बरनाला में आम आदमी पार्टी के सांसद मीत हेयर के पैतृक कुरड़ गांव में विवाद खड़ा हो गया है। गांव के किसानों ने सांसद के चचेरे भाई के खेत तक जा रही नहरी पाइपलाइन का विरोध किया है। आप से जुड़े सरपंच की अगुआई में किसानों ने पाइप लाइन बिछाने के काम के सामने धरना दे दिया। मार्केट कमेटी महल कलां के चेयरमैन सुखविंदर दास बावा समेत कई किसानों ने बताया कि गांव में नहरी पानी के लिए तीन पाइपलाइन प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे। एक पर काम भी शुरू हुआ था। लेकिन नहर विभाग ने वो काम बीच में छोड़कर सांसद के चचेरे भाई के खेतों तक पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि गांव की 50 साल पुरानी कच्ची नहर टूट चुकी है। पहले इस काम को पूरा किया जाए। इसके बाद ही एक परिवार के लिए पाइपलाइन बिछाने की अनुमति दी जाए। विरोध के बाद बठिंडा से नहर विभाग के डिवीजनल इंजीनियर पवन कुमार मंडल और एसडीओ हरप्रीत सिंह धालीवाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि पहले ग्रामीणों की जरूरतों का काम किया जाएगा। दूसरी तरफ, सांसद के चचेरे भाई गुरदीप सिंह का कहना है कि उन्होंने 5 से 6 महीने की मशक्कत के बाद यह पाइपलाइन मंजूर करवाई, जिन किसानों के खेतों से पाइप लाइन गुजरनी है, उनका कोई विरोध नहीं है। राजनीतिक रंजिश के कारण काम रोका जा रहा है। बरनाला में आम आदमी पार्टी के सांसद मीत हेयर के पैतृक कुरड़ गांव में विवाद खड़ा हो गया है। गांव के किसानों ने सांसद के चचेरे भाई के खेत तक जा रही नहरी पाइपलाइन का विरोध किया है। आप से जुड़े सरपंच की अगुआई में किसानों ने पाइप लाइन बिछाने के काम के सामने धरना दे दिया। मार्केट कमेटी महल कलां के चेयरमैन सुखविंदर दास बावा समेत कई किसानों ने बताया कि गांव में नहरी पानी के लिए तीन पाइपलाइन प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे। एक पर काम भी शुरू हुआ था। लेकिन नहर विभाग ने वो काम बीच में छोड़कर सांसद के चचेरे भाई के खेतों तक पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि गांव की 50 साल पुरानी कच्ची नहर टूट चुकी है। पहले इस काम को पूरा किया जाए। इसके बाद ही एक परिवार के लिए पाइपलाइन बिछाने की अनुमति दी जाए। विरोध के बाद बठिंडा से नहर विभाग के डिवीजनल इंजीनियर पवन कुमार मंडल और एसडीओ हरप्रीत सिंह धालीवाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि पहले ग्रामीणों की जरूरतों का काम किया जाएगा। दूसरी तरफ, सांसद के चचेरे भाई गुरदीप सिंह का कहना है कि उन्होंने 5 से 6 महीने की मशक्कत के बाद यह पाइपलाइन मंजूर करवाई, जिन किसानों के खेतों से पाइप लाइन गुजरनी है, उनका कोई विरोध नहीं है। राजनीतिक रंजिश के कारण काम रोका जा रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
