यूपी के बहराइच में सोमवार रात मां के बगल में सो रहे मासूम को आदमखोर भेड़िया उठा ले गया। मंगलवार सुबह घर से 500 मीटर दूर बच्चे का शव मिला। भेड़िया सिर खा गया था। पूरे शरीर पर खरोंच के निशान थे। रविवार को भी भेड़िए ने एक महिला को मार डाला था। यानी 24 घंटे में भेड़िए के हमले में 2 की मौत हुई है। महसी तहसील में भेड़ियों का झुंड 47 दिन में 6 बच्चों सहित 7 लोगों को मार चुका है। 22 को घायल भी कर चुका है। बेटे को उठा ले गया, मुझे पता नहीं चला
खैरीघाट इलाके की रहने वाली रोली ने बताया- सोमवार रात मैं 7 साल के बेटे अयांश के साथ आंगन में सो रही थी तभी भेड़िया बच्चे को उठा ले गया। मुझे पता भी नहीं चला। थोड़ी देर बाद मेरी नींद खुली। देखा तो बेटा गायब था। महिला ने बताया- घरवालों के साथ रातभर बेटे को खोजते रहे, लेकिन नहीं मिला। सुबह गांव वालों ने बताया कि बेटे का शव खेत में पड़ा है। घटना की सूचना पर पहुंची फोरेंसिक टीम जांच-पड़ताल में जुटी है। 50 हजार आबादी 47 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रही
बहराइच की महसी तहसील के हरदी इलाके में 25 गांव हैं, जहां 50 हजार की आबादी है। ये लोग 47 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रहे हैं। ज्यादातर गांव घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। नदी के किनारे जंगल-झाड़ियां हैं। इसमें ही भेड़िए छुपे रहते हैं। गांव वालों ने बताया- 8-10 भेड़िए घूम रहे हैं, मौका मिलते ही अटैक कर देते हैं। घात लगाकर हमला करते हैं भेड़िए
पूरे इलाके में भेड़ियों का आतंक इस कदर है कि लोग रात-रातभर गांव वाले सो नहीं पा रहे। गांव वालों ने बताया- हम लोग टोली बनाकर रात में पहरा देते हैं। रात को बिजली गुल होते ही सहम जाते हैं। भेड़ियों का सॉफ्ट टारगेट बच्चे हैं। भेड़िए घात लगाकर हमला कर रहे हैं। हम लोग बच्चों को अकेला नहीं छोड़ते हैं। भेड़ियों को पकड़ने के लिए 3 DFO और 200 कर्मचारी लगे वन विभाग के मुताबिक, 35 किलोमीटर का एरिया भेड़िए के हमले से प्रभावित है। वन विभाग की 9 टीमों के 200 कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने में लगे हैं। इसके अलावा 3 DFO (बाराबंकी, कतर्निया घाट, बहराइच) को भी लगाया गया है। CCTV और ड्रोन से भेड़ियों की निगरानी
CCTV और ड्रोन से भेड़ियों की निगरानी की जा रही है। 2 दिन पहले तलाशी अभियान के दौरान वन विभाग के ड्रोन कैमरे में 4 भेड़िए कैद हुए थे। वन विभाग की टीम ने लोकेशन के आसपास भेड़ियों की तलाश की, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। भेड़ियों की ड्रोन इमेज… प्रशासन ने कहा- रात में अकेले घर से बाहर न निकलें
जिला प्रशासन ने भेड़िए के हमले को रोकने के लिए लोगों से अपील की है कि रात में अकेले बाहर न निकलें। घर के अंदर ही सोएं। दिन में बच्चों को जंगल की तरफ न जाने दें। रात में जरूरी पड़ने पर 4-5 लोग साथ ही निकलें। भाजपा विधायक ने धामी बंदूक
महसी से विधायक सुरेश्वर सिंह भी राइफल लेकर ग्रामीणों के साथ कांबिंग कर रहे हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा- अगर मेरे सामने भेड़िया आ जाए, हमारी जनता पर हमला करेगा तो हम गार्ड का इंतजार नहीं करेंगे। मुझे जनता ने चुना है। 4 लाख मतदाताओं की जिम्मेदारी है। सरकार ने जो असलहा दिया है। उसका इस्तेमाल करेंगे। इन घटनाओं की इंटेलिजेंस से भी जांच करानी चाहिए, जिससे ये पता लग सके कि इनके पीछे भेड़िए ही हैं। या कोई अन्य कारण। 3 भेड़िए पकड़े जा चुके
अब तक 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। 18 अगस्त, 2024 को हरदी इलाके के सिसैया चूड़ामणि में भेड़िया पिंजरे में फंसा था। इससे पहले कुलैला गांव में एक नर भेड़िया पिंजरे में कैद हुआ था। उससे पहले एक मादा भेड़िया भी पिंजरे में कैद हुई थी। मक्का पुरवा और कुलैला कछार में 4 पिंजरे लगाए गए हैं। दैनिक भास्कर ने 3 दिन पहले ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की थी। टीम ने खौफ में जी रहे इस पूरे इलाके के लोगों के बीच जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की। उनसे हालात की जानकारी ली।। ग्रामीणों ने क्या कुछ कहा था… 14 अगस्त को हरदी इलाके के भटौली गांव की भेड़िया खुशबू को उठा ले गया था। खुशबू की दादी ने बताया- वह रात में घर के बरामदे में पोती के साथ चारपाई पर सो रही थीं। भेड़िया खुशबू को उठा ले गया। चीख सुनकर परिवार के लोग और ग्रामीण उसके पीछे भागे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। खुशबू की मौत से उसके चाचा किशन गमजदा और गुस्से में नजर आए थे। किशन ने वन विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो भेड़िए के हमले की बात को ही नकार दिया। वन विभाग की टीम ने कहा, ये किसी इंसान का किया-धरा है। भटौली के बाद हम इलाके के कुलैला गांव पहुंचे। यहां से 16 अगस्त को सिद्धू के 8 साल के बेटे किशन को भेड़िया उठा ले गया था। सिद्धू के घर में चौखट लगी हुई है, लेकिन कमरों में दरवाजा नहीं है। किशन की मां शीला ने बताया, वह कमरे में बेटे के साथ लेटी थीं। तभी भेड़िया बेटे को उठा ले गया। रात में बहुत प्रयास के बाद भी कुछ पता नहीं चल सका। सुबह घर से 2 किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में उसका शव मिला। कोलेला से निकलकर भास्कर की टीम वहां से 7 किलोमीटर दूर मक्कापुरवा में रहने वाले अली अहमद के घर गई थी। 17 जुलाई को यहां भेड़िए के हमले में 1 साल के बच्चे की जान चली गई थी। अली अहमद बताते हैं, पूरा परिवार साथ लेटा था। अचानक भेड़िए ने हमला किया और मां की गोद से बच्चे को ले गया। गांव में गन्ने के खेत में अभी भी भेड़िया दिखते हैं। देर रात तक जागकर लोग पहरा दे रहे हैं। बिजली गुल होने से काफी दिक्कत होती है। यह खबर भी पढ़ें… यूपी में भेड़िया…गोद से बच्चे खींच ले जाता:बहराइच के 25 गांवों में खौफ, बोले- बेटी को उठा ले गया, सिर्फ धड़ मिला दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो चुका था। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। पूरी खबर पढ़ें यूपी के बहराइच में सोमवार रात मां के बगल में सो रहे मासूम को आदमखोर भेड़िया उठा ले गया। मंगलवार सुबह घर से 500 मीटर दूर बच्चे का शव मिला। भेड़िया सिर खा गया था। पूरे शरीर पर खरोंच के निशान थे। रविवार को भी भेड़िए ने एक महिला को मार डाला था। यानी 24 घंटे में भेड़िए के हमले में 2 की मौत हुई है। महसी तहसील में भेड़ियों का झुंड 47 दिन में 6 बच्चों सहित 7 लोगों को मार चुका है। 22 को घायल भी कर चुका है। बेटे को उठा ले गया, मुझे पता नहीं चला
खैरीघाट इलाके की रहने वाली रोली ने बताया- सोमवार रात मैं 7 साल के बेटे अयांश के साथ आंगन में सो रही थी तभी भेड़िया बच्चे को उठा ले गया। मुझे पता भी नहीं चला। थोड़ी देर बाद मेरी नींद खुली। देखा तो बेटा गायब था। महिला ने बताया- घरवालों के साथ रातभर बेटे को खोजते रहे, लेकिन नहीं मिला। सुबह गांव वालों ने बताया कि बेटे का शव खेत में पड़ा है। घटना की सूचना पर पहुंची फोरेंसिक टीम जांच-पड़ताल में जुटी है। 50 हजार आबादी 47 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रही
बहराइच की महसी तहसील के हरदी इलाके में 25 गांव हैं, जहां 50 हजार की आबादी है। ये लोग 47 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रहे हैं। ज्यादातर गांव घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। नदी के किनारे जंगल-झाड़ियां हैं। इसमें ही भेड़िए छुपे रहते हैं। गांव वालों ने बताया- 8-10 भेड़िए घूम रहे हैं, मौका मिलते ही अटैक कर देते हैं। घात लगाकर हमला करते हैं भेड़िए
पूरे इलाके में भेड़ियों का आतंक इस कदर है कि लोग रात-रातभर गांव वाले सो नहीं पा रहे। गांव वालों ने बताया- हम लोग टोली बनाकर रात में पहरा देते हैं। रात को बिजली गुल होते ही सहम जाते हैं। भेड़ियों का सॉफ्ट टारगेट बच्चे हैं। भेड़िए घात लगाकर हमला कर रहे हैं। हम लोग बच्चों को अकेला नहीं छोड़ते हैं। भेड़ियों को पकड़ने के लिए 3 DFO और 200 कर्मचारी लगे वन विभाग के मुताबिक, 35 किलोमीटर का एरिया भेड़िए के हमले से प्रभावित है। वन विभाग की 9 टीमों के 200 कर्मचारी भेड़ियों को पकड़ने में लगे हैं। इसके अलावा 3 DFO (बाराबंकी, कतर्निया घाट, बहराइच) को भी लगाया गया है। CCTV और ड्रोन से भेड़ियों की निगरानी
CCTV और ड्रोन से भेड़ियों की निगरानी की जा रही है। 2 दिन पहले तलाशी अभियान के दौरान वन विभाग के ड्रोन कैमरे में 4 भेड़िए कैद हुए थे। वन विभाग की टीम ने लोकेशन के आसपास भेड़ियों की तलाश की, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला। भेड़ियों की ड्रोन इमेज… प्रशासन ने कहा- रात में अकेले घर से बाहर न निकलें
जिला प्रशासन ने भेड़िए के हमले को रोकने के लिए लोगों से अपील की है कि रात में अकेले बाहर न निकलें। घर के अंदर ही सोएं। दिन में बच्चों को जंगल की तरफ न जाने दें। रात में जरूरी पड़ने पर 4-5 लोग साथ ही निकलें। भाजपा विधायक ने धामी बंदूक
महसी से विधायक सुरेश्वर सिंह भी राइफल लेकर ग्रामीणों के साथ कांबिंग कर रहे हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से कहा- अगर मेरे सामने भेड़िया आ जाए, हमारी जनता पर हमला करेगा तो हम गार्ड का इंतजार नहीं करेंगे। मुझे जनता ने चुना है। 4 लाख मतदाताओं की जिम्मेदारी है। सरकार ने जो असलहा दिया है। उसका इस्तेमाल करेंगे। इन घटनाओं की इंटेलिजेंस से भी जांच करानी चाहिए, जिससे ये पता लग सके कि इनके पीछे भेड़िए ही हैं। या कोई अन्य कारण। 3 भेड़िए पकड़े जा चुके
अब तक 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। 18 अगस्त, 2024 को हरदी इलाके के सिसैया चूड़ामणि में भेड़िया पिंजरे में फंसा था। इससे पहले कुलैला गांव में एक नर भेड़िया पिंजरे में कैद हुआ था। उससे पहले एक मादा भेड़िया भी पिंजरे में कैद हुई थी। मक्का पुरवा और कुलैला कछार में 4 पिंजरे लगाए गए हैं। दैनिक भास्कर ने 3 दिन पहले ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की थी। टीम ने खौफ में जी रहे इस पूरे इलाके के लोगों के बीच जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की। उनसे हालात की जानकारी ली।। ग्रामीणों ने क्या कुछ कहा था… 14 अगस्त को हरदी इलाके के भटौली गांव की भेड़िया खुशबू को उठा ले गया था। खुशबू की दादी ने बताया- वह रात में घर के बरामदे में पोती के साथ चारपाई पर सो रही थीं। भेड़िया खुशबू को उठा ले गया। चीख सुनकर परिवार के लोग और ग्रामीण उसके पीछे भागे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। खुशबू की मौत से उसके चाचा किशन गमजदा और गुस्से में नजर आए थे। किशन ने वन विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो भेड़िए के हमले की बात को ही नकार दिया। वन विभाग की टीम ने कहा, ये किसी इंसान का किया-धरा है। भटौली के बाद हम इलाके के कुलैला गांव पहुंचे। यहां से 16 अगस्त को सिद्धू के 8 साल के बेटे किशन को भेड़िया उठा ले गया था। सिद्धू के घर में चौखट लगी हुई है, लेकिन कमरों में दरवाजा नहीं है। किशन की मां शीला ने बताया, वह कमरे में बेटे के साथ लेटी थीं। तभी भेड़िया बेटे को उठा ले गया। रात में बहुत प्रयास के बाद भी कुछ पता नहीं चल सका। सुबह घर से 2 किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में उसका शव मिला। कोलेला से निकलकर भास्कर की टीम वहां से 7 किलोमीटर दूर मक्कापुरवा में रहने वाले अली अहमद के घर गई थी। 17 जुलाई को यहां भेड़िए के हमले में 1 साल के बच्चे की जान चली गई थी। अली अहमद बताते हैं, पूरा परिवार साथ लेटा था। अचानक भेड़िए ने हमला किया और मां की गोद से बच्चे को ले गया। गांव में गन्ने के खेत में अभी भी भेड़िया दिखते हैं। देर रात तक जागकर लोग पहरा दे रहे हैं। बिजली गुल होने से काफी दिक्कत होती है। यह खबर भी पढ़ें… यूपी में भेड़िया…गोद से बच्चे खींच ले जाता:बहराइच के 25 गांवों में खौफ, बोले- बेटी को उठा ले गया, सिर्फ धड़ मिला दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो चुका था। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। पूरी खबर पढ़ें उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर