बहराइच के महसी के हरदी इलाके में बीते दो माह से आदमखोर भेड़िए का आतंक छाया है। इनके हमले में अभी तक नौ मासूमों व एक महिला समेत दस लोगों की जान जा चुकी है। वही वन विभाग की और से अभी तक चार भेड़िए को पकड़ा गया है। लेकिन ड्रोन में कैद दो भेड़िए अभी तक वन विभाग के पकड़ में नही आए हैं। वहीं भेडिए ने फिर से एक युवती पर हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गई। वहीं पीलीभीत में बाघ के हमले से एक ग्रामीण की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि हरदी इलाके में स्थित अंग राउरा गांव में देर शाम घर से शौच के लिए बाहर जा रही एक 18 साल की युवती के पैर पर एक जानवर ने हमला कर दिया। शोर मचाने पर जानवर उसे छोड़ कर भाग गया। हमले में युवती के पैर में चोटें आई। स्वास्थ्य केंद्र में उसे भर्ती कराया गया है। वन विभाग की 25 टीमें व करीब 165 कर्मचारी ड्रोन कैमरे में कैद आदमखोर भेड़िए की तलाश में जुटे हुए हैं। लेकिन चालाक भेड़िए लगातार अपना मूवमेंट बदल कर उन्हें चकमा देते नजर आ रहे हैं। वन विभाग के साथ ही स्थानीय ग्रामीण भी लाठी डंडों के साथ रात को पहरा देते नजर आ रहे हैं । भेड़िए के न पकड़े जाने की सूरत में उन्हें मारने के लिए इलाके में शूटरों की भी तैनाती की गई है। लेकिन अभी तक उनके भी हाथ खाली ही है। बहराइच के महसी के हरदी इलाके में बीते दो माह से आदमखोर भेड़िए का आतंक छाया है। इनके हमले में अभी तक नौ मासूमों व एक महिला समेत दस लोगों की जान जा चुकी है। वही वन विभाग की और से अभी तक चार भेड़िए को पकड़ा गया है। लेकिन ड्रोन में कैद दो भेड़िए अभी तक वन विभाग के पकड़ में नही आए हैं। वहीं भेडिए ने फिर से एक युवती पर हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गई। वहीं पीलीभीत में बाघ के हमले से एक ग्रामीण की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि हरदी इलाके में स्थित अंग राउरा गांव में देर शाम घर से शौच के लिए बाहर जा रही एक 18 साल की युवती के पैर पर एक जानवर ने हमला कर दिया। शोर मचाने पर जानवर उसे छोड़ कर भाग गया। हमले में युवती के पैर में चोटें आई। स्वास्थ्य केंद्र में उसे भर्ती कराया गया है। वन विभाग की 25 टीमें व करीब 165 कर्मचारी ड्रोन कैमरे में कैद आदमखोर भेड़िए की तलाश में जुटे हुए हैं। लेकिन चालाक भेड़िए लगातार अपना मूवमेंट बदल कर उन्हें चकमा देते नजर आ रहे हैं। वन विभाग के साथ ही स्थानीय ग्रामीण भी लाठी डंडों के साथ रात को पहरा देते नजर आ रहे हैं । भेड़िए के न पकड़े जाने की सूरत में उन्हें मारने के लिए इलाके में शूटरों की भी तैनाती की गई है। लेकिन अभी तक उनके भी हाथ खाली ही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
फाजिल्का में बोरवेल में गिरा डेढ़ साल का बच्चा:प्रशासन ने रेस्क्यू कर बचाया, दिमागी रूप से कमजोर है मां, पिता रहता है बाहर
फाजिल्का में बोरवेल में गिरा डेढ़ साल का बच्चा:प्रशासन ने रेस्क्यू कर बचाया, दिमागी रूप से कमजोर है मां, पिता रहता है बाहर फाजिल्का की अनाज मंडी में दोपहर करीब 3:00 बजे एक बच्चा खेलते हुए एक बोरवेल में जा गिरा। इसके बारे में जैसे ही लोगों को पता चला तो यहां हड़बड़ी मच गई। इस मामले की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को मिलने पर एडीसी राकेश कुमार पोपली और मार्केट कमेटी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद बच्चे का रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला गया और उपचार के लिए सिविल अस्पताल फाजिल्का पहुंचाया गया। जहां पर डॉक्टरों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की देख रेख में बच्चे का उपचार शुरू कर दिया गया। जिसके बाद बच्चे को बचा लिया गया। खेलते वक्त बोरवेल में गिरा बच्चा जानकारी मुताबिक शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे एक बच्चा खेलते वक्त बोरवेल में जा गिरा। जिसके बाद तुरंत प्रशासन हरकत में आया और बच्चे का रेस्क्यू शुरू कर दिया। इस दौरान डेरा सच्चा सौदा की टीम के अलावा अन्य सामाजिक कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। करीब आधे घंटे बाद बच्चे को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बताया जा रहा है कि बोरवेल करीब 10 से 12 फुट गहरा था। जिससे आधे घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को निकाला। इसके बाद उसे फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है। जहां उसका उपचार किया गया। मौके पर पहुंचे अधिकारी इस बारे जानकारी देते हुए फाजिल्का डीसी सोनू दुग्गल ने बताया कि बच्चे के बोरवेल में गिरने के तुरंत बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर भेजा। इसके बाद वे खुद भी पहुंची और बच्चे के इलाज के दौरान मौके पर उपस्थित रहीं। जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को सही समय पर उपचार देकर खतरे से बाहर निकाल लिया। उन्होंने बताया कि बच्चे का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चे की मां की दिमागी हालत नहीं है ठीक वहीं बच्चे की माता दिमागी तौर पर कमजोर बताई जा रही है और पिता मेहनत मजदूरी करने के लिए अमृतसर गया हुआ है। बताया जा रहा है कि इनके इस बच्चे के अलावा कुल 6 बच्चे हैं। जिनमें से यह सबसे छोटा बच्चा है। यह पिछले काफी सालों से बिहार से आए हुए थे और अनाज मंडी फाजिल्का के पास झोंपड़ी बना कर उसमें रह रहे थे। वे आस पास के घरों से मांग कर अपना भरण पोषण करते हैं।
सीमा हैदर के खिलाफ नेपाल पुलिस में शिकायत:4 बच्चों को लेकर बॉर्डर से घुसी थी भारत, पाकिस्तानी पति के भारतीय वकील ने लिया एक्शन
सीमा हैदर के खिलाफ नेपाल पुलिस में शिकायत:4 बच्चों को लेकर बॉर्डर से घुसी थी भारत, पाकिस्तानी पति के भारतीय वकील ने लिया एक्शन पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते चार बच्चों के साथ भारत में अपने प्रेमी सचिन के पास आई सीमा हैदर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। जब से उसके पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर ने भारत में अपना वकील अपॉइंट किया है, तब से सीमा केस में आए दिन नए मोड़ आ रहे हैं। इसी बीच गुलाम हैदर के भारतीय वकील मोमिन मलिक ने पिछले कुछ दिनों से नेपाल में डेरा डाला हुआ है। यहां वे सीमा मामले में सभी तथ्य जुटा रहे हैं। इसी बीच उन्होंने नेपाल पुलिस स्टेशन, नेपाल मिनिस्ट्री समेत नेपाल की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो को सीमा हैदर के खिलाफ शिकायत दी है। जिस शिकायत में वकील ने आरोप लगाया कि सीमा हैदर ने अपने बच्चों का अपहरण कर गलत तरीके से नेपाल-बॉर्डर पार कर भारत में पहुंच कर नेपाल का कानून तोड़ा है। साथ ही बच्चों को गलत तरीके से डिटेन कर उनका धर्मांतरण भी करवाया है। पुलिस ने शिकायत पर आगामी जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। यहां-यहां दी गई शिकायत
एडवोकेट मोमिन मलिक ने नेपाल पुलिस स्टेशन, नेपाल एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो, नेपाल गृह मंत्रालय, नेपाल विदेश मंत्रालय, भारतीय हाई कमिशन नेपाल, पाकिस्तान हाई कमिशन नेपाल, नेपाल हाई कमिशन भारत, पाकिस्तान हाई कमिशन दिल्ली और भारतीय गृह मंत्रालय को शिकायत दी है। नेपाल पुलिस ये कर सकती है अब आगामी कार्रवाई
एडवोकेट मोमिन मलिक ने बताया कि शिकायत के आधार पर नेपाल पुलिस जल्द भारतीय सरकार और भारतीय पुलिस से संपर्क कर सकती है। संपर्क साधने के बाद सचिन मीणा को गिरफ्तार करने के अलावा बच्चों को रिकवर कर नेपाल ले जाएगी। इस शिकायत के अलावा उस होटल के मालिक ने भी सचिन मीणा और सीमा हैदर के खिलाफ नेपाल पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। जिसमें कहा है कि सचिन और सीमा झूठ बोल कर वहां ठहरे थे। उन्होंने नाम और पता भी गलत बताया था। इस शिकायत पर नेपाल पुलिस अलग से कार्रवाई करेगी।
गुरुग्राम के दफ्तरों में 50 फीसदी वर्क फ्रोम की एडवाइजरी जारी, प्रदूषण से हालात खराब
गुरुग्राम के दफ्तरों में 50 फीसदी वर्क फ्रोम की एडवाइजरी जारी, प्रदूषण से हालात खराब <p style=”text-align: justify;”><strong>Gurugram Ari Pollution:</strong> दिल्ली से सटे गुरुग्राम में भी प्रदूषण से हालात खराब हो गए हैं. इसको देखते हुए बीच निजी दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदूष को देखते हुए जारी किए गए दिशानिर्देश के मुताबिक, “वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (एनसीआर) के निर्देश के अनुसार, गुरुग्राम में सभी निजी संस्थानों और कॉर्पोरेट कार्यालयों को 20 नवंबर 2024 से अगली सूचना तक 50 फीसदी वर्क-फ्रॉम-होम पॉलिसी लागू करने की सलाह दी जाती है, यह “गंभीर” वायु गुणवत्ता स्तरों से निपटने और क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए GRAP उपायों का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/Advisory?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Advisory</a> | In line with the directive from the Commission for Air Quality Management (NCR), all private institutions & corporate offices in Gurugram are advised to implement 50% work-from-home policy starting 20th Nov 2024 until further notice.<br /><br />This is crucial in combating… <a href=”https://t.co/o2LLbjVRKN”>pic.twitter.com/o2LLbjVRKN</a></p>
— DC Gurugram (@DC_Gurugram) <a href=”https://twitter.com/DC_Gurugram/status/1858842441295749470?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 19, 2024</a></blockquote>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>