पंजाब के बरनाला में रविवार को अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर सरकारी कालेजों के गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों ने बरनाला सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के घर के बाहर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व उन्होंने शहर में इंसाफ रैली निकाली। इसके अलावा रविवार को ही कोरोना वालंटियर्स ने भी सांसद के बाहर धरना दिया। सांसद के घर के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी प्रोफेसर रविंद्र सिंह, धरमजीत मान, गुलशनदीप और सुनीता रानी ने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों से सरकारी कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। सरकार द्वारा उनकी सेवाओं को नियमित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बुरे समय में सरकारी कॉलेजों में मामूली वेतन पर काम किया, लेकिन सरकार ने हमारे काम की कद्र नहीं की। आधे से ज्यादा समय तक सरकारी कॉलेजों में रहने के बाद भी उनकी नौकरियां सुरक्षित नहीं हैं। जिसके चलते वे आज बरनाला में आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ न्याय रैली कर रहे हैं। इस रैली के जरिए वे अपने अधिकारों और मांगों को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार से सवाल कर रहे हैं। सत्ता में आने पर भी नहीं हुई सुनवाई उन्होंने कहा कि हमने खुद वोट देकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई और हमें उम्मीद थी कि सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार हमारी बात जरूर सुनेगी। लेकिन आप सरकार भी अन्य सरकारों की तरह ही निकली। हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमसे पढ़े हजारों युवा आज बड़े-बड़े पदों पर हैं लेकिन हम आज भी अपनी सुरक्षित नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नियमित करने की मांग उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि हमारी नौकरियों को 58 साल तक सुरक्षित रखा जाए और सरकारी कॉलेजों में नियमित किया जाए। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे इन चुनावों के दौरान सरकार के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोलने को मजबूर हो जाएंगे। कोरोना वालंटियर्स ने भी किया प्रदर्शन इसके अलावा कोरोना वालंटियरों रितु और राजविंदर सिंह ने कहा कि उन्हें कोरोना काल के दौरान पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में भर्ती किया गया था, लेकिन कोरोना काल समाप्त होते ही उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। जबकि चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उन्हें फिर से नियुक्त करने की कोशिश की, लेकिन बाद में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आ गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान बार-बार उन्हें नौकरी पर रखने की बात कर रहे हैं, लेकिन ढाई साल बाद भी उन्हें नौकरी पर नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान हमने अपनी जान जोखिम में डाली, लेकिन किसी सरकार ने हमारे काम का मूल्य नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आज पूरे पंजाब के कोरोना वालंटियर्स बरनाला में अपनी मांगों के समाधान के लिए रोष रैली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिवाली के मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ हमारे संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें सरकार ने दिवाली के तुरंत बाद हमारी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी मीडिया में कोरोना वॉलंटियर्स के पक्ष में बयान दिए, लेकिन अभी तक सरकार हमें नौकरी नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। पंजाब के बरनाला में रविवार को अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर सरकारी कालेजों के गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों ने बरनाला सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के घर के बाहर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व उन्होंने शहर में इंसाफ रैली निकाली। इसके अलावा रविवार को ही कोरोना वालंटियर्स ने भी सांसद के बाहर धरना दिया। सांसद के घर के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी प्रोफेसर रविंद्र सिंह, धरमजीत मान, गुलशनदीप और सुनीता रानी ने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों से सरकारी कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। सरकार द्वारा उनकी सेवाओं को नियमित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बुरे समय में सरकारी कॉलेजों में मामूली वेतन पर काम किया, लेकिन सरकार ने हमारे काम की कद्र नहीं की। आधे से ज्यादा समय तक सरकारी कॉलेजों में रहने के बाद भी उनकी नौकरियां सुरक्षित नहीं हैं। जिसके चलते वे आज बरनाला में आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ न्याय रैली कर रहे हैं। इस रैली के जरिए वे अपने अधिकारों और मांगों को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार से सवाल कर रहे हैं। सत्ता में आने पर भी नहीं हुई सुनवाई उन्होंने कहा कि हमने खुद वोट देकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई और हमें उम्मीद थी कि सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार हमारी बात जरूर सुनेगी। लेकिन आप सरकार भी अन्य सरकारों की तरह ही निकली। हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमसे पढ़े हजारों युवा आज बड़े-बड़े पदों पर हैं लेकिन हम आज भी अपनी सुरक्षित नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नियमित करने की मांग उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि हमारी नौकरियों को 58 साल तक सुरक्षित रखा जाए और सरकारी कॉलेजों में नियमित किया जाए। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे इन चुनावों के दौरान सरकार के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोलने को मजबूर हो जाएंगे। कोरोना वालंटियर्स ने भी किया प्रदर्शन इसके अलावा कोरोना वालंटियरों रितु और राजविंदर सिंह ने कहा कि उन्हें कोरोना काल के दौरान पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में भर्ती किया गया था, लेकिन कोरोना काल समाप्त होते ही उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। जबकि चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उन्हें फिर से नियुक्त करने की कोशिश की, लेकिन बाद में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आ गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान बार-बार उन्हें नौकरी पर रखने की बात कर रहे हैं, लेकिन ढाई साल बाद भी उन्हें नौकरी पर नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान हमने अपनी जान जोखिम में डाली, लेकिन किसी सरकार ने हमारे काम का मूल्य नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आज पूरे पंजाब के कोरोना वालंटियर्स बरनाला में अपनी मांगों के समाधान के लिए रोष रैली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिवाली के मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ हमारे संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें सरकार ने दिवाली के तुरंत बाद हमारी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी मीडिया में कोरोना वॉलंटियर्स के पक्ष में बयान दिए, लेकिन अभी तक सरकार हमें नौकरी नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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