बहराइच हिंसा का आज 11वां दिन है। महराजगंज में हुई हिंसा के बाद पीडब्लूडी की और से इलाके के 23 लोगों को अतिक्रमण के नाम पर नोटिस देते हुए तीन दिन में जवाब देने को कहा था। जवाब न देने पर बुलडोजर की कार्रवाई होनी थी। इसके बाद एपीसीआर नाम की संस्था ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने पीड़ितों को राहत देते हुए नोटिस का 15 दिन में जवाब देने का आदेश दिया, साथ ही पीडब्लूडी विभाग से भी आख्या मांगी थी। इस मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस पहले बहराइच हिंसा मामले में बुलडोजर एक्शन को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- बुलडोजर एक्शन को लेकर निर्देश दिए गए हैं। अगर यूपी सरकार आदेश का उल्लंघन करके रिस्क लेना चाहती है तो यह उनकी मर्जी है। जस्टिस गवई ने कहा कि वह बुधवार (कल) को मामले की सुनवाई करेंगे। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल ने कहा कि बुधवार तक कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने बेंच के सामने मामला रखते हुए अर्जेंट सुनवाई की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल 3 दिन का समय दिया है। नोटिस 17 अक्टूबर को जारी किए गए और 18 की शाम को चिपकाए गए। याचिका में बुलडोजर एक्शन से प्रोटेक्शन की मांग की गई है। वहीं महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- 13 अक्टूबर को दंगे के दौरान उनकी गाड़ी पर हमला हुआ था। इसकी उन्होंने 4 दिन बाद एफआईआर दर्ज कराई थी। वह एफआईआर हमले से जुड़ी हुई थी, न कि दंगे भड़काने की। वहीं, महराजगंज में हालात अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। कुछ दुकानें खुल रहीं हैं, ज्यादातर बंद हैं। पुलिस फोर्स जगह-जगह तैनात है। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… बहराइच हिंसा का आज 11वां दिन है। महराजगंज में हुई हिंसा के बाद पीडब्लूडी की और से इलाके के 23 लोगों को अतिक्रमण के नाम पर नोटिस देते हुए तीन दिन में जवाब देने को कहा था। जवाब न देने पर बुलडोजर की कार्रवाई होनी थी। इसके बाद एपीसीआर नाम की संस्था ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने पीड़ितों को राहत देते हुए नोटिस का 15 दिन में जवाब देने का आदेश दिया, साथ ही पीडब्लूडी विभाग से भी आख्या मांगी थी। इस मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस पहले बहराइच हिंसा मामले में बुलडोजर एक्शन को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा- बुलडोजर एक्शन को लेकर निर्देश दिए गए हैं। अगर यूपी सरकार आदेश का उल्लंघन करके रिस्क लेना चाहती है तो यह उनकी मर्जी है। जस्टिस गवई ने कहा कि वह बुधवार (कल) को मामले की सुनवाई करेंगे। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल ने कहा कि बुधवार तक कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने बेंच के सामने मामला रखते हुए अर्जेंट सुनवाई की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल 3 दिन का समय दिया है। नोटिस 17 अक्टूबर को जारी किए गए और 18 की शाम को चिपकाए गए। याचिका में बुलडोजर एक्शन से प्रोटेक्शन की मांग की गई है। वहीं महसी से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- 13 अक्टूबर को दंगे के दौरान उनकी गाड़ी पर हमला हुआ था। इसकी उन्होंने 4 दिन बाद एफआईआर दर्ज कराई थी। वह एफआईआर हमले से जुड़ी हुई थी, न कि दंगे भड़काने की। वहीं, महराजगंज में हालात अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं। कुछ दुकानें खुल रहीं हैं, ज्यादातर बंद हैं। पुलिस फोर्स जगह-जगह तैनात है। पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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चंबा में पत्थर गिरने से महिला श्रद्धालु की मौत:24 घंटे में दूसरा हादसा; परिवार संग खुंडी माता जा रही थी दर्शन करने चंबा जिले में पत्थर लगने से महिला की मौत हो गई। जिले में महज 24 घंटे के भीतर यहां दूसरे श्रद्धालु की मौत हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला की पहचान सुभद्रा देवी के नाम से हुई है। जानकारी के अनुसार धार्मिक खुंडी जातर में शामिल होने के लिए यह महिला अपने परिजनों के साथ खुंडी माता जा रही थी। बीच रास्ते में अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हो गए। इस दौरान खुद को बचाने के लिए लोग इधर-उधर भाग गए, लेकिन सुभद्रा देवी पत्थर के चपेट में आई और गंभीर रूप से घायल हो गई। कुछ ही देर में घायल महिला ने दम तोड़ दिया। तीसा पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया गया, जिसके चलते पुलिस टीम ने घटना स्थल पहुंच कर शव कब्जे में लिया और सिविल अस्पताल तीसा में शव का पोस्टमॉर्टम करवाया। एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि पुलिस ने अपनी कार्रवाई को पूरा कर शव मृतक के परिजनों को सौंपा। श्रद्धालु दुर्गम रास्तों से जाते हैं पैदल गौरतलब है कि खुंडीमराल में हर वर्ष भाद्रपद का ज्येष्ठ मंगलवार को पवित्र स्नान के साथ जातर मेला आयोजित होता है। यह यात्रा बेहद पैदल दुर्गम रास्तों से भरी पड़ी है। यही वजह है कि इस यात्रा को मणिमहेश कैलाश से भी ज्यादा कठिन माना जाता है। यहां कई ऐसे स्थान है जहां पर पत्थर गिरने की घटनाएं घटती रहती हैं। यह दर्दनाक हादसा सोमवार को घटित हुआ, लेकिन बेहद दूर होने व पैदल मार्ग होने की वजह से शव को मंगलवार को पोस्टमॉर्टम हो पाया।
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<p style=”text-align: justify;”>इस बैठक में सीएम ने मौजूदा समय में की जा रही सभी भर्तियों के संबंध में जानकारी ली और सभी बोर्ड व आयोगों को निर्देश दिया कि खाली पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूरा कराया जाए. इस दौरान पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष ने हाल में ही सकुशल संपन्न कराई गई पुलिस भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया और संचालन के संबंध में बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की परीक्षा प्रदेश में सकुशल संपन्न हुई है. यह एक मॉडल बना है. परीक्षा की इस प्रक्रिया को अन्य भर्ती बोर्ड द्वारा भी अपनाया जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राइवेट संस्था को परीक्षा केंद्र न बनाएं- सीएम</strong><br />मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि किसी भी विभाग की तरफ से भर्ती प्रक्रिया को लेकर पेंडेंसी न हो. हर हाल में तय समय के अंदर सही ढंग से सभी प्रक्रियाएं संपन्न की जाएं. ट्रांसपोर्ट, एजेंसी और परीक्षा केंद्रों के चयन की प्रक्रिया में सावधानी बरती जाए और गोपनीयता हर हाल में सुनिश्चित की जाए. वहीं अधिकृत एजेंसी के साथ चयन बोर्ड व आयोग का एमओयू भी होना चाहिए. सीएम ने कहा कि किसी भी प्राइवेट संस्था को परीक्षा केंद्र न बनाया जाए. केवल राजकीय व राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए. परीक्षा केंद्र का चयन जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देशन में किया जाए. </p>
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<p style=”text-align: justify;”>सीएम ने कहा कि परीक्षा सही से संपन्न कराने के संबंध में सभी बोर्ड एवं आयोग के अध्यक्ष मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक करें. परीक्षा सकुशल संपन्न कराने के दौरान ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व सीसीटीवी की भी सहायता ली जाए. अफवाह को रोकने पर पूरा ध्यान दिया जाए. उन्होंने सभी बोर्ड व आयोग से कहा कि सभी भर्ती प्रक्रियाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने के लिए क्वेश्चन बैंक तैयार करें. परीक्षा की शुचिता के लिए यह बेहद जरूरी है. वहीं चिकित्सा व तकनीकी विभागों में स्थानीय स्तर पर बोर्ड गठित करके शीघ्र भर्ती की जाए. साथ ही सभी भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण के नियमों का पालन हर हाल में सुनिश्चित हो.</p>