बठिंडा में AAP के पदमजीत मेहता बने मेयर:कांग्रेस प्रत्याशी को मिले 14 वोट, अपने ही विधायक ने जताया विरोध

बठिंडा में AAP के पदमजीत मेहता बने मेयर:कांग्रेस प्रत्याशी को मिले 14 वोट, अपने ही विधायक ने जताया विरोध

पंजाब के बठिंडा नगर निगम में बुधवार को हुए मेयर चुनाव में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला। नगर निगम में कांग्रेस के 41 पार्षद होने के बावजूद आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पदमजीत मेहता मेयर चुने गए। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत मेहता के बेटे पदमजीत एक महीने पहले ही वार्ड नंबर 48 से उपचुनाव जीतकर पार्षद बने थे। 33 पार्षदों ने AAP के पक्ष में डाले वोट चुनाव में कुल 47 पार्षदों में से 33 ने AAP उम्मीदवार पदमजीत मेहता के पक्ष में वोट किया, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार बलजिंद्र सिंह ठेकेदार को केवल 14 वोट मिले। चुनाव में एक बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ, जब AAP के शहरी विधायक जगरूप सिंह गिल ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार का विरोध करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया। मेहता वास्तव में अकाली दल के प्रत्याशी : MLA विधायक गिल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पदमजीत मेहता वास्तव में शिरोमणि अकाली दल बादल और मनप्रीत बादल के उम्मीदवार हैं, न कि AAP के। उन्होंने दावा किया कि न तो पार्टी ने इस संबंध में कोई मीटिंग की और न ही अध्यक्ष ने कोई निर्देश जारी किए। गिल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने उन्हें मीटिंग के लिए नहीं बुलाया, जबकि वे शहर में ही मौजूद थे। बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस नहीं बना पाई मेयर यह चुनाव बठिंडा की स्थानीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है, जहां बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस अपना मेयर नहीं बना पाई। घटनाक्रम ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक समीकरणों को नया रूप दे दिया है। पंजाब के बठिंडा नगर निगम में बुधवार को हुए मेयर चुनाव में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला। नगर निगम में कांग्रेस के 41 पार्षद होने के बावजूद आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पदमजीत मेहता मेयर चुने गए। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत मेहता के बेटे पदमजीत एक महीने पहले ही वार्ड नंबर 48 से उपचुनाव जीतकर पार्षद बने थे। 33 पार्षदों ने AAP के पक्ष में डाले वोट चुनाव में कुल 47 पार्षदों में से 33 ने AAP उम्मीदवार पदमजीत मेहता के पक्ष में वोट किया, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार बलजिंद्र सिंह ठेकेदार को केवल 14 वोट मिले। चुनाव में एक बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ, जब AAP के शहरी विधायक जगरूप सिंह गिल ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार का विरोध करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया। मेहता वास्तव में अकाली दल के प्रत्याशी : MLA विधायक गिल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पदमजीत मेहता वास्तव में शिरोमणि अकाली दल बादल और मनप्रीत बादल के उम्मीदवार हैं, न कि AAP के। उन्होंने दावा किया कि न तो पार्टी ने इस संबंध में कोई मीटिंग की और न ही अध्यक्ष ने कोई निर्देश जारी किए। गिल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने उन्हें मीटिंग के लिए नहीं बुलाया, जबकि वे शहर में ही मौजूद थे। बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस नहीं बना पाई मेयर यह चुनाव बठिंडा की स्थानीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है, जहां बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस अपना मेयर नहीं बना पाई। घटनाक्रम ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक समीकरणों को नया रूप दे दिया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर