की ही सालों पुरानी मांग ‘एक राष्ट्र, एक टैक्स’ को हमने GST लागू कर पूरा किया। जहां तक ई-कॉमर्स की बात है, तो यह विषय केंद्र सरकार का है। फिर भी व्यापारियों को इसके प्रभाव से बचाने पर मंथन चल रहा है। जल्द ही कोई रास्ता निकल जाएगा। ऐसा भी नहीं है कि व्यापारियों का मुनाफा कम हो रहा है। कुछ को पिछले साल की तुलना में कम मुनाफा हुआ, तो वह यही कहता है कि मुझे घाटा हो रहा है। सवाल : युवाओं को ज्यादा रोजगार के लिए बजट में क्या प्रयास होंगे?
जवाब : सरकार युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विस्तार योजना चला रही है। 24 जनवरी को 6000 लोगों के खाते में एक क्लिक से पैसा ट्रांसफर किया गया। इसमें बिना ब्याज के 5 लाख तक के लोन दिए जा रहे हैं। इस पर 10 फीसदी की मार्जिन मनी की भी व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है। कोई भी सरकार एक साथ सभी लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती। सवाल : भाजपा शासित राज्यों में चल रही लाडली बहना जैसी योजना क्या यूपी में भी लागू होगी?
जवाब : हमारे यहां कन्या सुमंगला योजना पहले से चल रही है। 2 लाख रुपए से कम आमदनी वाले परिवार की दो कन्याओं को 6 चरणों में 25 हजार रुपए पढ़ाई के लिए दिए जा रहे हैं। इसे योगी-1 सरकार में ही इसे लागू कर दिया गया था। यूपी में बेटी के जन्म से लेकर ग्रेजुएशन तक की व्यवस्था है। उसके बाद वे स्वयं सहायता समूह में शामिल होकर आय भी प्राप्त कर सकती हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत भी 51 हजार रुपए हर जोड़े को दिया जाता है। यानी यूपी में बेटी के जन्म से लेकर विवाह तक की योजना पहले से लागू है। सवाल : महाकुंभ से जीडीपी को कितनी ग्रोथ मिलने का अनुमान है?
जवाब : महाकुंभ में रोज लाखों लोग आ रहे हैं। यहां के होटल, टैक्सी समेत छोटे दुकानदार और व्यापारी सभी की आमदनी बढ़ी है। जब कोई व्यक्ति तीर्थ यात्रा पर निकलता है, तो वह कुछ न कुछ खर्च भी करता है। जो पैसा प्रदेश में खर्च होगा, जाहिर सी बात है कि उसका फायदा हमारी अर्थव्यवस्था को ही मिलेगा। सवाल : तो क्या बजट में धार्मिक स्थलों को विकसित करने की स्कीम दिखेगी?
जवाब : भारत सरकार का बजट देखा होगा। 50 पर्यटन स्थल को विकसित करने की बात कही गई है। हमारे बजट में सभी वर्गों और क्षेत्रों का ध्यान रखा जाता है। सवाल : यूपी में जल मार्गों को लेकर बजट में क्या कुछ रहेगा?
जवाब : ये हमारी योजना में पहले से शामिल है। सवाल : विपक्ष महाकुंभ में भगदड़ समेत व्यवस्थाओं पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है?
जवाब : इतने बड़े आयोजन में कोई भी निर्णय परिस्थितियों को देखकर करने पड़ते हैं। बड़े पैमाने पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। प्रयागराज में 12 किलोमीटर के क्षेत्र में महाकुंभ की व्यवस्था की गई है। इसके बाद भी लोग कई जगह सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर दे रहे हैं। इसके लिए डायरेक्शन देने के साथ नए पार्किंग स्थल भी बनाए गए हैं। कोशिश की जा रही है कि पार्किंग स्थल से लोगों को कम से कम दूरी तय करना पड़े। सवाल : बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?
जवाब : सत्र से पहले हुई कार्यमंत्रणा सीमित और दलीय नेताओं की बैठक में विपक्ष ने सहयोग करने की बात कही है। हमारी कोशिश यही है कि वो सहयोग करें और व्यवस्था के अनुसार अपनी बात रखें। सरकार हर बात का उत्तर देने के लिए तैयार है। निगेटिविटी से कोई फायदा नहीं। विपक्ष को चाहिए, वह दुविधा छोड़े। वो दुविधाग्रस्त हैं। उनके निर्णय और आरोपों को देखिए तो लगता है कि वे लोग डुअल माइंड हैं। उनका कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं है। प्रदेश के सामने जो चुनौती और समस्याएं हैं भी, उसके बारे में भी कोई कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं है। इसके लिए उन्हें और अधिक चिंतन-मनन करना पड़ेगा। सवाल : विपक्ष में रहते हुए आप लंबा सत्र चलाए जाने के पक्षधर थे, लेकिन अब सत्र काफी छोटे होते हैं?
जवाब : हम सदन चलाने के लिए तैयार हैं। पिछली बार दिसंबर में विपक्ष ने सदन चलने नहीं दिया। सदन चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष की भी है। इस बार भी बजट में 8 दिनों की चर्चा रखी है। 4 दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर और 4 दिन बजट पर चर्चा रखी है। सभी अपनी बात रखें। सवाल : फरवरी बीत रहा है, सरकार ने अभी तक 75 फीसदी बजट ही खर्च किया है?
जवाब : इस वित्तीय वर्ष के दौरान हुए लोकसभा चुनाव की वजह से लागू आचार संहिता के चलते अड़चन आई। बजट में जो खर्च की व्यवस्था थी, वो देर से शुरू हो पाई। लेकिन समय रहते हुए बजट क्वालिटी के साथ खर्च करने की कोशिश है। सवाल : बजट से युवाओं को काफी उम्मीदें हैं, क्या ये पूरी होंगी?
जवाब : हमारी सरकार युवाओं के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था की है। कोचिंग की व्यवस्था की है। युवाओं के लिए शिक्षा के माहौल को बेहतर बनाने के लिए व्यवस्था की है। नई शिक्षा नीति में भी इस बात का समावेश किया गया है कि लोगों की समझ बढ़े और एप्रोच बढ़े। सवाल : शाहजहांपुर के लोग मेट्रो रेल चलाने की मांग कर रहे हैं, क्या मांग पूरी होगी?
जवाब : शाहजहांपुर में मेट्रो चलाने की कोई योजना नहीं है। वहां अभी नगर निगम बना है। विकास प्राधिकरण बन रहा है। हर तरह से शाहजहांपुर का सर्वांगीण विकास हो रहा है। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। हमारा ध्यान इस बात पर ज्यादा है कि शाहजहांपुर में इंडस्ट्री ज्यादा आएं। सवाल : इस बार बजट का आकार कितना होगा?
जवाब : हर साल बजट का आकार बढ़ रहा है। स्वाभाविक सी बात है कि नया बजट पिछले बजट से अधिक ही होगा। आखिरी में उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में “अधूरी ख्वाहिश है, जीने का मजा देती हैं…शायरी से अपनी बात समाप्त की। ————————– यह खबर भी पढ़ें योगी बोले-सपाई दूसरों के बच्चों को कठमुल्ला बनाना चाहते हैं, विधानसभा में कहा-ये अपने बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाएंगे, दूसरों से कहेंगे उर्दू पढ़ाओ यूपी विधानसभा में मंगलवार को अंग्रेजी और उर्दू को लेकर जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि विधानसभा में अगर अंग्रेजी बोल सकते हैं तो उर्दू भी बोलने देना चाहिए। उर्दू भी तो भाषा है। इस पर सीएम योगी गुस्से में नजर आए। कहा- ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में पढ़ाएंगे। दूसरे के बच्चे के लिए अगर वह सुविधा सरकार देना चाहती है तो कहते हैं कि इसको उर्दू पढ़ाओ। यानी ये बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर यूपी का बजट 20 फरवरी (kn) को पेश होगा। इस बार बजट में क्या खास रहने वाला है? बजट कितने लाख करोड़ का होगा? महाकुंभ से प्रदेश की जीडीपी में कितना बढ़ने का अनुमान है? युवाओं, महिलाओं के लिए क्या कुछ खास रहने वाला है। सरकार व्यापारियों के लिए किस तरह की राहत लेकर आने वाली है? दैनिक भास्कर के ऐसे ही कई सवालों का प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब दिए। बजट से पहले पढ़िए वित्तमंत्री सुरेश खन्ना का पूरा इंटरव्यू… सवाल : पिछला बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित था, इस बार किसे होगा?
जवाब : हमारी अर्थव्यवस्था का मूल आधार गरीब हैं। पार्टी की सोच भी यही है कि हम समाज के सबसे आखिर में खड़े व्यक्ति के चेहरे पर खुशहाली ला सकें। उसके जीवन को बेहतर कर सकें। इस बार का बजट गरीब और मध्यम वर्ग को ही समर्पित रहने वाला है। सवाल : सरकार पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है। इसका क्या समाधान है?
जवाब : एक परिवार पर कर्ज बढ़ना और सरकार पर कर्ज बढ़ना, दोनों को अलग-अलग रूप से देखना चाहिए। सरकार कर्ज जनकल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए लेती है। जो सरकार कर्ज की किश्त और कर्ज का ब्याज समय पर अदा करती है, उसकी ये उपलब्धि मानी जाती है। कर्ज लेने का भी एक नियम तय है। उसी के हिसाब से सरकारें कर्ज लेती हैं। सवाल : 2028 तक 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य कैसे पूरा करेंगे?
जवाब : हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। 2016-2017 की तुलना में आज हम दोगुने से अधिक पर हैं। योगी सरकार का बजटीय अनुशासन सबसे बेहतर है। हमने फिजूल खर्ची रोकी है। हमारी सभी योजनाएं विशेष तौर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। सवाल : GST में कमी और उद्योगपतियों का पलायन रोकने के लिए क्या प्रयास हो रहे?
जवाब : अगर आप पूरे सिनेरियो पर नजर डालेंगे, तो यहां उद्योग ज्यादा आए हैं। कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिहाज से यूपी में निवेश सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। डेढ़ साल पहले आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 10 लाख करोड़ तक के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया गया था। आज की तारीख में 6.50 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स ने काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में 2023 में हुए करार यह बात भी साबित करते हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। सवाल : विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि कोई निवेश जमीन पर नहीं आया?
जवाब : यह बिल्कुल सही नहीं है। उन्हें सच्चाई नहीं मालूम। लोग आ रहे हैं, इंवेस्टमेंट भी बढ़ रहा है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए जो भी लोग आए थे, उनकी फैक्ट्री में उत्पादन शुरू हो चुका है। सवाल : ई-कॉमर्स से खुदरा व्यापार संकट में है, कैसे संतुलन साधेंगे?
जवाब : ग्राहक की रुचि पहले है। अगर किसी ग्राहक को आसानी से और सस्ती कीमत पर कोई सामान मिल रहा हो, तो क्या गलत है। हमने व्यापारियों को भी हर तरह की सुविधा दी। व्यापारियों की ही सालों पुरानी मांग ‘एक राष्ट्र, एक टैक्स’ को हमने GST लागू कर पूरा किया। जहां तक ई-कॉमर्स की बात है, तो यह विषय केंद्र सरकार का है। फिर भी व्यापारियों को इसके प्रभाव से बचाने पर मंथन चल रहा है। जल्द ही कोई रास्ता निकल जाएगा। ऐसा भी नहीं है कि व्यापारियों का मुनाफा कम हो रहा है। कुछ को पिछले साल की तुलना में कम मुनाफा हुआ, तो वह यही कहता है कि मुझे घाटा हो रहा है। सवाल : युवाओं को ज्यादा रोजगार के लिए बजट में क्या प्रयास होंगे?
जवाब : सरकार युवा स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विस्तार योजना चला रही है। 24 जनवरी को 6000 लोगों के खाते में एक क्लिक से पैसा ट्रांसफर किया गया। इसमें बिना ब्याज के 5 लाख तक के लोन दिए जा रहे हैं। इस पर 10 फीसदी की मार्जिन मनी की भी व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है। कोई भी सरकार एक साथ सभी लोगों को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती। सवाल : भाजपा शासित राज्यों में चल रही लाडली बहना जैसी योजना क्या यूपी में भी लागू होगी?
जवाब : हमारे यहां कन्या सुमंगला योजना पहले से चल रही है। 2 लाख रुपए से कम आमदनी वाले परिवार की दो कन्याओं को 6 चरणों में 25 हजार रुपए पढ़ाई के लिए दिए जा रहे हैं। इसे योगी-1 सरकार में ही इसे लागू कर दिया गया था। यूपी में बेटी के जन्म से लेकर ग्रेजुएशन तक की व्यवस्था है। उसके बाद वे स्वयं सहायता समूह में शामिल होकर आय भी प्राप्त कर सकती हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत भी 51 हजार रुपए हर जोड़े को दिया जाता है। यानी यूपी में बेटी के जन्म से लेकर विवाह तक की योजना पहले से लागू है। सवाल : महाकुंभ से जीडीपी को कितनी ग्रोथ मिलने का अनुमान है?
जवाब : महाकुंभ में रोज लाखों लोग आ रहे हैं। यहां के होटल, टैक्सी समेत छोटे दुकानदार और व्यापारी सभी की आमदनी बढ़ी है। जब कोई व्यक्ति तीर्थ यात्रा पर निकलता है, तो वह कुछ न कुछ खर्च भी करता है। जो पैसा प्रदेश में खर्च होगा, जाहिर सी बात है कि उसका फायदा हमारी अर्थव्यवस्था को ही मिलेगा। सवाल : तो क्या बजट में धार्मिक स्थलों को विकसित करने की स्कीम दिखेगी?
जवाब : भारत सरकार का बजट देखा होगा। 50 पर्यटन स्थल को विकसित करने की बात कही गई है। हमारे बजट में सभी वर्गों और क्षेत्रों का ध्यान रखा जाता है। सवाल : यूपी में जल मार्गों को लेकर बजट में क्या कुछ रहेगा?
जवाब : ये हमारी योजना में पहले से शामिल है। सवाल : विपक्ष महाकुंभ में भगदड़ समेत व्यवस्थाओं पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है?
जवाब : इतने बड़े आयोजन में कोई भी निर्णय परिस्थितियों को देखकर करने पड़ते हैं। बड़े पैमाने पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। प्रयागराज में 12 किलोमीटर के क्षेत्र में महाकुंभ की व्यवस्था की गई है। इसके बाद भी लोग कई जगह सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर दे रहे हैं। इसके लिए डायरेक्शन देने के साथ नए पार्किंग स्थल भी बनाए गए हैं। कोशिश की जा रही है कि पार्किंग स्थल से लोगों को कम से कम दूरी तय करना पड़े। सवाल : बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?
जवाब : सत्र से पहले हुई कार्यमंत्रणा सीमित और दलीय नेताओं की बैठक में विपक्ष ने सहयोग करने की बात कही है। हमारी कोशिश यही है कि वो सहयोग करें और व्यवस्था के अनुसार अपनी बात रखें। सरकार हर बात का उत्तर देने के लिए तैयार है। निगेटिविटी से कोई फायदा नहीं। विपक्ष को चाहिए, वह दुविधा छोड़े। वो दुविधाग्रस्त हैं। उनके निर्णय और आरोपों को देखिए तो लगता है कि वे लोग डुअल माइंड हैं। उनका कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं है। प्रदेश के सामने जो चुनौती और समस्याएं हैं भी, उसके बारे में भी कोई कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं है। इसके लिए उन्हें और अधिक चिंतन-मनन करना पड़ेगा। सवाल : विपक्ष में रहते हुए आप लंबा सत्र चलाए जाने के पक्षधर थे, लेकिन अब सत्र काफी छोटे होते हैं?
जवाब : हम सदन चलाने के लिए तैयार हैं। पिछली बार दिसंबर में विपक्ष ने सदन चलने नहीं दिया। सदन चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष की भी है। इस बार भी बजट में 8 दिनों की चर्चा रखी है। 4 दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर और 4 दिन बजट पर चर्चा रखी है। सभी अपनी बात रखें। सवाल : फरवरी बीत रहा है, सरकार ने अभी तक 75 फीसदी बजट ही खर्च किया है?
जवाब : इस वित्तीय वर्ष के दौरान हुए लोकसभा चुनाव की वजह से लागू आचार संहिता के चलते अड़चन आई। बजट में जो खर्च की व्यवस्था थी, वो देर से शुरू हो पाई। लेकिन समय रहते हुए बजट क्वालिटी के साथ खर्च करने की कोशिश है। सवाल : बजट से युवाओं को काफी उम्मीदें हैं, क्या ये पूरी होंगी?
जवाब : हमारी सरकार युवाओं के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था की है। कोचिंग की व्यवस्था की है। युवाओं के लिए शिक्षा के माहौल को बेहतर बनाने के लिए व्यवस्था की है। नई शिक्षा नीति में भी इस बात का समावेश किया गया है कि लोगों की समझ बढ़े और एप्रोच बढ़े। सवाल : शाहजहांपुर के लोग मेट्रो रेल चलाने की मांग कर रहे हैं, क्या मांग पूरी होगी?
जवाब : शाहजहांपुर में मेट्रो चलाने की कोई योजना नहीं है। वहां अभी नगर निगम बना है। विकास प्राधिकरण बन रहा है। हर तरह से शाहजहांपुर का सर्वांगीण विकास हो रहा है। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। हमारा ध्यान इस बात पर ज्यादा है कि शाहजहांपुर में इंडस्ट्री ज्यादा आएं। सवाल : इस बार बजट का आकार कितना होगा?
जवाब : हर साल बजट का आकार बढ़ रहा है। स्वाभाविक सी बात है कि नया बजट पिछले बजट से अधिक ही होगा। आखिरी में उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में “अधूरी ख्वाहिश है, जीने का मजा देती हैं…शायरी से अपनी बात समाप्त की। ————————– यह खबर भी पढ़ें योगी बोले-सपाई दूसरों के बच्चों को कठमुल्ला बनाना चाहते हैं, विधानसभा में कहा-ये अपने बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाएंगे, दूसरों से कहेंगे उर्दू पढ़ाओ यूपी विधानसभा में मंगलवार को अंग्रेजी और उर्दू को लेकर जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि विधानसभा में अगर अंग्रेजी बोल सकते हैं तो उर्दू भी बोलने देना चाहिए। उर्दू भी तो भाषा है। इस पर सीएम योगी गुस्से में नजर आए। कहा- ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में पढ़ाएंगे। दूसरे के बच्चे के लिए अगर वह सुविधा सरकार देना चाहती है तो कहते हैं कि इसको उर्दू पढ़ाओ। यानी ये बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बजट से पहले वित्तमंत्री सुरेश खन्ना का इंटरव्यू:गरीब-मध्यम वर्ग पर फोकस करेगी UP सरकार; व्यापारियों को ई-कॉमर्स से बचाने की कोशिश
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